Thursday, 10 July 2025

Poem : गुरू ही हैं सब-कुछ

गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर सदगुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज को मेरा शत-शत वंदन... 

यह काव्य पंक्तियां आपके श्री चरणों में समर्पित है।

पूज्य गुरुदेव आपकी कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे 🙏🏻

गुरू ही हैं सब-कुछ


मेरे तो गुरू ही हैं सब-कुछ,

दूसरा न कोय।

उनकी चौखट है मंदिर,

हर पल दर्श जिसमें होय।।


उनके चरण रज में,

सिमटा सारा संसार। 

ह्रदय में है छवि बसी,

कृपा करें वो बारम्बार।। 


उनका कथन है मेरे,

जीवन का आधार।

उनसे ही मिलता,

मेरे जीवन को आकार।। 


दुनिया में उनकी इच्छा से आए,

उनमें ही मिल जाना है।

जीवन का है लक्ष्य यही,

चरणों में उनके जगह पाना है।।

Monday, 7 July 2025

Poem : अखबारों से बंद दरवाजा

आज आप सब के साथ मुझे दरभंगा, बिहार की शुभ्रा संतोष जी की कविता को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

शुभ्रा जी एक मंझी हुई कवयित्री है, बहुत से मंच में उनकी कविताएं प्रकाशित हो चुकी हैं।

तो आइए, उनकी कविता का आनंद लेते हैं।

अखबारों से बंद दरवाज़ा


एकबार फिर से आओ

कूंजी घुमा के देखें

 बंद दरवाज़े की अनदेखी

परतों को खोलें।


 सदियों से

दुनियां का स्वरूप 

 ख़बरें जो 

गढ़ रहीं

उस सोच की चादर के

सिलवटों को झटकें।

  

स्याह रंग के कहकरे 

दीमको के घर बने

जेहन के दरवाज़े

घिस घिस कर

खोखले हुए।


झटक कर धूल सारी

आहिस्ते आहिस्ते

अंदर के इंसान को 

 एकबारगी टटोलें।


 निकल कर बासी खबरों 

 के दायरों से 

दरवाज़े के सांकल को 

पुरजोर से खोलें।


पढ़ रहे जो या समझ रहें जो 

 दुनिया को आज-कल

दरवाज़े के उस तरफ 

कोई और ही 

दुनिया आपकों दिखें।


क्या पता 

कोई और ही 

हवा चल रही हो वहां।

क्या पता

कोई और ही 

दुनियां पल रही हो वहां। 



Disclaimer :

इस कविता में व्यक्त की गई राय लेखिका के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय Shades of Life के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों। कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और Shades of Life उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं रखता है।

Saturday, 5 July 2025

Article : सकारात्मक ऊर्जा

अभी कुछ दिन पहले यह एहसास हुआ कि जिंदगी के अनवरत चलते रहने में सब कुछ आपका सोचा हुआ नहीं होता है। 

बहुत कुछ वो भी होता है, जो कोई और सोच रहा होता है। जो उसकी इच्छा होती है। यहां "उसकी" का तात्पर्य ईश्वर से नहीं है, बल्कि उनसे है, जो आप से जुड़े हुए हों या शायद वो जिन्हें आप पहचानते भी नहीं हैं।

पर एक बात समझ नहीं आई कि जब हमें हमारे कर्मों के अनुसार फल मिलना होता है, तो दूसरे की सोची हुई इच्छा का प्रभाव हम पर क्यों पड़ता है?

हम अपने कर्मों, अपनी सोच को तो सकारात्मक रख सकते हैं, पर दूसरों की नहीं…
सकारात्मक ऊर्जा

फिर किस तरह से यह करें कि फल हमें हमारे कर्मों और हमारी सोच का मिले?

या किस प्रकार से अपने सजाए हुए सपनों को बिखरते देखकर दुखी न हों?

आखिर हम कौन से सपने संजोएं और कौन से नहीं...

या सपने संजोना ही छोड़ दें?

पर अगर सपने ही नहीं संजोएंगे, तो आगे बढ़ने की, कठिन परिश्रम करने की इच्छा भी बलवती नहीं होगी।

और न ही जिंदगी में कोई उत्साह और उमंग होगी।

मन नीरसता के गहरे अंधकार में जाता चला जाएगा...

पर क्या यह सही है?

और क्या यह सही है कि कर्म करो, फल की इच्छा न करो... वाली बात, क्योंकि कर्म तो हम कर रहे हैं और फल दूसरों के कर्म और इच्छा से भी मिल रहे हैं...

अब से एक नया अभियान शुरू किया है, सकारात्मक ऊर्जा को प्रज्वलित करने का, स्वयं की भी और अपने आस-पास मौजूद सब लोगों में भी...

एक नया प्रयोग कि क्या, जब सब लोग मिलकर एक ही विषय में सोचें तो क्या असंभव कार्य भी संभव हो सकता है...

क्योंकि जब किसी की आपके प्रति विपरीत सोच काम कर सकती हैं, तो आपके पक्ष वाली सोच भी काम करनी चाहिए…

ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना है कि हे ईश्वर, आप मनोकामना सिद्ध करने वाले हैं, इस मनोकामना को भी पूर्ण कीजिए और हमारी भक्ति स्वीकार कीजिये। अपनी कृपादृष्टि सदैव बनाए रखियेगा 🙏🏻

Saturday, 28 June 2025

India's Heritage : जगन्नाथ रथयात्रा - एक विरासत

आज India's heritage segment में विश्व की सबसे बड़ी रथ यात्रा के विषय में वर्णन कर रहे हैं।

ओडिशा के पुरी शहर में हर साल होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा को दुनिया भर के लोग बहुत श्रद्धा और उत्साह से देखते हैं।

जगन्नाथ, अर्थात् सम्पूर्ण जगत के नाथ, भगवान श्री हरि के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा व मान्यता है। 

आइए जानते हैं कि रथ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई…

जगन्नाथ रथयात्रा - एक विरासत


रथयात्रा की शुरुआत :

स्कंद पुराण के अनुसार, एक दिन भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर देखने की इच्छा जताई।

तब जगन्नाथ और बलभद्र ने उन्हें रथ पर बिठाकर नगर भ्रमण करवाया। इस दौरान वे अपनी मौसी गुंडिचा के घर भी गए और वहां सात दिन ठहरे, तभी से इस यात्रा की परंपरा शुरू हुई। आज भी यही यात्रा रथों के माध्यम से मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक होती है।


27 जून से 8 जुलाई :

इस साल यह यात्रा 27 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक चलेगी। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विशाल रथों पर सवार होकर पुरी के मुख्य मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाएंगे। 

यह यात्रा 12 दिन तक चलती है और इसके हर दिन का एक खास महत्व होता है।


विशेष दिवस :

कुछ विशेष दिन जैसे रथ यात्रा के पहले दिन पुरी के राजा खुद ‘छेरा पन्हारा’ रस्म निभाते हैं, जिसमें वे सोने के झाड़ू से रथ के नीचे का हिस्सा साफ करते हैं। यह विनम्रता और सेवा भाव का प्रतीक माना जाता है।

‘हेरा पंचमी’ के दिन देवी लक्ष्मी गुंडिचा मंदिर जाकर नाराज़गी जताती हैं कि भगवान उन्हें छोड़कर क्यों चले आए? 

यह आयोजन पूरी यात्रा को और भी रोचक बना देता है।


रथ की रस्सियों के नाम :

बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि भगवान के इन तीनों रथों को खींचने वाली रस्सियों के भी अपने नाम होते हैं। भगवान जगन्नाथ के 16 पहियों वाले रथ को “नंदीघोष” कहा जाता है। इस रथ की रस्सी का नाम है शंखाचुड़ा नाड़ी है।

बलभद्र जी का रथ, जिसमें 14 पहिए होते हैं, उसे “तालध्वज” कहा जाता है और उसकी रस्सी को बासुकी नाम से जाना जाता है। 

देवी सुभद्रा का रथ, जिसमें 12 पहिए होते हैं और जिसे “दर्पदलन” कहा जाता है, उसकी रस्सी का नाम है स्वर्णचूड़ा नाड़ी। 

ये रस्सियां न सिर्फ रथ को खींचने का माध्यम होती हैं, बल्कि इन्हें छूना भी बहुत बड़ा सौभाग्य माना जाता है।


कौन खींच सकता है रथ :

पुरी की रथ यात्रा की एक सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होता। कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या देश का हो, रथ खींच सकता है।

शर्त बस इतनी है कि उसका मन सच्चे भाव से भरा हो। 

मान्यता है कि रथ की रस्सी खींचने वाला व्यक्ति जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाकर मोक्ष की ओर बढ़ता है।

हालांकि, कोई भी एक व्यक्ति ज्यादा देर तक रथ नहीं खींच सकता।

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हर आने वाले श्रद्धालु को यह अवसर मिल सके, और अगर कोई रथ न भी खींच पाए तो भी चिंता की बात नहीं, क्योंकि इस यात्रा में सच्चे मन से शामिल होना भी हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य माना जाता है।


जगन्नाथ रथयात्रा से जुड़ी अन्य रोचक जानकारियों के लिए नीचे दिए गए link पर click करें -

https://shadesoflife18.blogspot.com/2023/06/article_20.html?m=1


जय जगन्नाथ 🙏🏻 

श्रीहरि विष्णु, सबकी मनोकामनाओं को पूर्ण करें।

Friday, 27 June 2025

Story of Life : प्यार पर घात (अंतिम भाग)

श्लोक ने श्वेता को बाहों में भर लिया, आहा! क्या बात है madam, बिजली गिरने के mood में हैं। Coffee पीने चलें?

