Tuesday, 21 October 2025

Article : दिल्ली में लौटा हिन्दुत्व

हिन्दूओं के सबसे बड़े पर्व, दीपावली पर कल की छटा अनुपम थी, अद्भुत थी। 

India Gate के सामने कर्तव्य पथ पर अलग ही मनोहारी दृश्य था। ऐसा लग रहा था मानो साक्षात् त्रेतायुग में विचरण कर रहे हैं।

कर्तव्य पथ पर दो लाख दीये जगमगा उठे और रामायण theme पर lazer व drone show आयोजित किया गया। यह उत्सव दीपावली मनाने के लिए आयोजित किया जा रहा था, और आज  भी इतने ही दीये जलाए जाएंगे। कर्तव्य पथ का कल का वर्णन इस प्रकार है…

दिल्ली में लौटा हिन्दुत्व


• Main Attraction :

कर्तव्य पथ को दो लाख दीयों से रोशन किया गया, जो एक भव्य दृश्य प्रस्तुत कर रहा था।


• Cultural Programme :

इस अवसर पर रामायण की thems पर आधारित एक विशेष lazer और drone show आयोजित किया गया।


• Opportunity :

यह उत्सव दीपावली के उत्सव का हिस्सा है, जिसे कर्तव्य पथ पर भव्य तरीके से मनाया जा रहा था।


• Cultural Importance :

कर्तव्य पथ, जो भारत की विरासत और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है, कल भव्य प्रकाश और drone show के साथ सांस्कृतिक उत्सवों का केंद्र बना।


• Extension :

कर्तव्य पथ की सजावट के लिए केवल एक दिन नहीं, बल्कि अगले दिन भी दो लाख दीये जलाए जाएंगे, जिससे उत्सव की भव्यता बनी रहेगी। 

खाली कर्तव्य पथ में ही नहीं, अपितु सम्पूर्ण दिल्ली में कल अलग ही स्वर्णिम दीपावली प्रतीत हुई।

स्वर्णिम मतलब? 

मतलब बचपन वाली...

जब सुबह के पांच बजे तक पटाखों की आवाज सुनाई देती थी। ऐसा नहीं है कि जब AAP की सरकार थी, और उसने दीपावली पर पटाखों पर ban लगा दिया, तब दिल्ली में पटाखे नहीं फोड़े जाते हों, पर तब लुकेछिपे पटाखे खरीदे जाते थे। 

कोई क्यों कर अपने धर्म में किसी की तानाशाही दख़ल अंदाजी सहन करेगा।

पर अब जब दिल्ली में BJP सरकार आ गई है, तो उन्होंने दिल्ली में green पटाखे allow करा दिए हैं, तो इस साल पटाखों की धूम ही अलग रही।

So called sophisticated लोग, जिनके घरों में 2-2, 4-4 AC लगें हैं, जितने घर में प्राणी हैं, उससे ज्यादा कारें घर में मौजूद हैं। सब अकेले-अकेले कार लेकर निकलते हैं। उन्हें उससे बढ़ता pollution level नहीं दिखेगा, लेकिन कल दीपावली पर्व पर पटाखे फोड़े गए हैं, इससे भयंकर pollution level बढ़ गया है - इसका बेहद हंगामा मचा देंगे। अगर pollution level की इतनी ही चिंता है तो क्यों नहीं केवल cooler और पंखा use करते हैं, cars की जगह cycles क्यों नहीं use करते हैं। वो नहीं करेंगे, क्योंकि उससे उनके आराम में खलल पड़ेगा। 

पर पटाखों को, और वो सिर्फ और सिर्फ दीपावली पर्व पर फोड़े जाने पर हंगामा मचाया जाएगा, क्यों? आखिर क्यों?

क्योंकि, सिर्फ हिन्दूओं के ही पर्व पर कुठाराघात करना है। पर अब से ऐसा नहीं होगा, इस दीपावली पर्व से यह समझ में आ चुका है।

दूसरी बात, यकीन मानिए, pollution level सिर्फ उतना ही बढ़ा है, जितना हमारे, आपके बचपन में बढ़ता था। मतलब नाममात्र का, और एक-दो दिन में उसका असर ख़त्म भी हो जाएगा।

पर एक चीज़ पर अच्छा असर पड़ा है, और वो हैं - मच्छर, मक्खी, कीड़े-मकोड़े का। उनकी संख्या कम होने में गज़ब का अंतर आया है। 

अगर आप ढंग से समझेंगे तो हिन्दू त्यौहारों में होने वाले रीति-रिवाज बहुत सोच समझ कर बनाए गए हैं, जिनमें जनमानस का हित शामिल है। 

कैसे, देखिए।

होली में होलिका दहन, केवल लकड़ियां इकट्ठी करके जलाना नहीं होता है, बल्कि उसमें अक्षत (चावल), ताजे फूल, गुलाल, हल्दी, गुड़, बताशे, सूखा नारियल, उपले, और गाय के गोबर से बनी माला जैसी चीजें डाली जाती है। इनके अतिरिक्त, अच्छे स्वास्थ्य के लिए नीम के पत्ते और कपूर डालना भी शुभ माना जाते हैं।

और ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि जब होली आती है, तब मौसम बदल रहा होता है, मतलब ठंड से गर्मी आ रही होती है। उस समय में मच्छर-मक्खी, कीड़े-मकौड़े सबसे अधिक बढ़ जाते हैं, लेकिन होलिका दहन से उठने वाला धुआं कीटनाशक का काम करता है, जिससे कुछ दिनों तक मच्छर, मक्खी, कीड़े-मकौड़े से राहत मिल जाती है।

वही दीपावली पर्व के समय होता है, गर्मी जाकर ठंड आ रही होती है, तो जो काम होलिका दहन से होता है, वही इस समय, पटाखे फोड़ने से होता, पटाखों के धुंए से मच्छर, मक्खी, कीड़े-मकौड़े कम हो जाते हैं। साथ ही पटाखे फोड़ने से दीपावली के उत्सव पर चार चांद लग जाते हैं। विशेषकर बच्चों और युवाओं के लिए..

हां, पटाखे फोड़ते समय, किसी भी तरह की कोई दुर्घटना न हो, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए।

तो आज सुबह तक आती हुई पटाखों की आवाज यह सिद्ध कर रही है कि दिल्ली में हिंदुत्व बढ़ रहा है, लोग BJP government के आने से खुश हैं। उन्हें लग रहा है कि कोई तो ऐसा आया, जिसे एहसास है कि हिन्दू त्यौहारों के रीति-रिवाज पर तानाशाही दख़ल नहीं देना चाहिए।

उन्हें अपने त्यौहार को वैसे ही मनाने का पूरा हक़ है, जैसा स्वरूप उसका सदियों से चला आ रहा है और दिल्ली छोड़कर, बाकी प्रदेश में आज भी चल रहा है। 

जय श्रीराम 🚩 

शुभ दीपावली 🪔🎉