मुझको चलते जाना है
मंजिल मेरी दूर सही,
पर मुझको बढ़ते जाना है।
अडिग मेरा है, ये फैसला;
मंजिल तो मुझको पाना है।
हों कितनी भी बाधा राहों में,
ये जोश ना कम होने वाला।
रुक कर चलना, चलकर रुकना,
मंजिल मिल जाने से पहले,
यह जिस्म नहीं थकने वाला।
बाहों में भर कर फौलाद
हर हार को, मुझे हराना है।
सिद्ध करुंगी, मैं भी हूं सर्वश्रेष्ठ
दुनिया को मुझे दिखाना है।
सफलता पाने तक, मुझको
अनवरत चलते जाना है।
nice...inspirational poem
ReplyDeleteThank you very much Ma'am for your encouraging words
Deletenice....inspirational poem
ReplyDeleteYou gave me the inspiration to write this poem
ReplyDeleteThank you