Wednesday, 31 December 2025

Poem : Happy New Year

The new year has brought new opportunities & new hopes for all. This has been weaved very beautifully by Advay into a poetic form. Let's enjoy this poem and pray that this year is happier and better for everyone.

Happy New Year


When memories're made; jolly and sad.

When moments're lived; good and bad.

When 365 days have just passed by.

And another new year comes to say ‘Hi!’


Let's make enmity with electronic devices.

Let's become united in times of crisis.

Let's celebrate life seven days a week.

And try our level best, to maintain this streak.


From now on, let's have an optimistic approach.

Other than smiles, there'll be nothing to encroach.

Let's start spending more time with dear ones.

To provide them with gifts & affection in tonnes.


Just leave all the worries behind & enjoy this occasion.

Dedicate this day to only partying and celebration.

All the beginnings & opportunities're brand new.

With pomp and vigour, a HAPPY NEW YEAR TO YOU!

Monday, 29 December 2025

Recipe : Mixer n' Pan Pizza

Winter Vacations और festivities, दोनों ही start हो चुके हैं। तो सोचा, बच्चों के लिए कुछ special and must-try recipe डाली जाए।

आजकल बच्चों की favourite dish है pizza। पर इतना costly होने के कारण, और घर पर बनाने में झंझट होने के कारण, बच्चों की इस wish को पूरी करना थोड़ा difficult होता है।

पर आज आप लोगों की demand पर pizza की ऐसी recipe लाएँ हैं, जो कि बहुत ही instantly and easily prepare हो जाएगा।

yeast की requirement, न oven की, फिर भी taste and texture में कोई compromise नहीं।

Mixer n' Pan Pizza


(I) Ingredients :


(II) Method :

  1. Mixer grinder jar में सारे ingredients डालकर अच्छे से चला लें।
  2. एक nonstick pan लीजिए, उस पर pizza का घोल डालकर, एक तवे से ढककर medium-slow flame पर slightly golden होने तक पकाएं (approx 1 minutes)।
  3. अब pizza flip कर दीजिए और gas off कर दीजिए। ½ minutes तक पकाएं, जिससे base नीचे से flat भी हो‌ जाए‌ और dry भी। 
  4. अब base को उठाकर थोड़ी देर के लिए, जाली पर रख दीजिए, जिससे extra steam निकल जाए।
  5. अब तवा भी high flame पर गर्म होने के लिए रख दें।
  6. Pizza की निचली surface पर slightly butter लगा दीजिए।
  7. Pan को फिर से medium slow flame पर रख दीजिए।
  8. Pizza पर pizza sauce, अपनी पसंद की toppings and diced cheese डालकर, ऊपर से गर्म किए तवे से 2-3 minutes तक ढक दें।

Your pizza is ready to be relished. Sprinkle it with your favourite toppings, cheese, mixed herbs, chilli flakes etc.


(III) Tips and Tricks :

  • इस quantity से एक medium-sized pizza बनेगा।दही और मैदे की quantity, same रखनी है। इसलिए आप जिससे भी मैदा लें, उसी से और उतना ही दही भी लीजिएगा।
  • कोशिश कीजिएगा, fresh and thick curd लें। हमने नमस्ते इंडिया का दही लिया था, क्योंकि बिल्कुल भी खट्टा नहीं होता है और इसकी thickness की consistency बहुत अच्छी रहती है।
  • हमने नमस्ते इंडिया का दही लिया था, इसलिए ही दूध लेना पड़ा, पर अगर आप का दही उतना गाढ़ा नहीं हो तो दूध लेना है कि नहीं, यह घोल की consistency पर निर्भर करता है।
  • क्योंकि हम base pan में prepare कर रहे हैं, तो उसकी non-stickiness अच्छी quality की हो। ऐसा न होने पर, pizza easily flip नहीं होगा, तो proper pizza-base ready नहीं होगा।
  • अगर आपको cheese burst चाहिए, तो base से pizza बनाने की process के time में उसको slantly cut करके cheese डाल दीजिएगा।
तो इंतज़ार किस बात का है? आज ही बनाइए और पूरे परिवार को Mixer n' Pan Pizza के संग खुश कीजिए।

Monday, 22 December 2025

Short Story : ठीकरा

ठीकरा 


प्यारेलाल एक office में चपरासी के पद से retire हुआ था, पर बड़े परिवार के कारण अब घर-घर जाकर अंडे बेचता था।

