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दीपा और रितेश अलग अलग सोच वाले पति –पत्नी हैं। और किस तरह रितेश ने दीपा का दिल तोड़ दिया
दीपा और रितेश अलग अलग सोच वाले पति –पत्नी हैं। और किस तरह रितेश ने दीपा का दिल तोड़ दिया
अब आगे......
सावन आया है भाग-३
अगले दिन ऑफिस में करन ने
रितेश
से पूछा, और कैसा रहा कल का
दिन?
कैसा क्या, रोज़ जैसा ही रहा। करन समझ गया, उसके दोस्त ने कल दीपा का दिल
तोड़ दिया होगा।
शाम तक मौसम फिर से हसीन हो गया, पर अब दीपा को कोई भी खुशी नहीं हो रही थी।
करन, रितेश को साथ
ले कर बाज़ार गया, उससे दीपा की
मनपसंद मिठाई घेवर दिलवाई, एक गजरा खरीदवाया।
और बोला आज मेरे कहने से भाभी के संग बारिश में भीग लेना, और उन्हें सब दे
देना। इन सब से क्या होगा? बेकार के नाटक हैं तेरे, रितेश भुनभूना रहा था। एक
बार जैसा
कह रहा हूँ, कर के तो
देख, फिर ना मन
करे तो आगे से मत करना।
अस्त व्यस्त सा suit,बिखरी सी जुल्फें दीपा ने
दरवाज़ा खोला, तो सब समान
रख के रितेश
ने दीपा के गजरा लगा दिया, mobile में song बजा दिया। अब के सावन
ऐसे बरसे.... उसे खींच के आँगन में भीगने ले गया।
दोनों खूब भीगे। फिर अन्दर आ के कपड़े बदल कर चाय के साथ दीपा जब रितेश के पास आई, तो रितेश ने उसे अपने हाथों से घेवर खिलाया।
दोनों खूब भीगे। फिर अन्दर आ के कपड़े बदल कर चाय के साथ दीपा जब रितेश के पास आई, तो रितेश ने उसे अपने हाथों से घेवर खिलाया।
दीपा को कुछ समझ नहीं आ
रहा था कि आखिर आज रितेश को क्या हुआ है? उसने आश्चर्य से रितेश को
देखा, तो रितेश खुश होता हुआ बोला, सावन आया है।
रितेश से ऐसा सुन कर दीपा
खुशी से उसके गले लग गयी। आज पहली बार रितेश को भी एहसास हुआ था, सावन में जीवन-साथी के
साथ बारिश में भीगने का एक अलग ही मज़ा है। आज
वो मन से करन को धन्यवाद दे रहा था।
अगले दिन जब वो ऑफिस गया, तो उसका खिला-खिला चेहरा देखकर
करन बोल
उठा। अब पता चला, क्या होता है, जब सावन आता है? हाँ हाँ बहुत अच्छे से।
फिर दोनों ज़ोर ज़ोर से हँसने
लगे।
Great ending👍
ReplyDeleteZindagi ka maja har chote2 lamho ko dil se jine me hai
Thank you for your comment,it really boosts me up
ReplyDeleteThank you for your valuable time too