Friday 13 November 2020

Article : दीपावली पूजन व मूर्ति से जुड़ी गूढ़ बातें

शुभ धनतेरस, article की विशेष सफलता के पश्चात आज आप को दीपावली में मूर्ति स्थापना, उनका स्थान व उससे जुड़ी गूढ़  बातों के विषय में बता रहे हैं।

हम हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली है। इसमें हम गणेश जी व लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करते हैं।

पर आप ने कभी सोचा है, इनकी एक साथ पूजा अर्चना क्यों की जाती है? जबकि यह दोनों पति-पत्नी भी नहीं हैं।

ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि मनुष्य को जीवन यापन करने के लिए धन अति आवश्यक है। जिसकी देवी माता लक्ष्मी जी हैं। 

और धन प्राप्ति आप को ज्ञान, बुद्धि, रिद्धि सिद्धि से होती है, जिसके देवता श्री गणेश जी हैं। साथ ही वह प्रथम पूज्य भी हैं।

दीपावली हमारा सब से बड़ा पर्व है, जिसमें पूजा अर्चना का विशेष महत्व है, अतः इस दिन जीवन यापन को सक्षम बनाने अर्थात् सरलता प्रदान करने वाले ईश्वर श्री गणेश जी व लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है।

घर में बरकत और धन-संपत्ति के लिए हम सभी लक्ष्मी माता का पूजन करते हैं। लेकिन अक्सर हमें पूजा-पाठ और मूर्तियों से जुड़ी गूढ़ बातें पता नहीं होतीं और हम अनजाने में ही अपनी पूजा का ह्रास करते रहते हैं। जानिए, लक्ष्मी माता की पूरी कृपा प्राप्त करने के लिए मूर्ति से जुड़ी खास बातें…


दीपावली पूजन व मूर्ति से जुड़ी गूढ़ बातें




मूर्ति की ऊंचाई

बहुत ऊंची मूर्ति नहीं लेनी चाहिए, बड़ी मूर्ति स्थापित करने पर नियम कायदे सख्त हो जाते हैं, जिनके पूरा न होने पर मूर्ति दोष लगता है। 

अंगूठे जितनी ऊंचाई की मूर्ति ही घर में स्थापित करना सबसे सर्वोत्तम माना गया है। ऐसा वास्तु के अनुसार है। मंदिर में चित्र कितना भी बड़ा लगा सकते हैं।

गणपति जी, किस तरफ विराजें लक्ष्मी माता के



लक्ष्मी जी हमेशा गणेशजी के दाहिनी तरफ विराजित होनी चाहिए, क्योंकि बायां स्थान पत्नी का बताया गया है और गणेशजी को लक्ष्मी जी का मानसपुत्र कहा गया है। 

लक्ष्मी जी की ऐसी तस्वीर या मूर्ति घर में न रखें 



कभी भी लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति या तस्वीर की स्थापना घर में नहीं करनी चाहिए, जिसमें वह खड़ी हुई हों। ऐसा माना जाता है कि खड़ी हुई लक्ष्मी जी जाने के लिए तैयार रहती हैं। ऐसे में कमल या सिंहासन पर विराजित लक्ष्मी माता का चित्र ही घर में लगाएं।

लक्ष्मी माता उल्लू पर सवार न हों



ऐसी लक्ष्मी माता, जो उल्लू पर सवार हों कभी घर में नहीं लगानी चाहिए। इसकी वजह यह है कि ऐसी मूर्ति अस्थिर धन का कारक बनती है।

 मूर्ति रखने का सही तरीका

मूर्तियों को दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिए। ये दीवार से करीब 1 inch दूर होनी चाहिए।

मूर्तियाँ साथ में जुड़ी हुई ना हों


एक साथ जुड़ी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को न ही स्थापित करें तो बेहतर है। लक्ष्मी-गणेश जी की प्रतिमा अलग-अलग होनी चाहिए।

प्रतिमा स्थापित करने की सही दिशा

लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्ति हमेशा घर की उत्तर दिशा में स्थापित करनी चाहिए। क्योंकि इस दिशा को धन कुबेर की दिशा कहा गया है।

मंदिर में ऐसे रखें मूर्तियां

मूर्तियां कभी भी एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए। इन्हें एक-दूसरे के बराबर में लेकिन हल्का-सा टेढ़ा करके रखना चाहिए।

धन संपत्ति का स्थान

धातु से बनी लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा शुभता की सूचक है। आपका जो भी सोने-चांदी  या रत्नों से बना सामान है, उसे प्रतिमा के पास रखें। 

धन से संबंधित किसी भी तरह के कागजात जैसे शेयर, इंश्योरेंश आदि को लक्ष्मी स्वरूप अथवा श्री यंत्र के पास रखें।   

धन रखने के स्थान अथवा त‌िजोरी में काली हल्दी रखें, संपत्ति को नजर नहीं लगती और धन में बढ़ौतरी होती है।

आप सभी को छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻🕉️

6 comments:

  1. Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your appreciation 🙏❤️

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  2. Thanks for giving the wonderful tips....

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    Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your appreciation 🙏❤️

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  3. Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your appreciation 🙏❤️

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