Monday 27 September 2021

Article : Cheque काटते समय रहें सावधान

आज का पूरा article carefully पढ़िएगा। इस को लिखने का मुख्य उद्देश्य, आप लोगों को RBI की New guide line से aware कराना है।

बैंकों द्वारा इतनी सारी सुरक्षा व्यवस्था करने के बाद भी आए दिन hacking होती ही रहती है। Fraud होते रहते हैं।

इसलिए RBI ने cheque के regarding कुछ नयी guide line निकाली है, जो इस प्रकार है-

Cheque काटते समय रहें सावधान

Cheque काटते समय रहें सावधान, इन बातों का रखें ध्‍यान...



अगर आप cheque से payment कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। क्‍योंकि इस दौरान किसी प्रकार की लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। आइए जानते हैं, कौन-सी हैं वो सावधानियां जिन पर अमल करके आप परेशा‍नियों से बच सकते हैं...

Reserve Bank of India ने cheque payment को safe रखने के लिए Cheque payment के नियम में बदलाव किया है। Cheque book का इस्तेमाल करने वाले customers के लिए 1 सितंबर से जरूरी बदलाव कर दिए गए हैं। अब cheque payment के लिए postive payment system, compulsory किया जा रहा है।


क्या है postive pay system?

Positive pay system के तहत cheque जारी करने वाले व्यक्ति को अपने bank को अपने cheque की जानकारी भी भेजनी होगी। इस system से निश्चित रकम से ज्यादा के भुगतान वाले cheque को reconfirm करना होगा। 

Cheque जारी करने वाले व्यक्ति को electronic medium से cheque की date, beneficiary name, receiver name and amount of payment के बारे में दोबारा जानकारी देनी होगी।  

इसके तहत cheque related लेन-देन की सुविधा सुरक्षित होगी।

Cheque की details को दोबारा check करने के बाद ही cheque clear किया जाएगा। अगर cheque की जानकारी bank को advance में नहीं दी गई तो उसका payment, bank नहीं करेगा यानी cheque clear नहीं किया जाएगा।


कितने रुपये से ज्यादा के cheque पर लागू होगा नियम?

इस system के तहत 50 हजार या उससे अधिक की रकम cheque से payment करने पर account holder को bank को cheque से जुड़ी अहम जानकारी पहले ही देनी होगी।

Bank उन जानकारी को cheque पर दर्ज जानकारी से match करने के बाद ही उसे clear कर payment करेगा। अगर कोई गड़बड़ी होती है या ग्राहक द्वारा दी गई जानकारी और cheque पर दर्ज जानकारी match नहीं करती तो चेक को reject कर दिया जाता है।

आपका cheque clear न होने पर इन दिनों private तथा government bank द्वारा अलग-अलग fine लिया जा रहा है। कुछ बैंकों ने तो इस मामले में भी अपना fine बढ़ा दिया है। Clearing के लिए गए cheque में पैसे न होने पर fine के रूप में आपके loan clearance का ध्यान रखते हुए 250 रुपए तक भी extra fine लिया जा रहा है।


कैसे काम करेगा system?

इस system के जरिए cheque की information SMS, mobile app, internet banking and  ATM के माध्यम से दी जा सकती है। Cheque का payment करने से पहले इन जानकारियों की दोबारा जांच की जाएगी। Positive pay system, cheque transition, transition system के तहत cheque की clearing में fraud से सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए है। Cheque transition, cheque को clear करने की एक process है। यह cheque की clearance process को तेज बना देता है।

Thursday 23 September 2021

Article : श्राद्ध पक्ष

श्राद्ध पक्ष


श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हो गया है। लोगों के मन में इससे जुड़ी बहुत सारी धारणाएं हैं, आइए उन सभी को समझ लें।


पंडितों व ब्राह्मणों द्वारा बताई गई धारणाएं-

इन दिनों में पितृ अपने वंश का कल्याण करेंगे। वह इस समय घर में सुख-शांति-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करेंगे। जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, उनको अवश्य अर्पण-तर्पण करना चाहिए। श्राद्ध करने से हमारे पितृ तृप्त होते हैं। 

 

क्यों कहते हैं कनागत - अश्विन मास के कृष्ण पक्ष के समय सूर्य कन्या राशि में स्थित होता है और सूर्य के कन्यागत होने से ही इन 16 दिनों को कनागत कहा जाता है। 

 

