Advay the hero- गुल्लक
एक दिन घर से जाते समय नानी ने 500 रूपये दिये, तो दीदी ने अपनी गुल्लक में पैसे रख लिए। दीदी को ऐसा करते देख advay
माँ से पूछने लगा, mumma दीदी ने किस में रूपये रखे हैं।
माँ बोली, उसे गुल्लक कहते
हैं। अगर हम हमेशा रूपये मिलते ही छोटी छोटी चीजों पर खर्च नहीं करते हैं, गुल्लक में रख देते हैं। तो धीरे धीरे जमा होते होते, ज्यादा रूपये हो जाते हैं। तब हम ज्यादा बड़ी चीज खरीद सकते हैं।
अच्छा mumma मुझे भी एक
गुल्लक दे दीजिये, नानी तो मुझे भी 500 रूपये दे गईं हैं।
अभी तो तुम nursery में ही हो, मैं रख
लेती हूँ। नहीं mumma मैं अब बड़ा हो गया हूँ। मैं ठीक से
रखूँगा।
Advay की ऐसी बात सुनकर पापा उसके लिए, बहुत सुंदर सी गुल्लक ले आए।
पापा ने जब वो गुल्लक advay को दी, तो वो खुशी से नाचने लगा।
Courtesy: AliExpress |
सबसे पहले उसने गुल्लक दीदी को दिखाई, दीदी अब मेरे पास भी गुल्लक है। और फिर सीधा माँ के पास गया, mumma मेरे रूपये दे दीजिये। मैं अपने रूपये अपने
पास रखूँगा। माँ ने रूपये दे दिये।
नानी को भी फोन करके उसने thank
you कहा, और बोला नानी आप ने जो रूपये मुझे
दिये थे, मैंने गुल्लक में रख दिये हैं। आप आएंगी ना, तब दिखाऊँगा।
अब तो advay 2ndclass
में आ गया था, और सबके दिये हुए रूपये उसी में
डालता जाता था। अब तक उसके पास 8-10 हज़ार रूपये इकठ्ठा हो चुके थे।
एक दिन घर का काम करने वाली ‘बसंती’, माँ से 5000 रूपये उधार मांग रही थी। माँ ने
कहा, महीने का अंत चल रहा है, मैं उधार नहीं दे पाऊँगी। वो
बोली आप से नहीं तो किससे मांगू? माँ बोली, ठीक है, मैं 2000 रूपये दे सकती हूँ। वो उतने ही
लेकर चली गई। ठीक है भाभी 15 दिन में दे दूँगी, नहीं तो
तंख्वाह से काट लेना।
15 दिन बाद वो पूरे 7 हज़ार रूपये ले कर आई, और आते से ही पूछी, भाभी छोटा बाबू(advay)कहाँ है? वो तो school गया है।
तो वो सारे रूपये माँ को देने लगी। माँ बोलीं, अरे बसंती
मैंने 2 हज़ार दिये थे, तुम 7 हज़ार क्यों दे रही हो?
छोटा बाबू ने मुझे 3 हज़ार और दे दिये थे। और मेरी
बहुत डांट भी लगाई थी, कि गुल्लक में रूपये क्यों नहीं
रखती हूँ। तो 5000 आप लोगों के हैं, और 2000 हज़ार मेरे भी
गुल्लक में रख दीजिये। ऐसे ही थोड़े थोड़े दे दिया करूंगी। क्योंकि छोटा बाबू बोला
है, अगर रूपये नहीं जमा करूंगी, तो वो
फिर नहीं देगा, और अपने घर काम भी नहीं करने देगा। आप का काम
तो मैं कभी छोड़ूँगी नहीं, छोटा बाबू मेरी जान है।
दोपहर में जब advay आया तो, माँ ने उसके 3 हज़ार रूपये उसे वापिस कर दिये। उसने छूटते ही पूछा, बसंती aunty ने अपने रूपये भी जमा किए? माँ ने कहा हाँ-हाँ कर दिये।
तब से बसंती ने हर महीने 2-4 हज़ार रूपये जमा करना
शुरू कर दिया। अब बसंती बहुत खुश रहा करती थी, क्योंकि advay
के कारण वो भी बचत करना सीख गयी थी। अब उसे जरूरत पर रूपये उधार
नहीं मांगने पड़ते थे।
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