Monday, 22 December 2025

Short Story : ठीकरा

ठीकरा 


प्यारेलाल एक office में चपरासी के पद से retire हुआ था, पर बड़े परिवार के कारण अब घर-घर जाकर अंडे बेचता था।

उसके 6 लड़कियां और 4 लड़के थे। 

लड़कियों की शादी करते-करते उसकी लगभग पूरी जमा-पूंजी खत्म हो गई। फिर लड़कों में सिवाय अनवर के सारे नकारा-नालायक निकले।

अनवर भी कोई बहुत लायक़ नहीं था, पर कह-सुन कर, मिन्नतें कर के प्यारेलाल ने उसे अपनी जगह चपरासी लगवा दिया था।

अब आजकल तो चपरासी बनने के लिए पढ़ा-लिखा होना अनिवार्य हो गया था, और अनवर के अलावा सारे अनपढ़-गंवार ही थे। 

प्यारेलाल ने तो बेटों के पैदा होने पर सोचा था कि सारे पढ़-लिख जाएं, उसके दो हाथ, आठ हाथों को लायक़ बना लें, पर सोचे से कुछ होता है?

परिवार इतना बड़ा, खर्चा बेशुमार, कमर तोड़ कर रख दी, पहले प्यारेलाल की और अब अनवर की।

बेचारा लायक़ होने की सज़ा भुगत रहा था, अपने पिता के इतने बड़े परिवार को खींचने के लिए सबको उसका कंधा ही दिखता।

बहनें भी आए दिन आ जातीं, और जातीं तो अपने ससुराल का वास्ता दे कुछ न‌ कुछ ले जाने की दुहाई देतीं।

अरे एक-दो बहन होती, तो वो भी खुशी-खुशी करता, पर यहां तो line लगी थी, हर बहन महीने में दो बार ही आती, पर उसका तो पूरा साल लेन-देन में ही चला जाता।

प्यारेलाल की पत्नी ‘रज्जो’ बोली, “अनवर कमाने लगा है, अब इसका निकाह कर सकते हैं। बस यही है, जिसको कोई अपनी लड़की दे भी देगा, बाकी तो नकारे हैं।”

कम से कम एक बहू तो आए घर में, तो मेरी ज़िम्मेदारी पूरी हो। पर अनवर पूरा मुकर गया, “जिम्मेदारी! आपने इतनी जिम्मेदारियाँ जो मेरे सिर पर रख छोड़ी हैं, वो तो इस जन्म में पूरी होंगी नहीं, मैं एक और को ले आऊं। फिर आप का कौन-सा मन बहू को देख भर जाएगा, फिर अपने जैसे ही हम लोगों के भी मनभर बच्चे पैदा करवा देना।”

“अरे, अल्लाह की नियामत की ऐसे तौहीन नहीं करते, तू क्या जाने औलाद का मिलना, नसीब की बात होती है।”

“आज हाय, हरकतें खुद करो और सिर पर ठीकरा अल्लाह के फोड़ दो।”

“किसी ने नहीं कहा कि खाने को न हो, तब भी बस औलादें पैदा करते रहो, देख लो अब्बू का हाल, बुढ़ापे में भी अंडे बेच रहे हैं, नालायकों से इतना तक तो होता नहीं कि वो बेच आएं, और अम्मी चाहती हैं घर में एक और को ले आऊं।”

प्यारेलाल खांसते हुए बोले, “अरे नहीं, इनको अंडे बेचने को नहीं बोल सकता, आधे खा जाएंगे, और कुछ फोड़ देंगे। फायदा कुछ होगा नहीं, नुकसान ही करा देंगे। रोज़ की झीन-झीन, झांय-झांय के साथ ही दिन बीतता।”

एक दिन अनवर का accident हो गया और एकमात्र कमाने वाला भी बिस्तर पर आ गया। जिंदगी बद् से बद्तर हो चली।

अब तो सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं पर परिवार चल रहा था और बड़े परिवार के होने का जो ठीकरा, पहले अल्लाह पर फोड़ा जा रहा था, अब परिवार के भूखे मरने का ठीकरा सरकार पर फोड़ने लगे कि सरकार inefficient है, अपना कार्य ठीक से नहीं कर रही है, हम लोगों को भरपेट खाना भी नहीं मिल रहा…


Disclaimer:

All characters and events in this story are entirely fictitious. Any resemblance to actual people, living or dead, or actual events is purely coincidental. The story doesn't intend to disrespect any individual/community.

