Advay the hero
: Matches
Advay जिस
apartment
में रहता था, उस apartment और बगल वाले apartment, दोनों के बीच में एक ही playground
था। अतः दोनों apartment के बच्चों को उसे share
करना पड़ता था।
जब जहाँ के बच्चे पहले आते, वही वहाँ खेलते थे। Advay की team के बच्चे छोटे थे, इसलिए आए दिन वो ही playground
में नहीं खेल पाते थे।
इससे advay की team
bore होने लगी। एक दिन advay बहुत
उदास बैठा
था। उसकी mumma ने पूछा, क्या हुआ? आज बड़े चुप-चुप बैठे हो, खेलने भी नहीं गए।
Advay: Mumma मेरी पूरी team बोर हो रही है।
Mumma: क्यों?
Advay: Playground में दूसरे apartment के बच्चे खेलते हैं, तो हम नहीं खेल पाते हैं।
Mumma: तो तुम लोग उनके साथ ही खेल लो।
Advay: साथ में कैसे mumma?
वो तो दूसरे apartment के हैं।
Mumma: तो क्या हो गया? सब
साथ में खेलोगे, तो ज्यादा मज़ा आएगा। पर उसके लिए तुम्हें interesting
game सोचने होंगे।
Advay: अच्छा वो कैसे होगा?
Mumma: तुम उन लोगों के साथ matches plan करो।
Advay: हम लोग छोटे हैं,
हार जाएंगे, advay दुखी होते हुए बोला।
Mumma: Matches age से नहीं practices से जीतते हैं, अगर तुम्हारी तरह सचिन भी सोचता तो, उसका कभी इतना नाम ना होता। फिर खेल है, कोई जीतेगा, कोई हारेगा। पर मज़ा तो आएगा। Advay को idea जंच गया।
Advay: Love you mumma कह कर वो खेलने चला गया।
सब बोले हम हार जाएंगे। तो mumma ने जो बात बोली थी, advay ने
अपने दोस्तों से कह दी, खेल है, कोई
जीतेगा, कोई हारेगा। पर मज़ा तो आएगा। पर हम जीत कर दिखाएंगे, बहुत practice करेंगे, हम
सचिन बन कर दिखाएंगे।
उन्होंने जब दूसरे apartment से
बात की, वो तुरंत मान गए, उन्हें पता
था, वही जीतेंगे।
Advay बोला, 1 week बाद match होगा, हम अपने mumma-papa
को भी match देखने बुलाएँगे।
बात final हो गयी। Advay
की टीम ने बहुत मेहनत से practice शुरू कर
दी। जबकि दूसरे apartment के बच्चे बिल्कुल भी practice नहीं कर रहे थे, वो जानते थे कि बिना practice
के भी वही जीतेंगे।
आखिर वो दिन भी आ गया......
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