जी चाहता है
आज फिर दिल बचपन में लौट जाने को चाहता है,फिर से वही भाई बहन की नौकझौंक चाहता है
भाई का चिढ़ा के भाग जाना
छोटी छोटी बातों में बेवजह चिल्लाने को जी चाहता है
आज फिर दिल बचपन में लौट जाने को चाहता है,
बहन से हमेशा बराबरी करना
वो, जब ससुराल गयी, तो आंहे भरना
उससे ढेरों गप्पे लड़ाने को जी चाहता है
आज फिर दिल बचपन में लौट जाने को चाहता है,
पापा करते थे सारी फरमाइशें पूरी
नहीं रहती थीं, तब कोई ख्वाहिश अधूरी
फिर से पापा की गोद में बैठ जाने को जी चाहता है
आज फिर दिल बचपन में लौट जाने को चाहता है,
कोई गलती हो, तो मां आगे खड़ी हो जाती
मुझ पे आंच आए, तो वो सबसे लड़ जाती
उसी आंचल में छुप जाने को जी चाहता है
आज फिर दिल बचपन में लौट जाने को चाहता है,
हम इतनी जल्दी बड़े हुए क्यों
सब अपनों से दूर हो गये यूं
फिर उन्हीं गलियों में जाने को जी चाहता है
आज फिर दिल बचपन में लौट जाने को चाहता है,
Phir unhi galiyon me jane ko jee chahta hai👌👌
ReplyDeleteThank you 🙏🙏
Deleteकाश...