Friday, 31 October 2025

Article : National Unity Day

आज राष्ट्रीय एकता दिवस है।

राष्ट्रीय एकता दिवस, यह किस उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है?

2014 से government offices में तो लगभग सभी जानते हैं, किन्तु अभी भी बहुत से लोग नहीं जानते हैं।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर विशेषतः सतर्कता पर ही कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। Slogan, essay, debate, drawing competition etc.

आज सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का जन्मदिवस है और आज उनकी 150वीं जयंती है।

सरदार वल्लभ भाई पटेल जी से कौन नहीं परिचित होगा, लेकिन शायद पूरी तरह से नहीं, मतलब उनकी उपलब्धियों से या यूं कहें उनके द्वारा किए गए महान कार्यों से...

National Unity Day


सरदार वल्लभ भाई पटेल आजादी की लड़ाई से जुड़े एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी थे। 

पर जितने सक्रिय यह देश को आजादी दिलाने के लिए थे, उसके अधिक उनका विशेष योगदान, आज़ादी के बाद रहा।

देश के आजाद होने के बाद यह decide होना था कि देश का प्रधानमंत्री किसे बनाया जाए, तब सर्व सम्मति से सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम ही चुना गया था।

लेकिन नेहरू की महत्वाकांक्षा के कारण गांधी जी ने नहेरू जी को प्रधानमंत्री और पटेल जी को उपप्रधानमंत्री व गृहमंत्री बना दिया।

देशभक्त पटेल जी ने देशभक्ति और गांधी जी को सम्मान देते हुए इस पद को भी सहर्ष स्वीकार कर लिया।

अब शुरू होता है उनका विशेष योगदान...

अंग्रेजों ने भारत को आज़ाद करते हुए एक षड्यंत्र रचा, उन्होंने भारत को 562 रियासतों में बांट दिया, तथा भारत-पाकिस्तान का विभाजन इस तरह से किया कि भारत के बीच-बीच में पाकिस्तान का हिस्सा था। जिससे भारत और पाकिस्तान, दोनों में से कोई भी पनप न पाए, उनका विकास न हो पाए।

उस समय आज़ादी के मिलने से जितनी प्रसन्नता थी, विभाजन होने से उतना ही अवसाद...

पूरा भारत भूखमरी, गरीबी और असंतोष की भावना से जल रहा था। ऐसे में देश का नेतृत्व आसान नहीं था और 562 रियासतों को जोड़कर एक करना उससे भी कठिन।

ऐसे समय में बहुत ही सतर्क, सुदृढ़, दूरदर्शी और सशक्त व्यक्ति की आवश्यकता थी और उसी महती भूमिका को निभाया था, हमारे सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने।

पटेल जी की दूरदर्शिता, सुदृढ़ता, सतर्कता ने सशक्त रूप से निर्णय लेना आरंभ कर दिया।

उन्होंने न केवल सारी रियासतों को जोड़कर एक भारत किया, बल्कि पाकिस्तान के जो भाग भारत के बीच-बीच में थे, उन्हें सम्पूर्ण भारत बना दिया। 

उनकी ही कोशिश से कश्मीर भी भारत मे मिल पाया था।

तो अगर इसे संक्षेप में समझें तो खंड-खंड भारत का अखंड भारत बनना, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के अथक प्रयासों के कारण ही संभव हुआ है। 

पर इसे त्रासदी ही कहेंगे कि उनके इतने बड़े योगदान को यूं ही धूमिल कर दिया गया, कि हमें अपने बचपन में कभी इससे अवगत ही नहीं कराया गया। जबकि सरदार वल्लभ भाई पटेल एक कांग्रेसी नेता ही थे। उसके पश्चात भी यह पक्षपात, केवल परिवार वाद को आगे बढ़ाने के लिए...

आप मानें या न मानें, पर धन्य है BJP government, जिसने 2014 में आकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के अमूल्य योगदान को धन्यवाद देने के लिए, उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ कर दिया। 

उन्होंने 2013 में गुजरात के केवड़िया में, महान भारतीय राजनेता सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बनवाने का कार्य आरंभ किया, जो 2018 में पूरा हुआ। इसे statue of unity का नाम दिया, जो दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। इससे प्रतिवर्ष करोड़ों का revenue आता है।

आज जब उनकी 150वीं जयंती थी, तो केवड़िया में प्रधानमंत्री मोदी जी ने सरदार पटेल जी को श्रद्धांजलि प्रदान की।

उसमें आयोजित होने वाला programme इतना भव्य था, मानो 26 January में होने वाले आयोजन का छोटा-सा प्रतिरूप।

इस एकता parade में शौर्य शक्ति और अखंडता का संदेश दिया गया, जिसमें BSF, CRPF, CISF, ITBP, SSB, NSG, NDRS, विभिन्न राज्यों की पुलिस टुकड़ी आदि की parade शामिल थी।

विभिन्न राज्यों की झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिनसे प्रदर्शित हो रहा था, मैं शक्ति भी सुरक्षा भी।

शौर्य शक्ति, एकता, भारतीय संस्कृति, देशभक्ति, एकता में अनेकता, सामंजस्य शक्ति, दूरदर्शिता आदि का अनूठा संगम था।

अब से हम National Unity Day को सिर्फ government offices तक सीमित नहीं रहने देंगे, बल्कि हम सब भारतीय, उनके सामने नतमस्तक होकर उनके अमूल्य योगदान को धन्यवाद देंगे।

आइए, आज सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के सपने को साकार करने का संकल्प लेते हैं।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत 🇮🇳 

और साथ ही संकल्प लें, भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

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