करवाचौथ
सिन्दूर, बिंदी, मेंहदी चूड़ी
सज गई मेरी सजनी पूरी
देखने उसे पूरी कायनात है आई
सोलह श्रृंगार कर वो बहुत भायी
मेंहदी भरे हाथों से
उसने देहरी सजाई
कण कण में मानो
सुन्दरता हो समाई
चूड़ी भरे हाथों से
उसने पकवान बनाए
हर एक निवाले में
स्वाद है समाए
ओढ़ के चुनरी
उसने मंदिर में दीप जलाए
मंदिर के जगमगाने से
प्रभु जी हैं हर्षाए
चंदा अब तू भी
जल्दी से आना
बादलों में छिपकर
सजनी को मत सताना
करवाचौथ व्रत कर
उसने पत्नी धर्म निभाया
तोहफा लाके सजना
प्रीत अपनी निभाना
आप सभी को करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐
💐💐ईश्वर हम सभी को अखंड सौभाग्य प्रदान करें 🙏🏻🙏🏻
Lovely poem...
ReplyDeleteThank you so much Ma'am for your appreciation 🙏🏻😊
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