होली का त्यौहार हो, रंगों की बौछार हो और उसमें राधा कृष्ण के प्रेम का इज़हार हो, तब ही तो होली का असली रंग नज़र आता है। और ऐसा कोई गीत हो तो वो दिल को भाता है।
बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज का यह गीत श्री कृष्ण और राधा रानी के श्री चरणों में समर्पित है।
आइए इसका आनंद लेते हैं।
होली खेल रहे हैं ब्रज में
होली खेल रहें हैं ब्रज में,
कान्हा राधा के साथ।
कान्हा राधा के साथ,
लेकर हाथों में हाथ।।
होली है त्यौहार प्रीत का,
रंगों की रंगोली।
प्रेम के रंग में रंग गई राधा,
कृष्णा की वो होली।।
होली खेल रहें हैं ब्रज में,
कान्हा राधा के साथ।
कौन है अपना, कौन पराया,
होली में ना हो विचार।
प्रेम प्रीत में सबको रंग दे,
रंगों की बौछार।।
होली खेल रहें हैं ब्रज में,
कान्हा राधा के साथ।
दृश्य सुहाना देखकर,
सब उसमें ही खो जाएं।
अलग-अलग नहीं दिख रहे दोनों,
एक नजर आएं।।
होली खेल रहें हैं ब्रज में,
कान्हा राधा के साथ।।
आप सभी को रंगों के त्यौहार, होली की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉
भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी हम सभी के जीवन को प्रेम-प्रीत, उमंग और सुख के रंग में रंग दें 🙏🏻🙏🏻
जै हो श्यामा श्याम की बहुत भावपूर्ण गाया आशीर्वाद बेटे
ReplyDeleteआपका हृदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻🙏🏻
Deleteआपका आशीर्वाद सदैव बना रहे 🙏🏻🙏🏻
😘😘प्रिय हृदयांश अद्वय, बहुत सुंदर व सुरीली लय मे आपने गाया, और मम्मा ने आपका साथ देकर ,भजन मे चार चांद लगा दिए,भजन के बोल भी लाजवाब है बहुत सुंदर अद्वय आपको ढेर सारी बधाइयां और खूब आशीर्वाद एवं प्यार 💐💐🙌
ReplyDeleteआपका हृदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻🙏🏻
Deleteआपका आशीर्वाद सदैव बना रहे 🙏🏻
सुन्दर गीत है गायन भी बहुत अच्छा है।
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻😊
Deleteहोली खेल रहें हैं ब्रज में,
ReplyDeleteकान्हा राधा के साथ.....बहुत बढ़िया 👌👌
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
Deleteसुंदर जुगलबंदी
ReplyDeleteNS
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻😊
Delete