Wednesday, 17 December 2025

Recipe : Jalapeño

आज आपके लिए एक ऐसी recipe लाएं हैं, जो आपको pizza, subs, wraps & nachos की toppings में खाने को मिलती है और इनके taste में चार चांद लगाती है।

जी हाँ, हम Jalapeño की बात कर रहे हैं। और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा, कि इसे बहुत easily prepare किया जा सकता है।

Jalapeño


I. Ingredients:

  • Jalapeño Peppers (मोटी हरी या लाल मिर्च)- 250gm.
  • Vinegar (CH₃COOH)- 3 tbsp.
  • Common Salt (NaCl)- 1 tsp.


II. Method:

  1. मिर्च को oval shape में cut कर लीजिए।
  2. एक clean, dry & airtight container में डाल दीजिए।
  3. इसमें सिरका और नमक डालकर अच्छे से मिला लीजिए, फिर इसे धूप में रख दीजिए।
  4. मिर्च के container को हिलाकर दो दिन धूप में रखना है।
  5. उसके बाद इसको fridge में रखकर store कर सकते हैं।

तो लीजिए, आपका Jalapeño ready है, toppings की dressing के लिए। है ना, बहुत ही easily prepare होने वाला।


III. Tips and Tricks:

  • यह मिर्च ठंड में easily available होती है, तो उसी समय आप Jalapeño ready कर लीजिए।
  • Mostly green jalapeño pepper से ही बनाते हैं, आप चाहें तो red jalapeño pepper भी ले सकते हैं।
  • नमक और सिरका अपने आप में preservatives है, अतः किसी भी तरह का कोई और preservative डालने की requirement नहीं है।
  • यह एक तरह का pickle ही है, पर भूल से भी oil मत डालिएगा, वरना उसका taste, different हो जाएगा।
  • इसमें अधिकतर मिर्चें, तीखी नहीं होती हैं, पर कुछ तीखी हो भी सकती है। तो अगर आप को तीखे से problem है, तो डंठल वाला सिरा थोड़ा-सा हटाकर इसे ready कीजिए। Basically मिर्च, डंठल की तरफ ज्यादा तीखी होती हैं।
  • अगर तीखा avoid करना है तो एक काम और कर सकते हैं कि मिर्च का सफेद भाग और बीज discard कर दीजिए।
  • वैसे सब लगा हुआ डालेंगे, तभी authentic taste आएगा, tangy and spicy...

तो आज ही बना लीजिए Jalapeño और अपने pizza, salsa & nachos में इसकी topping कीजिए, और घर बैठे ही restaurants (Domino's, Pizza Hut, Subway etc.) जैसे taste का मजा लीजिए।

Tuesday, 16 December 2025

Tip : पानी के चमत्कार

आजकल शायद ही कोई इंसान होगा, जो कि यह कहे कि वो पूर्णतः स्वस्थ है, उसे किसी तरह की कोई बीमारी नहीं है।

सभी दिनभर में न जाने कितनी दवाइयां खा रहे हैं, फिर भी कोई लाभ नहीं है, हां side-effects जरूर हो रहे हैं।

आज आपके लिए ऐसी tips लेकर आए हैं, जो कि easily आप घर पर रखे सामान द्वारा प्रयोग में ला सकते हैं। इनसे आपको स्वास्थ्य में लाभ मिलेगा। पर अगर बहुत जल्दी लाभ नहीं भी मिला, तब भी side-effects तो बिल्कुल नहीं होंगे।

पानी जिसे अमृत की तुलना दी जाती है, आज उसी पानी को वास्तविक रूप से अमृत बनाएंगे। 

पानी और कुछ घरेलू नुस्खे, और बस पानी का चमत्कार देखिए।

पानी के चमत्कार


1. Types-

  • Coriander (धनिया): Thyroid को control करता है।
  • Cumin Seeds & Carom Seeds (जीरे और अजवायन): पेट फूलना, gastric और gastrointestinal problems को solve करता है।
  • Lemon, Ginger & Garlic (नींबू, अदरक और लहसुन): Cholesterol level को control करता है।
  • Raisins & Fennel Seeds (मुनक्का और सौंफ): Acidity को control करता है।
  • Shilajit: Metabolism को control करता है and weight-loss में useful रहता है।
  • Triphala (Amla+Bibhitaki+Haritaki): Body को detox करता है और fat को dissolve करता है।
  • Fenugreek (मेथी): Diabetes को control करता है।
  • Giloy and turmeric powder (हल्दी): Resistance capacity को increase करता है और खांसी-जुकाम को control करता है।


