बड़ा मंगल
ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले सभी मंगल की लखनऊ में अलग ही विशेषता है। इस मास में पड़ने वाले सभी मंगल को बड़ा मंगल कहते हैं। इन सभी मंगल में पूरे शहर में, अलग ही धूम रहती है, अलग ही रौनक रहती है।
क्या शहर, क्या मंदिर, क्या गली, क्या कोई घर, हर एक जगह आपको, घंटे-घड़ियाल, पूजा-पाठ, भंडारे देखने और सुनने को मिलेंगे।
इन दिनों एक अलग सी शांति, एक अलग सी शक्ति मिलती है।
बड़ा मंगल, ऐसे विशेष मंगल जो विशिष्ट है, अलग है, सिद्ध हैं।
पर क्यों?
ऐसी क्या विशेषता है? और क्या है बड़ा मंगल?
हिन्दू धर्म में, प्रकृति से जुड़े सभी, महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। फिर वो चाहे सूर्य हो चंद्र हो, नदी हो, , पर्वत हों, वृक्ष हो, या वो दिन ही क्यों ना...हर एक का विशेष स्थान है।
सनातन धर्म में प्रत्येक दिन विशिष्ट देवता को समर्पित होता है। सोमवार महादेव को, मंगल बजरंगबली को, बुध गणेशजी को, बृहस्पति श्रीहरि को, शुक्र माता रानी को, शनिवार शनि देव को और रविवार सूर्य देव को समर्पित है।
जैसा कि सबको विदित ही है कि मंगल का दिन, संकट मोचन हनुमान जी को समर्पित है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
पर सभी मंगल में, ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को विशेष माना गया हैं। इसलिए इसे बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है।
इस साल मई महीने में 4 बड़ा मंगल पड़ रहा है। जिसमें प्रथम बड़ा मंगल आज 9 मई को है। यह चारों बुढ़वा मंगलवार बजरंगबली को समर्पित करने के लिए अधिक विशेष हैं।
जानते हैं, क्यों कहते हैं ज्येष्ठ मास के मंगल को बड़ा मंगल
बड़ा मंगल
हिन्दू धर्म में त्रेतायुग और द्वापरयुग का विशेष महत्व है, और बड़ा मंगल, दोनों युगों से जुड़ा है।
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार को बुढ़वा मंगल या फिर बड़ा मंगल कहे जाने के पीछे दो धार्मिक कथा का जिक्र मिलता है।
मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास के मंगलवार को भगवान हनुमान पहली बार भगवान श्री राम से मिले थे।
जिस देवता को समर्पित है मंगल, जब उस देवता के लिए ही, यह दिन बड़ा है, जिसमें वो अपने ईष्ट देव से मिले हों, तो वो मंगल तो बड़ा मंगल हुआ ना? इसलिए तब से, इस महीने के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है।
वहीं महाभारत काल में भी इस ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बजरंगबली ने बूढ़े वानर का रूप धारण करके भीम के अभिमान को दूर किया था, तभी से इस मंगल को बुढ़वा मंगल कहा जाने लगा।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बड़ा मंगल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और माना जाता है कि इसकी शुरुआत भी यहीं से हुई थी। इस पावन पर्व पर बड़ी विधि-विधान से बजरंगी की पूजा का विधान है।
अब जान लेते हैं कि इस बड़ा मंगल का महत्व क्या है।
महत्व
मान्यता है कि इस दिन बजरंगबली को चोला चढ़ाने, दान पुण्य करने से हर तरह की बाधा दूर हो जाती है। हनुमान जी को चिरंजीवी कहा जाता है, बड़ा मंगल के दिन भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ उन्हें याद करता है तो वे उसे बचाने के लिए दौड़े चले आते हैं। आर्थिक, मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए इस दिन संकटमोचन की व्रत-पूजा अचूक मानी गई है।
बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करने वाले लोगों की रक्षा स्वयं हनुमान जी करते हैं। इस दिन हनुमान जी की पूजा-पाठ करने से भक्तों के दुख-दर्द तो दूर होते ही हैं, साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है।
इस दिन, हनुमान मंदिर में जाएं और हनुमान जी के दर्शन करें। हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करें।
लाल रंग का पुष्प, लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के फल, बूंदी, सिंदूर आदि चढ़ाएं।
अगर आप लखनऊ में हैं तो कोशिश करें कि हनुमान सेतु मंदिर अवश्य जाएं। यहां के मंदिर की विशेष मान्यता है 🙏🏻🙏🏻
आप सभी को ज्येष्ठ मास के प्रथम बड़ा मंगल पर हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻💐
संकटमोचन, हम सब के संकट हरे, और अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें🙏🏻🙏🏻
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