Saturday, 22 November 2025

Article : Pollution in Delhi

आज कल दिल्ली इतनी ज्यादा प्रदूषित हो गई है, कि उसे gas chamber कहा जाना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा।

पर क्या ऐसा पहली बार हुआ है?

नहीं, बिल्कुल नहीं, हर साल यही हाल रहता है दिल्ली का, और इसी तरह से प्रदूषण का हंगामा मचाया जाता है, और जनता परेशान रहती है।

पर किया क्या जाए?

दिल्ली में प्रदूषण


कुछ उपाय हैं, और उसमें से कुछ का पालन भी किया जा रहा है।

जैसे water-sprinkler vehicles का round, आजकल यह उन इलाकों में भी देखी जा रही है, जहां पहले नहीं दिखाई देती थी।

कहा जाता है कि water body होने से pollution level कम होता है।

दिल्ली में हैं भी यमुना जी, पर वो खुद इतनी प्रदूषित और जीर्ण-क्षीण अवस्था में हैं, कि प्रदूषण को कम करने में क्या ही सहायक होंगी।

तो अगर प्रदूषण-नियंत्रण करना है, तो यमुना नदी की सफाई का कार्य युद्धस्तर पर करना होगा।

केवल छठ पूजा के लिए कुछ हिस्से की सफाई कर के प्रचार-प्रसार करने से नहीं, वरन् सम्पूर्ण यमुना नदी का जल साफ़ होना चाहिए। वो भी वास्तविक रूप से, न कि केवल files and media reports में...

दिल्ली में जगह-जगह कूड़े का पहाड़ खड़ा हुआ है, जिससे 24 घंटे जहरीली gas निकलती रहती है। उसे पाटने का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। वैसे ही, जैसे कुछ और राज्यों और देशों में कूड़े को न केवल खत्म किया है, बल्कि उसका सदुपयोग करके construction कर दिया है। 

गाड़ियों की इतनी अधिक संख्या भी प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है, केजरीवाल जी का odd-even formula भी एक अच्छा उपाय था। हालांकि उससे भी लोग परेशान होते हैं, लेकिन pollution level में कमी अवश्य आती थी।

ऐसे ही कुछ और बड़े कदम हैं, जिनको लिए जाने से हालात सुधारे जा सकते हैं।

पहले दूसरी सरकारों ने दिल्ली का प्रशासन संभाला था, तब उनके कुप्रयासों पर टिप्पणी की जाती थी।

पर अब तो देश की सबसे अच्छी समझी जाने वाली सरकार, BJP government है, जो कि double engine सरकार भी है।

क्या तब भी ऐसी आशा नहीं की जा सकती है कि दिल्ली को प्रदूषण से मुक्ति मिल जाएगी?

दिल्ली में सब कुछ बहुत अच्छा है, लेकिन यह प्रदूषण काले धब्बे नुमा है, इसका नियंत्रण आवश्यक है।

मोदी जी से अनुरोध है कि जब हम दिल्ली वासियों ने BJP government पर विश्वास कर के चुना है, तो आप उसे सार्थक बनाएं। विशेषता प्रदूषण नियंत्रण कर देश के दिल, दिल्ली की धड़कन को स्वस्थ और मजबूत बनाएं।

देश का दिल है दिल्ली, जिसने इसे सुदृढ़ किया, उसने भारत को गौरवान्वित किया।

जय हिन्द, जय दिल्ली 🇮🇳


कुछ काम, सरकार को करने देते हैं, कुछ हम खुद कर लेते हैं। और वो है, भोजन द्वारा भी बढ़ते प्रदूषण से अपने आप को सुरक्षित किया जा सकता है, कैसे?

बस वही कल डाल रहे हैं, अगर आप भी स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो एक बार उस पूरे article को अवश्य पढ़िएगा।

So stay tuned…

Thursday, 20 November 2025

Article : Chicken's Neck

आजकल एक नये मुद्दे पर चर्चा चल रही है और वो चर्चा है मोदी जी की भूटान यात्रा को लेकर...

यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि मोदी जी अपने व्यापारी मित्र अडानी के लिए भूटान दौरे पर गए थे।

अगर आप भी ऐसा समझ रहे हैं, तो समझिए कि बात कुछ और है।

कुछ और?

जी हां, कुछ और, और वो बात है चीन के षड्यंत्रों को निष्फल करना।

अब आप कहेंगे कि हम कहना क्या चाहते हैं।

Chicken's Neck


तो सुनिए, भारत के northeast states का हिस्सा, जो कि seven sisters के नाम से भी जाने जाते हैं।

वो भूटान और उससे लगे हुए चीन से कुछ kilometresकी दूरी पर हैं। भारत के सिलिगुड़ी से एक गलियारा बनता है, जिसे, Siliguri corridor or  Chicken's Neck कहते हैं। 

वो भारत के लिए हमेशा से असुरक्षित गलियारा रहा है, क्योंकि चीन की उस पर बुरी नज़र है, वो चाहता है कि जैसे उसने पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका को अपना‌‌ ऋणी बनाकर उन पर तानाशाही दख़ल कर‌ लिया है, वैसा ही भूटान के साथ भी कर सके। 

पर आप यह बिल्कुल मत समझिएगा कि वो केवल इन देशों पर अपना दबदबा चाहता है। नहीं, बल्कि उसकी कुदृष्टि भारत पर है।

बरसों दुश्मन के भारत पर रहने के बावजूद, भारत‌ एक ऐसी opportunity है, कि जिसने हासिल कर ली, वो विश्व गुरु बन जाएगा।

ऐसे में मुसीबत सिर्फ एक है, ईमानदार व देशभक्त BJP government।

ईमानदार और देशभक्त, पूरी BJP government?!

नहीं, पूरी न सही, पर शीर्ष पर विराजमान मोदी जी, और बहुत से अन्य तो हैं। फिर मोदी जी, तो ऐसे हैं, जो कि बिना थके, दिन-रात अपने आप को देश‌ के लिए समर्पित किए हुए हैं।

तो उनका यह दौरा, अडानी के लिए नहीं वरन् देश के लिए था, देश की सुरक्षा के लिए था, देश के भविष्य के लिए था। चीन की षड्यंत्रकारी चालों को सफल न होने देने के लिए था।

भारत भूटान के साथ अपनी सीमा को सुदृढ़ करने के लिए गया था, जिससे Chicken's Neck के through चीन भारत के northeast पर कब्ज़ा न कर सके। 

वो North East पर कब्जा करके भारत के उस हिस्से को देश‌ से काट न‌ दे।

तो आप ऐसे भी समझ सकते हैं, मोदी जी भूटान, 7 sisters में रहने वाले 25 करोड़ देशवासियों के लिए गए थे। 

जब कोई व्यक्ति, जिसके न‌ आगे कोई, न पीछे कोई, और वो 75 वर्ष की आयु में भी दिन-रात अनवरत अपने कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न कर रहा हो, बिना किसी इच्छा के, बिना किसी बात की दुहाई दिए, तो उसे देश का सौभाग्य समझना चाहिए और जितना हो सके, समर्थन देना चाहिए, जिससे भारत पूर्ववत सोने की चिड़िया बन जाए, विश्व गुरु कहलाए।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 


Note -

किसी ने पूछा कि आप इतनी राजनीतिक गतिविधियों को blog में डालती हैं। क्या आप भी मोदी भक्त हैं?

तो कहना यह है कि हम देशभक्त हैं, और जो देश का विकास करेगा, उसके समर्थक।

पर कारण इस तरह की post डालने का यह है, कि हम अपने viewers को‌ life के सारे shades से रुबरू करना चाहते हैं, साथ ही उन viewers के लिए, जो youngsters हैं, उनका general knowledge, current affairs section, भारत की धरोहर व संस्कृति, ऐसे ही पढ़ते-पढ़ते strong हो सकती है, तो हो जाए और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए Shades of Life 18 सहायक बन सके।

All the best for your bright future, my young viewers...

