Tuesday 1 November 2022

Story of Life: नहीं टूटेगी रीत (भाग - 3)

 नहीं टूटेगी रीत (भाग - 1) और

नहीं टूटेगी रीत (भाग - 2) के आगे... 

नहीं टूटेगी रीत ( भाग - 3 )

उसने एक पल एंजेला को देखा, फिर जाने क्या सोच कर बोला, मैं आज थोड़ी देर के लिए अकेले घर से जा रहा हूँ, मेरा इंतजार मत करना, तुम खाना खा लेना। 

देवेश शाम को लौट तो आया, पर वो पहले सा देवेश नहीं था। गुमसुम, उदास बुझा बुझा सा...

अगले दिन से दीपावली की रौनक शुरू हो गई। पूरा घर दुल्हन सा सजा था। हर तरफ चहल-पहल पर देवेश के मन में ग्लानि का सन्नाटा पसरा हुआ था। 

तभी door bell बजी तो एंजेला ने देवेश को दरवाजा खोलने को कहा..

देवेश ने दरवाजा खोला तो मम्मी जी और पापा जी सामने खड़े थे। उन्हें देखकर देवेश अपने को रोक नहीं पाया और उनसे लिपट कर बच्चों सा रोने लगा और बहुत सारी माफी मांगने लगा।

अरे देवेश, उन्हें अंदर भी आने दो। एंजेला ने दोनों के पांव छूते हुए कहा। 

कितना माफ़ी माँगोगे बेटा? अब तो हम तुम्हारे पास हैं, बालों पर हाथ फेरते हुए माँ बोलने लगीं। 

एंजेला ने चहकते हुए कहा, मैंने तो सोचा था कि माँ पापा को देखकर तुम खुश हो जाओगे, पर तुम हो कि दुखी ही होते जा रहे हो...

हाँ बेटा, हमने तो आने की नहीं सोची थी, पर बहुरिया के प्यार के आगे हमने आना पड़ा। पिताजी ने बड़े प्यार से एंजेला को देखते हुए कहा...

थोड़ी देर बाद देवेश के आंसू तो थम गये, पर दुःखी वो अब भी था।

शाम को पूजा पाठ के बाद, खूब सारे पटाखे फोड़े गये पर देवेश ने एक नहीं चलाए, बस माँ की गोद में सिर रखकर लेटा रहा। 

पूरे त्यौहार भर एंजेला ने अपने सास-ससुर दोनों का बहुत ध्यान रखा, दोनों उससे बहुत खुश थे।

धीमे-धीमे दीपावली का पूरा त्यौहार निकल गया। पर देवेश अनमना रहा। किसी को नहीं समझ आ रहा था कि जब सब यहाँ हैं और खुश भी हैं तो आखिर देवेश ऐसे क्यों रह रहा है?

अगले दिन जब देवेश उठा, तो उसे एंजेला वहां नहीं थी। एंजेला कहाँ गई? वो तो देर से उठती है.. सोचते हुए वो एंजेला को ढूंढने लगा।

तभी उसे kitchen से माँ की आवाज़ सुनाई दी। जब देवेश उधर गया तो उसने देखा कि माँ के साथ कोई लड़की साड़ी पहने हुए खड़ी थी, उसने सिर पर पल्लू रखा हुआ था।

माँ, एंजेला कहाँ है?

क्यों ढूंढ रहा है उसे? जब से हम आए हैं, तब से तो हमारी बहुरिया से ठीक से बात तक नहीं कर रहा है, बेकार में मुंह लटका कर फिर रहा है। 

नहीं मम्मी जी, वो कमरे में नहीं दिखी ना... कहते हुए देवेश ने जाते हुए कहा

अच्छा रूक तो जरा, बिटिया चाय दे दे इसे।

देवेश को चाय देने के लिए, जैसे ही वो लड़की मुड़ी, देवेश उसे देखकर स्तब्ध रह गया।

लाल साड़ी, सोलह श्रृंगार, नाक से मांग तक सिन्दूर, आज एंजेला बेहद खूबसूरत लग रही थी। जींस, स्कर्ट पहनने वाली एंजेला साड़ी पहन कर सोलह श्रृंगार भी कर सकती है, ऐसा कभी देवेश सोच भी नहीं सकता था।

फिर क्षणभर बाद, देवेश बुदबुदाता है छठ...

हाँ छठ... देवेश तुमने मेरे लिए अपने प्यारे गांव को छोड़ दिया,  तो अब मेरे रहते अपने घर की सदियों की रीत कैसे टूट जाती...

पर इतना कठिन व्रत...

हम भी मना किए थे बहुरिया को, पर...

तभी, एंजेला ने नाटकीय अंदाज में कहा, आप सब काहे ना परेशान हो रहे हैं। ऐ गो बात बोलें माई... जब आप हमारे साथ हैं ना, तो हमको कोनों दिक्कत नहीं है...

हाय रे! बिहारिन मार डाला तुमने तो, कहकर देवेश ने ज़ोरदार ठहाका लगाया। 

और उसके बाद सब खिलखिलाकर हंस पड़े। पूरे घर का माहौल खुशनुमा हो गया।

एंजेला ने पूरे जतन से छठी मैया का कठिन व्रत रखा, माँ ने बराबर से एंजेला की मदद की।

पारण वाले दिन, देवेश ने बहुत बड़ा आयोजन रखा। वो आज बहुत खुश था। 

सबके साथ रहकर मां भी पूरी ठीक हो गई, एक हफ्ते बाद, वो दोनों जाने को तैयार हो गए।

मम्मी जी, पापा जी आप कहाँ जा रहे हैं? 

अपने गांव, बेटा...

क्यों, यहीं रह जाएं ना..., आप को यहां अच्छा नहीं लगा? मैंने मन से सेवा नहीं की? एंजेला ने दुःखी मन से पूछा।

बहुरिया, हम बहुत खुश हैं तुमसे, बहुत अच्छी हो तुम! पर अब हमें गांव जाने दो, हम आते जाते रहेंगे।

तुम्हारी मम्मी जी भी पूरी ठीक हो गई हैं और ठीक भी रहेंगी क्योंकि उन्हें अब यह दुःख नहीं सालेगा कि क्या होगा घर की रीत का, क्योंकि तुम्हारे रहते घर की रीत नहीं टूटेगी...

मम्मी जी और पापा जी के जाने से एंजेला दुखी थी, पर देवेश जो इतने दिन से गुमसुम और ग्लानि से भरा हुआ था।

वो बहुत प्यार और प्रसन्नता से एंजेला को देख रहा था कि उसकी एंजेला के रहते नहीं टूटेगी रीत...

उसने जिसे प्यार किया था, वो सही निर्णय था...

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.