2. Method-

आपको जिस तरह की परेशानी है, पानी में उसके अनुसार दी गई सामग्री को रात भर या कम से कम चार घंटे के लिए अवश्य भीगा दें, फिर पानी छानकर खाली पेट सेवन करें।

हफ्ते से दस दिन में आपको उससे होने वाले लाभ दिखने लगेंगे। लाभ मिलने से कम से कम महीना भर इसे आजमा लें।जड़ से रोग खत्म करने के लिए प्रक्रिया लगभग 6 महीने तक दोहराएं।


3. Note-

Although this shall not happen, but if any negative side effect(s) is caused by the given remedies, then discontinue its consumption that instant. Also, do not discontinue your current medication (with any remedy's aid), and reduce its dosage gradually.


Disclaimer:

The blog does not force any individual to adopt these remedies. The reader shall be solely and wholly responsible for any damage thus caused (due to the consumption of these remedies). Also, none of the remedies can act as a substitute of any proper medication.

Monday, 15 December 2025

Poem : घना-सा तुषार

आज सुबह जब 5:30 बजे उठे तो कुहासे का असर इस क़दर छाया था, कि लग ही नहीं रहा था कि भोर की पहली बेला निकल चुकी है, ऐसा ही हाल कुछ (सुबह के) 7:30 बजे तक था।

घना-सा तुषार


घना-सा तुषार है छाया,

कर को कर नहीं सुहाया,

बीत चुकी है रात्रि बेला पर 

तिमिर अभी भी है समाया।


यह है हेमंत का असर,

या प्रदूषण हो रहा प्रखर,

ठप हो रहे काज सारे

कुछ न आ रहा नज़र। 


पर क्या ऐसा प्रकृति ने था सोचा, 

या है हमारे तृष्णा का परिणाम,

अंतहीन पाने की चाह ने 

ला दिया है ऐसा अंजाम।


जो बोयेगें, हम इस क्षण में,

वही तो नौनिहाल पाएंगे,

उनको सुख देने की लालसा में 

उनके लिए कंटक की सेज सजाएंगे।


जो दिया है सृष्टि ने,

उसे वैसे ही करो प्रयोग,

तभी उत्तरकाल में बना रहेगा 

सुख-सम्पन्नता का सुयोग।

Sunday, 14 December 2025

Story of Life : बदलती ज़िंदगी (अंतिम भाग)

बदलती ज़िंदगी (भाग-1),

बदलती ज़िंदगी (भाग-2),

बदलती ज़िंदगी (भाग-3), और

बदलती ज़िंदगी (भाग-4) के आगे…

बदलती ज़िंदगी (अंतिम भाग)


रितेश ने बहुत grand party रखी, उसमें सभी परिवारिक जन, और बहुत बड़े-बड़े guests invited थे। बड़ी-बड़ी companies के CEO, नेता, अभिनेता और वो सारे लोग भी जो उस रात की party में शामिल थे, जिन्होंने सुधा का अपमान किया था।

भारतीय संस्कृति के अनुसार ही party plan की गई थी। इस party की बस शर्त इतनी थी कि no alcohol, no non-vegetarian food, & no short/revealing outfits.

सबको party का decorum follow करना था। और सबने किया भी, कौन इतने बड़े invitation को‌ ठुकराता...

आज की रात भी official party थी, पर सुधा के साथ-साथ सभी Indian dresses में थे। किसी के हाथ में जाम नहीं था, बल्कि jaljeera, lemon juice, lassi, chach etc.

और सबसे बड़ी बात, आज सभी सुधा के पहनावे और साज-सज्जा की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे थे। आज वो आपस में एक-दूसरे से बोल रहे थे, “सुधा ma'am की पसंद बहुत classy, rich and beautiful है। हमारे रितेश की तो किस्मत ही खुल गई सुधा जी से शादी करके।”

एक बात, रितेश को बहुत अच्छे से समझ आ रही थी कि पैसा, power and post जिसके पास हो, ज़माना उसके आगे झुकता है 

रितेश भी आज बहुत खुश था, कि उसके बाबूजी ने उसके लिए बहुत ही अच्छा जीवनसाथी चुना है, जिसने उसकी जिंदगी संवारीं नहीं बल्कि निखार‌ दी है। उसे जिंदगी के उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी।