श्राद्ध क्या है - पितरों के प्रति तर्पण अर्थात जलदान, पिंडदान पिंड के रूप में पितरों को समर्पित किया गया भोजन व दान इत्यादि ही श्राद्ध कहा जाता है। देव, ऋषि और पितृ ऋण के निवारण के लिए श्राद्ध कर्म सबसे आसान उपाय है। अपने पूर्वजों का स्मरण करने और उनके मार्ग पर चलने और सुख-शांति की कामना करने को ही श्राद्ध कर्म कहते हैं। 


बुद्धि जीवियों की धारणा

बुद्धि जीवियों की धारणा के अनुसार, आत्मा अजर-अमर है। उसका पृथ्वी पर ही वास रहता है, केवल शरीर बदलता है। अर्थात जो अजर-अमर है। उसका श्राद्ध और तर्पण क्यों किया जाए। 

पर यहाँ वो so called बुद्धि जीवियों की बात नहीं कर रहे हैं, जो सिर्फ इसलिए की उन्हें कुछ नहीं करना पड़े, बोल देते हैं कि यह सब बेकार के ढकोसले हैं। यह कहकर वो सारे कर्तव्यों से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।


प्रेम मार्गियों की धारणा

यह वो लोग हैं, जो यह मानते हैं कि ईश्वर प्राप्ति प्रेम और श्रद्धा से होती है। इनका मानना होता है कि माता-पिता, दादा-दादी नाना-नानी, पूर्वज और पितर ईश्वर तुल्य होते हैं।

उनका मानना है कि श्राद्ध पक्ष, आशीर्वाद प्रदान करने के विशेष दिन हैं। यूँ तो जो आपके अपने पूर्वज हैं, वो तो सदैव आपको आशीर्वाद प्रदान करेंगे। पर जैसे सभी अवसरों के लिए कुछ दिन और समय निर्धारित कर दिए गए हैं। 

श्राद्ध पक्ष के भी कुछ दिन निर्धारित कर दिए गए हैं पर वो इसलिए नहीं कि उन दिनों ही पूर्वज आशीर्वाद देते हैं। बल्कि उन्हें इसलिए निर्धारित किया गया है कि हम अपने busy schedule में से चंद दिन निकाल कर उन्हें याद करें व उनकी पूजा करें।


ब्राह्मणों द्वारा बताई पूजा विधि - 

कैसे करें श्राद्ध -

पितृ पक्ष में तर्पण और श्राद्ध सामान्यत: दोपहर 12 बजे के लगभग करना ठीक माना जाता है। इसे किसी पवित्र सरोवर, नदी या फिर अपने घर पर भी किया जा सकता है। परंपरा अनुसार, अपने पितरों के आवाहन के लिए भात, काले तिल व घी का मिश्रण करके पिंड दान व तर्पण किया जाता है। इसके पश्चात भगवान विष्णु और यमराज की पूजा-अर्चना के साथ-साथ अपने पितरों की पूजा भी की जाती है।

हिंदू धर्म में अपनी तीन पीढ़ी पूर्व तक के पूर्वजों की पूजा करने की मान्यता है। ब्राह्मण को घर पर आमंत्रित कर सम्मानपूर्वक उनके द्वारा पूजा करवाने के उपरांत अपने पूर्वजों के लिए बनाया गया विशेष भोजन समर्पित किया जाता है। फिर आमंत्रित ब्राह्मण को भोजन करवाया जाता है। ब्राह्मण को दक्षिणा, फल, मिठाई और वस्त्र देकर प्रसन्न किया जाता है और चरण स्पर्श कर सभी परिवारजन उनसे आशीष लेते हैं।


अवश्य करें पिंड दान -

पित पृक्ष में पिंड दान अवश्य करना चाहिए ताकि देवों और पितरों का आशीर्वाद मिल सके। अपने पितरों का पसंदीदा भोजन बनाना अच्छा माना जाता है. सामान्यत: पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों के लिए कद्दू की सब्जी, दाल-भात, पूरी और खीर बनाना शुभ माना जाता है। पूजा के बाद पूरी और खीर सहित अन्य सब्जियां एक थाली में सजाकर गाय, कुत्ता, कौवा और चीटियों को देना अति आवश्यक माना जाता है।

