गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर सदगुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज को मेरा शत-शत वंदन...
यह काव्य पंक्तियां आपके श्री चरणों में समर्पित है।
पूज्य गुरुदेव आपकी कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे 🙏🏻
गुरू ही हैं सब-कुछ
मेरे तो गुरू ही हैं सब-कुछ,
दूसरा न कोय।
उनकी चौखट है मंदिर,
हर पल दर्श जिसमें होय।।
उनके चरण रज में,
सिमटा सारा संसार।
ह्रदय में है छवि बसी,
कृपा करें वो बारम्बार।।
उनका कथन है मेरे,
जीवन का आधार।
उनसे ही मिलता,
मेरे जीवन को आकार।।
दुनिया में उनकी इच्छा से आए,
उनमें ही मिल जाना है।
जीवन का है लक्ष्य यही,
चरणों में उनके जगह पाना है।।
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