Monday, 2 September 2019

Poem : तीज, चतुर्थी में समाया

सदैव  पहले हरितालिका तीज में, महादेव और माँ पार्वती की अनुकम्पा रहती है। फिर गणेश चतुर्थी में बप्पा सब पर अपने आशीष की वर्षा करते हैं।  पर आज कैसा पावन दिन है, जब महादेव, पार्वती के साथ गणेश जी भी पधारे हैं, और हम सब को अपनी विशेष कृपा प्रदान कर रहें हैं।  आप सभी को तीज और चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ  
तीज, चतुर्थी में समाया



कैसा पावन दिन है, आया
तीज, चतुर्थी में समाया।
महादेव- पार्वती के साथ,
उनका पुत्र, गणेशा भी आया।।
कहीं हरितालिका तीज की,
छाई हरियाली।
कहीं गणेश चतुर्थी की,
छटा निराली।।
कहीं ठेकुआ तो
कहीं गुजिया बनें।
कहीं लड्डू तो, 
कहीं मोदक के ढेर सजें।।
हर ओर खुशियों, की धूम हैं।
प्रभू प्रेम में, भक्त रहे झूम हैं।।
कैसा अनोखा, दृश्य है छाया।
तीज, चतुर्थी में समाया।।
मात-पिता के साथ उनका,
पुत्र गणेशा भी आया।।

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