Shades Of Life
By Animika Sahai
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Friday, 14 November 2025
Poem : A Child's Privileged Right- 14 November
Thursday, 13 November 2025
Recipe : Milk Jam
कल children's day है, तो सोचा आज बच्चों के लिए कुछ special recipe share कर दें, जिसे खाकर बच्चे खुश हो जाएं। और आप भी, क्योंकि यह instantly बनने वाली बहुत easy recipe है।
और वो Milk Jam...
Jam बहुत से बच्चों को बहुत पसंद आता है, फिर यह तो milk jam है।
Milk jam, regular jam से different है, इसमें हम initially कोई fruits add नहीं करेंगे।
Basically इसका taste jam से बिल्कुल भी नहीं मिलता है।
आप कहेंगे कि फिर इसे jam क्यों कह रहे हैं? क्योंकि jam का मतलब कोई semi-solid texture with sugar.
आप इस jam को bread slices, roti और poori में लगाकर खा सकते हैं। बाकी यह इतना tasty होता है कि इसे ऐसे भी खाएंगे तो छोड़ नहीं पाएंगे…
Milk Jam
(I) Ingredients :
- Milk - 500 ml
- Sugar - ½ cup
- Milk powder - ¼ cup
- Corn flour - 2 tbsp.
- Vanilla essence - ½ tsp.
(II) Method :
- दूध में चीनी, milk powder, cornflour को अच्छी तरह से मिलाकर एक solution बना लें।
- अब एक non-stick wok लें।
- दूध के solution को medium flame पर 1 boil आने तक बराबर चलाते हुए पकाएं।
- Boil आने के बाद 10 minutes तक low flame पर बराबर चलाते हुए गाढ़ा होने तक पकाएं।
- 10 minutes के लिए ठंडा कर लें।
- 2 hours के लिए fridge में रख दें, जिससे यह set हो जाए।
Rich and creamy Milk Jam is ready to serve.
आप इसे serve करते समय अपने taste के according fruits or dry fruits से garnish कर सकते हैं। Although यह ऐसे भी बहुत tasty लगता है।
इसका taste, थोड़ा-सा custard से भी resemble करता है और जब इसे bread slices पर लगाकर खाते हैं, तो थोड़ा cake से resemble करता है।
(III) Tips and Tricks :
- आप इस nonstick utensils में ही बनाइएगा, because यह utensil की तली (base) से चिपकता है।
- पकाते समय लगातार चलाते रहना जरूरी है, वरना यह जल जाएगा। अगर यह पकाते समय जल गया तो इसका taste बहुत बेकार हो जाएगा।
- आप इसे अपने साथ journey में भी ले जाकर enjoy कर सकते हैं। यह semi-solid है, तो spile or mass होने का डर नहीं है।
Wednesday, 12 November 2025
Article : वंदे मातरम्@150 years
वंदे मातरम्, एक शब्द, एक उद्धोष, एक प्रेरणा, एक ज्वाला है, जिसने भारत में स्वतंत्रता की मशाल जला दी। हर बच्चा, युवा, बुजुर्ग- पुरुष और महिला, सबके मन-मस्तिष्क पर वंदे मातरम् अंकित हो गया था।
हर व्यक्ति के लिए अपने स्वार्थ के ऊपर देश था। और जब जन-जन के मन में देश प्रथम होता है, तब स्वर्णिम बेला अवश्य आती है, जो भारत में आजादी के रूप में आई।
देश की आजादी के पश्चात इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में सम्मानित किया गया।
वंदे मातरम्@150 years
7 नवंबर को, वन्दे मातरम् को 150 वर्ष पूरे हो गए हैं। अतः सरकार द्वारा यह निर्धारित किया गया है कि इस शुभ अवसर को पूरे एक वर्ष तक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
Government & public places पर राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् बजाया जाएगा, साथ ही साथ समय-समय पर कुछ विशेष कार्यक्रमों को भी आयोजित किया जाएगा।
वन्दे मातरम् महान बंगला साहित्यकार और देशप्रेमी बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा संस्कृत और बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित एक गीत है।
उन्होंने इस देशभक्ति गीत की रचना 7 नवंबर 1875 में अक्षय नवमी के दिन की, जिसका publication सन् 1882 में उनके उपन्यास आनन्द मठ में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस गीत से सदियों से सुप्त भारत देश जग उठा।
यह गीत British सत्ता के विरोध और देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत एक ऐसी कहानी है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नये आयाम दिए।
दरअसल उस समय पर बड़े पैमाने में राजनैतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवर्तन हो रहा था। राष्ट्रीय पहचान और British सत्ता के प्रति प्रतिरोध की भावना बलवती हो रही थी।
ऐसे में वंदे मातरम् गीत ने माँ भारती को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता के रूप में प्रतिष्ठित किया, तथा देश की एकता व अखंडता की भावना को जाग्रत करते हुए उसे एक काव्यात्मक स्वरूप दिया। जल्दी ही यह गीत भक्ति, समर्पण और अमरता का प्रतीक बन गया।
राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् को एक वर्ष तक विशेष महत्व देना, मात्र इस गीत को विशेष सम्मान प्रदान करना नहीं है वरन् उसके रूप में उन सभी देशभक्त क्रान्तिकारियों के सामने नतमस्तक होना है, जिन्होंने अपने स्वार्थ से ऊपर देश को रखा, जिन्होंने अपने बहुमूल्य जीवन को हंसते-हंसते देश की आजादी के लिए निछावर कर दिया।
यदि उन्होंने देशभक्ति को सर्वोपरि नहीं माना होता तो भारत को स्वतंत्रता दिलाना असंभव था।
आज हम स्वतंत्र भारत में, स्वेच्छा से अपना जीवन यापन कर रहे हैं, तो उन्हीं देशभक्त क्रान्तिकारियों के कारण ही..
तो क्यों न सरकार के इस सराहनीय कार्य को और शुभ करते हैं। हम अपने बच्चों को, अपने युवाओं को उस पल के विषय में जितना अधिक जागरूक कर सकते हैं, करते हैं। उनके मन में देश-प्रथम की भावना को बलवती करते हैं।
जब हमारा भारत सर्वोपरि, सशक्त, अखंड और समर्थ होगा, तब ही सच्चा नमन होगा, राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् को और सच्ची श्रद्धांजलि देशभक्त क्रान्तिकारियों को।
जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳


