घर का वो कोना
घर का वो कोना मुझे बहुत भाता है
जहां ठंडी हवा का झोंका आता है
वहां ,बैठ के मुझे मुश्किलों का हल मिल जाता है
घर का वो कोना मुझे बहुत भाता है
सोचती हूँ कभी
ईश्वर की सृष्टि का नहीं कोई मेल
इस हवा के मुकाबले,कूलर एसी सब फेल
ये हवा,मन को भीतर तक छू जाती है
जीने की इच्छा को और बलवती कर आती है
दिखती नहीं है, फिर भी एहसास है इसका
यही बात, ईश्वर के अस्तित्व का आभास कराती है
इसके होने से, जब पेड़ का पत्ता हिलता है
उसे देख अजब सा सुख मिलता है
आप भी ढूंढिए, अपने घर का वो कोना
जहां चलता हो पवन का झोंका सलोना
यही एहसास आप भी पाएंगे
जीवन के हल मिल जाएंगे
अनुभव से भरी हुई अच्छी कविता है .
ReplyDeleteधन्यवाद,सादर प्रणाम
Deleteआपके शब्द प्रेरणादायक हैं
Beautiful poetry
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