Monday 14 September 2020

Poem : हिन्दी - दिलों की भाषा

 !! हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएंँ !! 

आज के इस पावन उपलक्ष्य पर मैं मनहरण घनाक्षरी छंद में लिखी अपनी दो रचनाएँ  प्रस्तुत कर रही हूँ। कविता का रस आप पठन और श्रवण दोनों तरह से ले सकते हैं। 


हिन्दी-दिलों की भाषा


हिन्दी है दिलों की भाषा

हिन्दी प्रेम की है आशा

हिन्दी की विशेषता को

उर में जगाइए


हिन्दी में विविध रंग 

रस अलंकार छंद

इसकी विविधता के

मान को बढ़ाइए


हिन्दी वैज्ञानिक भाषा

शब्द  शब्द परिभाषा

इतनी सटीकता ना

और कहीं पाइए


हिन्दी को मिले सम्मान

भारत भाषा का मान

हर कार्य में इसको

अग्रणी बनाइए

***********************

हिन्दी का करो विकास

हिन्दी को बनाओ खास

जन जन में इसका 

संदेश फैलाइए 


हिन्दी है भाषा सरल

इसका ना है विकल्प

इसका प्रचार सब

करते ही जाइए


हृदय में बसा है जो

माँ भारती का सम्मान

हिन्दी को भी वही मान

मिल के दिलाइए


हिन्दी है हमारी आन

हिन्दी से हमारी शान

हिन्दी की महानता को

सबको बताइए

**********************



14 comments:

  1. Replies
    1. आप के सराहनीय शब्दों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

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  2. बहुत सुन्दर कविता...

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    1. आप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏

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    2. तुम्हारी सभी कविताओं की तरह एक बार फिर यह भी सुंदर कविता ,तुम्हारे कविताओं के खजाने में से। बहुत बहुत बधाई ।
      रूबी वर्मा

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    3. आप के सराहनीय शब्द के लिए अनेकानेक धन्यवाद 🙏

      आप के शब्द मुझे प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।

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  3. मनहरण घनाक्षरी ने मेरा मन मोह लिया अद्भुत रचनाऍं

    अनीमिका जी वाह वाह

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    1. आप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏

      आप के सराहनीय शब्द मुझे प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।

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  4. Very nice poem....keep it up..God bless you.

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    Replies
    1. आप की सराहना के लिए ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏

      आप के शब्द मुझे प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं...

      आप का आशीर्वाद सदैव बना रहे

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  5. Rachna ki sundarata ke sath hi iski prastuti bhi manmohak hai...Badhai💐

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    1. आप की सराहना के लिए ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏

      आप के शब्द मुझे प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं

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  6. वाह बहुत सुंदर अनीमिका जी👌👌माँ वीणापाणि का आशीर्वाद सदैव आपकी लेखनी पर बनी रहे🙏🙏

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    1. आप के सराहनीय शब्दों का अनेकानेक धन्यवाद 🙏

      अपने अध्ययन के समय, अनेक विद्याएं सीखी हैं।
      पर इस विद्या को सिखाने और इसमें रुचि जगाने का सारा श्रेय मातृभाषा उन्नयन संस्थान का है, और इसमें पारंगत कराने में आप का विशेष सहयोग है।

      आप सब का उसके लिए अनेकानेक धन्यवाद 🙏😊

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