शादी (The Marriage Season)
आज कल शादी का माहौल चल रहा है, कितने
ही घरों में शादी की शुभ मंगल शहनाई बज रही होंगी। तो दिल में यूं ही ख्याल आया, कि शादी कौन से season में अच्छी होती
है। तो बस लगे सारे if and but
सोचने।
तो चलिये शरद का मस्त महिना है, तो पहले इसी में होने वाली शादियों की चर्चा कर लेते हैं।
तो चलिये शरद का मस्त महिना है, तो पहले इसी में होने वाली शादियों की चर्चा कर लेते हैं।
पहले बात करते हैं,
arrangements की – ठंड हो तो गद्दे,
रज़ाई की आवश्यकता होती है। कमरे सब के अलग अलग नहीं भी हों तो भी चल जाएंगे। जगह
थोड़ी कम भी हो तो भी लोग उतना उधम नहीं काटेंगे। और सभी साथ साथ रहेंगे,
तो माहौल भी ऐसा होगा जैसे कुछ special
है।
अब रही बात खाने-पीने की
व्यवस्था की, तो इतनी variety
की सब्जी,
वो भी सस्ते में मिलेंगी, कि आपकी party
का menu, खूब लंबा ready
हो जाएगा और party में चार चाँद आपके बजट में ही लग जाएंगे।
चलिये अब जिनकी शादी हो
रही है, उनके भी हाल ले लेते हैं,
दूल्हे राजा शान से शेरवानी,
कोट पहन के आते हैं।
बस दुल्हन के लिए थोड़ा समस्या रहती है, fashion में स्वेटर, शाल भी नहीं ओढ़ सकती हैं,
फिर उस पर फूलों का बड़ा सा गजरा लग जाता है, तो मानो करेला नीम चढ़ गया हो।
लेकिन दूल्हा,
दुल्हन दोनों को फेरे के समय जब हवन कुंड के सामने बैठना होता है,
तब ठंडक की शादी होने का आनंद ही मिल जाता
है।
अब जरा गर्मी की शादी की
भी बात कर लेते हैं। बात arrangements से ही शुरू करते हैं,
कोई भी A॰C रूम में रुकने से नीचे की
बात ही नहीं करेगा। जहां A॰C की बात आई, तो बस सबका रूम भी अलग अलग होगा। जब
सब अलग अलग ही रहेंगे, तो माहौल भी सूना-सूना सा ही लगेगा।
अब
रही खान-पीने की व्यवस्था की बात, तो सब्जियाँ सब एक से एक आती हैं, कद्दू, लौकी, तोरई, करेला, आदि। बस ले दे के एक भिंडी ही है, जो party की शान बन पाती है, तो बस यही सोचते रहो, कि menu क्या बनाया जाए, तब भी कुछ कमी सी ही लगती
रहेगी।
और
जिनकी शादी हो रही होगी, उसमें दूल्हा भी सोचता रहेगा, क्या पहनूँ, कि अलग दिखूँ, और दुल्हन भी इसी बात के
लिए डरती रहेगी, कि makeup कैसे टिका रहे, और रही सही कसर हवन कुंड के सामने पहुँच
कर पूरी हो जाती है।
तो
कुल मिला के यही समझ आता है, कि खर्चा तो बहुत हो जाता है, पर शादी तब भी फीकी सी ही
रह जाती है।
शायद
यही कारण है, कि शादियाँ winter season में ही ज्यादा होती है, क्योंकि तब व्यवस्था करने
वाले, जिनकी
शादी होती है वे, और जिन्हें शामिल होना होता है वो भी, सभी ज्यादा प्रसन्न रहते
हैं।
पर
जिसकी शादी का जब भी मूहर्त निकले शुभ ही है। अभी जितने भी जोड़े प्रणय सूत्र में बंध
रहे हैं, वे सभी अपनी शादी का आनंद
उठाएँ ।
उन
सभी को शादी की हार्दिक शुभकामनायें।
Good analysis👍
ReplyDeleteThank you so much for your appreciation
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