ओह! क्यूं आज आपकी स्नेहा ने coffee पीने से मना कर दिया था, जो जल्दी चले आए और coffee पीने चलने की बात कर रहे हो... श्वेता ने श्लोक की बाहों से छिटक कर बोला...


प्यार पर घात (भाग-1),

प्यार पर घात (भाग-2),

प्यार पर घात (भाग-3) और 

प्यार पर घात (भाग-4) के आगे…

प्यार पर घात (अंतिम भाग)


स्नेहा... श्लोक बहुत जोर-जोर से हंसने लगा...

स्नेहा नहीं, महेश... हंसते-हंसते श्लोक ने कहा।

महेश!! क्या मतलब? श्वेता ने पूछा 

अरे, मैं तो bore हो गया एक महीने तक रोज़-रोज़ एक घंटा महेश के साथ बैठकर...

तुम क्या बोल रहे हो, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।

आओ, पहले मेरे नजदीक तो आओ...

नहीं, दूर ही रहकर बताओ, गुस्से से भरी श्वेता बोली...

अरे, तुम्हें याद है वो दिन, जिस दिन मैंने तुम्हारे बेडोल शरीर के विषय में comment किया था? 

कैसे भूलूंगी, तुम्हारा वो दंश...

हाँ, उस दिन मैं आवेश में बोल गया था, उसका मुझे अफसोस भी हुआ, कि मैं यह क्या बोल गया?

अच्छा, अफसोस हुआ था, ऐसा लगा तो नहीं था उस दिन..

हुआ था, मैं तुम्हारे पास तुम से माफी मांगने भी आने वाला था कि तभी एक विचार ने मुझे रोक लिया?

अच्छा वो क्या? श्वेता का ग़ुस्सा, कौतूहल में बदल रहा था। 

वही जो मैंने किया...

और क्या किया तुमने?

मैंने एक गुलाबी खूशबूदार काग़ज़ अपनी जींस में रखा, स्नेहा के नाम प्रेम अनुरोध लिखकर, जो तुम देख सको...

और तुम्हें कैसे पता, मैंने देख लिया है?

क्योंकि अगले दिन जेब में दस का सिक्का नहीं था।

बस उसी दिन से मैंने रोज़ महेश के साथ एक घंटा गुजराना या यूं कहूं, झेलना शुरू कर दिया...

पर क्यों किया, यह सब?

श्लोक, श्वेता का हाथ पकड़कर आईने के सामने ले गया और बोला, देखो, अपनी प्यारी sweetheart श्वेता को वापस पाने के लिए...

पिछले एक महीने अपना पूरा ध्यान रखने के कारण, श्वेता पहली-सी निखर गई थी।

अच्छा, तो तुमने मेरे प्यार पर घात नहीं किया?

सोच भी नहीं सकता, श्लोक की आंखों में प्यार और सच्चाई थी।

तो फिर वो गुलाबी खूशबूदार काग़ज़, आज भी तुम्हारे पास होगा...

बिल्कुल है, कहकर उसने वो कागज श्वेता के हाथ में थमा दिया।

साथ ही कहा, मुझे माफ़ कर देना श्वेता, उस रात के लिए और पूरे महीने के लिए भी... क्योंकि तुम्हें तुम से वापिस मिलाने के लिए, मेरे पास कोई और उपाय नहीं था।

मुझे फ़र्क नहीं पड़ता, तुम जैसी भी हो, मेरी हो, और मुझे बहुत खूबसूरत ही लगती रहोगी।

पर तुम्हारे अंदर की वो कुंठा, जो तुमने शौर्य के होने के बाद कही थी, उसे ठीक करना था।

जिसके लिए तुमने दो-चार बार प्रयास भी किया, पर पूरी लगन से नहीं और अंत में छोड़ भी दिया.. 

मुझे लगा कि अगर तुम्हारे प्यार पर घात लगा, तो शायद तुम अपना ध्यान रखना शुरू कर दो, और वही हुआ...

पुरानी श्वेता वाला, सुडौल, छरहरा शरीर, बहुत नाज़ुक और खूबसूरत, glow करने वाला confident चेहरा वापिस आ गया था।

आईना देखते हुए श्वेता अपने आप को देखकर अपने प्यारे श्लोक पर निहाल हो गई, जिसे वो प्यार पर घात समझ रही थी, वो तो उसे उससे मिलाने की कोशिश थी।

श्वेता, आगे कभी मत समझना कि मैं हमारे प्यार पर घात कर सकता हूं, मेरी श्वेता के आगे, सारे पानी भरते हैं। श्लोक ने श्वेता का मुंह अपने हाथों में लेकर कहा...

नहीं, कभी नहीं‌ मुझे मुझसे मिलाने के लिए, बहुत सारा धन्यवाद...

बस धन्यवाद?

श्वेता प्रेम से अभिभूत श्लोक की बाहों में समा गयी।

Thursday, 26 June 2025

Story of Life : प्यार पर घात (भाग-4)

ओह! श्लोक बाबू, स्नेहा से दिल लगा बैठे थे, तभी मुझे जलीकटी सुना रहे थे...

हाय! अब मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा, निर्मोही श्लोक पर सारी जवानी तबाह कर दी। अब जैसी वो दिखती है, ऐसे में कौन उसे पूछेगा?

उसने भारी मन से फोन करके office से तीन दिन की छुट्टी ले ली। 

वो पूरे दिन अनमनी सी रही... रो-रोकर उसकी आंखें लाल हो गई थीं...


प्यार पर घात (भाग-1),

प्यार पर घात (भाग-2) और

प्यार पर घात (भाग-3) के आगे…

प्यार पर घात (भाग-4)


हे भगवान! लगता है स्नेहा ने श्लोक का प्रेम अनुरोध स्वीकार कर लिया... 

श्वेता को बहुत अफसोस हुआ कि उसने अपने पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया, क्यों अपने प्यार पर घात करा दिया?

रात भी उससे ठीक से खाना नहीं खाया गया।

पर अगले दिन से उसने office join कर लिया, आखिर कितने दिन की छुट्टी लेती और किसके लिए?

Office तो उसने ज़रूर join कर लिया था, पर मन उसका टूट गया था। तो वो गुमसुम-सी अपने काम में लगी रहती। 

खाना उससे खाया नहीं जा रहा था तो शरीर में ताकत बनाए रखने के लिए वो नींबू पानी, सूप, सलाद, फल और हल्का-फुल्का खाना, आदि ही ज्यादा खा रही थी। 

हाँ, एक काम उसने ज़रूर start कर दिया था कि उसने अपना ख्याल रखना शुरू कर दिया था, जैसे एक बार beauty parlour में जाकर facial, hair colouring, padicure, manicure करा लिया था।

अब beauty products के साथ homemade product use कर रही थी। हल्की-फुल्की exercise भी कर रही थी, अपना रूप निखारने के लिए...

उधर श्लोक का office से देर से आना और अपने में ही खोए रहना और उसे ignore करना जारी था।

दिन, हफ्ता, महीना बीत गया...

अब तो office में श्वेता के दीवानों ने भी उसके इर्द-गिर्द मंडराना शुरू कर दिया था।

एक दिन श्लोक office से एक घंटा पहले ही घर आ गया, उस दिन श्वेता ने श्लोक की पसंद की red colour की साड़ी पहनी थी और उसके बाल खुले हुए थे, क्योंकि वो उन्हें बांध नहीं पाई थी।

श्लोक, श्वेता को एकटक देखते हुए बोला, बच्चे कहां हैं?

बच्चे तो खेलने गए हैं, कि‌ पापा तो एक घंटा देरी से ही आएंगे।

श्लोक ने श्वेता को बाहों में भर लिया, आहा! क्या बात है madam, बिजली गिरने के mood में हैं। Coffee पीने चलें?

ओह! क्यूं आज आपकी स्नेहा ने coffee पीने से मना कर दिया था, जो जल्दी चले आए और coffee पीने चलने की बात कर रहे हो... श्वेता ने श्लोक की बाहों से छिटक कर बोला...


आगे पढ़ें, प्यार पर घात (अंतिम भाग) में…

Wednesday, 25 June 2025

Story of Life : प्यार पर घात (भाग-3)

उसे श्लोक की jeans में एक गुलाबी, खूशबूदार काग़ज़ और एक दस का सिक्का मिला।

काग़ज़ को पढ़कर श्वेता के पैरों तले जमीन खिसक गई...


