Sunday 16 June 2019

Poem. : पिता हैं ख़ास


Father's day के विशेष अवसर पर सभी पिता को समर्पित
 पिता हैं ख़ास


एक बेटी से पूछा जब
क्या तुम्हें, एहसास है;
कौन तुम्हारे लिए, सबसे ख़ास है?
उसने एक पल भी, नहीं गंवाया
पिता हैं, उनका ही ख़्याल;
उसके मन में, सबसे पहले आया
मैंने कहा, यह क्या कहती हो?
मां का छोड़ कर, तुम
पिता का नाम लेती हो?
वो बोली, यह तो ईश्वर
ने हमें खुद बताया है,
बच्चों को पिता का, नाम दिलाया है।
कभी प्यार, कभी सख्ती दिखाते हैं
उनके इसी रवैए के कारण,
हम गलत कदम उठाने, से बच जाते हैं।
वो बात बात पर, गले नहीं लगाते हैं,
पर उनकी उपस्थिति में;
बुरे साये भी, नजदीक नहीं आते हैं।
वो मुख से कुछ नहीं कहते हैं,
चुपचाप हमारे लिए सब सहते हैं;
उनका यही अनकहा एहसास
उनको बनाता है खास।

Love you Papa

Happy father's day

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इन सब की सराहना के लिए अनेकानेक धन्यवाद

5 comments:

  1. पिता , सचमुच अत्यंत भावुक और सशक्त व्यक्तित्व है ,जो हर लड़की/स्त्री अपने पति में भी खोजती है।
    यह कविता भी हर इसी के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है।
    रूबी वर्मा

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    Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your appreciation

      Your words boost me up

      Delete
  2. Thank you so much Sir for your appreciation

    ReplyDelete

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