Tuesday, 8 April 2025

Story of Life: वो भयानक रात (भाग -2)

वो भयानक रात (भाग -1) के आगे...

वो भयानक रात (भाग -2)




यह कहते हुए सुनीता, उस बच्चे की ओर बढ़ी, जो गिर गया था, पर उसका पैर बड़ी तेज़ी से फिसला गया... 

वो तो सन्नी ने संभाल लिया, वरना आशा के बच्चे के चक्कर में सुनिता की हड्डी ज़रूर टूट जाती...

सुनीता को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो अचानक से फिसलने कैसे लगी थी?

तभी उसने ध्यान दिया कि आशा की 1 साल की बच्ची ने शूशू कर दिया था। 

सुनीता को गिरता देख, आशा बोलने लगी, दीदी अपना ध्यान रखो, इन बस्ती के बच्चों की तो आदत है, गिरते-पड़ते, मारते-पीटते रहने की... 

हम इतनी लोलो-पोच नहीं करते, तुम बड़े लोगों जैसे, वरना तो पाल लिए बच्चे... 

तुम्हारा क्या है, दो बच्चे और office का काम, बस.... 

हमारे जैसे तुम लोग नहीं कर सकते, 10-10 बच्चे और दिनभर मैडमों के नखरे... 

दुनिया भर का शोर और आशा की फालतू की बातें, सुन-सुनकर, सुरेश जी का सिर चकराने लगा, वो अंदर जाने को मुड़े ही थे कि फिर जोर-जोर से दरवाजा पीटने की आवाज आने लगी...

आह! अब कौन?...

आगे पढ़े, वो भयानक रात (भाग -3) में...

Monday, 7 April 2025

Story of Life : वो भयानक रात


वो भयानक रात (भाग -1)



रात गहरा चुकी थी, सब सो चुके थे। हर ओर सन्नाटा पसरा हुआ था।

तभी बहुत तेज दरवाजा पीटने की, साथ ही bell पर bell बजाने की आवाज आने लगी।

सुनीता, सुरेश, श्यामा और सन्नी सब जाग गये।

दरवाजा खोला, तो सामने आशा, अपने बच्चों के‌ साथ खड़ी थी।

थोड़ी ही देर में हुड़दंग और बच्चों के शोरगुल से घर की शांति भंग हो चुकी थी।

श्यामा और सन्नी, सुनीता की ओर प्रश्न सूचक नजरों से देख रहे थे, जैसे पूछ रहे हों, यह सब क्या है माँ?

शांत स्वभाव के सुरेश जी भी, इतनी रात को मंच रही चिल्ल-पों से irritate होने लगे।

सुनीता को भी आशा का इतनी रात को बच्चों के‌ साथ आ जाना, कुछ समझ नहीं आ रहा था।

बहुत संकोच के बाद उसने आखिरकार, आशा से इतना ही पूछा, क्या आशा इतनी देर में बच्चों के साथ क्यों?

पर आशा से ज्यादा बोलना भी कहां होता था, ज़रा कुछ बोलो और उसका tape recorder शुरू हो जाता था, तो बस सुनीता के इतना पूछने भर से वो लगी दहाड़े मार-मारकर रोने...

क्या रात दीदी... मेरे पर परेशानी आएगी, तो और मैं कहां जाती? तुम्हारा ही तो सहारा है... 

वरना बच्चों के साथ हमें इतनी रात को कौन अपने घर आने देगा? तुम भी ना, कुछ समझती ही नहीं हो... 

अभी आशा अपना दुखड़ा सुना ही रही थी कि उसके दो बच्चे सोफे पर ज़ोर-ज़ोर से कूदने लगे और उनके कूदने से सोफे की seat फट गई... 

Seat फटने से एक बच्चा disbalance होकर गिर गया और जोर-जोर से रोने लगा।

अब सुनीता को समझ नहीं आ रहा था कि लाखों रुपए के महंगे सोफे को देखकर दुखी हो या बच्चे को लगी चोट को देखे...

वो अभी ऊहापोह में ही थी कि ज़ोर-ज़ोर से चटाक-चटाक की आवाजें आई, आशा ने दोनों बच्चों को चाटें रसीद दिए थे। 

यह देख, बरबस सुनिता के मुंह से निकल गया, अरे क्या कर रही है? बच्चे को देख उसे चोट तो नहीं लगी है।

यह कहते हुए सुनीता, उस बच्चे की ओर बढ़ी, जो गिर गया था, पर उसका पैर बड़ी तेज़ी से फिसला गया... 

वो तो सन्नी ने संभाल लिया, वरना आशा के बच्चे के चक्कर में सुनिता की हड्डी ज़रूर टूट जाती...

सुनीता को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो अचानक से फिसलने कैसे लगी थी?

आगे पढें वो भयानक रात (भाग - 2) में 


Sunday, 6 April 2025

Bhajan (Devotional Song) : लेगा राम का जो नाम

आज चैत्र नवरात्रि की नवमी है, और आज ही के दिन प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। इसीलिए, इस दिवस को राम नवमी के नाम से भी जाना जाता है।

तो चलिए, प्रभु श्री राम के इस भजन का आनंद लेते हैं और उनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं।

लेगा राम का जो नाम


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम 


नाम लिया जो दशरथ ने 

तो पुत्र रूप में पाया 

वात्सल्यता से परिपूर्ण हो 

मोक्ष उन्होंने पाया 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम 


लिया नाम जो मारुति ने 

भक्त शिरोमणि कहलाए

उनसे प्रसन्न हुए प्रभु ऐसे

उनके हृदय में गये समाए 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम

 

लिया नाम जो वाल्मीकि ने 

डाकू से ऋषि कहलाए 

रामायण को लिखकर वो

सम्पूर्ण जगत में छाए 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम 


लिया नाम जो अहिल्या ने 

पत्थर से नारी बन पायी 

पति के शाप से मुक्त हो 

बैकुंठ में गयी समाई 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम  


लिया नाम जो शबरी ने 

भक्ति का रस था पाया 

झूठे बेर खिलाकर भी 

था पुण्य अपार कमाया 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम  


लिया नाम जो सुग्रीव ने

तो मैत्री का सुख पाया 

भटक रहा था वन में जो 

उसने राज्य पूरा पाया 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम 


सुनो राम नाम की महिमा 

होती है कितनी अपार 

पत्थर पर जो लिखा नाम तो 

समुद्र हो गया पार 


लेगा राम का जो नाम 

होंगे उसके पूरण काम 


आप सभी को राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। प्रभु श्री राम की कृपा हम सभी पर इसी तरह बनी रहे 🙏🏻 




आज का यह भजन, अद्वय ने प्रस्तुत किया है। भजन, पसंद आने पर कृपया उसको comment box पर उसे प्रेरित अवश्य करें 🙏🏻

पूरे भजन का musical video YouTube में uploaded है। उस का आनंद लेने के लिए, दिए गए link पर click करें :