प्यार पर घात (भाग-1) और

प्यार पर घात (भाग-2) के आगे…

प्यार पर घात (भाग-3)


आह! यह क्या?

उसने बहुत बार उस कागज़ को पढ़ा, पर हर बार स्नेहा से प्रेम अनुरोध ही दिखा...


“प्रिय स्नेहा 

तुम इतनी सुन्दर हो, कि न चाहते हुए भी तुमसे स्नेह हो जाता है। श्वेता की बेडोल figure के आगे, तुम्हारी figure तो कमाल की है। उसके साथ रहते हुए मेरी जिंदगी नीरस हो गई है। उसके साथ कहीं बाहर निकलने का भी मन नहीं करता, कौन drum के साथ घूमने जाए। अगर तुम्हें ऐतराज़ न हो, तो ज्यादा नहीं, बस क्या शाम के कुछ घंटे मुझे दे सकती हो, मेरा प्रेम अनुरोध समझकर...

तुम्हारे स्नेह के प्रति उत्तर में श्लोक...”


आखिर कब और कैसे श्लोक स्नेहा से स्नेह करने लगा? 

तभी उसे याद आया कि एक दिन, जब वो सारे काम खत्म करके श्लोक के पास आई थी, तो उस ने कहा था कि सारे काम निपटा लो, बस मेरा ही मत सोचा करो, कि कभी मेरे पास भी जल्दी आ जाओ...

अरे इतने काम रहते हैं, खत्म ही नहीं होते, कितना भी जल्दी कर लूं। तुम्हारा क्या है, office से आकर खा-पीकर आराम से बिस्तर पर। श्वेता तुनककर बोली...

श्लोक भी भरा बैठा था, इंतजार करते हुए, तो चिढ़कर बोला - तुम भी वही हो, काम भी वही, पर जब अपना ही शरीर बोझ हो, तो काम कैसे जल्दी हो...

श्लोक! चीख पड़ी थी श्वेता।

फिर अपनी तकिया उठाकर सोफे पर जा धंसी थी, पूरी रात रोते-रोते कटी थी... पर श्लोक बेखबर सोता रहा।

ओह! श्लोक बाबू, स्नेहा से दिल लगा बैठे थे, तभी मुझे जलीकटी सुना रहे थे...

हाय! अब मेरा और मेरे बच्चों का क्या होगा, निर्मोही श्लोक पर सारी जवानी तबाह कर दी। अब जैसी वो दिखती है, ऐसे में कौन उसे पूछेगा?

उसने भारी मन से फोन करके office से तीन दिन की छुट्टी ले ली। 

वो पूरे दिन अनमनी सी रही... रो-रोकर उसकी आंखें लाल हो गई थीं...


आगे पढ़ें, प्यार पर घात (भाग-4) में…

Tuesday, 24 June 2025

Story of Life : प्यार पर घात (भाग-2)

वही लोग आज मेरे पास फटकना तो दूर, देख भी नहीं रहे थे...

कहीं तुम भी बदल तो नहीं जाओगे? मुझसे मुंह तो नहीं मोड़ लोगे?

आह! कैसी बात करती हो श्वेता?


प्यार पर घात (भाग-1) के आगे…

प्यार पर घात (भाग-2)


तुमने मेरे प्यार को खोखला समझ लिया है क्या? या खाली खूबसूरती पर टिका समझ लिया है।

मेरी पहली और आखिरी पसंद हो तुम... तुम जैसी हो, वैसी ही मेरी हो...

I love you, यह कहकर श्वेता, श्लोक के गले लग गई...

कुछ देर बाद श्लोक तो गहरी नींद में सो गया, पर श्वेता उसको देख-देखकर निहाल हुई जा रही थी, कि उसे कितना प्यार करने वाला मिला है।

शादी के दस साल बीत गए थे। उनका परिवार पूरा हो गया था, शौर्य और शिप्रा दो प्यारे बच्चों के साथ, पर श्वेता की व्यस्तता समय के साथ बढ़ती गई। 

श्वेता ने परिवार और काम में अपने आपको इतना डुबा दिया था कि अब वो अपना तनिक भी ध्यान नहीं देती थी। नतीजतन 30 की उम्र होने के बावजूद वो 45 साल की दिखने लगी थी। 

बेडोल शरीर, कच्चे-पक्के बाल, बिना glow का चेहरा... कोई कह नहीं सकता था कि यह वही श्वेता है, जो अपने college की miss fresher and farewell रही थी।

श्लोक भी श्वेता के प्यार की एक झलक पाने को तरस जाता था। घर से बाहर वो जाते नहीं थे, क्योंकि बच्चे बाहर निकलते ही restaurant, mall, खिलौने और dresses की ज़िद्द करने लगते थे।

मतलब जिंदगी को खूबसूरत कहने को कुछ नहीं रह गया था।

एक दिन श्वेता श्लोक के कपड़े धोने के लिए डाल रही थी तो हमेशा की तरह सब जेबें खंगालने लगी कि जरूरत का कुछ है तो नहीं..

उसे श्लोक की jeans में एक गुलाबी, खूशबूदार काग़ज़ और एक दस का सिक्का मिला।

काग़ज़ को पढ़कर श्वेता के पैरों तले जमीन खिसक गई...


आगे पढ़ें, प्यार पर घात (भाग-3) में...

Monday, 23 June 2025

Story of Life : प्यार पर घात (भाग-1)

प्यार पर घात (भाग-1)


श्लोक और श्वेता, अपने college के most popular students थे।‌ दोनों एक-दूसरे को compliment करते हुए, दोनों पढ़ाई में तेज, debate में expert, देखने में श्लोक बेहद smart और श्वेता गज़ब की खूबसूरत...

समय के साथ दोनों नजदीक आने लगे और एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगे।

ऐसी बातें छुपती तो है नहीं, तो उनके घर वालों को पता चल गई।

दोनों परिवार आपस में मिले और मिलकर बहुत खुश हुए। उन्होंने श्लोक और श्वेता को विवाह के अटूट बंधन में बांध दिया।

उन दोनों ने सोचा भी नहीं था कि सब इतनी आसानी से और जल्दी से हो जाएगा। 

पर वो खुश बहुत थे, कि उनके प्यार को उनके परिवार का साथ मिल गया।

एक दूसरे में खोए, उनकी जिंदगी सुखपूर्वक व्यतीत होने लगी।

कुछ सालों बाद ही, दोनों परिवारों से दबाव पड़ने लगा कि अब उन्हें अपने जीवन को संपूर्णता देने के लिए बच्चे की planning करनी चाहिए।

दोनों working थे तो इतनी जल्दी बच्चे की planning नहीं करना चाहते थे। पर परिवार की इच्छा को नकार देना भी नहीं चाहते थे, आखिर निर्विवाद उन्होंने उन दोनों को एक जो किया था।

Finally उन्होंने बच्चा plan कर ही लिया... 

पूरे नौ महीने श्वेता को problem रही, पर श्लोक ने जी-जान से सलीना का भरपूर ख्याल रखा।

आखिर वो दिन भी आया, जब उनके घर शौर्य ने जन्म लिया। उसके होने से हर ओर आनंद ही आनंद छा गया।

लेकिन शौर्य के होने के कुछ महीने बाद से ही उनकी जिंदगी ने करवट बदलनी शुरू कर दी।

श्वेता बच्चे में इतनी रम गयी कि उसे न श्लोक का ख्याल था, न अपना...

साथ ही pregnancy के कारण उसने गजब का weight put-on कर लिया था, जिसे वो चाहकर भी कम नहीं कर पा रही थी, या यूं कहें कि करना ही नहीं चाह रही थी।

शौर्य, जब 6 महीने का हो गया, तो श्वेता ने फिर से office join कर लिया। अब तो रहा-सहा समय भी जाता रहा। 

लेकिन एक बात श्वेता ने जरूर से notice की थी कि office में पहुंचने के बाद ही उसके पास, उसके दीवाने मंडराने लगते थे, जो अब उससे कन्नी काट रहे थे।

शायद उसके weight put-on करने से...

Office से लौटकर, उसी रात सारे काम खत्म करके वो जब श्लोक के नजदीक पहुंची तो श्लोक ने देखा कि श्वेता कुछ मुरझाई-सी हुई थी।

क्या हुआ, मेरी beautiful wife को, श्लोक ने बड़े प्यार से श्वेता की लंबी घनी जुल्फों में हाथ फेरते हुए कहा...

क्या beautiful wife, श्लोक... मैंने बहुत weight put-on कर लिया है, office में मौजूद मेरे सारे दीवाने, जो बात-बे-बात मेरे पास ही डोलते रहते थे। 

वही लोग आज मेरे पास फटकना तो दूर, देख भी नहीं रहे थे...

कहीं तुम भी बदल तो नहीं जाओगे? मुझसे मुंह तो नहीं मोड़ लोगे?

आह! कैसी बात करती हो श्वेता?


आगे पढ़ें, प्यार पर घात (भाग-2) में...

