हिन्दू-एकता- एक आवश्यकता...
सदियों से हिन्दूओं का शोषण हो रहा है।
और उसकी शुरुआत कश्मीर से नहीं हुई है, बल्कि तब से हुई है, जबसे भारत को कभी धन के लालच में, कभी मजहब के नाम पर, कभी सत्ता के नाम पर, कभी स्त्री के सौंदर्य के लिए शोषित किया जाता रहा है।
पर यह सिर्फ और सिर्फ भारत में ही संभव हो सकता था कि बरसों बरस रहकर भी दुश्मन ना तो इसके अस्तित्व को मिटा सका है और ना ही इसकी संस्कृति को।
क्योंकि सदियों के शोषण के बाद भी चिंगारी नहीं बुझी।
पर उस चिंगारी को ज्वाला बनाने का समय आ गया है। हिन्दुओं में बढ़ती हुई एकता ने बहुत कुछ बदलना प्रारंभ भी कर दिया है, जानना चाहते हैं कि वो क्या है?...
- सम्पूर्ण विश्व में पहले से ही हिन्दू धर्म का बोलबाला था। लेकिन हिन्दुओं की बढ़ती हुई एकता से हिन्दूओं की स्वीकार्यता विश्व व्यापी हो गई है।
- एक बहुत बड़ा प्रभाव यह है कि Bollywood दवाब में आ गया है, उन्हें हिन्दूओं का विरोध, हिन्दू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने में अपने भविष्य बर्बाद होता नज़र आने लगा है। Film के producer,director, actor, actress, अब किसी भी तरह की बकवास बातें करने से बचने लगे हैं।
- केन्द्र और राज्य सरकारें दवाब में आने लगी हैं, डरा, धमका कर धर्म परिवर्तन कराने वाली, मिशनरी और NGO's बंद किए जा रहे हैं।
- लव जिहाद के खिलाफ, धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनने लगे हैं, जिससे अत्याचारों में कमी आ रही है।
- बहुत से नेता अपने आप को हिन्दू दर्शाने के लिए मंदिर जाना, जनेऊ धारण करने जैसा कार्य कर रहे हैं। अब हिन्दू वोट की शक्ति प्रबल हो उठी है।
- हिन्दुओं के पर्व पर jokes बनना, उन त्यौहारों में बेवजह की रोक लगाया जाना बंद होना प्रारंभ हो गया है।
- सनातन धर्म पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आक्षेप लगाकर हमले किए जाने का काम बंद होता जा रहा है।
- हिन्दुओं की एकता से सनातन और देश शक्तिशाली हो रहा है।
हम सभी को जात-पात से ऊपर उठकर धर्म को प्राथमिकता देनी होंगी। हमें जैन, बुद्ध, सिख, ब्राह्मण, राजपूत, ठाकुर, सुनार, बनिया, यादव, चमार, पासी से ऊपर उठकर हिन्दू बनना होगा।
जिस दिन हम सब सिर्फ और सिर्फ हिन्दू हो गये, उस दिन भारत से आरक्षण का अभिशाप खत्म हो जाएगा जिससे हमारा देश सर्वशक्तिशाली, सर्वश्रेष्ठ, समृद्धशाली हो जाएगा।
हर देश सुरक्षा, सेवा और विकास के लिए भारत की ओर ही उन्मुख रहेगा।
कश्मीर फाइल्स की प्रसिद्धी, हिन्दू एकता का जीवंत उदाहरण है, पर बात एक फिल्म तक सीमित ना रहे, जो ज्वाला अभी धधक रही है, वो अब बुझनी नहीं चाहिए। अन्यथा कब कौन सा राज्य कश्मीर वाली त्रासदी देखेगा, कोई नहीं जानता।
साथ ही एक बहुत बड़ी बात और भी है, सनातन ही शांति है और शक्ति भी। इसलिए अगर किसी को अमन और सौहार्द्र चाहिए, तब भी हिन्दू एकता आज की आवश्यकता है।
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