G20 Summit : Showcasing सशक्त भारत
भारत में G20 summit 2023 का आखिरी दौर चल रहा है जो कि दिल्ली में आकर आज ख़त्म हो जाएगा।
G20 summit की अध्यक्षता करना, किसी भी देश के लिए गर्व की बात है। और इस साल वो मौका भारत को मिला।
G20 में 19 देश (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
G20 summit में विदेशों से उनके राजा, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बड़े बड़े राजनेता, सत्ताधीश व उनके बड़े-बड़े अधिकारी, आदि... आते हैं। इसमें वैश्विक चुनौतियों के खिलाफ एक संगठन के रूप में काम करने का लक्ष्य रखा जाता है। साथ ही जिस देश में यह आयोजित किया जाता है, उसे अपने देश को विश्व से परिचित कराने का स्वर्ण अवसर मिलता है, जो भविष्य में देश के विकास के लिए सहायक होता है।
भारत चाहता तो पूरा शिखर सम्मेलन दिल्ली में ही खत्म कर देता।
जब मेहमान और वो भी विशेष मेहमानों का आगमन हो तो, सभी चाहते हैं कि उनके सामने उनके घर की मान प्रतिष्ठा बढे, ऐसे में ख़ाली दिल्ली में पूरा आयोजन होने से केवल दिल्ली को चमका दिया जाता और वो ही पूरे देश का प्रतिनिधित्व कर देती...
पर नहीं, BJP सरकार की सोच थी कि जब हमारा देश विविधताओं का देश है तो सब सिर्फ दिल्ली में क्यों? फिर सम्मेलन का सम्पूर्ण क्रिया कलाप यदि विभिन्न शहरों में होगा तो सबको भारत की विविधता देखने को मिलेगी, साथ ही उस शहर विशेष का कायाकल्प भी हो जाएगा।
125 देश, भारत के 60 से अधिक शहरों में G20 summit का आयोजन उसमें 200 से अधिक बैठकें और दुनिया भर से आए एक लाख से अधिक delegates... G20 summit को भारत ने ऐसा आयोजन बना दिया, जिसमें विश्व का नए भारत से परिचय हुआ।
जिन दिनों में जिस शहर ने प्रतिनिधित्व किया, उन दिनों में उस शहर की छटा ही निराली थी।
9 व 10 September को दिल्ली में आयोजन के साथ G20 summit अपनी भव्यता, दिव्यता को दिखाते हुए अपने सशक्त रूप का परिचय दे रहा है। इन दिनों दिल्ली का बहुत ही खूबसूरत रूप देखने को मिल रहा है।
इन दो दिनों के लिए दिल्ली के Pragati Maidan के पास के इलाकों में, बाकी सभी कार्य बंद कर दिए गए हैं, छुट्टी घोषित कर दी गई, साथ ही पुलिस और army को तैनात कर दिया गया है।
कुछ लोग कहेंगे कि सब बंद करने और इतनी police और force को लगाने की क्या आवश्यकता थी?
अरे भाई, सुरक्षा व्यवस्था के लिए..
सुरक्षा व्यवस्था, इतनी क्यों?
तो आप को बता दें, पाकिस्तान और चीन को भारत की यह बड़ी उपलब्धि फूटी आंख नहीं सुहा रही है। वो कभी भी अपनी दुष्ट प्रवृत्ति दिखा सकते हैं। फिर विदेश से इतने बड़े-बड़े delegates आए हैं, उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भारत के ऊपर ही है। जो भारत पूरी चौकस व्यवस्था के साथ निभा रहा है।
भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भव की परंपरा है, जिसका पूर्ण रूप से ध्यान रखा गया...
आप को बता दें कि 9 September को विशेष भोज में विभिन्न राज्यों की विशेषता वाले 400 से अधिक भोजन की variety थी। जिसमें authentic cuisine, street food, मोटे अनाज के स्वादिष्ट पकवान भी शामिल थे। सबसे बड़ी बात सारा खाना शुद्ध शाकाहारी था।
खाना परोसने व खाना खाने के लिए सोने चांदी व पीतल के बर्तनों को रखा गया था। जिन्हें महीनों पहले से विशेष आयोजन के लिए बनाया जा रहा था।
आप कहेंगे कि सोने चांदी के बर्तन क्यों? इतना खर्च क्यों?
तो जब भी मेहमान आते हैं तो हम भी तो उनके साथ सब अच्छा से अच्छा ही करते हैं ना...
तो क्या हमारे देश को नहीं करना चाहिए? वो बर्तनों में खाना खा रहे हैं, उन्हें अपने साथ ले नहीं जा रहे हैं। पर खाना खाते समय उन्हें भारत के सम्पन्न और समृद्ध होने का अनुमान ज़रूर हुआ होगा। और यह तो आप सभी जानते हैं कि सभी सम्पन्न लोगों से ही जुड़ना चाहते हैं, कंगालों से नहीं...
सभी delegates भारत की मेहमान-नवाजी के कायल हो गए हैं, यह आयोजन digitally जितना strong नज़र आया, उतना ही सुरक्षा व्यवस्था व मेजबानी में भी... इसकी दिव्यता और भव्यता देखते ही बन रही है...
इस पूरे आयोजन में 990 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं... बहुत से लोग कहेंगे कि इतने रुपए किसी अन्य कार्यों में लगाए होते तो कुछ बड़ा कार्य हो जाता...
हो जाता, बिल्कुल हो जाता...
पर आप को क्या लग रहा है, G20 summit की अध्यक्षता करना छोटी बात है? इतने देशों के प्रतिनिधियों का भारत में आना, उसकी सशक्तता को आंकना, उसमे भरोसा करना छोटी बात है? जब भरोसा करेंगे तो निवेश भी करेंगे... निवेश माने विकास, और रोजगार के अवसर...
दूसरी तरफ अगर यह छोटी बात है तो चीन और पाकिस्तान क्यों खार खाए बैठे हैं?
इस आयोजन के पीछे की एक एक क्रिया कलाप देश को विकास की ओर ले जाने की है। 60 शहरों में आयोजन, हस्तशिल्प कला को बढ़ावा, dinner में सभी राज्यों की cuisine शामिल करना, मोटे अनाज के स्वादिष्ट व्यंजन रखना, कृषि की विविधता और किसानों का विकास, UPI द्वारा ही सभी delegates अपने खर्चे का वहन कर रहे हैं, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी, आदि... इसमें शामिल हैं..
करोड़ों की फिल्म बनाने और राजनेताओं के शौक पूरे करने में करोड़ों फूंकने के बनिस्पत G20 summit करके देश को सशक्त व समृद्ध बनाना हर दृष्टि से उचित है। जहां देश का मान सम्मान और संपन्नता हो, वो ही न्याय संगत है।
एक बार देश के नजरिए से सोचिए तो.., पहले इस तरह से नहीं होता था, इसलिए सोचना समझना थोड़ा मुश्किल है पर असंभव नहीं... सोच कर देखिए तो...
जय हिन्द जय भारत 🇮🇳
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