उसकी जिंदगी, जो शादी के चंद महीनों बाद ही बदल गई थी, वो चंद सालों में इतनी अधिक बदल जाएगी, उसका उसने सपने में भी नहीं सोचा था।‌ 

वो अपने बाबू जी से बोला, “मैं आपसे अपने मन की एक बात कहना चाहता हूँ।”

“हाँ, बोल न बेटा।” बाबू जी ने बड़े प्यार से कहा।

“आज से चंद सालों पहले मुझे लगा था कि आपने मेरी जिंदगी तबाह कर दी, मुझे आपके अनुसार विवाह नहीं करना चाहिए था, बल्कि अपने जीवनसाथी को खुद पसंद करके विवाह करना चाहिए था।

पर आपकी पसंद ही सर्वश्रेष्ठ है, इसके लिए अनेकानेक धन्यवाद, कि आपने मेरे लिए सुधा को चुना। आपकी दूरंदेशी नजरों ने वो देखा, जो मैं कभी नहीं देख पाता। सच है, माँ-बाप का अनुभव, सदैव शिरोधार्य है।”

यह कहकर उसने बाबूजी के चरण स्पर्श किए।

बाबू जी ने उसे गले लगते हुए कहा, “जब तुम्हें लगा था कि तुम्हारी जिन्दगी तबाह हुई है, तुम्हें तभी कहना चाहिए था, मैं तुझे तभी बता देता कि मैंने अपने दिल के टुकड़े के लिए सर्वश्रेष्ठ जीवनसाथी चुना है।

जो जब भी तकलीफ़ आएगी, वो ऐसे डटकर मुकाबला करेगी कि तेरी जिंदगी संवरती जाएगी, सर्वश्रेष्ठता की ओर बढ़ती चली जाएगी।”

“सच है बाबू जी।” रितेश के चेहरे पर प्रेम, आभार और खुशी के मिश्रित भाव थे और आंखें छलछला आई थीं…

Saturday, 13 December 2025

Story of Life : बदलती ज़िंदगी (भाग-4)

बदलती ज़िंदगी (भाग-1),

बदलती ज़िंदगी (भाग-2), और

बदलती ज़िंदगी (भाग-3) के आगे…

बदलती ज़िंदगी (भाग-4)


उसकी cab RS enterprises के एक छोटे से office के सामने रुकी। दरबान ने उसकी cab का दरवाजा खोल कर welcome किया।

Office में भी उसका welcome हुआ। रितेश reception पर बैठ कर अंदर बुलाए जाने का इंतजार करने लगा।

कहां आत्मविश्वास का उदाहरण कहा जाने वाला रितेश, आज सिमटा-सकुचा हुआ बैठा था।

उसे लोगों का welcome किया जाना बहुत अजीब लग रहा था, ऐसे कौन-सी company अपने employee का welcome करती है। जरूर से बिल्कुल भी नहीं चलने वाली company होगी, तभी ऐसा कर रही है, वैसे भी गांव की भोली-भाली सुधा को इनसे बड़ा क्या ही office पता होगा, रितेश के मन में उधेड़बुन चल रही थी।

थोड़ी ही देर में receptionist उसे office के main room में ले गई और उसे boss की chair पर बैठने को बोलकर चली गई।

रितेश खड़ा ही रहा, उसे लगा कि receptionist ने कुछ और बोला और उसने कुछ और समझ लिया है।

थोड़ी ही देर में सुधा अंदर आई और बड़े प्यार से रितेश के गले लगते हुए बोली, “और CEO जी क्या हाल-चाल हैं?”

“CEO!”

“हाँ जी, CEO. देखिए, हम तो ठहरे कलाकार इंसान, तो इतने दिनों में बस इतनी बड़ी company आपको gift कर पाए, अब इसे MNC बनाने की जिम्मेदारी आपकी। अब आप को उन सबको सिद्ध करना है कि हमारा मज़ाक़ उड़ाना, उनकी सबसे बड़ी भूल थी। By the way, Happy anniversary!”

“Happy anniversary, अपनी company gift के रूप में?”

