बहुत ही मार्मिक, दिल को छू लेने वाली कहानी। एक बार पढ़िएगा ज़रूर, आपको भी अपनी बेटी से और ज़्यादा प्यार हो जाएगा।
Happy Daughter's Day 🎉💐💕
बस कुछ दिन
ईश्वर ने शादी के बाद पहला
तौहफा दिया, एक नन्ही सी परी। पर दिल खुश ही नहीं हुआ, उसकी
मासूम सी किलकारी पर। मन में तो एक बेटे की चाह थी।
उस सुन्दर सी मासूम परी को
तो मैं नज़र भर कर देखना भी नहीं चाह रही थी। फर्ज था तो, वक़्त से
उसकी जरूरतों को पूरी करती रही, पर कभी मन से नहीं।
वो नन्ही मासूम ज्यों ज्यों बड़ी हो रही थी, उसकी दुनिया मेरे ही इर्द-गिर्द समाती जा रही थी। पर सब
जानते हुए भी मैं कभी उसे तवज्जो नहीं देती थी।
वक़्त के साथ ही मेरा एक सुन्दर सा राजकुमार हुआ। उसके होने से दिल ऐसे खुश हुआ, जैसे
साक्षात प्रभु दर्शन कर लिए।
अब तो हर पल उसकी ही चिंता
में घुली रहती। पर वो, उसे तो जैसे मुझसे कोई मतलब ही नहीं था। दिन भर अपनी ही
धुन में रहा करता।
बेटी विवाह योग्य हो गयी, तो अच्छा
घर देखकर उसका विवाह कर दिया।
वो विदा क्या हुई, मैंने
सोचा, अब उसकी तरफ से चिंता मुक्त हो गयी। पर वो ऐसा नहीं
सोचती थी, हर रोज़ मुझसे घंटों बात किया करती, मुझे
दूर से भी सलाह मशविरा दिया करती थी।
बेटा पास होकर भी ना जान
पाता था, कि मेरी तबीयत नासाज़ है, और वो
आवाज़ सुनकर तबीयत तो क्या, mood अच्छा है या बुरा, सब जान
लेती थी।
जब कभी ससुराल से आती, मेरे
लिए ढेरों उपहार लाती, जब तक रुकती मेरे साथ ही सोती, रोज़ खूब
अच्छा बनाकर खिलाती, घुमाने भी ले जाती, shopping भी
करवाने जाती थी। और जाते समय ठीक से रहने के लिए कितनी ही हिदायत दे जाती।
बेटे की भी शादी हो गयी, अब तो
वो और ही कुछ नहीं पूछता था, तो बहू से क्या उम्मीद करती।
एक दिन मेरी बहुत तबीयत
खराब हो गयी थी, बेटे ने तुरन्त फोन कर दिया, दीदी, माँ की
बहुत तबीयत खराब है, आकर ले जाओ।
साथ ही ये कहकर अपना पल्ला
झाड़ लिया, आप ही जानती हो क्या चाहिए, उन्हें? तो आप
के पास जल्दी ठीक हो जाएंगी।
उसने एक सवाल नहीं किया, मुझे
साथ ले गयी। मेरा बहुत ज्यादा ध्यान रखा, मेरी एक एक छोटी से छोटी बातें उसे पता थी। और पसंद तो
वो..., वह सारी भी जानती थी, जो मुझे
भी नहीं पता थी। सच में उसकी सेवा ने मुझे बहुत जल्दी पूर्णतः ठीक कर दिया।
फिर वापस बेटे के पास आ
गयी, पर उसकी उपेक्षा से चंद दिनों में ऐसी बीमार पड़ी कि
अबकि बार बेटी के आने के पहले ही दुनिया से चली गयी।
जब वो आई, तब तक
कुछ भी नहीं हुआ था, मैं वैसी ही निश्चेत बिस्तर पर थी। उसके आते ही बेटा
बोला, दीदी मुझे तो कुछ पता नहीं है, सब आप ही
कर लीजिये।
और हाँ, तेरही के चक्कर में ना रहिएगा, आप तो जानती हैं, मैंने Bengaluru में एक बड़ी software company join की है। मेरी और आहना की पाँच दिन बाद Bengaluru की flight है। बड़ी मुश्किल से settings बैठाई है, company से, तो cancel भी नहीं कर सकते। और वहाँ रहने के लिए flat भी book कर दिया है।
आप को तो पता हैं ना, उसमें
कितने रुपए लग जाते हैं। तो सब खर्चा भी आपको ही देखना पड़ेगा।
आत्मा ने शरीर तो छोड़ दिया
था, पर तब तक परमात्मा में लीन नहीं हुई थी, बेटे की
इस हरकत पर अचकचा के रह गयी, जिस बेटी का कभी नहीं खाया, जब उसके घर गई, उसके मना करने के बावजूद उसे हमेशा अपने रहने का ख़र्चा देकर आई। आज वही
अंतिम यात्रा पूरी करवाएगी।
जिसको कभी प्यार से नहीं
देखा, वो बेटी पूरे जतन से लग गयी। उसने सारे संस्कार पूर्ण
विधि से कराये। बेटा तो बस पंडित के सामने बैठकर सारी रस्में भर जैसे-तैसे पूरी
करता रहा। फिर अपने Bengaluru जाने की तैयारी में जुट गया।
बेटी तो कई महीनों तक मेरे
गम में ही गुम रही, हर त्यौहार में मुझे याद करती। पर बेटा तो जैसे मुझसे छुटकारा
ही पा गया था।
एक दिन ईश्वर के सामने गयी, वो बोले
क्या चाहती हो बताओ?
मैं बोली, बस एक बार मुझे मेरी बेटी की माँ बना दीजियेगा।
प्रभु बोले, उसके
लिए तो बहुत लंबी लाइन है, जल्दी number नहीं आएगा। सब अब अपनी बेटी को ही वापस चाहते हैं। बेटा चाहिए तो बोलो?
नहीं नहीं.... अब मुझे बेटे की कोई चाह नहीं है।
मैं भी लाइन में लग गयी, बेटी के साथ, जिंदगी के बस कुछ दिन गुजारने के लिए।
अपनी बेटी को बहुत सारा प्यार देने के लिए, वो जो इस जन्म में नहीं और वो भी जो अगले जन्म में देना है...
Disclaimer: यह कहानी किसी पर भी आधारित नहीं है, इस कहानी, या इससे जुड़ी घटना किसी की ज़िंदगी से मिलना एक संयोग मात्र है। जीवन से जुड़ी कहानी है, जो की बेटी के प्यार को दर्शाती है।
Heart touching story , bahut badhiya
ReplyDeleteThank you so much for your appreciation 🙏🏻🙏🏻
DeleteYour words are valuable for me 🙏🏻
हृदयस्पर्शी कहानी।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद
Deleteआपके शब्द हमारे लिए बहुमूल्य हैं 🙏🏻
मार्मिक कहानी
ReplyDeleteअति सुन्दर
आपका हृदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻
Deleteआपके शब्द मेरे लिए बहुमूल्य हैं 🙏🏻🙏🏻
बहुत दिनों बाद मेल देखी,
ReplyDeleteतुम्हारी कहानी पढ़ी,
बहुत ही मार्मिक विषयवस्तु है,
सही है, लोगों को बेटों की चाह अधिक होती है।
वास्तविकता तुम्हारी कहानी बयॉ कर रही है।
👌
आपका हृदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻
Deleteआपके शब्द हमारे लिए बहुमूल्य हैं, अपना आशीर्वाद सदैव बनाए रखें 🙏🏻