Tuesday, 16 March 2021

Story of Life : तुम बिन

तुम बिन 



बड़े ही अनमने मन से राहुल, गरिमा से शादी करने को तैयार हुआ था।

गरिमा बहुत सीधी-सादी-सी संस्कारी लड़की थी। जबकि राहुल को शुरू से modern लड़कियांँ ही रास आती थीं।

वो चाहता था कि उसकी शादी, ऐसी लड़की से हो, जो working हो, style में रहे और English fluently बोले।

पर उसकी माँ, को घरेलू और संस्करी लड़की भाती थी। वो हमेशा कहती, मुझे बहू चाहिए किसी movie ya serial बनाने के लिए heroine नहीं चाहिए।

घर में माँ की चलती थी तो यहाँ भी उनकी ही चली।

वो दिन भी आ गया, जब राहुल और गरिमा की धूमधाम से शादी हो गई।

राहुल पूरी शादी में अनमना ही रहा, उसने गरिमा को एक नज़र उठा कर भी नहीं देखा।

सुहागरात की रात, कमरा गुलाब और बेला की खुशबू से ऐसा महक रहा था कि कामदेव का मन भी डोल जाए।

पर उस रात भी राहुल दूसरी तरफ मुंह करके सो गया।

बेचारी गरिमा, उसे समझ नहीं आ रहा था कि इतनी अच्छी और धनाढ्य ससुराल मिली है, उसके लिए प्रसन्न हो या पति के neglection से दुखी हो।

जिसकी बनकर वो यहाँ आयी थी, उसे तो क्षणभर को भी उसकी परवाह नहीं है।

वो शादी वाले दिन बला की खूबसूरत लग रही थी, सभी उसकी सौंदर्य की खुलकर तारीफ कर रहे थे। कोई उसे परी, कोई अप्सरा कह रहा था।

पर ऐसी खूबसूरती किस काम की, जो पति को ही ना रिझा सके।

जो दिन किसी की भी जिन्दगी का सबसे बड़ा दिन होता है, वो उसके लिए जिन्दगी भर का दुःख लेकर आया था।

और ज़िंदगी की सबसे हसीन रात, उसके लिए सिवाय तन्हाई और मायूसी के कुछ नहीं लायी थी...

अगली सुबह राहुल को सोता छोड़, गरिमा अपने सामानों की packing करने लगी। 

पूरी रात आंखों में काटने के बाद, वो पूरी तरह टूट चुकी थी। अब वो एक पल भी और रुकना नहीं चाह रही थी।

सामान pack कर के वो कमरे से निकली ही थी, कि तभी.......

आगे पढ़ें, तुम बिन (भाग -2) में..

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.