पिता - जिनके बिना सब अधूरा!
आज father's day के उपलक्ष्य में, मेरी यह कविता "पिता" को समर्पित है।
आज father's day के उपलक्ष्य में, मेरी यह कविता "पिता" को समर्पित है।
पिता
जिनके बिना सब अधूरा
जिनके होने के एहसास से ही
मेरा व्यक्तित्व हो पूरा
ये हमारी ज़िंदगी में
एक अहम
भूमिका निभाते हैं
हर रिश्ते की पहचान इनसे
यही हमको दुनिया में
जीने के काबिल बनाते हैं
यही हैं वो जिसने
मेरे सपनों की खातिर
अपना सपना तोड़ दिया
सोते थे कभी चैन से
मेरे होने के बाद
गहरी नींद में सोना
छोड़ दिया
इनके बिना मेरा
अस्तित्व भी अधूरा
माँ
गर हैं धरती
तो
पिता आसमां पूरा।
Bahut khoob
ReplyDeleteThank You Sir, for your valuable comment
Deleteमर्मस्पर्शी सुन्दर कविता है।👍👍👍
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteआपके सराहनीय शब्दों के लिए🙏🙏
Very nice
ReplyDeleteThank you Akash ji
DeleteNice to see you
plz keep visiting
"पिता आसमां पूरा"....... जिनके बिना सब अधूरा....... very nice..
ReplyDeleteThank you Ashish ji, your words energized me
DeletePlz keep visiting
Amazing lines👌👌👌
ReplyDeleteThank you for your valuable words
DeletePujya pita ji ko shat shat naman🙏🙏
ReplyDeleteवाह..बहुत ख़ूब 👌
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteमुझमें नयी ऊर्जा का संचार करने के लिए 🙏