Monday, 4 June 2018

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आजकल लोगों में बीमारियाँ, दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं, कोई पूर्णतः स्वस्थ तो है ही नहीं, पर एक बीमारी आजकल सर्वत्र विद्धमान है, वो ऐसी बीमारी है, जिससे कोई भी अछूता नहीं है, चाहे वो अमीर हो या गरीब, बच्चा हो या बूढ़ा, स्त्री हो या पुरुष, गाँव का हो या शहर का, सब इसी बीमारी से ग्रसित मिलेंगे।
आपको क्या लगता है कौन सी बीमारी है, ये?
Time नहीं है जी हाँ यही वो बीमारी है।
आप सोच रहे होंगे? इस बार article का title नहीं डाला! अरे भाई Time नहीं है       
आजकल ये जुमला इतना अधिक बोला जाने लगा है, कि बच्चे भी expert हो गए हैं।
पर समझने वाली बात ये है, कि ये समय आखिर गया कहाँ?
पहले जो भी काम होते थे, सब में वक़्त लगता था, घर के काम से शुरू करते हैं, सब्जी काटना हो, मसाला पीसना हो, या खाना बनाना हो, सब काम हाथों से ही होते थे, जिसमे वक़्त भी लगता था, और मेहनत भी बहुत लगती थी।
पर अब बहुत सी मशीनें आ गयीं हैं, जो काम चुटकियों में कर देती हैं, helpers भी होते हैं काम करने के लिए, तब तो अब समय बचना चाहिए, पर नहीं जी अब Time नहीं है
तो ये रही घर की बात, तो चलिये अब ऑफिस जाने वालों की बात भी कर लेते हैं।
पहले लोग मीलों पैदल चलते थे, या साइकिल से office जाते थे, फिर वहाँ हाथ से एक एक काम करने, लिखने में घंटों लगते थे।
पर अब, car या  bike ठाओ, और मिनटों में office पहुँच गए। फिर आपका काम जल्दी निपटाने के लिए computer  ज़िंदाबाद, तब तो अब समय बचना चाहिए, पर नहीं जनाब, अब Time नहीं है
पहले भी 24 घंटे थे, अब भी हैं। तब लोग इतना काम करके, भी समय निकाल लिया करते थे, और एक दूसरे के साथ वक़्त भी बिताते थे, तब उनमें अपनापन और परवाह थी, अपनी importance दिखाने के लिए झूठे दिखावे नहीं करते थे। पर अब लोगों को किसी की परवाह नहीं रह गयी है, सभी self centered  हो गए हैं, social relation maintain करने के लिए  social media पर एक virtual world बना लिया है, जहां घंटों chat चलती रहेगी, राजनीति पर फालतू की बहस करेंगे, बहुत सारा समय video games में निकाल देंगे, या सो-सो के बिता देंगे। इन सब के बाद जो समय बच जाता है, उसे भी झूठी शान दिखाने के लिए बोल देंगे, बहुत busy हैं यार

समय सब का बहुमूल्य है यदि कोई आपको अपना समय देता है, तो ये मत समझिये, कि उसके पास समय बहुतायत में है। उसके पास भी आपकी तरह 24 ही घंटे हैं, वो आपको इसलिए time दे रहा है, क्योंकि उसके लिए रिश्ते valuable हैं उसका सम्मान करें, और उसको भी अपना समय प्रदान करें, क्योंकि रिश्ते आपसी सामंजस्य से ही बनते हैं, झूठे दिखावों से नहीं    
अपने आपको busy दिखा कर हम अपने इर्दगिर्द एक झूठी दुनिया बना ले रहे हैं, और अपनों से दूर होते जा रहे हैं,
उसी का नतीजा है, जिन्हें हम lifestyle diseases भी कहते हैं मसलन- high blood pressure, diabetes, depression, etc.

Plz एक बार इस झूठी दुनिया से बाहर निकलिए, अपना समय अपनों के संग बितायें, कुछ अपनी कहें-कुछ उनकी सुनें। ज्यादा खुश भी रहेंगे और स्वस्थ भी।

2 comments:

  1. Bahut achchha article👌👌👌
    Samvedanheen samaaj ko samvedansheel banane ka ek achchha prayas..

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  2. एक कोशिश है, सहयोग सभी का चाहिए🙏

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