रक्षाबंधन पर्व और भद्रा
इस साल रक्षाबंधन पर्व को लेकर दुनिया भर की अटकलें लगाई जा रही हैं, जो कहीं ना कहीं त्यौहार की मिठास को खत्म कर रही है।
सावन की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है, उसके अनुसार रक्षाबंधन पर्व और मूहर्त इस प्रकार हैं-
रक्षाबंधन तिथि व उसके शुभ मुहूर्त -
पूर्णिमा तिथि आरंभ - 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 12 अगस्त, सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर
शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक
पर, कहा जा रहा है कि इस बार रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा काल का काला साया है। अतः उस समय रक्षा सूत्र(राखी) बांधा जाना, अनिष्ट का द्योतक है।
भद्रा काल के विभिन्न मत
भद्रा काल को लेकर भी विभिन्न मत सुनाई दे रहे हैं, जैसे कहीं पंडित और ज्योतिषाचार्य कह रहे हैं कि रक्षाबंधन पर्व में लगने वाली भद्रा, मृत्युलोक (यानी, पृथ्वी लोक) में ना होकर, पताल लोक और स्वर्ग लोक में लग रही है, अतः यह भद्रा अतिशुभ फल दायक है, इसमें राखी का बांधा जाना बहुत शुभ है।
वहीं दूसरी ओर पंडित और ज्योतिषाचार्य कह रहे हैं कि भद्रा काल में किया गया कार्य अनिष्ट की ओर ले जाता है।
यह तो हुई, भद्रा काल को लेकर विभिन्न मत, अब जानते हैं कि यह भद्रा काल कब से कब तक होगा।
भद्रा काल का समय
जिस तरह से भद्रा काल के लिए विभिन्न मत हैं, उसी तरह इसके समय को लेकर भी आप को कोई एक मत नहीं दिखेगा।
कुछ पंडित और ज्योतिषाचार्य बोल रहे हैं कि इस बार रक्षाबंधन पर यानी 11 अगस्त को दिनभर भद्रा काल का साया रहने वाला है। भद्रा 11 अगस्त की रात को 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। ऐसे में कुछ ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि भद्रा की समाप्ति के बाद ही रक्षा सूत्र बांधना चाहिए। इस दिन चर चौघड़िया रात में 8.30 बजे से 9.55 बजे तक रहेगी ऐसे में यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय रहेगा। इस बार पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से तीन मुहूर्त से कम समय तक रहेगी। ऐसे में कुछ पंडितों का मानना है कि रक्षा बंधन 11 अगस्त को ही मनाना चाहिए। जबकि कुछ का कहना है कि राखी बांधने का कार्य 12 अगस्त को किया जाए, वही शुभ है।
वहीं कुछ कह रहे हैं कि भद्रा काल शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक व शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक है, अतः 11 अगस्त को दिनभर, और रात्रि में राखी बांधे जाना शुभ है, केवल संध्या समय पर राखी बांधने का कार्य ना करें।
रक्षाबंधन 2022 भद्रा काल का समय
रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल की समाप्ति- रात 8 बजकर 51 मिनट पर
रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक।
अतः भद्रा काल के अनुसार रक्षाबंधन पर्व का शुभ मुहूर्त
11 अगस्त 2022 को रात के 8 बजकर 52 मिनट से 9 बजकर 55 मिनट तक है। यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय रहेगा।
12 अगस्त को प्रातः 7 बजकर 5 मिनट तक।
अब इतने सारे राखी बांधने के मुहुर्त और भद्रा काल का समय देखकर आप स्वयं समझें कि आप को क्या समय सही लगता है।
जब हम लोग बच्चे थे, तब Facebook, WhatsApp, Instagram, etc. कुछ नहीं था।
तब भी हम राखी बांधने का मुहूर्त देखा करते थे।
क्या हुआ चौंक गए? कि तब कहाँ मुहुर्त देखा करते थे?
तो याद कीजिए कि देखा करते थे, पर वो मुहुर्त पंचांग से नहीं देखा जाता था, बल्कि वो मुहुर्त होता था कि भाई और बहन आपस में कब मिल सकते हैं, वो मिलन की घड़ी ही शुभ मुहुर्त होती थी। और इस शुभ मुहूर्त का आधार होता था, भाई-बहन का आपसी स्नेह, एक दूसरे के लिए शुभकामनाएं; और उस शुभ मुहूर्त से हम सब भाई-बहन का सदैव शुभ ही रहा।
याद आया आपको?
तो अब क्या हो गया है ? क्या आज के भाई-बहन में वो पहले-सा स्नेह नहीं रहा? एक-दूजे के लिए शुभकामनाएं नहीं रही?
अगर है तो, इतना भद्रा काल और मुहुर्त आदि को क्या देखना?
वैसे भी भाई-बहन के स्नेह और शुभकामनाओं से बढ़कर कुछ भी नहीं, त्यौहार की मिठास और उसके अस्तित्व को यूं धूमिल ना करें।
बाकी जिन्हें मुहुर्त ही देखना है, उनके लिए सभी तरह के मुहुर्त प्रस्तुत कर दिए हैं,आप अपने अनुसार उन मुहुर्त में रक्षा सूत्र(राखी) बांध सकते हैं।
जिस भी समय और दिन में रक्षाबंधन पर्व मनाएं, वो आपकी इच्छा, पर मनाएं पूरे हर्षोल्लास और स्नेह पूर्वक।
आप सभी को रक्षाबंधन पर्व पर अनेकों शुभकामनाएं व बधाइयां।
Same thinking here.whenever u feel good u can celebrate the festival without deliberating.
ReplyDeleteThank you for sharing your valuable thoughts👌🏻💞
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