Thursday, 5 September 2019

Poem : गुरु और शिष्य


शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर सभी गुरुओं को मेरा शत शत नमन 

गुरु और शिष्य



गुरु और शिष्य का,
कैसा पावन नाता है। 
ना जुड़ा रक्त से, ना बंधन से ,
फिर भी जन्मों सा जुड़ जाता है॥

गुरु सारे अवगुण, दूर कर,
हमारे गुणों को चमकाता है।
कभी माँ बन प्यार लुटाता है,
कभी पिता सा सीधी राह दिखाता है॥

हो सरल मार्ग, या कठिन डगर
जीवन जीना सिखलाता है। 
असफलता से सफलता तक,
गुरु हमको ले जाता है॥

हम क्यों आए, इस दुनिया में
ये गुरु हमे बताता है।
जीवन को जीने लायक, 
गुरु ही बनवाता है॥

गुरु और शिष्य का,
कैसा पावन नाता है। 
ना जुड़ा रक्त से, ना बंधन से,
फिर भी जन्मों सा जुड़ जाता है॥


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8 comments:

  1. बिल्कुल ऐसा ही पावन नाता है गुरु और शिष्य काको आदिकाल से चला आ रहा है। रूबी

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    1. आपके सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏💐😊

      आपके शब्द मेरे लिए अनमोल हैं

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  2. Beautifully penned down your thoughts ...

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    Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your precious words🙏 💐 😊

      Your words encourage me

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  3. Lovely poem...perfect choice of words and really appreciative.

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    1. Thank you very much Ma'am for exquisite words 🙏 💐 😊

      Your words encourage me

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  4. Replies
    1. Thank you very much Ma'am for your appreciation 🙏💐😊

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