ऐसा कोई दिन नहीं जब आपकी याद ना आई हो, आपकी बात ना की हो, आज की ये कविता भी वही याद है।
Papa we Miss you a lot.
पापा आप कहाँ हैं ?
पापा आप कहाँ हैं ?
बिन आप मुझे कुछ नही
भाता है
आपके बिना ये संसार
नही सुहाता है
पापा आप कहाँ हैं ?
जब मेरी पहली किलकारी गूंजी थी
तो साथ में आपकी हंसी
भी गूंजी थी
वो खुशी तलाशती हूँ
आपकी वो हंसी मैं
आज भी पहचानती हूँ
पापा आप कहाँ हैं ?
जब मैंने वो पहला शब्द बोला था
खुशी से आपका भी मन
डोला था
वो मन ढूंढती हूँ
वो शब्द क्या था
मैं आज भी जानती हूँ
पापा आप कहाँ हैं ?
जब मैं डगमग चली थी
कभी गिरी कभी संभली
थी
हर बार मुझे आपने
संभाला था
तब जो संभली थी
वो संभलना
आज भी जानती हूँ
पापा आप कहाँ हैं ?
सब कुछ यहीं है
बस आप ही नहीं हैं
ईश्वर से हर बार बस
आपको माँगती हूँ
फिर से आपकी हो जाना
चाहती हूँ
पापा आप कहाँ हैं ?
उन सभी की दिल की बात है यह, जिनके पिता ईश्वर के पास हैं। सब हो आपके पास पर पिता ना हो साथ तो सब अधूरा लगता है। ईश्वर आप ने हमें यह दुःख क्यों दिया?
Very touching ,
ReplyDeleteThank you very much for your appreciation 🙏🏻
DeletePapa hamesha hum sabhi k sath hai....
ReplyDeleteSach hai.
DeletePer kabhi kabhi lagta hai, sakshat hote
Made me really emotional... Dil se likhi ..dil tak pahuchi❤️
ReplyDeleteThank you very much for your appreciation 🙏
DeleteSoul touching poem
ReplyDeleteThank you very much for your appreciation 🙏
Deleteमर्मस्पर्शी कविता
ReplyDelete👌👌
आप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️
DeleteVery emotional...
ReplyDeleteReal feeling of deserted descendants.
Thank you very much for your appreciation 🙏
DeleteYour words brought out the depth from the poem.
वाह अनीमिका जी
ReplyDeleteआप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏
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