Saturday, 21 June 2025

India's Heritage : योग साधना

आज योग दिवस पर भारतीय विरासत के अंतर्गत योग के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां share कर रहे हैं। 

सबसे पहले तो यह बताते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि योग भारत की देन है...

योग की उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी। इसे सिंधु-सरस्वती घाटी सभ्यता (2700 ईसा पूर्व) से भी जोड़ा जाता है, जहां कुछ लोग योग के अभ्यास के साक्ष्य मानते हैं।

योग साधना


कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि योग, पूर्व-वैदिक युग में पूर्वी भारत में उत्पन्न हुआ था, जबकि अन्य वैदिक युग में या श्रमण परंपराओं में इसकी उत्पत्ति मानते हैं।

योग के इतिहास को चार अवधियों में विभाजित किया जा सकता है: वैदिक काल, पूर्व-शास्त्रीय काल, शास्त्रीय काल और उत्तर-शास्त्रीय काल। 


योग का उल्लेख क्या किसी धर्म ग्रंथ में भी किया गया है?

योग के सबसे पहले उल्लेख ऋग्वेद में मिलते हैं, जो हिंदू धर्म के चार पवित्र ग्रंथों में से सबसे प्राचीन है। ऋग्वेद में योग को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के साधन के रूप में वर्णित किया गया है।


पर इसे योग ही क्यों कहते हैं?

योग शब्द संस्कृत से आया है जिसका अर्थ है "जोड़ना" या "एकजुट होना"।

योग विज्ञान का अभ्यास हम अपने मन, शरीर और आत्मा को एक साथ लाने के लिए करते हैं।

योग एक ऐसी साधना मानी जाती है, जिसे सर्वोच्च स्थान दिया गया है, जिसे सम्पूर्ण और सर्वश्रेष्ठ होने का मान दिया गया है।


पर इसका कारण क्या है?

कारण यह है कि योग साधना के द्वारा मनुष्य अपने शरीर के हर अंग की exercise एक जगह बैठ कर सकता है। इससे शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ और और सशक्त बनाया जा सकता है। इसके लिए मीलों दौड़ना या दुनिया भर के व्यायाम नहीं करना पड़ते है। इस कारण से इसे सम्पूर्ण और सर्वश्रेष्ठ कहते हैं।

पर इसे सर्वोच्च कहने का तात्पर्य, शारीरिक संपन्नता और सशक्त होने के कारण नहीं है।

बल्कि इसे सर्वोच्च स्थान देने का एक ही कारण है, और वो यह है कि ईश्वर से जुड़ने के लिए, उनमें समा जाने के लिए योग साधना सबसे सरल मार्ग है।

योग साधना के द्वारा भक्त ईश्वर से जुड़ जाता है, उनमें समा जाता है। योग साधना ही ऐसा उपाय है, जिससे जीवन की यात्रा पूर्ण हो जाती है। अर्थात् मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

मतलब ईश्वर से विलग होकर पुनः ईश्वर में संलग्न होना, योग साधना से ही संभव है।


पर आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे?

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 

हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी अल्पाहारी और योग के पुजारी हैं। इस कारण इस उम्र में भी वो पूर्णतः स्वस्थ और सशक्त हैं।

साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA - United Nations General Assembly) में अपने भाषण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने का प्रस्ताव दिया था जिसके बाद 21 जून 2015 के दिन पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था।

11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) में पारित करने के लिए सबसे कम समय है।


आइए, आज के दिन को योग साधना को समर्पित करें और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं।

स्वस्थ रहें, सशक्त रहें।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Wednesday, 18 June 2025

Recipe : Baked Mac ‘n’ Cheese

Kids की summer vacation में चार चांद लगाने के लिए उनकी एक और favourite dish share कर रहे हैं। इसको देखकर ही वो ख़ुशी से उछलने लगेंगे।

वो dish है, Baked Mac ‘n’ Cheese...

यह Macaroni की ही एक dish है, लेकिन नये flavour में, more cheesy, more juicy...

Baked Mac ‘n’ Cheese


I) Ingredients :

  • Macaroni - 250 gm.
  • American sweet corn - 100 gm.
  • Butter - 1 tbsp.
  • Maida (refined flour) - 1 tbsp.
  • Creamy cheese - 100 gm.
  • Salt - according to taste
  • Pepper - according to taste
  • Milk - 100 ml. 
  • Oregano - for garnishing
  • Chilli flakes - for garnishing


II) Method :

Macaroni Boiling -

  1. 1 saucepan में ½ litre पानी लें।
  2. उसमें sweet corn, ½ tbsp. salt और कुछ drops olive oil की डाल दें।
  3. Saucepan को high flame पर रख दें।
  4. जब पानी उबलने लगे, तो macaroni इसमें डालकर कर al dente होने (एक किनकी रहने) तक boil कर लीजिए।
  5. Perfect boiling के बाद, macaroni को छान लें, फिर fresh water से दो से तीन बार wash कर लीजिए।


White-sauce preparation -

  1. एक wok को flame पर रखें। इसमें 1 tbsp. butter और refined flour डालकर stir करें। पर ध्यान रखें, मैदा भूरा हो जाए, उसके पहले ही gas off कर देनी है।
  2. अब इसे थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दीजिए।
  3. अब इसमें दूध और cheese डालकर vigorously mix कीजिए, जिससे lump-free और smooth sauce बने। अब इसमें salt and pepper डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।

White sauce is now ready.


Mac ‘n’ Cheese - 

  1. एक microwave safe bowl ले लीजिए।
  2. इसमें boiled macaroni (with sweet corn), white sauce, chilli flakes and herbs डालकर mix कर लें।
  3. अब इसे convection mode में 250°C पर 8 to 10 minutes (or slightly browning तक) के लिए bake कर लें। या फिर microwave mode पर 5 minutes के लिए bake कर लीजिए।
  4. अब इसे oregano और chilli flakes से garnish कर लें।

Mac ‘n’ Cheese is now ready to serve. Enjoy the Italian dish with your friends and family.


III) Tips and Tricks :

  • Macaroni की perfect boiling इस dish का key point है। हमने इसके लिए भी एक post डाली है, जिसे पढ़ने के लिए नीचे दिए गए link पर click करें - https://shadesoflife18.blogspot.com/2020/09/tips-perfect-boiling-for-pasta-noodles.html?m=1
  • आप चाहें तो creamy cheese की जगह cheese slice(s) या diced cheese भी use कर सकते हैं।
  • More cheesy flavour के लिए macaroni में ऊपर से diced or grated cheese डालकर bake करें।

तो देर किस बात की? आज ही Baked Mac ‘n’ Cheese बनाएं और बच्चों को surprise दें।

Sunday, 15 June 2025

Poem : पिता भी हैं ज़रूरी

आज father's day है। एक दिन उसको समर्पित है, जिसका अस्तित्व होने से, जिसका साथ होने से जिंदगी पूर्ण हो जाती है। नये आयाम नयी सफलता लाती है।

Love you Papa 💞

पिता भी हैं ज़रूरी


संसार में आने के लिए,

माँ हैं ज़रूरी।

पर जीवन के लिए,

क्यों पिता हैं ज़रूरी?


माँ जननी हैं, 

तो जनक पिता हैं।

माँ प्रकृति हैं,

तो संस्कृति पिता हैं।


माँ सृष्टि हैं,

तो वृष्टि पिता हैं।

माँ निर्माता हैं,

तो संचालक पिता हैं।


दोनों का,

ही सानिध्य।

एक दूजे को,

अस्तित्व दिलाता है।


साथ हो दोनों,

तभी तो।

यह संसार,

संपूर्ण कहलाता है,


बिन माँ के, 

दुनिया है अधूरी।

पर पूर्णता के लिए,

पिता भी हैं ज़रूरी।


❤️ Happy Father's Day  ❤️ 

Saturday, 14 June 2025

Article : Ahmedabad Plane Crash

अहमदाबाद में हुए plane crash से हर कोई दहल गया है। एक ऐसी दुर्घटना जिसने अपनी चपेट में 265 लोगों को ले लिया। इसमें 241 departed विमान में सवार passengers और cruise members थे। साथ ही 5 MBBS के students, एक PG resident doctor, super specialist doctor की wife भी, मृत्यु को प्राप्त हो गये, जो Bj medical hostel में थे, जहां plane crash हुआ था।

Air India की Boeing 787 Dreamliner flight AI-171 ने गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए takeoff किया था। इसमें 169 Indians, 53 Britishers, 7 Portugese और एक Canadian नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। दो मिनट बाद ही flight crash हो गई।

Ahmedabad Plane Crash


इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 crew members थे। मृतकों में गुजरात के former CM विजय रूपाणी भी शामिल हैं, जबकि सिर्फ एक यात्री विश्वास कुमार रमेश की जान बच पाई है।

Flight Ahmedabad to Britain थी। एक ऐसी flight, जिससे जाने के लिए लोगों ने न जाने कितने सपने संजोए थे।

कोई अपनी पत्नी और बेटी से मिलने जा रहा था, तो कोई अपने साजन से, अपने विवाहित जीवन को साकार करने, तो कोई अकेले जीवन काट-काटकर थक चुका था तो अपने परिवार को साथ लेकर जा रहा था जीवन सार्थक करने, कोई अपने जीवन साथी के साथ एक सुकून की यात्रा में जा रहे थे, तो कुछ crew members अपनी पहली International flight मिलने के कारण excited थे। ऐसे ही न जाने कितने सपने जुड़े हुए थे, इस flight के साथ...