उसके 6 लड़कियां और 4 लड़के थे। 

लड़कियों की शादी करते-करते उसकी लगभग पूरी जमा-पूंजी खत्म हो गई। फिर लड़कों में सिवाय अनवर के सारे नकारा-नालायक निकले।

अनवर भी कोई बहुत लायक़ नहीं था, पर कह-सुन कर, मिन्नतें कर के प्यारेलाल ने उसे अपनी जगह चपरासी लगवा दिया था।

अब आजकल तो चपरासी बनने के लिए पढ़ा-लिखा होना अनिवार्य हो गया था, और अनवर के अलावा सारे अनपढ़-गंवार ही थे। 

प्यारेलाल ने तो बेटों के पैदा होने पर सोचा था कि सारे पढ़-लिख जाएं, उसके दो हाथ, आठ हाथों को लायक़ बना लें, पर सोचे से कुछ होता है?

परिवार इतना बड़ा, खर्चा बेशुमार, कमर तोड़ कर रख दी, पहले प्यारेलाल की और अब अनवर की।

बेचारा लायक़ होने की सज़ा भुगत रहा था, अपने पिता के इतने बड़े परिवार को खींचने के लिए सबको उसका कंधा ही दिखता।

बहनें भी आए दिन आ जातीं, और जातीं तो अपने ससुराल का वास्ता दे कुछ न‌ कुछ ले जाने की दुहाई देतीं।

अरे एक-दो बहन होती, तो वो भी खुशी-खुशी करता, पर यहां तो line लगी थी, हर बहन महीने में दो बार ही आती, पर उसका तो पूरा साल लेन-देन में ही चला जाता।

प्यारेलाल की पत्नी ‘रज्जो’ बोली, “अनवर कमाने लगा है, अब इसका निकाह कर सकते हैं। बस यही है, जिसको कोई अपनी लड़की दे भी देगा, बाकी तो नकारे हैं।”

कम से कम एक बहू तो आए घर में, तो मेरी ज़िम्मेदारी पूरी हो। पर अनवर पूरा मुकर गया, “जिम्मेदारी! आपने इतनी जिम्मेदारियाँ जो मेरे सिर पर रख छोड़ी हैं, वो तो इस जन्म में पूरी होंगी नहीं, मैं एक और को ले आऊं। फिर आप का कौन-सा मन बहू को देख भर जाएगा, फिर अपने जैसे ही हम लोगों के भी मनभर बच्चे पैदा करवा देना।”

“अरे, अल्लाह की नियामत की ऐसे तौहीन नहीं करते, तू क्या जाने औलाद का मिलना, नसीब की बात होती है।”

“आज हाय, हरकतें खुद करो और सिर पर ठीकरा अल्लाह के फोड़ दो।”

“किसी ने नहीं कहा कि खाने को न हो, तब भी बस औलादें पैदा करते रहो, देख लो अब्बू का हाल, बुढ़ापे में भी अंडे बेच रहे हैं, नालायकों से इतना तक तो होता नहीं कि वो बेच आएं, और अम्मी चाहती हैं घर में एक और को ले आऊं।”

प्यारेलाल खांसते हुए बोले, “अरे नहीं, इनको अंडे बेचने को नहीं बोल सकता, आधे खा जाएंगे, और कुछ फोड़ देंगे। फायदा कुछ होगा नहीं, नुकसान ही करा देंगे। रोज़ की झीन-झीन, झांय-झांय के साथ ही दिन बीतता।”

एक दिन अनवर का accident हो गया और एकमात्र कमाने वाला भी बिस्तर पर आ गया। जिंदगी बद् से बद्तर हो चली।

अब तो सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं पर परिवार चल रहा था और बड़े परिवार के होने का जो ठीकरा, पहले अल्लाह पर फोड़ा जा रहा था, अब परिवार के भूखे मरने का ठीकरा सरकार पर फोड़ने लगे कि सरकार inefficient है, अपना कार्य ठीक से नहीं कर रही है, हम लोगों को भरपेट खाना भी नहीं मिल रहा…


Disclaimer:

All characters and events in this story are entirely fictitious. Any resemblance to actual people, living or dead, or actual events is purely coincidental. The story doesn't intend to disrespect any individual/community.