शिक्षक हीं हैं वो आधार
अर्जुन ना होता, धनुर्धर महान
गर द्रोणाचार्य ना देते ज्ञान
चन्द्रगुप्त का ना फैलता साम्राज्य
गर चाणक्य ना बताते राजनीति के राज़
मिलता ना विवेकानंद को सम्मान
गर परमहंस का ना जुड़ता नाम
सचिन को ना कोई जानता
गर आचरेकर को गुरु ना मानता
पी वी सिंधु की ना होती बात
गर गोपीचंद ना देते साथ
शिक्षक हीं हैं वो आधार
जो करा दे सपने साकार
जो देता शिक्षक को मान
उसका ही जग में होता नाम
सभी श्रद्धेय शिक्षकों को
शिक्षक दिवस पर बारंबार प्रणाम
आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻💐
Bahut hi badiya likha hai.. sahi mai sare Guruon ko mera naman
ReplyDeleteआप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️
Deleteसभी शिक्षकों के साथ, आप को भी कोटि कोटि प्रणाम
वाह! बहुत खूब लिखा है अनु , बिन गुरु ज्ञान कहां से आए! परन्तु हर व्यक्ति के जीवन में प्रथम गुरु तो मां' ही होती है। हम सब उनके कारण है इस योग्य हुए की अनेक गुरुओं से ज्ञान प्राप्त कर सकें।
ReplyDeleteरूबी वर्मा
यह तो शाश्वत सत्य है कि, माँ का स्थान तो सर्वोपरि है। पर शिक्षक का हमारे जीवन में अतुलनीय योगदान होता हैं।
Deleteआप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️
सभी शिक्षकों के साथ, आप को भी कोटि कोटि प्रणाम
Kya baat hai 👏👏👏 super se bhi oopar 😍😍
ReplyDeleteThank you very much for your appreciation 🙏❤️
DeleteMany thanks to all the teachers, including you
अनीमिका जी सभी महानायकों के गुरुओं के नाम आपको ज्ञात हैं।तुस्सी ग्रेट हो जी।आपके गुरु को मेरा प्रणाम जिन्होंने आपको साहित्क्यिक ऊँचाइयाँ प्रदान की।
ReplyDeleteआप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️
Deleteजीवन में गुरुओं की विशेष कृपा रही है और हम उन सब के कृतार्थ हैं 🙏🏻
जीवन तो वैसे भी सीखने की स्थली है, आप से भी बहुत कुछ सीखने को मिला है।
सभी शिक्षकों के साथ, आप को भी कोटि कोटि प्रणाम
साहित्यिक
ReplyDeleteसाहित्यिक
ReplyDeleteसादर आभार 🙏
Deleteबहुत सुंदर अनु👌👌 सभी महान गुरुओं को कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏
ReplyDeleteआप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️
Deleteसभी शिक्षकों के साथ, आप को भी कोटि कोटि प्रणाम
Nice poem...
ReplyDeleteThank you very much for your appreciation
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