शादी-विवाह से जुड़े रीति-रिवाजों के गीत साझा कर रहे हैं, उस श्रृंखला में हल्दी चढ़ने की रीति पर पहला गीत है- बन्नी तेरी हल्दी में
दूसरा गीत भात मांगने पर आधारित है- मेरे भैया चले आना
तीसरा गीत, दुल्हन की मनमोहक रूप को पूर्ण करती हुई, मेंहदी पर आधारित है-मेंहदी रचने लगी हाथों में
शादी-विवाह में बन्ना, बन्नी और चुहलबाज़ी वाले गीत बहुत पसंद किए जाते हैं, और वैसा एक गाना हमने कल डाला भी था- बन्ना जी जरा जमके कमाना
तो प्रस्तुत है, चुहलबाज़ी और हंसीं मज़ाक़ से परिपूर्ण एक और गीत, जो पूरे माहौल को खुशनुमा बना देगा।
रात को आ गये चोर
रात को आ गये चोर
बन्ने की दादी ले गए रे - 2
बन्ने की दादी बड़ी लड़ाकू
डर गये सारे चोर डाकू
सर को पकड़, रोए चोर
बन्ने की दादी दे गए रे
रात को आ गये चोर
बन्ने की मम्मी ले गए रे - 2
बन्ने की मम्मी तगड़ी मोटी
खा गई उनकी सारी रोटी
भूखे मर गये चोर
बन्ने की मम्मी दे गए रे
रात को आ गये चोर
बन्ने की ताई ले गए रे - 2
बन्ने की ताई बड़ी खर्चीली
चोरों की हो गई जेबें ढीली
कंगाल हो गये चोर
बन्ने की ताई दे गए रे
रात को आ गये चोर
बन्ने की बहना ले गए रे - 2
बन्ने की बहना डिस्को नाचे
नाच नाच कर धरती को हिला दे
चक्कर खा गए चोर
बन्ने की बहना दे गए रे

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