कहा जाता है कि कौवे व अन्य पक्षियों द्वारा भोजन ग्रहण करने पर ही पितरों को सही मायने में भोजन प्राप्त होता है क्योंकि पक्षियों को पितरों का दूत व विशेष रूप से कौवे को उनका प्रतिनिधि माना जाता ह। पितृ पक्ष में अपशब्द बोलना, ईर्ष्या करना, क्रोध करना बुरा माना जाता है। इस दौरान घर पर लहसुन, प्याज, नॉन-वेज और किसी भी तरह के नशे का सेवन वर्जित माना जाता है। पीपल के पेड़ के नीचे शु्द्ध घी का दीप जलाकर गंगा जल, दूध, घी, अक्षत व पुष्प चढ़ाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।


पूर्वजों के नाम से करें नेक कार्य -

घर में गीता का पाठ करना भी इस अवधि में काफी अच्छा माना गया है। यह सब करके आप अपने पितरों का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यदि इस अवसर पर अपने पूर्वजों के सम्मान में उनके नाम से प्याऊ, स्कूल, धर्मशाला आदि के निर्माण में सहयोग करें तो माना जाता है कि आपके पूर्वज आप पर अति कृपा बनाए रखते हैं।


क्षमता के अनुसार कर सकते हैं श्राद्ध -

यह महत्वपूर्ण है कि पितरों को धन से नहीं बल्कि भावना से प्रसन्न करना चाहिए। विष्णु पुराण में भी कहा गया है कि निर्धन व्यक्ति जो नाना प्रकार के पकवान बनाकर अपने पितरों को विशेष भोजन अर्पित करने में सक्षम नहीं हैं, वे यदि मोटा अनाज या आटा-चावल और यदि संभव हो तो कोई साग-सब्जी व फल भी पितरों को पूरी आस्था से किसी ब्राह्मण को दान करता है तो उसे अपने पूर्वजों का पूरा आशीर्वाद मिल जाता है। यदि मोटा अनाज और फल देना भी मुश्किल हो तो वह सिर्फ अपने पितरों को तिल मिश्रित जल को तीन उंगुलियों में लेकर तर्पण कर सकता है. ऐसा करने से भी उसकी पूरी प्रक्रिया होना माना जाता है.

श्राद्ध और तर्पण के दौरान ब्राह्मण को तीन बार जल में तिल मिलाकर दान देने व बाद में गाय को घास खिलाकर सूर्य देवता से प्रार्थना करते हुए कहना चाहिए कि मैंने अपनी सामर्थ्य के अनुसार जो किया उससे प्रसन्न होकर मेरे पितरों को मोक्ष दें। ऐसा करने से आपके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को श्राद्ध का फल प्राप्त होता है. यदि माता-पिता, दादा-दादी इत्यादि किसी के निधन की सही तिथि का ज्ञान नहीं हो तो इस पर्व के अंतिम दिन यानी अमावस्या पर उनका श्राद्ध करने से पूर्ण फल मिल जाता है।


प्रेम मार्गियों द्वारा बताई गई पूजा विधि -

जब पूर्वज आप के हैं, जिन्हें पंडित जी जानते तक नहीं, जिन्हें उनकी पसंद-नापसंद कुछ नहीं पता। तो ऐसे पंडितों को खुश किस लिए करना है?

उससे अच्छा है कि आप उस दिन, दिनभर उन्हें याद करें, उनकी पूजा करें। अपने बच्चों को उनके सद्कर्मों को बताएं, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी अपने पूर्वजों के विषय में पता चले। जिससे वो भी उन पर गर्व कर सकें और उनके बताए सदमार्ग पर चलते हुए जीवन को सफल बनाएं।
उस दिन अपने पूर्वजों की पसंद का खाना बनाएं, उसका भोग लगाएं व प्रसाद ग्रहण करें।
साथ ही उनके नाम से अनाथ आश्रम, वृद्ध
आश्रम, प्याऊ, गौशाला, मंदिरों आदि में अपनी क्षमताओं के अनुसार दान कर सकते हैं।

आप चाहें तो उनके नाम से भंडारा भी आयोजित कर सकते हैैं।
कहने का अर्थ है, अपनी सामर्थ्य और उनकी पसंद के अनुरूप उनमें ही अपना दिन व्यतीत कर दें। 
यही सच्चा श्राद्ध होगा और यही सच्ची श्रद्धांजलि।

आप को सभी धारणाएं और सभी पूजा विधि बता दी हैं। अब यह आपकी इच्छा है कि आप कौन सी धारणा और कौन सी पूजा को प्रधानता दें।