इस plan में बैठे हुए सपनों के यात्रियों के अलावा कुछ और लोग भी थे, जो इस से न जुड़े हुए होने के बावजूद भी इस दुर्घटना से जुड़ गए थे।

और वो लोग थे, B.J. medical boys hostel के students...

सपने उनके भी थे, सफल doctors बनने के। पर, उनका इस flight से कोई मतलब नहीं था।‌ 

दूर-दूर तक किसी ने सोचा नहीं था कि इनका आपस में कोई संबंध होगा।

पर होनी ऐसी प्रबल थी, जिसने दोनों को मिला दिया।  

Flight जब takeoff हुई तो सब perfect था। मौसम, समय और flight pilot सुमित... सुमित बहुत ही trained and confident pilot था। उन्हें 8200 घंटों का experience था।

उसने खुद भी नहीं सोचा था कि यह उसकी last flight है, और वो भी सिर्फ 35 seconds की...

आजकल अहमदाबाद लंदन flight crash की चर्चा हर ओर हो रही है। पर जिनके अपने चले गए, वो कभी लौट कर नहीं आएंगे। उनकी रह जाएंगी केवल यादें...

हालांकि भारत सरकार ने अपनी तरफ़ से हर संभव प्रयास आरंभ कर दिए हैं, कि इस घटना से जितने लोग को बचाया जा सके, बचा लें, जिसके चलते 45 medical students को बचाया गया है। 

प्रधानमंत्री मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे, साथ ही घायलों और मृतकों के परिवार वालों से मिले।

Tata group, जिनकी Air India पर ownership है, उन्होंने अब साफ कर दिया है कि एक करोड़ रुपये की सहायता राशि हर उस व्यक्ति के परिजनों को दी जाएगी, जिसने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है। यानी सहायता राशि पाने के हकदार उन 24 लोगों के परिवार भी होंगे, जो विमान में सवार नहीं थे लेकिन इस हादसे में उनकी जान गई है। इनमें पांच MBBS के students, एक PG resident doctor और super-specialist doctor की wife भी शामिल हैं। हालांकि, ऐसे मृतकों के संबंध में अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है, जो विमान में सवार नहीं थे।

Tata group ने यह भी स्पष्ट किया है कि हादसे में घायल हुए सभी लोगों के इलाज का खर्च वहन करने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनको पूरा सहयोग और जरूरी देखभाल मिले। हम Bj medical college के hostel की building के reconstruction में भी सहायता करेंगे।

इस flight crash ने जीवन की उस सच्चाई को एक बार फिर से उजागर कर दिया, कि “कल क्या होगा, किस को पता, अभी ज़िंदगी का ले लो मज़ा।”

या

न जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए, न जाने कब जिंदगी तमाम हो जाए, सपने सजा लो जितने भी, होगा वही जो सोचा हो उसका ही...

तब किया क्या जाए?

इतना ही, कि अपने बड़ों की खूब सेवा करें, क्योंकि उनका आशीर्वाद ही हमें जिंदगी के सभी सुख प्रदान करते हुए पूर्णतः सुरक्षित रख सकता है।

हे ईश्वर, उन सभी मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करें, परिवार वालों को सहनशक्ति प्रदान करें और हम सब लोगों को सुरक्षित रखें ।

ईश्वर की कृपा सब पर बनी रहे 🙏🏻 🙏🏻 

Thursday, 12 June 2025

Article : Would be 3rd Position

बहुत से लोगों का कहना है कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से क्या? वो कर क्या रहे हैं।

तो वो कर क्या रहे हैं, यह तो उन्होंने खुद बताया है।

“विकसित भारत, अब उससे कुछ कम नहीं।”

उन्होंने कहा था कि भारत की economy 2025 तक 4 trillion dollars तक ले जाएंगे और उसे विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बनाएंगे।

इस बीच आतंकवादी हमला और पाकिस्तान से एक छोटे से युद्ध के बावजूद, भारत अर्थव्यवस्था में 4th position पर पहुंच ही गया।

जो देश प्रेमी हैं, वो तो बहुत खुश हुए होंगे, पर उससे अलग लोगों में से कुछ लोगों ने इसे कोई तवज्जो नहीं दी होगी, तो कुछ के तो सीने पर सांप लोट गया होगा। 

पर जो देश भक्त होंगे, उन्हें दिख रहा होगा कि वो दिन दूर नहीं जब भारत 3rd position पर भी जल्दी ही पहुंच जाएगा।

ऐसे कैसे?

Would be 3rd Position


तो जरा देखिए :

अमेरिका approx 30 trillion dollars के साथ 1st position पर, चीन approx 19 trillion dollars के साथ 2nd position पर, जर्मनी 4.744 trillion dollars के साथ 3rd position पर, और भारत 4.187 trillion dollars के साथ 4th position पर है।

आपको पता है देश के इतनी तेजी से आगे बढ़ने का कारण क्या है?

इसका कारण है make in India, strong defence system and digital India...

यह तीनों ही कारण हैं, जिससे देश इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि अमेरिका और चीन जैसे बड़े-बड़े देश, सब हैरान हैं...

हालांकि बात चाहे make in India की रही हो, देश की सुरक्षा व्यवस्था की या digital India की, विपक्ष और देश विरोधियों ने हमेशा मजाक उड़ाया, इनका implementation नामुमकिन है, ऐसा कहकर हतोत्साहित भी किया गया।

पर डटी रही भारत सरकार, नामुमकिन को मुमकिन करने में।

और कर भी दिखाया, और इस राह पर आगे ही आगे बढ़ते जा रहे हैं।

अगर किसी भी देश ने यह संभव कर दिखाया, तो उसे number 1 बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

Make in India and strong defence तो समझ आता है, पर digital India क्यों जरूरी है??

जब जमाना AI का है, तो smart भी बनना पड़ेगा, उसके कारण ही digital... 

पर साथ ही एक कारण और है digital India का...

UPI का बढ़ता प्रयोग।

आजकल बड़े-बड़े लोगों से लेकर हर छोटे-बड़े दुकानदार, सब्जी वाले, दूध वाले, रिक्शा, ठेले-ढकेले वाले, सब के पास UPI है।

इस UPI ने भी 4th position लाने में बहुत योगदान दिया है।

साथ ही साथ UPI भारत में unity और integrity को दर्शाता है। किसी भी religion, place of birth या economic status का इंसान इसे use कर सकता है, वो भी बिल्कुल free, जो India को सशक्त बनाने में help कर रहा है।

Free of cost service के कारण बाकी देश भी इसकी ओर अपना interest दिखा रहे हैं। 

अगर किसी देश को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर रहना है, तो उसकी currency का worldwide usage भी देश-विदेश में होना चाहिए। USD ($) एक international currency है, इसलिए USA एक super power है।

UPI के कारण हमारे देश की currency INR (₹) भी international currency बनने जा रही है।

यही कारण है कि अमेरिका और चीन भारत के बढ़ते कद से डर भी रहे हैं और चिढ़ भी रहें हैं।

और जिस तरह से भारत ऊंची से ऊंची छलांग लगा रहा है, तो वो दिन भी दूर नहीं जब भारत तीसरे स्थान पर तो क्या प्रथम स्थान पर पहुंच जाएगा।

हर field में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, फिर चाहे defence system हो, technology हो, invention हो, intelligence हो, sports हो, economy हो, trade हो, infrastructure हो, agriculture हो...

जिस सरकार का vision इतना अच्छा है, वो सफलताओं के नित नए आयाम स्थापित करेगी ही...

तो जनाब, अपनी कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, क्योंकि भारत supersonic रफ़्तार से उड़ने की तैयारी में है।

और हम सब साक्षी होंगे, भारत के स्वर्ण काल में पहुंचने के...

उस खूबसूरत, सशक्त और सुदृढ़ देश के, जहां हर कोई आना चाहेगा।

शायद फिर प्रतिभा पलायन न हो, हमारे youths को भारत में ही अपना भविष्य नजर आने लगे।

शायद बच्चे और मां-पापा हमेशा साथ-साथ रहें, एक दूसरे से दूर-दूर नहीं...

पर यह शायद हकीकत तब बनेगा, जब देश सही हाथों में बरकरार रहे और हम सब देशवासी अपना‌ कर्तव्य सही से समझें। अपनी जिम्मेदारी और अपने काम को सुचारू रूप से करें।

यह न देखें कि हम पर काम कितना पड़ रहा है, यह न देखें कि हमारी छुट्टियां कितनी कट गई...

क्योंकि जब हमें उन्नत देश चाहिए, तब मेहनत तो सबको ही करनी पड़ेगी।

तो क्या कहते हैं? करेंगे न? वो भी खुशी-खुशी...

