एक दोस्त, जरूरी है
एक दोस्त की क्या ज़रूरत,
जब इतने रिश्ते हैं साथ अपने:
माता-पिता, भाई-बहन,
बीवी-बच्चे हैं पास अपने।
सारी दुनिया, इन्हीं में,
तो समाई है,
फिर दोस्त की क्यों,
याद सताई है।
हमने सोचकर कहा,
कुछ बात तो होगी;
वरना कान्हा ने सुदामा से
क्यों मित्रता निभाई है?
सक्षम थे प्रभू श्रीराम,
फिर क्यों उन्होंने
सुग्रीव की सहायता से,
लंका में विजय पाई है?
क्योंकि, अगर दोस्त हो सच्चा,
तो जिंदगी का पूरक बन जाता है।
उसकी मौजूदगी का एहसास,
जीवन में सम्पूर्णता लाता है।
कभी वो माँ बन प्यार लुटाता है,
कभी पिता सा सख़्त हो जाता है।
कभी भाई-बहन सा साथ दे,
जीवन सरल बनाता है।
कभी बीवी सा रूठ जाता है,
कभी बच्चा, बन खिलखिलाता है।
जीवन में जब जो रंग हों भरने,
उस रंग में वो रंग जाता है।
एक दोस्त, ज़रूरी है,
सबको इस जीवन में;
यह तो जिंदगी का,
हर पल, हर लम्हा समझाता है।
Happy Friendship Day
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