सभी पितरों व पूर्वजों को हार्दिक नमन 🙏🏻❤️ 
आप सभी का आशीर्वाद सदैव बना रहे 🙏🏻🙏🏻

Wednesday 22 September 2021

Tips : Cocopeat & Plant parenting

आज की tip हम अपने plant parents के लिए लाएं हैं। क्योंकि आज के प्रदूषित वातावरण में gardening ही एकमात्र विकल्प है जो हमें निर्मल वातावरण प्रदान कर सकता है।

आज जब जमीन छोटी और छोटी होती जा रही है, ऐसे में बागवानी का शौक गमलों तक सिमट कर रह गया है। 

पर गमलों में पौधों को जीवन देना, बहुत आसान काम नहीं है। ऐसे में हमें एक बहुत अच्छी tips पता चली, तो हमारी तो बांछे खिल गई। 

सोचा अपनी blogger family से साझा किया जाए तो कुछ और बातें करे बिना, यह रही वो Tips


Cocopeat & Plant parenting



Cocopeat - यह एक ऐसा material है, जो आपके plants की health better ही नहीं करता, उनको longer life भी देता है और ornamental value में तो चार चांद लगा देती है।

 पर Cocopeat होता क्या है और भला कैसे लगाएगा यह चार चाँद? आइए बताते हैं -

Cocopeat : नारियल के fibrous (रेशेदार) छिलके को कूटकर जो चूरा (Coir dust) और टूटे रेशे (husk) निकलते हैं, उस mix को Cocopeat कहा जाता है। आपने देखा होगा कि नारियल छीलते समय भी भूसी जैसा Coconut fibre झड़ता है जोकि नारियल के रेशे टूटने से निकलता है। 

Cocopeat अपनी कई खसियतों की वजह से पौधों की मिट्टी (Potting soil) में मिलाया जाता है। पौधा लगाते समय cocopeat का उपयोग पौधे की अच्छी growth और लंबी उम्र के लिए फायदेमंद होता है। इसे घर पर भी बनाया जा सकता है। साथ ही यह plant को nutrition procurement में help करता है, जो पौधे को ज़्यादा green and shiny बनाता है।

Use of Cocopeat 

आजकल जगह की कमी & high-rise buildings and flats की वजह से ज्यादातर लोग जमीन की बजाय गमलों में पौधे लगाते हैं और Terrace gardens, Balcony gardens, Green walls, Plant corners, Kitchen gardens, etc. बनाते हैं, ऐसे गमलों में cocopeat का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है।

मिट्टी-रहित planting (Hydroponics) में भी mainly कोकोपीट का ही प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा green house, nurseries, saplings, table plants and hanging baskets तैयार करने में भी cocopeat का प्रयोग फायदेमंद होता है।

Ratio of Cocopeat in Potting soil  – पौधे लगाने के लिए गमले में मिट्टी : खाद : कोकोपीट का ratio 2:1:1 का होना चाहिए। मतलब मिट्टी में ¼ भाग cocopeat होना चाहिए।


 Benefits of Cocopeat

1) गमले की मिट्टी में cocopeat मिलाने से मिट्टी tight और aggregate नहीं होती, जिससे roots को बढ़ने में आसानी होती है, soil aerated रहती है और पौधे को nutrients भी मिलते रहते हैं।

2) Cocopeat, seed planting के लिए बहुत अच्छा होता है क्योंकि cocopeat naturally antifungal होता है और seeds को infection से बचाता है।

3) Cocopeat में water holding capacity होती है इसलिए ये पौधे को सूखने नहीं देता, जरूरी नमी देता है और साथ ही extra पानी को absorb भी कर लेता है। इसलिए पौधा ज्यादा पानी देने (over watering) या कम पानी देने (under watering) की गलती से सुरक्षित रहता है।

4) इन गुणों के अलावा cocopeat खुद भी कई nutrients जैसे nitrogen, copper, potassium, phosphorus, potassium, magnesium, zinc, आदि होते हैं जो कि पौधे की healthy growth के लिए जरूरी होते हैं।

5) Cocopeat का pH level 5.7 से 6.5 के लगभग होता है जो कि Plant growth के लिए ideal होता है।

6) मिट्टी में cocopeat मिलाने से microorganisms, pests, insects, weeds की problem खत्म हो जाती है।

7) Cocopeat, 100% organic यानि जैविक पदार्थ है जो कि पर्यावरण और मनुष्य दोनों के लिए सुरक्षित है। वह आसानी से degrade हो जाता है।

8) इसे मिलाने से पौधों में बहुत ज्यादा पानी भी नहीं देना पड़ता और पौधों की उम्र बढ़ती है। 