“जी हाँ मेरे सरकार, आपके साथ जिंदगी के एक साल गुजर गए, जिसमें कुछ पल बहुत खूबसूरत थे, कुछ परेशानी के भी, पर हम दोनों मिलकर अब जिंदगी के सारे पल खूबसूरत बनाएंगे।”

“ओ मेरी सुधा! तुम कितनी अच्छी हो, जब मैं जिंदगी से हार गया था, तब तुमने हिम्मत नहीं हारी। Happy anniversary sweetheart. तुम देखना, अब मैं बहुत कड़ी मेहनत करूँगा और बहुत जल्द हमारी यह RS (Ritesh-Sudha) enterprises एक MNC बन जाएगी।”

रितेश का उत्साह देखते ही बनता था, जैसे वो पुराना वाला आत्मविश्वासी, मेहनती और कुशल रितेश बन गया हो।

पहले केवल सुधा ही इस सपने को अंज़ाम दे रही थी, पर अब तो रितेश का साथ भी मिल गया था। Company दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की करने लगी।

सुधा के हाथों की कारीगरी बेजोड़ थी, उसने अपने employees को भी सिखाना शुरू कर दिया था। काम बढ़ता गया और employees भी बढ़ने लगे। चंद ही सालों में company national level तक पहुंच गई।

Internet का ज़माना है, तो business को international level तक पहुंचाने के लिए, रितेश ने सुधा के द्वारा बनाई गईं paintings, embroidered sarees, suits, bedsheets upload कर दिए।

RS enterprises की ख्याति विदेश तक पहुंच गई थी और MNC का status पाने लगी। 


आगे पढ़ें, बदलती ज़िंदगी (भाग-5) में।

Friday, 12 December 2025

Story of Life : बदलती ज़िंदगी (भाग-3)

बदलती ज़िंदगी (भाग-1) और

बदलती ज़िंदगी (भाग-2) के आगे…

बदलती ज़िंदगी (भाग-3)


सब सुधा की दलील के आगे चुप हो गए, पर फिर उन्होंने रितेश से भी मुखातिब होना बंद कर दिया।

रितेश को इससे अच्छा नहीं लगा, पर फिर भी उसने सुधा का साथ देना ही उचित समझा।

आगे से रितेश को party के invitation मिलना लगभग बंद हो गये। लोगों ने उससे मिलना-जुलना कम कर दिया। 

रितेश एक तरह के boycott से tension में रहने लगा।

उसे भी लगने लगा कि उसके पिता ने सुधा से उसकी शादी करके उसका जीवन बर्बाद कर दिया।

दिन-रात की tension और उलझनों के कारण उसका बहुत बड़ा accident हो गया।

नतीजतन रितेश की नौकरी छूट गई और अन्य नौकरी मिलने में काफ़ी दिक्कत होने लगी।

अब तो रितेश depression में जाने लगा। वह इधर-उधर रहकर समय काटने लगा, न कोई ढंग का काम करता, न घर पर ज्यादा रुकता।

हालांकि, सुधा के मितव्ययी और संतोषी होने के कारण, कुछ महीनों के बाद भी savings कुछ ज्यादा खर्च नहीं हुईं।

और इस बीच, सुधा ने अपनी बस्ती में घूम-घूमकर अपने द्वारा बनाई गई paintings, embroidered suits, साड़ी और चादर बेचने शुरू कर दिए।

सुधा के हाथ में बहुत सफाई थी और वो सबको customised काम करके देती थी, जिसके कारण उसने जल्दी ही घर-घर जाकर सामान बेचना बंद कर दिया, बल्कि अपना boutique खोल लिया‌।

कुछ और महीनों बाद उसने रितेश को कहा कि उसे एक company का call आया कि उसे एक manager की आवश्यकता है, क्या वो उसके लिए वहां चला जाएगा।

हालांकि रितेश का बिल्कुल मन नहीं था, पर सुधा का मन होने के कारण वो चल दिया। सुधा ने एक cab book कर दी थी।

रितेश आज बहुत दिनों बाद घर से कहीं दूर निकला था तो सब कुछ अलग और नया-सा लग रहा था…


आगे पढ़ें, बदलती ज़िंदगी (भाग-4) में।

Thursday, 11 December 2025

Story of Life : बदलती ज़िंदगी (भाग-2)

बदलती ज़िंदगी (भाग-1) के आगे…

बदलती ज़िंदगी (भाग-2)



दोनों party के लिए घर से निकल तो गये, पर रितेश इसी उधेड़बुन में रहा कि उसकी सुंदर पत्नी है, फिर भी कोई उसके बनाव-श्रृंगार पर कोई टिप्पणी न कर दे।

और अगर कोई टिप्पणी करेगा, तो सुधा को कैसा लगेगा? वो सबको क्या जवाब देगा? और ऐसे बहुत से सवाल…