उज्जवल देश होगा, तो भविष्य सुरक्षित रहेगा और हमारे बच्चे खुश...

तो एक बार अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर देश को सुरक्षित और समृद्धशाली बनाएं, जिससे भारत तीसरे या दूसरे स्थान पर नहीं, बल्कि पहले स्थान पर पहुंच जाए।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Wednesday, 11 June 2025

Recipe : Healthier Cajun Potatoes

आज कल BBQ nation का craze, सिर चढ़कर बोल रहा है, और उसमें भी Cajun Potatoes लोगों की one of the favourite dish हो गई है। Teenagers और बच्चे तो जैसे इसके दीवाने हो गए हैं...

तो चलिए, आज उसकी ही recipe share कर देते हैं। पर Shades of Life पर यह recipe आपको देखने को मिल रही है, तो उसमें कुछ twist भी होना चाहिए।

और वो twist है, healthier version...

Healthier Cajun Potatoes


I) Ingredients :

  • Baby potatoes - 1 kg.
  • Oil-free mayonnaise - 4 tbsp.
  • Fresh curd - 2 tbsp.
  • Garlic - 7 to 8 cloves
  • Kashmiri Red Chilli Powder - 1 tsp. 
  • Salt - as per taste 
  • Ghee - for shallow fry 
  • Rice flour - 1½ tbsp.
  • Cornflour - 3 tbsp. 
  • Milk - ½ cup
  • Onion - 3 tbsp. (finely chopped)
  • Parsley leaves - 1 tbsp. (finely chopped)


II) Method :

  1. Baby potatoes को अच्छे से wash करके उसे boil करने के लिए pressure cooker में डाल दीजिए।
  2. Cooker में ½ tsp. salt और पानी डालकर, 2 whistles high flame पर, और 1 whistle slow flame पर दे दीजिए।
  3. Pressure down हो जाने पर आलू निकाल कर ठंडा होने रख दीजिए।
  4. आलू पूरी तरह से ठंडा हो जाए तो उसे दबाकर चपटा कर लीजिए।
  5. एक bowl में rice flour, cornflour, salt and water डालकर slurry prepare कर लीजिए।
  6. एक non-stick frying pan में थोड़ा-सा घी डालकर गर्म कीजिए।
  7. चपटे हुए आलू को slurry में dip करके pan में डालकर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक slow flame पर shallow fry कर लीजिए।
  8. Mean while, mixer grinder में oil-free mayonnaise, दही, नमक, garlic, दूध और Kashmiri Red Chilli Powder डालकर fine sauce prepare कर लीजिए।
  9. अब serving plate पर golden brown potatoes रखें। उन पर prepared sauce डालें, फिर इसे chopped onion और parsley leaves से garnish करें।

Healthier and tastier Cajun Potatoes are ready to serve.

आप इसे starter, snacks, tea time dish or side dish की तरह से serve कर सकते हैं। यह आपकी party में चार चांद लगा देंगे।


III) Tips and Tricks :

  • Baby Potatoes ही लीजिए, तभी ज्यादा authentic और tasty flavour आएगा।
  • आलू छिलकों सहित ही उबाला और बनाया जाएगा, यही उसे proper taste देगा।
  • आलू slow flame पर ही shallow fry कीजिए, जिससे आलू अंदर तक juicy and crispy बने। यही इस dish का key point है।
  • Authentically, इसका sauce mayonnaise और schezwan sauce के mix से ready करते हैं। आप चाहें तो उस flavour में भी बना सकते हैं।
  • हमने healthier version बनाने के लिए oil-free mayonnaise use की है, जिसकी link कुछ इस प्रकार से है - https://shadesoflife18.blogspot.com/2025/01/recipe-oil-free-mayonnaise.html?m=1
  • आप curd की quantity अपने taste के according घटा या बढ़ा सकते हैं। Curd sauce को tangy flavour देता है।
  • बहुत से लोग schezwan sauce नहीं खा पाते हैं, इसके ही कारण हमने अपने बनाए sauce में schezwan sauce नहीं डाला है।
  • बल्कि उस जैसे similar taste के लिए, garlic, kashmiri Red Chilli Powder and curd use किया है। इससे sauce mild spicy flavour का बनता है।
  • आपको hot and spicy flavour चाहिए तो आप schezwan sauce डाल सकते हैं। 
  • आप garlic cloves भी अपने taste के according avoid करना चाहें तो कर सकते हैं। 
  • Slurry pouring consistency की prepare कीजिए, न पतली हो न बहुत गाढ़ी, क्योंकि पतली slurry आलू पर चढ़ेगी नहीं और गाढ़ी होने से वो इतना ज्यादा चढ़ जाएगी कि वो crispy potatoes की जगह आलू की पकौड़ी बन जाएगी।

तो बस आज ही इसे बनाएं, और इसे खाकर बच्चों को खुशी से झूमने दें, क्योंकि यह tasty भी है और healthy भी...


Tuesday, 10 June 2025

India's Heritage : बड़ा मंगल क्यों

आपको अपने article बड़ा मंगल में जानकारी share की थी, कि कहां-कहां बड़े मंगल की मान्यता है और क्यों है?

आज के India's Heritage segment में बड़े मंगल से जुड़ी हुई कहानी या किंवदंती share कर रहे हैं।

आखिर क्यों, लखनऊ शहर को गंगा-जमुना-तहजीब से भी पुकारा जाता है।

आखिर क्यों, लखनऊ जैसे मुसलमानी शहर में हनुमानजी की इतनी आस्था है, कि हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदाय के लोग बहुत जोश के साथ बड़ा मंगल की पूजा-अर्चना और भंडारा आयोजित करते हैं।

आपको यह तो पता है, कि बड़े मंगल का आयोजन लखनऊ में ही सबसे उल्लास से मनाया जाता है। पूजा-अर्चना के साथ ही जगह-जगह भंडारे भी किए जाते हैं...

पर क्यों? चलिए जानते हैं, क्या है वजह...

बड़ा मंगल क्यों


अलीगंज हनुमान मंदिर निर्माण :

लखनऊ में बड़ा मंगल की शुरुआत अवध के नवाबों के समय हुई थी। एक मान्यता के अनुसार, अवध के नवाब शुजाउद्दौला की बेगम आलिया थी, उनकी कोई संतान नहीं थी।

बेगम इस बात से बहुत दुखी थीं। एक दिन उनको ख्वाब में बजरंगबली की मूर्ति दिखाई दी, जो उनसे कह रही थी कि वो एक टीले के नीचे दबी हुई है, अगर उसे वहां से निकल कर मंदिर बनवाया जाए, तो वह माँ बन सकती हैं।

सपने के अनुसार ही खुदाई की गई, वहां सचमुच में भगवान हनुमानजी की मूर्ति थी।

उस मूर्ति को हाथी पर रख कर लाया जाने लगा, लेकिन अलीगंज पहुंच कर हाथी एक कदम न आगे बढ़ा। तब यह निर्धारित किया गया कि वहीं मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया जाए।

मंदिर निर्माण के ठीक नौ माह बाद आलिया बेगम को पुत्र प्राप्ति हुई।


दूसरी कहानी के अनुसार :

अवध के नवाब वाजिद अली शाह की बेगम रूबिया थी। उनके बेटे की तबीयत अत्यधिक खराब हो गई थी। किसी हकीम लुकमान के पास कोई इलाज नहीं था। अंततः उन्होंने अलीगंज के हनुमान मंदिर में मंगलवार को प्रार्थना की और कहा बेटे के ठीक होने पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराएंगे।

उनका पुत्र उसके बाद बहुत जल्दी पूर्ण रूप से ठीक हो गया, उसके बाद उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।


भंडारे का आयोजन :

यह माना जाता है कि इसके कुछ समय बाद फिर एक आपदा आई, पूरे राज्य में एक महामारी फैल‌ गई। एक बार पुनः रूबिया ने हनुमान जी की पूजा और अनुष्ठान किया, जिससे महामारी समाप्त हो गई।

इस घटना के बाद, बेगम ने अलीगंज के हनुमान मंदिर में भंडारा करवाया, उनके साथ ही प्रजा ने भी जगह-जगह अपनी सामर्थ्य के अनुसार भंडारा करवाया और तभी से हर साल ज्येष्ठ मास के हर मंगलवार को भंडारे का आयोजन किया जाने लगा। 

यह कहानियां दर्शाती हैं कि हनुमान जी केवल भक्ति और श्रद्धा देखते हैं, जो भी सच्चे मन से उन्हें पूजता है, उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं।

दूसरा भारत में गंगा-जमुना तहजीब थी, जिसमें यदि सब मिलकर रहें तो देश सुदृढ़ और सुरक्षित रहता है। इसका जीता-जागता उदाहरण है लखनऊ शहर, और वहां आयोजित होने वाला बड़ा मंगल का त्योहार, जिसमें हिन्दू-मुस्लिम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

ज्येष्ठ मास के आखिरी बड़े मंगल की हार्दिक शुभकामनाएँ, हनुमान जी की कृपा दृष्टि सब पर बनी रहे 🙏🏻

