शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर सभी गुरुओं को मेरा शत शत नमन
गुरु और शिष्य
गुरु और शिष्य का,
कैसा पावन नाता है।
ना जुड़ा रक्त से, ना बंधन
से ,
फिर भी जन्मों सा जुड़ जाता है॥
गुरु सारे अवगुण, दूर कर,
हमारे गुणों को चमकाता है।
कभी माँ बन प्यार लुटाता है,
कभी पिता सा सीधी राह दिखाता है॥
हो सरल मार्ग, या कठिन डगर
जीवन जीना सिखलाता है।
असफलता से सफलता तक,
गुरु हमको ले जाता है॥
हम क्यों आए, इस दुनिया में
ये गुरु हमे बताता है।
जीवन को जीने लायक,
गुरु ही बनवाता है॥
गुरु और शिष्य का,
कैसा पावन नाता है।
ना जुड़ा रक्त से, ना बंधन
से,
फिर भी जन्मों सा जुड़ जाता है॥
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बिल्कुल ऐसा ही पावन नाता है गुरु और शिष्य काको आदिकाल से चला आ रहा है। रूबी
ReplyDeleteआपके सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏💐😊
Deleteआपके शब्द मेरे लिए अनमोल हैं
Beautifully penned down your thoughts ...
ReplyDeleteThank you very much Ma'am for your precious words🙏 💐 😊
DeleteYour words encourage me
Lovely poem...perfect choice of words and really appreciative.
ReplyDeleteThank you very much Ma'am for exquisite words 🙏 💐 😊
DeleteYour words encourage me
Very beautiful poem👌
ReplyDeleteNs
Thank you very much Ma'am for your appreciation 🙏💐😊
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