वही हुआ, जिसका रितेश को डर था, उन लोगों के office party में पहुंचते ही वहां मौजूद लोगों ने सुधा को देखकर कानाफूसी करना शुरू कर दिया, साथ ही उसे देखकर दबी-दबी हंसी भी शुरू हो गई।

कुछ लोगों ने जब सुधा से “Hello!” बोला, तो उसने सबसे हाथ जोड़कर विन्रम प्रणाम किया।

अब तो मुंहफट राजेश चुप न रहा, कहने लगा- “क्या रितेश, तूने भाभी को बताया नहीं था कि party official है, न कि शादी विवाह की party। फिर प्रणाम कौन करता है आजकल के जमाने में?”

रितेश मौन‌ खड़ा था, क्योंकि राजेश कुछ हद तक ठीक भी था। पर‌ सुधा ने समझ लिया कि अपना stand उसे खुद लेना पड़ेगा।

उसने राजेश से विनम्रता से कहा, “राजेश भैया, यह किस नियमावली में लिखा है कि कपड़े western ही सही होते हैं? साथ ही‌ प्रणाम करना तो सबसे respective gesture है, उसमें क्या problem है?

मुझे अपनी भारतीय संस्कृति पर बहुत गर्व है, जहां वस्त्र इसलिए पहना जाता है, जिससे शरीर को ढककर और अधिक खूबसूरत बनाया जाए। न कि अंग प्रदर्शन करके बेशर्मी की जाए।

और प्रणाम तो ईश्वर को भी किया जाता है, फिर जिस gesture को ईश्वर की स्वीकृति है, उससे बेहतर और क्या है?

वैसे भी विदेशी संस्कृति अपनाकर अपनी भारतीय संस्कृति का अपमान करना, मेरे संस्कारों में शामिल नहीं है।

जो मुझे पसंद है, जब उसके लिए मेरे ससुराल में, और मेरे पति को भी कोई आपत्ति नहीं है, फिर आप सबको क्या पसंद है, उससे मुझे क्या?”

सब सुधा की दलील के आगे चुप हो गए, पर फिर उन्होंने रितेश से भी मुखातिब होना बंद कर दिया।

रितेश को इससे अच्छा नहीं लगा, पर फिर भी उसने सुधा का साथ ही देना उचित समझा…


आगे पढ़ें, बदलती ज़िंदगी (भाग-3) में…

Tuesday, 9 December 2025

Story of Life : बदलती ज़िंदगी (भाग-1)

बदलती ज़िंदगी (भाग-1)


रितेश एक बड़ी MNC में मैनेजर था, ऊंचा लंबे कद-काठी वाला, बहुत ही smart था।

बाबू जी ने उसके विवाह के लिए लड़की देखनी आरंभ कर दी।

एक दिन बाबू जी का गांव से call आया, “अरे रितेश! घर आ जा, तेरे लिए बहुत सुघड़ लड़की देखी है।”

रितेश समय से घर पहुंच गया।

शाम को लड़की वाले सुधा के साथ घर आ गए।

सुधा गोरी, सुंदर और संस्कारी लड़की थी। रितेश को एक ही नज़र में भा गई। दोनों का विवाह संपन्न हो गया।

शहर जाते समय, बाबू जी ने रितेश को सख्त हिदायत दी, “बहू बेटी को जैसा रहने का मन‌ करे, रहने देना, न तो उसे शहराती बनाने की कोशिश करना और न ही अगर वो शहराती बनना चाहे तो उसे रोकना।”

रितेश ने कभी बाबू जी की बात नहीं टाली थी, उसने हामी भर दी।

जब दोनों शहर आ गये, तो रितेश ने देखा, सुधा सुबह-सवेरे जल्दी उठकर घर के साफ-सफाई के सारे काम ख़त्म करके नहाने चली जाती, फिर भगवान की पूजा करती।

उसके बाद ही वो नाश्ता-खाना इत्यादि बनाकर रितेश को नाश्ता कराती, उसका tiffin box pack करके उसे office भेजती, फिर ही खुद नाश्ता करती। 

सुबह-सुबह इतने सारे काम करने के बाद भी रितेश कभी office जाने को late नहीं होता था। जिंदगी बड़ी सुखपूर्वक व्यतीत हो रही थी।

