किराए की साइकिल
चंदन बस्ती में रहने वाला होशियार बच्चा था। उसके पापा, किशन की किराने की दुकान थी।
पूरी बस्ती वहीं से राशन लेती थी, बहुत लोगों का उधार भी चलता था, इस कारण किशन का बस्ती में वट था, साथ ही बच्चों में चंदन का..
इस बार चंदन की मौसी ने उसके जन्मदिवस पर उसको तोहफे मे साइकिल दी।
अभी तक बस्ती में किसी के पास साइकिल नहीं थी। ऐसे में चंदन की चमचमाती लाल साइकिल, सारे बच्चों मे आकर्षण का केंद्र बन गई।
हर बच्चा उसे छूना, देखना चाह रहा था। चंदन ठहरा व्यापारी का बेटा... उसने सब को कहा, देखने और छूने के 5 रूपए लगेंगे।
5 रूपए बड़ी कीमत नही थी, आधे घंटे मे सारे बच्चे घर से 5 रूपए ले आए।
चंदन ने सबकी line लगवा दी, इस सख्त हिदायत के साथ कि सब बस साइकिल को देखेंगे और छूएंगे, कोई किसी तरह की कोई छेडछाड नहीं करेगा। जिसके कारण भी साइकिल में जरा भी खराबी आई, उसे पूरे 5 हजार का भुगतान करना पड़ेगा।
इस तरह से चंदन के पास पूरे 250 रूपए एकत्रित हो गए। उसने एक बढ़िया चश्मा खरीदा और बड़ी शान से रोज, पूरी बस्ती के, साइकिल से चक्कर लगाने शुरू कर दिए। बच्चों के पास, उसे ललचाते हुए देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
हफ्ता-दस दिन बाद चंदन साइकिल चला-चला कर बोर हो गया। अब उसके दिमाग में एक तिकड़म आई।
उसने सारे बच्चों को बुलाया और कहा, जो-जो भी साइकिल चलना चाहता है, उसे किराया देना होगा। कितनी देर के लिए साइकिल लोगे, उसी के अनुसार किराया देना होगा। 20, 50, 70, 100 रूपए... साथ मे यह हिदायत तो थी ही कि, जिसके कारण भी साइकिल में जरा भी खराबी आई, उसे पूरे 5 हजार का भुगतान करना पड़ेगा।
बच्चो मे खुशी की लहर दौड़ गई। वो दौड़े चले गए रूपए लेने...
अब तो हर रोज, सुबह से शाम साइकिल चलती और चंदन की कमाई बढ़ती जाती।
कुछ ही दिनों मे साइकिल की पूरी कीमत निकल आई। अब चंदन ने एक और साइकिल खरीद ली और उसे भी किराए पर चलाने के लिए लगा दी। और ऐसे ही उसका किराए की साइकिल चलावाए जाने का business चल पड़ा...
चंदन के पापा किशन अपने बेटे की व्यापारी-बुद्धि देखकर अति प्रसन्न हुए और बोले, मैं तो हर रोज कितना राशन खरीदने और दुकान मे दिनभर खटने के बाद रूपए कमा पाता हू; और तुम घर बैठे, किराए की साइकिल चलवा कर कमा रहे हो... गजब दिमाग पाया है, ऐसे ही खूब कमाओ।
धन्यवाद पापा, आगे मोटरसाइकिल और कार की भी planing है...
किशन जोर से हंस दिया, फिर बोला, बहुत सही जा रहे हो...
सही है, बच्चे की बुद्धि बिल्कुल सही है।
ReplyDeleteआप के सराहनीय शब्दों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
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