बजरंगबली की जय 🚩

Monday, 9 June 2025

Article : Chenab Railway Bridge - The High Rise India

कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना, Chenab Railway Bridge, विश्व का सबसे ऊंचा bridge है।

इस bridge के बनने से कश्मीर पूरे देश से जुड़ गया।

कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ने का सपना, अंग्रेजों के समय से देखा जा रहा था।

ऐसा नहीं है कि इसे बनाने की कोशिश नहीं की गई, पर सपना, सपना ही बना रहा, क्योंकि इसे पूरा कैसे किया जाए, यह सोच पाना भी मुश्किल था।

Chenab Railway Bridge - The High Rise India


2003 में कांग्रेस सरकार ने चिनाब रेलवे पुल बनवाने का कार्य शुरू कराया, जो 2009 तक पूरा हो जाना था, मगर तेज़ हवाओं के चलते ऐसा हो न सका। उसके बाद यह project लगभग ठप पड़ गया।

2014 में मोदी जी ने इसका परीक्षण किया और आवश्यक fund release कराया। Chenab railway bridge का कार्य शुरू हुआ। इस पुल को बनाने में 1486 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

काम बहुत ही कठिन और लगभग असम्भव था।

मगर अगर इरादे हों बुलंद और मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो, तो तेज़ हवाएं भी पथ नहीं रोकती हैं।

काम शुरू हुआ और बेहद उम्दा प्रदर्शन के साथ हमारे engineers अपने काम पर लग गए और पुल निर्माण संभव हो गया।

आपको अगर उस पूरे process को देखना है, तो आपको उसके video internet पर मिल जाएंगे।

जब आप उसे देखेंगे, तो आप पाएंगे कि भारत technology में बहुत आगे निकल गया है। उसी का परिणाम है chenab railway bridge, जो अपनी विशेषताओं से भरा हुआ है।


I) Strength :

इसमें 30000 metric tons (3 crore kgs) steel लगा, जिसमें SAIL (Steel Authority of India Limited) ने 16000 (1.6 crore kgs) metric tons steel supply किया है। SAIL की ओर से तैयार TMT and steel plate को दुनिया भर में excellent quality वाला माना जाता है। इससे यह बहुत ही strong and durable बना है।


II) Resistance to :

• Earthquakes -

इसमें इस तरह के shockers लगाए गए हैं कि यह richter scale पर magnitude 8 तक का भूकंप आने पर भी सुरक्षित रहेगा।


• Contact blast (explosion) -

40 metric tons के बम धमाके होने पर भी यह सुरक्षित रहेगा।


• Wind -

266 km/h की wind-speed होने पर भी यह सुरक्षित रहेगा।


• Temperature -

-20°C जैसे freezing तापमान पर भी यह सुरक्षित रहेगा। 


III) Height :

इसकी height समुद्र तल से 359 metres है। यह Eiffel Tower (300 metres) और Statue of Unity (182 metres) से भी बहुत लंबा है।

इसे विश्व का सबसे ऊंचा bridge कहा जा रहा है, क्योंकि यह चीन और अमेरिका में मौजूद tallest bridges से भी ऊंचा है।


IV) Arch :

इसका arch 467 metres का है, जो कि विश्व में अब तक के किसी भी bridge के arches में सबसे बड़ा है।


V) Length :

इस rail bridge की length 1315 metres है।


VI) Durability :

Experts and researchers का मानना है कि जिस मजबूती के साथ यह बनाया गया है, 120 साल तक यह मजबूती से टिका रहेगा।


भारत में Chenab railway bridge का निर्माण, विश्व में हमारे देश को नये आयाम, नयी ऊंचाई पर ले गया है, या यूं कहें कि Chenab railway bridge India का high rise है।

इस project को IISc. Bengaluru की professor माधवी लता and team ने पूरा किया है।

भारत को एक और विश्वव्यापी सफलता के लिए बहुत सारी बधाइयां। हमारा देश यूं ही ‘दिन दूनी रात चौगुनी’ तरक्की करें और विश्व विजेता कहलाए।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Sunday, 8 June 2025

Article : D Gukesh की गुरु दक्षिणा

Norway Chess (Open) में भारतीय खिलाड़ी, D Gukesh ने world no.1 player Magnus Carlsen को उनके ही देश Norway में classical chess tournament के 6th round में हराकर, अपने गुरु विश्वनाथन आनंद को गुरु दक्षिणा में अपनी जीत प्रदान की।

किसी भी गुरु के लिए इससे बड़ी गुरु दक्षिणा कुछ नहीं हो सकती है, कि जिस के कारण उसका अधिपत्य समाप्त हुआ हो, उसका शिष्य उसे ही हराकर आए।

क्या मतलब? 

D Gukesh की गुरु दक्षिणा


दरअसल 2007 से 2012 तक भारत के विश्वनाथन आनंद शतरंज के विश्व विजेता रहे। 2013 की world championship में उनका match Carlsen से हुआ, और उसने उस tournament में जीत हासिल कर विश्व विजेता के खिताब पर अपना नाम लिख दिया।

Norway Chess (Open) में विश्वनाथ आनंद के शिष्य गुकेश‌‌ ने Carlsen को उसके ही देश में हराकर, उसके निर्विवाद जीत को पूर्ण नहीं होने दिया।

मानो कह दिया, जैसे आपने मेरे गुरु से खिताब जीता था, आज मैंने आपको हराकर उन्हें गुरु दक्षिणा दे दी।

इससे Carlsen का यह घमंड चूर-चूर हो गया कि उसे कोई हरा नहीं सकता है। वो इस हार से इतना बैचेन हो उठा कि उसने यह तक कह दिया कि classical chess वो छोड़ देगा।

एक और घटना ऐसी हुई, जो भविष्य की ओर संकेत कर रही थी।

दरअसल Carlsen 6th round में जब गुकेश से हार गया तो उससे हार बर्दाश्त नहीं हुई और उसने गुस्से में जोर से एक मुक्का playing board की table पर मारा।

उसके मुक्का मारने से उस समय chess board पर Carlsen के जितने pieces थे, सब गिर गये। खड़े रहे तो गुकेश के king, knight and pawn...

और वो king piece मानो कह रहा हो, अब बहुत जल्द बादशाहत बदलने वाली है, और एक बार साम्राज्य फिर से भारतीयों का होने वाला है।

हम सब भारतवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारा 19 वर्षीय लाडला खिलाड़ी गुकेश जीत पर जीत हासिल करता जा रहा है।

गुकेश को उसकी जीत पर बधाइयाँ...

गुकेश की जीत का श्रेय, उसके खेल के प्रति उसका रवैया है, जिसकी तारीफ खुद Carlsen ने भी की है :

“गुकेश लड़ता है, और लड़ता है,और लड़ता है, चाहे स्थिति कितनी भी खराब क्यों न हो।”

 

डी. गुकेश से मिली करारी हार के एक दिन बाद Carlsen ने कहा कि मौजूदा विश्व champion की “ऊर्जा” (energy) और “लड़ाकू गुणों” (fighting quality) ने उन्हें जीत दिलाई़...

जिस भी किसी इंसान में अपने काम के प्रति यह रवैया रहेगा, उस को सफलता शत-प्रतिशत मिलेगी ही मिलेगी।

Norway Chess (Open) कल समाप्त हो गई, Carlsen का last match भारत के Arjun Erigaisi से था, और Carlsen के इस match में भी तोते उड़ गए। काफ़ी जद्दोजहद के बाद match draw ही हो पाया, जबकि armageddon match में win point Arjun को ही मिला।

Open category में last match में अगर गुकेश जीत जाता, तो tournament अपने नाम कर सकता था। काश‌! ऐसा होता, तो वो Norway Chess (Open) अपने नाम कर लेता, पर‌ ऐसा हो नहीं सका। कोई बात नहीं, better luck next time...

इस बार की एक जीत से Carlsen का घमंड टूट गया है और उसका confidence हिल गया है, अगली बार पूरी tournament ही Indians जीत लेंगे।

Norway Chess की open category और women's category, दोनों formats में total 4 Indian players थे।

Open category में गुकेश 3rd position और अर्जुन 5th position पर आया, वहीं women's category में Koneru Humpy 3rd position पर और Vaishali Rameshbabu 5th position पर आई...

यह एक बड़ी tournament थी और इसमें दोनों formats में Indian players का झंडा गाड़ देना, अपने आप में बड़ा achievement है।

सभी खिलाड़ियों को उनकी सफलताओं के लिए अनेकानेक बधाइयां...

जीत ऐसे ही भारत के हिस्से में आती रहे, और भारत का परचम हमेशा सर्वोपरि स्थान के लिए लहराता रहे 🙏🏻 

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Friday, 6 June 2025

Article : राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा

कल एक बार पुनः अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया।

बहुत से लोगों के मन में यह विचार आ रहा था कि प्राण प्रतिष्ठा तो हो चुकी थी, तो एक बार पुनः क्यों?

