Wednesday, 6 June 2018

Thank You

धन्यवाद

अभी तक मैंने बहुत से article, kids story, story of life, tips, recipe लिखे हैं, पर आज मन किया, कि आप सब को धन्यवाद दिया जाए।
मुझे लिखने के लिए आप सब ने प्रेरित किया, कुछ ने लिखने के लिए प्रेरित किया, किसी की जीवन शैली ने प्रेरित किया। इसलिए मेरे लिखे हुए write-ups शायद आपको अपने से लगते होंगे।

भगवान जी की कृपा, सब बड़ों का आशीर्वाद और आप सब की शुभकामनायें, मेरे मनोबल को प्रतिदिन ऊर्जा प्रदान करती हैं।
आप सब का मेरे blog में, और  Facebook page: Shades of life में लिखे गए comments मुझे लिखने की प्रेरणा प्रदान करता है, उसके लिए  
गीता जी, संत जी, राधा जी, ब्रह्मानन्द जी, केशव जी, रीमा जी, आशीष जी, निमिषा जी, ऋतु जी, शाहीना जी, संवेदना जी, स्मिता जी, सौम्या जी, अर्चना जी, मृणालिनी जी, मनोरमा जी, अलका जी, किसलय जी, प्रभा जी, रश्मि जी, हर्षिता जी, दीप्ति जी, आकाश जी, और वो सब भी जिनके नाम का उल्लेख नहीं है पर उन्होने मेरे blog को visit किया है, सराहना की है, आप सबको कोटि कोटि धन्यवाद
और आगे भी जो लोग देखेंगे, सराहना करेंगे उन सब को भी कोटि कोटि धन्यवाद

आप सब के साथ ही कुछ ऐसे नाम भी हैं, एक मेरे पति अभयेश्वर जी, जिनके सहयोग के बिना मेरा blog लिखना संभव नहीं है, दूसरी मेरी बेटी अद्विका, जिसने मुझे ये blog सिर्फ बना के ही नहीं दिया, बल्कि मुझे सहयोग भी प्रदान करती है, मेरी भतीजी विदुषी, जो Instagram के माध्यम से मुझे सहयोग प्रदान करती है, और हाँ अपने बेटे अद्वय को कैसे भूल सकती हूँ, उसको दिया जाने वाला बहुत सारा समय मेरा blog लिखने में चला जाता है। और उसको सुनाई हुई बच्चों की कहानियाँ मेरे kids stories का हिस्सा भी हैं। आप सब का भी कोटि-कोटि धन्यवाद

बहुत सारे नामों में एक विशेष नाम भी है, आदरणीय श्री सत्यनारायण भटनागर जी का, जिनका साहित्य में गौरवान्वित स्थान है।
भटनागर जी, जितने अच्छे साहित्यकार हैं, वो उतने ही सफल व्यक्ति, और पिता भी हैं।
जब उनसे मेरी भेंट हुई, तो मैंने पाया, कि वह जितनी महान हस्ती हैं, उतने ही सरल विनम्र भी हैं
उनकी सरलता व विनम्रता देख के मुझे अपनी लिखित रचना दिखाने कि इच्छा जागृत हुई, पर डर भी लग रहा था, कहाँ वो इतने अनुभवी साहित्यकार, और कहाँ मैं अनुभवहीनपर उन्होने मेरी लिखी रचनाओं कि न केवल खुले शब्दों में प्रशंसा की, अपितु उन्हे संपादित कराने का मार्गदर्शन भी प्रदान किया।
उन्हीं के प्रयासों के फलस्वरूप मेरी बाल-कहानियों का प्रकाशन भी हुआ।

आपके लिए मेरे कुछ शब्द

कदम आपके हैं
चलना आपको है,
पर मंजिल कहाँ है, 
ये गुरु बताते हैं। 
पर गुरु भी हर किसी को,
कहाँ मिल पाते हैं। 
कृपा है,  प्रभु आपकी मुझ पे
जो आपने मुझे, 
भटनागर जी से मिलवाया। 
उनके सानिध्य ने मुझे लिखने के,
काबिल बनाया।
हे गुरुदेव आपको कोटि-कोटि धन्यवाद।

  

  

1 comment:

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