9) अच्छी Water holding capacity होने के बावजूद cocopeat पानी का उचित निकास और मिट्टी में aeration बनाए रखता है।

10) Cocopeat कई सारे nutritions से भरपूर है इसलिए पौधे में अन्य खाद (manure) मिलाने की जरूरत नहीं होती है।

11) गमले की मिट्टी में लोग बालू mix करते हैं जिससे पानी का Drainage सही से हो। Cocopeat बालू का अच्छा alternate है जो कि सही Drainage के साथ ही nutrition देने का भी काम करता है।

12) अगर गमले की मिट्टी के ऊपर 1 Inch cocopeat की layer बिछा दी जाए तो इससे भी पौधे का पानी जल्दी नहीं सूखता, नमी बनी रहती है, साथ ही घास या खर-पतवार (weeds) नहीं उगती।


तो कब दें रहें हैं आप अपने plant parenthood को यह healthy, nutritive yet cheap gift?

Tuesday 21 September 2021

Poem : घर के कुछ पुराने से बर्तन

आज से पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है। सभी पितरों व पूर्वजों को मेरा सादर नमन 🙏🏻

आज अपनी इस कविता के माध्यम से हमने एक गहरे विषय को आप सबके समक्ष रखने का प्रयास किया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप कविता के मर्म को समझेंगे और अपने अस्तित्व को सम्पूर्णता प्रदान करेंगे 🙏🏻

इस कविता का रस आप पठन, श्रवण, मनन और जीवन, सभी में ले सकते हैं।


घर के कुछ पुराने से बर्तन




घर के कुछ पुराने से बर्तन,

जो अक्सर काम नहीं आते थे।

अपनी टूट-फूट के कारण वो,

कई-कई दिन चूल्हे पर नहीं चढ़े थे।।

फिर भी अपनी जगह पर अडे़ थे,

कभी-कभी वो गिर जाया करते थे।

बेवजह अपने होने का,

एहसास करा दिया करते थे।।

एक दिन ना जाने कहांँ से कोई,

बर्तन संवारने वाला चला आया।

उन बर्तनों को सुधरवा लें,

ऐसा ख्याल मन में आया।।

देकर उन पुराने बर्तनों को,

हमने अलमारी में जगह बना ली।

नये बर्तनों ने बड़ी शान से,

वो सारी जगह खा ली।।

अभी उन बर्तनों को गये,

चंद दिन भी नहीं हुए थे।

और वो हमें हर दूसरे क्षण,

याद आने लगे थे।।

वो भी बड़े काम के थे,

एहसास दिलाने लगे थे।

हमने झट उस,

बर्तन बनाने वाले को फोन घनघनाया, 

कब तक मिलेंगे बर्तन?

ऐसा प्रश्न उठाया।

वो हमारी बेसब्री सुन,

पहले ज़रा मुस्कुराया।

फिर गले को खंखारते हुए बोला,

क्या हुआ आपको? 

इतनी जल्दी एहसास हो गया?

जिन को आप छोड़ चुके थे,

जिन से अपना मुंह मोड़ चुके थे।

वो, पुराने बर्तन भी बड़े काम के हैं,

आपके लिए जिन्होंने अपनी चमक खो दी।

वो आज भी आप के,

आराम के हैं।।

चिंता ना करें, 

जल्द ही मैं आऊंगा।।

वो बर्तन दे जाऊंगा,

जिनके बिना आप का,

जीवन है अधूरा।।

रखिएगा, मान उन का,

जिनका अस्तित्व आपको,

करता है पूरा।

जिनका अस्तित्व आपको,

करता है पूरा।।




Friday 17 September 2021

Article : 17 September

17 September 




17 September में सदियों से विश्वकर्मा पूजा की जा रही है।

हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा जी को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा, सम्पूर्ण सृष्टि के सृजनकार हैं। 

देवलोक के मुख्य अभियंता व इस ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता भगवान विश्वकर्माजी समस्त मानव जाति के आराध्य हैं।

सृजन, निर्माण, वास्तुकला, औजार, शिल्पकला, मूर्तिकला एवं वाहनों समेत समस्त संसारिक वस्तुओं के अधिष्ठात्र देवता हैं, भगवान विश्वकर्मा। 