एक दिन office में party थी, रितेश भी invited था, with family।

सुधा साड़ी पहन, खूब सारी चूड़ियों व भर मांग पूर्ण श्रंगार के साथ तैयार थी।

रितेश उसे देख ठिठक गया, मन करा कि कह दे कि कुछ शहरी party के अनुसार तैयार हो जाए, फिर बाबू जी का ख्याल आ गया और मन की बात मन में रखा रहा। 

दोनों party के लिए घर से निकल तो गये, पर रितेश इसी उधेड़बुन में रहा कि उसकी सुंदर पत्नी है, फिर भी कोई उसके बनाव-श्रृंगार पर कोई टिप्पणी न कर दे।और अगर कोई टिप्पणी करेगा, तो सुधा को कैसा लगेगा? वो सबको क्या जवाब देगा, और भी बहुत सारे सवाल…


आगे पढ़ें: बदलती जिंदगी (भाग-2) में।

Saturday, 6 December 2025

Article : India - The Future World Leader

भारत की प्रभुता, विश्व पर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इसका एक और बड़ा उदाहरण है, आज की यह post, जिसे डालते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है।

हाँ, हो सकता है, बहुत लोगों को इससे गर्व और हर्ष का अनुभव न भी हो।

पर कीजिए, अगर आप को भारत से प्यार है, क्योंकि देश को सुविकसित करने में समाज के इस घटक की भी आवश्यकता होती है।

हम ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि आगे भविष्य में हर दूसरा भारतीय इस श्रेणी में हो।

तो चलिए, बात को आगे बढ़ाते हैं कि हम किस विषय पर बात कर रहे हैं…

India - The Future World Leader


भारत Billion-dollar ($) companies की संख्या के मामले में शीर्ष 3 देशों में शामिल हो गया है।

Billion-dollar companies की संख्या के साथ देश:

देखिए, क्या आपको गर्व महसूस हुआ कि हम अपने प्रतिद्वंद्वी चीन को सैकड़ा पीछे छोड़कर top three position पर आ गए।

इस position पर पहुंचना, अर्थात् देश का विकसित देशों की श्रेणी में आगे पहुंचना।

इस position पर पहुंचना, अर्थात् देश में सुअवसर प्राप्त होना।

इस position पर पहुंचना, अर्थात् प्रतिभा पलायन की दर कम होना।

इस position पर पहुंचना, अर्थात् आर्थिक स्थिति का सुदृढ़ होना।

यही कारण है कि आज हम भारतीयों का आर्थिक स्तर ऊंचा हो गया है, लोगों की salary पहले के मुकाबले बहुत बढ़ गई है।

अगर आप को भारत से प्यार है, तो आपको भी इसमें देश की संपन्नता दिखाई देगी।

चलिए, साथ ही यह भी देख लेते हैं कि India की top 10 billion-dollar companies कौन-सी हैं।

आज भारत तीसरे स्थान पर है, वो दिन दूर नहीं जब पहले स्थान पर भी होगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि तब हमारी और आपकी companies भी billion-dollar companies में शामिल हों और हम भी भारत के विकास में सहायक सिद्ध हों।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Tuesday, 2 December 2025

Recipe : Baked Samosa

समोसा all-time favourite snack है, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक, सबको पसंद आती है। हम समोसा और व्रत-वाले समोसा की recipe share कर चुके हैं, recipe देखने के लिए उन links पर click करें।

पर आजकल लोग इतने health conscious हो गए हैं कि fried चीज़ों को avoid करने लगे हैं। अगर आप भी health conscious हैं, तो आपके लिए यह एक खुशी की बात है, कि आप Shades of Life से जुड़े हुए हैं।

आज हम आपके लिए लेकर आए हैं Baked Samosa की recipe, जिससे आपकी सेहत भी खुश और मन भी खुश।अब आप जितने चाहें उतने समोसे खाइए, वो भी health में compromise किए बिना।

Baked Samosa


(I) Ingredients :

  • All purpose flour - 250 gm.
  • Clarified butter (Ghee) - 75 gm. (for Moyan) + 1 tbsp. (for greasing)
  • Butter - 1 tbsp. (for glazing)
  • Salt - as per taste
  • Potato - 150 gm.
  • Pea - 25 gm./optional
  • Green chillies - as per taste
  • Amchur powder - 1 tsp.
  • Coriander leaves (if possible)
  • Black pepper - as per taste


(II) Method :

For Filling -
  1. Boil व mash किए हुए आलू, उबली मटर, salt, black pepper, green chillies, अमचूर powder व coriander leaves डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।मिला लें।
  2. एक bowl में 1 tsp. flour में पानी मिलाकर slurry बना लीजिए।


