Advay the hero : Last Day( part -1)के आगे......
Advay the hero : Last Day(part-2)
वो दुखी होकर, अपनी सीट पर बैठ
गया।
तभी उसे कुछ रुपए ज़मीन पर दिखे। उसने उन्हें उठा लिया। जब उसने उन्हें गिना तो, वो उतने ही थे, जितने picnic के लिए चाहिए थे। वो सबसे आखिर में पैसे देने के लिए line में खड़ा हो गया।
तभी उसे कुछ रुपए ज़मीन पर दिखे। उसने उन्हें उठा लिया। जब उसने उन्हें गिना तो, वो उतने ही थे, जितने picnic के लिए चाहिए थे। वो सबसे आखिर में पैसे देने के लिए line में खड़ा हो गया।
आज सारे ही बच्चों ने पैसे जमा कर दिये थे, सिवाय तरुण और advay के।
Ma’am ने advay को बुलाया, और कहा, तुम ने तरुण के पैसे जमा कर दिये, अपने क्यों नहीं किए?
तरुण अपना नाम सुन कर ma’am के पास आ गया। ma’am मुझे तो अपने पैसे मिल नहीं रहे
थे, इसलिए मैंने नही जमा किए, पर advay
तुमने मेरे क्यों जमा किए?
Advay बोला, ma’am ये इसी के पैसे हैं। जमीन पर पड़े थे, जब मैं line
में खड़ा था, तब मैंने देखा था, ये वहीं ढूंढ रहा था, जहाँ से मुझे ये पैसे मिले
थे। इसलिए मैंने इसके पैसे इसके नाम से जमा कर दिये। मेरी mumma ने भी पैसे दिये थे, पर वो मैं घर में भूल गया।
Ma’am बोली, पैसे तुम्हें
पड़े मिले थे, ये कोई नहीं जानता था। तो तुमने वो पैसे अपने
नाम से क्यों नहीं जमा करे? आज last day है, अगर तुम अपने नाम से जमा करते, तो तुम picnic जा सकते थे।
मेरी mumma बोलती हैं, जैसे चोरी करना बुरी बात है। वैसे ही किसी की गिरी हुई चीज़ को अपना मान
लेना भी गलत है। वो जिसका गिरा होता है, उसका ही होता है।
इसलिए ही मैं उसे आप को देने आ रहा था, तभी तरुण मुझे ढूँढता
दिख गया, तो मैंने उसके नाम से पैसे जमा कर दिये।
Ma’am, advay की ईमानदारी
से बहुत खुश हुईं। उन्होंने advay के picnic के पैसे अपने पास से दे दिये। फिर advay से कहा, तुम भी picnic जा रहे हो कल तुम पैसे लेते आना, मैंने तुम्हारे पैसे अपने पास से दे दिये हैं। Advay बहुत खुश हो गया।
उन्होंने सारे बच्चों को advay
की ईमानदारी वाली बात बताई, और कहा सब को ऐसे
ही ईमानदार होना चाहिए। सब ने advay के लिए clapping की। साथ ही सबको इस बात की भी खुशी थी, कि advay
भी picnic में जा रहा था।
तभी advay की class
में एक slip आई, कि advay
के पापा ने picnic के लिए पैसे भिजवाए हैं।
Advay घर आकर अपने mumma के
गले लग गया। वो पूछने लगी, क्या हुआ?
तुम आज बहुत खुश हो।
तुम तो पैसे घर में ही भूल गए थे। फिर जब पैसे भूलने वाली तुम्हारी बात मैंने पापा को बताई, तो उन्होंने तुम्हारे school में पैसे भेज दिए थे।
क्या तुम इसलिए खुश हो?
तुम तो पैसे घर में ही भूल गए थे। फिर जब पैसे भूलने वाली तुम्हारी बात मैंने पापा को बताई, तो उन्होंने तुम्हारे school में पैसे भेज दिए थे।
क्या तुम इसलिए खुश हो?
Bahut badhiya
ReplyDeleteNs
Thank you very much for your valuable words
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