आज एक और विधा में लिखा है, शायद आपको यह style भी पसंद आए। यह विधा, पत्र लेखन की है, जो आज कल की भागती दौड़ती जिंदगी में कहीं विलुप्त होती जा रही है।
पत्र की बात चली, तो याद आ गए, वो बचपन के दिन, जब नानी-मौसी , दादी-चाची को पत्र लिखा करते थे। हमउम्र मौसी के साथ तो होड़ लगती, कि कौन बड़ा पत्र लिख सकता है।
और सच जानिए, उन लिखे हुए पत्र के जवाब एक दूसरे की जिंदगी में घटने वाले एक एक लम्हे के रूबरू ले आता था, क्योंकि लम्बे लम्बे पत्रों में जीवन का हर पल जो समेट देते थे। पर आपको पता है, इससे यह भी गजब का एहसास होता था कि हम साथ ही रह रहें हैं।
साल गुज़रे, जवानी आयी।
Email और mobile का जमाना आ गया।
शादी तय हो गई, तो होने वाले पति से कहने की हिम्मत जुटाई, कि courtship period में हम पत्र भी लिखेंगे, एक दूसरे को।
वो बोले, आज कल कौन पत्र लिखता है, mail कर दूंगा।
पर सारी शर्म को ताक पर रख कर, सकुचाते हुए, इतना ही कहा, मुझे प्रेम पत्र चाहिए।
कितना हंसे थे वो उस दिन......... पर मान गए।
शुरू में छोटे-छोटे पत्र लिखे, फिर हमारी देखा देखी बड़े पत्र भी लिखने लगे, क्योंकि हम तो बड़े पत्र लिखने में महारथी थे ही।
पर इस नश्वर
संसार में, जहाँ उस समय की बातें, यादें, mail , sms सब धूमिल और धुंधले पड़ गये हैं, वहाँ
हमारे वो प्रेम पत्र, आज भी संरक्षित है, हमारे
अमर प्रेम की गवाही देते हुए।
आज की इस click or tick की दुनिया में पत्र की
विशेषता कोई क्या समझेगा। जहाँ शब्द भी मुकम्मल होने को मोहताज हों, वहाँ पत्र की बारी तो आनी ही नहीं है।
पर मन भी बड़ा बांवरा है, ठान लिया कि पत्र लिखना है
तो बिना लिखे शांत भी तो नहीं होगा।
सोचा इस भागदौड़ भरी जिंदगी
में किसे लिखें? किसी ऐसे
को, जिसको
कभी किसी ने पत्र ना लिखा हो।
क्योंकि जिसको कभी किसी ने
पत्र ना लिखा हो, पत्र की
महत्ता भी उसे ही सर्वाधिक होगी।
इस गहन सोच में डूबी थी, तो ख्याल आया कि ज़िंदगी
में कितनों को पत्र को लिखा... नहीं
लिखा, तो बस उसे जो सबसे नजदीक थी, पर कभी एहसास ही नहीं हुआ कि उसे भी एक पत्र का
इंतजार होगा।
तो आज का
पत्र ‘ऐ ज़िंदगी’ तुम्हारे ही नाम...
कितनी हसीन हो तुम, हरपल साथ थी, पर तुम्हें ही भूल कर कभी
पैसे कमाने और कभी उन्हें बचाने की कवायद में ही लगे रहे।
बिना इस एहसास के कि
जैसे खर्चा करने की कोई इंतहा नहीं होती, वैसे ही कमाने और बचाने का भी कोई अंत नहीं है।
पर इस कमाने-बचाने की
ऊहापोह में ज़िंदगी के कभी ना लौट कर आने वाले हसीं लम्हे जरुर
आहिस्ता आहिस्ता हमारे हाथ से रेत की तरह फिसल जाएंगे।
तो आज से वादा है, तुझसे ऐ ज़िंदगी
इन ना लौटने वाले लम्हों के पास हम लौट आएंगे।
ऐ ज़िंदगी, अब एक एक पल भरपूर जिएंगे, कोई लम्हा हम से बिना मिले
नहीं जाएगा, चाहे
उसके लिए दमड़ी कुछ कम ही कमांए पर सुकुन भरपूर रहेगा।
ऐ ज़िंदगी, तूने आज आंख खोल दी कि हमने
इन्सानी रूपी जन्म, सिर्फ भागने दौड़ने के लिए नहीं पाया है। यह तो कोई भी जीव कर लेता
है।
मनुष्य जीवन मिला है, सृष्टि के सृजन के लिए, संतुष्टि के मिलन के लिए, ईश्वर से लगन के लिए।
अब से, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, तुम्हें भरपूर पाने के लिए, तुम में समां जाने के लिए।
Love you ज़िंदगी 💞
It was quite interesting to read some forgotten moments... Beautifully narrated 👏👏
ReplyDeleteThank you very much Ma'am for your inspiring words.
DeleteYour words boost me up 😊❤️🙏🏻
तुम्हें भरपूर पाने के लिए ...वाह वाह...बहुत ख़ूब अनामिका ...बधाई💐
ReplyDeleteआप की सराहना का ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏❤️
Deleteआप के शब्द मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।
Beautiful composition... Congratulations for this skill 💐
ReplyDeleteThank you Ma'am for your precious words, it boosts me
Deleteसचमुच अनु, ये शीर्षक बहुत ही रोचक है, तुम्हारी अभी तक के लेखन से बहुत अलग! कितनी सकारात्मक सोच है जिंदगी को प्यार करने की,ये लेख पढ़ कर वाकई दिल बोल उठता है love you zindagi😍
ReplyDeleteKeep writing
रूबी वर्मा
आपके सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️
Deleteआप के प्रेरणात्मक शब्द निरन्तर लिखते रहने को प्रेरित करते हैं
Shabdo ko piro kar ik sundar guldasta bana diya aapne..bahut hi sundar tarike se yeh tana Bana buna hai aapne 🙏🙏
ReplyDeletehamare bhi purane din yaad aa gaye jab ik patr ke intezzar mai darvaja dekha karte the... Aaj bhi un pyar bahri chittiyon ko sambal kar rakha hua hai... Jab kabhi apne atit mai Jana hota hai khol kar padh lete hai..
Aap ik kahanikar ..jadugar ...time traveller jaise ho.. hame ghar baithe hi alag alag jagah ghuma dete ho 🙂
जब आप जैसे पाठक, सराहना करते हैं तो, मन प्रफुल्लित हो जाता है, सृजन करने को मन प्रेरित हो जाता है।
Deleteबल्कि यह कहना भी गलत नहीं होगा कि एक अच्छे लेखक को सफल बनाने का सारा श्रेय उसके पाठकों का ही होता है।
आप के सराहनीय शब्दों का ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏❤️
सच में पत्र लिखना एक अलग ही एहसास है। हम लिखते हुए उन पलों को जीते हैं, सहेजते है समेट लेते हैं। बहुत सुंदर अनीमिका जी
ReplyDeleteआप का ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏❤️
Deleteआप के शब्द मेरे लिए अनमोल हैं ❤️
आप के सराहनीय शब्द मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर ।पत्र लिखने की विधा इस समय लुप्त प्राय हो गई है।आपका यह प्रयास सराहनीय है
उर्मिला मेहता
आप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏
Deleteआप के शब्द मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।
एक पत्र ज़िंदगी के नाम, बहुत अच्छा
ReplyDeleteआप के अनमोल शब्दों के लिए अनेकानेक आभार 🙏🏻
Deleteआप के शब्द मुझे लिखते रहने की प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं 😊