Monday, 17 November 2025

Article : MY factor - एक बेहतर सोच

इस बार बिहार में जिस जबरदस्त जीत को NDA ने हासिल किया है, वो किसी भी राजनैतिक दल के लिए हर्ष का विषय है। इसके लिए NDA government को हार्दिक शुभकामनाएँ।

उन्होंने जीत इस तरह से हासिल की, कि विपक्ष, विपक्ष में बैठने के लिए भी अपनी योग्यता सिद्ध करता फिर रहा है।

अब आते हैं, उस मुद्दे पर, जिस पर सदियों से बिहार में राजनीति होती आ रही थी और वो था MY factor...

MY factor - एक बेहतर सोच


MY factor means मुस्लिम और यादव voters.

अर्थात् जिस राजनैतिक दल ने इन दोनों को साध रखा था, वो सत्तासीन... और इसके साथ ही बिहार में सदियों से चला रही थी, जातिवाद राजनीति।

पर इस बार ऐसा क्या हुआ, कि इन voters पर दूसरा factor इतना भारी पड़ गया, जिसने NDA को प्रचंड बहुमत दिला दिया।

और वो factor था MY।

MY, तो क्या मुस्लिम और यादव vote इस बार NDA को अधिक मिल गये? यह चमत्कार कैसे हुआ?

नहीं, ऐसा कुछ नहीं हुआ। हाँ, चमत्कार तो अवश्य हुआ है, और वो चमत्कार है NDA का MY factor.

पर उनके MY factor का मतलब मुस्लिम और यादव voters नहीं है, बल्कि उनका MY factor means, महिला और युवा voters।

एक ऐसा voter, जो कि जाग्रत हो गया, तो सब पर भारी पड़ता ही पड़ता है और बस वो ही इस बार भारी पड़ गया।

और सही मायने में किसी भी राज्य में, देश‌ में अगर महिला और युवा जाग्रत हैं, अग्रसरित हैं तो जीत भी पक्की है और विकास भी। देश‌ को जातिवाद, समाजवाद में बांटना, राजनीतिक सफलता पाने का हथकंडा हो सकता है, पर देश को बर्बाद करने का सबब भी बनता है। 

अगर देश को सर्वोपरि स्थान पर ले जाना है, तो देश‌ से जातिवाद और आरक्षण जैसे घटक तो हटने ही चाहिए।

अब NDA government से यह प्रार्थना और उम्मीद है कि जिन voters की अपेक्षा पर प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उनकी अपेक्षा, उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे और बिहार का चहुंओर विकास करें।

पर केवल MY factor ही नहीं, बल्कि RJD की हार का एक और प्रमुख कारण है।

पहले देख लेते हैं कि RJD, किसकी party है और वो किस तरह से जीत हासिल करते थे।

RJD है राष्ट्रीय जनता दल, बिहार की वो राजनीतिक पार्टी, जिस पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का वर्चस्व रहा है और जिसकी राजनीति mobilization पर टिकी रही है। यह दल लंबे समय से जातिवाद, मनुवाद, crony capitalism व विभाजनकारी तत्वों से लड़ता आया है।

हाँ, तो बात कर रहे थे कि, MY factor के अलावा और क्या प्रमुख कारण था...

तो वो था लालू प्रसाद यादव के परिवार में मतभेद...

और इस बात का तो इतिहास भी गवाह है कि जब-जब परिवार में मतभेद हुआ है, उसमें फूट पड़ी है, तो उसका सर्वनाश तय है। लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव और बेटी रोहिणी के बीच आपस में ही सत्ता पर काबिज़ होने की होड़ लग गई, और वही हुआ, जो सामने परिणाम के रूप में आया है।