Friday, 7 November 2025

Shaadi-Vivah Songs : मेहंदी रचने लगी हाथों में

शादी-विवाह से जुड़े रीति-रिवाजों के गीत साझा कर रहे हैं, उस श्रृंखला में हल्दी चढ़ने की रीति पर पहला गीत था- बन्नी तेरी हल्दी में

दूसरा गीत भात मांगने पर आधारित है, मेरे भैया चले आना

शादी के शुभ कार्य में मेंहदी का विशेष महत्व है, या यूं कहें कि मेंहदी से सजे हुए हाथ पैर, वधू के सौंदर्य को पूर्ण करते हैं।

आज का यह खूबसूरत गीत मेहंदी रचने वाली शाम में गाया व बजाया जाए, तो रौनक दोगुनी हो जाएगी।

मेहंदी रचने लगी हाथों में



मेहंदी रचने लगी हाथों में, बन्ने के नाम की

मेहंदी रचने लगी हाथों में, बन्ने के नाम की 


आई शुभ घड़ी देखो, मेरे आँगन आज जी


बाजे-बाजे रे शहनाई, पिया तेरे नाम की

बाजे-बाजे रे शहनाई, पिया तेरे नाम की


आई शुभ घड़ी देखो, मेरे आँगन आज जी


मेहंदी रचेगी गहरी, प्यार गहरा होगा

मेहंदी रचेगी गहरी, प्यार गहरा होगा

लाल-ख़ुशहाल रंग, संग तेरे होगा

लाल-ख़ुशहाल रंग, संग तेरे होगा


मेहंदी रची है गहरी सी, बन्ना तेरे नाम की 

मेहंदी रची है गहरी सी, बन्ना तेरे नाम की 


आई शुभ घड़ी देखो, मेरे आँगन आज जी


भूल ना जाना हमें, जा के ससुराल तू

भूल ना जाना हमें, जा के ससुराल तू

तड़पेगी ममता मेरी, आएगी याद तू

तड़पेगी ममता मेरी, आएगी याद तू

बिछिया बाजे, पायल छनकी, बन्ना के नाम की

बिछिया बाजे, पायल छनकी, बन्ना के नाम की


आई शुभ घड़ी देखो, मेरे आँगन आज जी


मेहंदी में नाम, हमने जिसका लिखा है

मेहंदी में नाम, हमने जिसका लिखा है

पढ़ के बताओ जी, किसका लिखा है

पढ़ के बताओ जी, किसका लिखा है

गोरे हाथों में रची है, प्रीत तेरे नाम की

गोरे हाथों में रची है, प्रीत तेरे नाम की


आई शुभ घड़ी देखो, मेरे आँगन आज जी

आई शुभ घड़ी देखो, मेरे आँगन आज जी


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