बार-बार प्राण प्रतिष्ठा... यह क्या लगा रखा है?

राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा


पहले प्राण प्रतिष्ठा प्रभु श्री राम के बाल रूप रामलला की हुई थी और अब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया‌ है। 

अर्थात प्रभु श्री राम के पहले बालरूप की और अभी उनके राजा रामचंद्र के स्वरूप की स्थापना की गई है।

एक ही मंदिर में एक ही मूर्ति की बार-बार प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है, पर अलग-अलग मूर्ति होने से एक से अधिक बार एक ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है।

वैसे हम अपने जीवन से जुड़े कितने ही आयोजन को बहुत बार करते हुए भी हर्षित होते हैं, फिर ईश्वरीय आयोजन तो जितनी बार भी हों, उतना ही अच्छा, उतना ही हर्ष और उतनी ही उनकी कृपा वर्षा...

फिर मन‌ में किसी भी तरह की शंका का विचार क्यों?

चलिए, इस भव्य आयोजन से प्रेमपूर्वक जुड़ जाएं...

मंदिरों में आए दिन भव्य आयोजन का कार्यक्रम होते रहना चाहिए।

कल गंगा दशहरा था, अतः बहुत ही शुभ मुहूर्त था या एक अभिजीत मुहूर्त था, जिसमें उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्राण प्रतिष्ठा का पुन्य कार्य सम्पन्न किया। 

यह कार्यक्रम 3 से 5 जून के बीच संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य कार्यक्रम 5 जून को किया गया, जब सभी देवी-देवता अपने-अपने भवन में विराजमान किए गए।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में माहौल भक्तिमय हो चुका था। राम मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के साथ अन्य 7 देवालयों में देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया गया था। इन 7 देवालयों को फूलों से सजाया गया और बाहरी हिस्से बिजली की सजावट से जगमग हो रहे थे। स्वर्ण जड़ित शिखर कलश चमक रहे थे।

पूरा अयोध्या ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो पुनः रामराज्य स्थापित हो गया हो, जो एक स्वार्गिक सुख प्रदान कर रहा था।

मंगलवार सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो गए थे। यह पूजा-पाठ अगले 12 घंटे तक जारी रही। 101 पुजारियों ने इस दौरान 1975 मंत्रों का पाठ किया। अग्नि देवता को आहूति दी, साथ ही, मूर्तियों के शुद्धिकरण की विधि को भी पूरा कराया गया, इस प्रकार से पूजन विधि को संपन्न कराया गया।

मंदिर के पहले तल पर स्थित भव्य रामदरबार और गर्भगृह के चारों कोनों में बने परकोटे के सात अन्य मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई।


प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में जिन देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई :

  • राम दरबार
  • शिवलिंग
  • गणपति जी 
  • हनुमान जी
  • सूर्य देव
  • देवी भगवती
  • माँ अन्नपूर्णा 


राम दरबार (प्रभु श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, भक्त शिरोमणि हनुमानजी) के अलावा, प्रथम पूज्य गणेश जी, श्री राम जी के आराध्य भगवान महादेव (शिवलिंग, जिसे नर्मदा नदी से लाया गया है), प्रभु श्री राम सूर्यवंशी थे, अतः सूर्य देव, शक्ति स्वरूपा माँ भगवती और माँ अन्नपूर्णा  उपस्थित हैं।

आपकी जिसमें श्रद्धा है, उन सबकी पूजा कर राम मंदिर से संतुष्ट होकर लौट सकते हैं।

अयोध्या, जो अभी तक रामजन्म भूमि के रूप में स्थापित था, अपनी पूर्णता को प्राप्त कर सम्पूर्ण रामराज्य में परिवर्तित हो गया। 

राम मंदिर, जो पूर्व में ही अपनी दिव्यता और भव्यता से परिपूर्ण था, उसमें गंगा दशहरा के विशेष पर्व के दिन हुई राम दरबार व अन्य 7 देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा उसे पावनता के उत्कृष्ट आयाम पर ले गयी है।

अगर आप अभी तक राममंदिर के दर्शन करने नहीं पहुंच पाए हैं, तो शीघ्र वहां जाने की तैयारी करें, अयोध्या में राममंदिर के दर्शन मानो साक्षात ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति...

जय श्री राम 🚩 

Thursday, 5 June 2025

Short Story : कल हो ना हो

कल हो ना हो



रजत अभी सोच में डूबा ही था कि मां से vibes मिलने लगी।

ओह माँ, आप कैसे समझ जाती हैं कि मैं low feel कर रहा था?

बेटा, तुम अमेरिका चले गए हो, पर vibes से तो हम जुड़े हुए हैं ही।

भला हो, इन vibes को जोड़ने की technique बनाने वाले का, वरना तुम्हारी पर नानी के समय में तो mobile ही थे, जिसमें भी आए दिन network की problem होती थी…

अच्छा यह बता, मौसम कैसा है?

धूप निकली क्या?

नहीं मां, अभी कहाँ… पूरे दो महीने गुजर गए और अभी एक और महीना ऐसे ही गुजरने की संभावना बता रहा है weather department… अंधेरा-सा ही छाया रहता है। 

वहां के क्या हाल हैं?

यहां के भी कुछ अच्छे नहीं हैं बेटा, temperature 75 पहुंच रहा है, बिना AC के चैन नहीं है।

सरकार से appeal की जा रही है कि, घरों और ऑफिसों के अलावा अब सड़कों को भी central AC करने की तरफ ध्यान दिया जाए, वरना घरों से बाहर निकलना दुश्वार हो रहा है…

Ultraviolet rays भी बहुत तेजी से गिर रही है। कल ही पड़ोस वाले शर्मा अंकल के skin पिघलने लगी थी, ICU में admit हैं।

आह! क्यों उन्होंने ozone layer नहीं लगवाई है?

लगवाई है बेटा, पर उनकी कार में ozone layer expire हो गई थी, बदलवाने में जरा सी लापरवाही कर गए, अब भुगत रहे हैं।

ओह… अपने घर की तो ठीक है ना?

हां बेटा, तुम तो जानते हो, पापा इन सब बातों को लेकर कितने alert रहते हैं…

अच्छा यह बताओ, तुम अपने खाने-पीने और oxygen की pillqs बराबर से ले रहे हो ना? 

लापरवाही तो नहीं कर रहे हो? तुम्हें मेरी कसम तो याद है ना?

हां-हां मां, सब याद है, अच्छे से याद है। सब time से नहीं लूंगा तो तुम वापस बुला लोगी…

वैसे मेरा यहां ज्यादा मन नहीं लग रहा है, एक बार project complete हो जाए, लौट आऊंगा…

नहीं बेटा, मुझे कोई जल्दी नहीं है, यहां वैसे भी polution बहुत ज़्यादा है। बहुत जल्दी-जल्दी lungs, kidney, heart change करवाना पड़ रहा है।

Medical bills बहुत ज़्यादा आ रहे हैं।

कोई नहीं मां, यहां भी हालात बद से बद्तर ही हैं, कुछ ज्यादा अच्छा यहां भी नहीं है, बस showoff ज्यादा है कि अमेरिका है तो ज्यादा अच्छा है…

अब मन नहीं लग रहा है, तुम सबके बिना।

कुछ महीने में ही आने का plan है।

अच्छा बेटा सुनो, तो तुम वहां से आते समय, कुछ lungs, kidney heart etc लेते आना, यहां से तो ज़्यादा advance होंगे वहां पर, और हां expiry date देखकर लाना।

मां एक बात बताइए, आप ने पेड़ पौधे देखें हैं? कैसे लगते हैं?

बेटा, कुछ cactus के और कुछ ऐसे ही कम पानी वाले पौधे देखें हैं, जब छोटे थे और अपनी नानी के घर जाते थे।

तुम्हारी नानी बताती हैं कि पहले हरियाली वाले पेड़-पौधे थे। बड़े अच्छे थे, हवा, खाना, छांव, oxygen सब देते थे।

हम ने तो जो देखे, उन्हें देख कर कुछ ऐसा बहुत तो नहीं लगा…

आप सच कह रही हैं, इतना सब कुछ देते थे पेड़-पौधे… तो उन्हें सुरक्षित क्यों नहीं रखा? 

क्या पता? मां कहती थीं कि सुख-सुविधाएं और आधुनिकीकरण के कारण…

पर तुम क्यों पूछ रहे हो?

कुछ नहीं मां, यहां पर कुछ scientists ने कोई पौधा ढूंढ निकाला है…

सुनने में आ रहा है कि India के ही किसी जंगल से लाए हैं, कहीं कोई बचा रह गया था।

————— THE END —————


हम यही भविष्य तो नहीं दे रहे हैं, अपने बच्चों को... इस गर्मी में बढ़ता हुआ temperature चीख-चीखकर यही कह रहा है…

सोचिएगा ज़रूर…

बस एक पौधा ही सुन्दर भविष्य को बना सकता है, आज ही एक पौधा लगाएं और अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाएं।

वरना जो आज है, 'कल हो ना हो'…

Happy environment day 🌲 🌴