For Outer Shell -

  1. Flour में घी व नमक डालकर हथेली से अच्छे से rub कर flour को अच्छे से मोयन कीजिए।
  2. उसमें हल्का गुनगुना पानी धीरे-धीरे डालते हुए dough prepare कीजिए।


For Samosa -

  1. Dough से गोलियां बना लीजिए। गोलियों को rolling pin की help से flat कर लें, जैसे पूड़ी बनाते हैं।
  2. इसे थोड़ा मोटा ही रहने दीजियेगा। इसे बीच में से काट लें।
  3. इसके किनारे पर slurry को लगाकर चिपकाएं और cone shape बना लीजिए।
  4. अब इसमें filling भरकर इसका मुंह ऊपर से भी बंद कर दीजिए।
  5. अब सभी समोसे पर, चारों तरफ़ से घी की हल्की coating कर दीजिए।
  6. सभी समोसों को microwave-safe तवे पर place कर दीजिए। 
  7. Microwave को ‘Fast Preheat’ कर लें।
  8. अब समोसे के तवे को microwave oven में convection mode पर इन temperatures पर set करते हुए bake करें: 250°C- 5 min, उसके बाद 200°C-10 min,  फिर 180°C- 10 minutes, आखिर में 250°C- 5 min तक bake कर लीजिए।
  9. जब समोसे सुनहरे हो जाएं, तो उन पर हल्के-हल्के हाथों से butter लगा दें।

Savour the Baked Samosa with your favourite sauce, dip or chutney.


(III) Tips and Tricks :

  • Filling आप आलू की ना बनाकर अपनी पसंद की (जैसे मटर, दाल, पनीर की) भी बना सकते हैं, अगर आप चाहें तो मेवा भी use कर सकते हैं। समोसे का पूरा taste, filling के taste पर निर्भर करता है।
  • हमने Baked Samosa बनाने में felling भूनकर नहीं तैयार की है।
  • इसके दो कारण हैं, पहला हमें घी का कम use करना है। दूसरा bake करने से filling के dry होने की tendency होती है, और filling भूनने से भी dry होने की tendency होती है।
  • इसलिए filling भूनकर भरने से over dry हो सकती है। अगर आप को भुना हुआ मसाला ही पसंद है, तो आप समोसे वाली recipe को refer कर सकते हैं
  • At a time 10 samosa ही तवे पर bake होने के लिए रखें।
  • मोयन में घी का अंदाज ऐसा होता है, कि जब आप मैदे में घी डालकर अच्छे से rub कर लें और उसे हाथ में दबाएं, तो लड्डू-सा बनने लगेगा।
  • Dough बनाते समय, जितना कम पानी आप डालेंगे, समोसा उतना ही crispy (खस्ता) बनेगा। अतः ध्यान रखिएगा, ज्यादा पानी से आप के समोसे hard बनेंगे और soggy भी जल्दी हो जाएंगे।
  • Dough बनाने के साथ ही समोसा बनाना शुरू कर लीजिए, वरना dough बनाकर छोड़ने से flour में salt से पानी release हो जाता है, जिससे मोयन बेकार हो जाता है।
  • Baked समोसा बनाने में fat free होने के अलावा भी कुछ और फायदे हैं। आप खूब ज्यादा filling भर सकते हैं, समोसे के फूटने का, और उससे उसमें excess घी भरने का डर नहीं रहता है।
  • भरे घी में कुछ भी बनाते समय सावधानी बरतनी पड़ती है, वरना जलने का डर रहता है। इसमें कोई जलने का डर नहीं है, अतः बच्चे भी बना सकते हैं।
  • कड़ाही में बनाने में बार-बार उलट-पुलट कर तलना होता है, जबकि इस process में केवल बार-बार temperature ही set करना होगा।
  • Temperature की setting; voltage and current पर depend करेगी। अतः हमारे बताए गए time से आपके microwave oven का time little different हो सकता है। 
  • पहली बार बनाते समय वहीं रहते हुए बनाएं, उसके बाद time and temperature की setting सही हो जाएगी।

अगर आप सारे notes follow करेंगे तो, हलवाई के बनाए हुए समोसे के जैसे, आप के समोसे की भी लोग तारीफ करेंगे।

तो सोचना क्या है? बना लीजिए गर्मागर्म समोसे और गुलाबी ठंड का लुत्फ उठाएं।