होली और नारी
बाबू जी सोच रहे सिर को खुजलाए,
श्रीहरि को इस बरस सूझी क्या?
जो होली और महिला दिवस दिए मिलाए,
आखिर किस तरह से दोनों में एक गुण समाए?
हम बोले उनसे,
सोचकर देखें तो एक बार।
नारी में है रंग हज़ार,
और होली है रंगों का त्यौहार।
बाल रूप के रंग से ही,
कन्या सबको भाती है।
उसके इस रुप में,
वो देवी नजर आती है।
यौवन के उसके रंग में,
दुनिया रंग जाती सारी है।
अधूरी लगती है जिंदगी,
अगर मिलती नहीं नारी है।
मां के रंग की तो,
छटा ही अजब निराली है।
मां के साये बिन तो,
सृष्टि ही पूरी खाली है।
जिस घर होली में,
पत्नी, सलहज या ना हो साली।
तो लाख रंग बिखरे रहे धरा पर,
होली लगती नहीं मतवाली।
तुरंत समझ गये बाबू जी,
लाख पते की बात।
होली भली लगे तबहिं
जब नारी रहती साथ।
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं 💐🎉🎨🙏🏻
Happy Women's Day💃
Bahut Sundar abhivyakti aur tulna
ReplyDeleteNS
Aapke sarahniy shabdo ke liye Bahut bahut dhanyawad 🙏🏻
Delete