शायद तुम्हें याद होगा
शायद तुम्हें याद होगा
मैं वही कुम्हार हूँ
जो मिट्टी के दीप बनाता था
उन दीपों से दीपावली में
घर तुम्हारा जगमगाता था
आज भी मैं ढेर दीप
बनाए, बैठा हूँ
आओगे, तुम फिर द्वार मेरे
मैं यह आस लगाए बैठा हूँ
दीपावली तेरे घर में
सितारों सी जगमग होगी
मेरे घर में भी, उन पैसों से
टिमटिमाती सी चमक होगी
शायद तुम्हें याद होगा
मैं वही भड़भूजे वाला हूंँ
जिस दुकान से मां तेरी
लइया , बताशे, खील खिलौने
हर बार लाया करती थीं
जिससे दीपावली में तेरे घर
मिठास भर जाया करती थी
आज भी मैं उन सबका
कितना ढेर सजाए बैठा हूँ
तुम्हारे आने की फिर से
मैं आस लगाए बैठा हूँ
दीपावली में पकवानों, मिठाईयों से
तुम्हारा घर आंगन महकेगा
मेरे घर भी, उन पैसों से
बच्चों का मन चहकेगा
शायद तुम्हें याद होगा
मैं वही फूल वाला हूँ
जिससे फूलों को लेने
तुम बाबूजी के संग आते थे
उन फूलों की सुन्दरता से
दीपावली में घर को सजाते थे
आज भी मैं गेंदा,बेला,
गुलाब की लड़ बनाए बैठा हूंँ
तुम आओगे फिर लेने मुझसे
आस लगाए रहता हूँ
दीपावली में,फूलों की सुगंध से
घर तेरा हरदम महकेगा
मेरे घर में भी, उन पैसों से
पूरा परिवार सुख से चहकेगा
शायद तुम्हें याद होगा
मैं वही आतिशबाजी वाला हूंँ
जिसको देखकर तुम्हारे मुख में
दीपावली की रौनक आती थी
जिसके कारण तुम को
दीपावली कितनी भाती थी
आज़ भी मैं अनार, फुलझड़ी,
चकरी की दुकान सजाए बैठा हूंँ
लेने आओगे, तुम अवश्य ही
यह आस लगाए बैठा हूंँ
दीपावली में घर तुम्हारे
खुशियों की महफ़िल सजेगी
मेरे घर में भी, उन पैसों से
दीपावली, दीपावली लगेगी
दीपों की जगमग हो घर घर में
फूलों से हर आँगन महके
पकवानों की उड़े सुगंध
पटाखों के हों धूम धड़ाके
भूल ना जाना देखो तुम यह
इस आधुनिकता की चकाचौंध में
भारतीयता के रंग में सजी दीपावली
सब को ही दीपावली लगेगी
धनतेरस के पवन दिवस पर सबके घर-आँगन धन ही धन बरसे, कोई धन को ना तरसे। आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ
Nice poem
ReplyDeleteNs
Very nice. Happy Diwali to all of you.
DeleteThank you very much for your appreciation 🙏
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