बात मौके की
आप को पता है, जब हम कोई बड़ा
काम नहीं करते हैं, पर कोई दूसरा उस काम को अंजाम दे देता
है। और उस काम की वाह-वाही होने लगती है, तो हम हमेशा यही
कहते हैं। हमें मौका नहीं मिला, वरना हम तो इससे भी अच्छा
काम कर के दिखाते। पर ये कभी नहीं मानेंगे, कि उसने अच्छा
काम किया है। जब काम अच्छा हुआ है, तो तारीफ तो उसकी होनी ही
चाहिए।
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बात मौके की नहीं होती है, बात होती है इच्छा शक्ति की, कार्य करने की इच्छा
होने की। वरना मौका तो सबको ही मिलता है, पर उस मौके पर
छक्का वही मार पता है, जिसमें काम करने की इच्छा हो, जोश हो, और सब से बड़ी बात उस काम को प्राथमिकता
देता हो।
जो ये पूरी तरह सिद्ध करता है, कि भारत के लिए आतंकवाद खत्म करना प्रथम मुद्दा है। इसीलिए ना तो उसने पाकिस्तान के किसी भी मासूम को, और ना ही किसी भी सैनिक खेमे को हाथ लगाया।
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अभी पाकिस्तान के पास अच्छा मौका था, कि वो आतंकवादियों का सफाया कर देता, और पूरे विश्व
में साबित कर देता, कि वो भी आतंकवाद के खिलाफ है।
पर उसके भारत पर किए जाने वाले हमले ये साफ़ सिद्ध कर रहे हैं, कि वो आतंकवाद के नहीं बल्कि भारत के खिलाफ है। अगर उसे सचमुच शांति चाहिए, तो आतंकवाद को खत्म कराये। जिससे केवल भारत में ही नहीं वरन पूरे विश्व में शांति हो जाएगी।
अब बात करते हैं, भारत की।
कहा जा रहा है, पाकिस्तान, ने अभिनंदन
जी को इसलिए लौटाया, क्योंकि Geneva समझौता के तहत उन्हें
ऐसा करना ही पड़ता। कुछ इस शौर्य का सारा श्रेय सेना को देना चाहते हैं।
तो उन लोगों की जानकारी के लिए बता दें, कि Geneva समझौता आज नहीं हुआ है, काफी सालों पहले हुआ था। पर पहले कभी पाकिस्तान ने इस समझौते की लाज नहीं रखी।
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तो एक बार सोचिएगा जरूर, कि ऐसा क्या बदला है, कि हमारी सेना बिना युद्ध के भी जीतने लगी है। सारा विश्व हमारे भारत का साथ दे रहा है। आज भारत को नया भारत कहा जा रहा है, ऐसा नया भारत जो निडर, निर्भीक और निर्णायक है।
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मौका अभी हमारे पास है... एक बार सोचिएगा
जरूर!
Very nice Article
ReplyDelete👌👌
Thank you so much Ma'am for your admiration.
DeleteFabulous readers like you inspire me to keep penning my thoughts.
Sab keh diya aapne...bina kuch kahe👍
ReplyDeleteThank you so much for your appreciation
DeleteSub samjh le to baat hai