 जिस पर इनकी कृपा दृष्टि हो जाती है, उसे  विशेष ज्ञान-विज्ञान, तकनीकी, अभियंत्रण व शिल्पकला के क्षेत्र में कुछ भी अप्राप्य व दुर्लभ नहीं है। इनकी कृपा से भक्त को संबंधित क्षेत्र में उन्नति, लाभ, यश व ख्याति का पूर्ण योग प्राप्त होता है।

मान्यता यह भी है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था।

विश्वकर्मा जी का जन्म सूर्य के संक्रान्ति दिवस में हुआ था। विश्वकर्मा जी के पिता वास्तुदेव व माँ अंगिरसी हैं। इनके दादा जी का नाम धर्म व दादी जी वसु थीं इनके नाना जी ऋषि अंगिरा व मामा देवगुरु भगवान बृहस्पति जी हैं।

अतः 17 September के दिन सदियों से भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा अर्चना की जाती है। 

मुखयतः engineering institute, mills और बहुत से छोटे बड़े कल-कारखाने वाले भी आज के दिन विशेष उत्सव मनाते हैं। उनके लिए आज के दिन पूजा पाठ करना, दीवाली के दिन पूजा करने के समकक्ष ही होता है।

अतः 17 September का विशेष महत्व है।

पर जब से हमारे देश भारत के प्रधानमंत्री का पदभार, मोदी जी ने ग्रहण किया है, तब से, 17 September का महत्व और बढ़ गया है।

क्योंकि भारत को सुदृढता से सम्हालते हुए हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर पहुंचाने वाले मोदी जी का आज जन्मदिवस है। 

इन्हें कुछ लोग, सफल प्रधानमंत्री मानते हैं तो कुछ इन पर देश को बर्बाद करने की तोहमत भी लगाते हैं।

जो जिस नजरिए से देख रहा है, उसकी सोच उसके साथ है। पर यह पूरी तरह से सिद्ध होता है कि, 

सेना सुदृढ़ हुई है।

राम मंदिर निर्माण व हिन्दुत्व का विकास हुआ है।

कश्मीर का उद्धार हुआ है।

मुस्लिम स्त्रियों की स्थिति में सुधार हुआ है। 

कन्याओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अवसर बढ़े हैं। 

इतिहास के पन्ने, जिन्हें कहीं दबा दिया गया था, वह प्रकट हो रहे हैं।

खेल जगत में सर्वोच्च प्रदर्शन हो रहे हैं।

देशवासियों को उनकी कद्र हो या ना हो पर विदेशों में भारत और मोदी जी का लोहा माना जा रहा है। 

इन सब का श्रेय आप केवल मोदी जी को ना देना चाहें तो भी उनके ही नेतृत्व में यह सब कार्यान्वित होते नजर आ रहे हैं।

आप उन्हें अच्छा मानें या बुरा, लेकिन यह तो सच है कि  उन्होंने यह तो सिद्ध किया है कि सच्ची लगन और सतत् मेहनत से मनुष्य सफलता की ऊंचाईयों को छू लेता है।

ना तो उनके पास source full family थी, ना अथाह धन सम्पदा, उसके बावजूद केवल अपने अथक परिश्रम से उन्होंने अपनी पहचान बनाई। आज पूरा विश्व उन्हें भारत का सफल प्रधानमंत्री मानता है।

आइए दो निर्माताओं के शुभ दिवस को देश के विकास के रुप में मनाएं।

Thursday 16 September 2021

Kid's Story : क्यों करना

क्यों करना 




नीरा बहुत ही दयालु प्रवृत्ति की स्त्री थी। जो कोई भी उसके पास आता, वो उसके सारे दुःख कष्ट को दूर करने की कोशिश करती थी।

लोगों की हर संभव मदद करने की कोशिश करती थी। इस वजह से बहुत बार वो अपने बेटे मेहुल पर कम ध्यान दें पाती थी।

मेहुल को अपनी मांँ की यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती थी। वो अक्सर माँ से कहता- माँ सब के लिए, क्यों करना।

कोई भी तो आप के लिए नहीं करता है। ना समझता है कि आप कितनी अच्छी हैं।‌‌‌‌‌फिर आपको ही क्यों करना?

माँ उसकी बात पर हंस देती....

एक दिन मेहुल माँ के पीछे पड़ गया कि आप बताइए क्यों करती हैं, आप सब के लिए इतना? 

नीरा ने बड़े प्यार से मेहुल के सिर पर हाथ फिराया और कहा, बेटा ईश्वर ने हमें सिर्फ अपने लिए नहीं भेजा है। उन्होंने हमें जो दिल दिया है, वो सिर्फ इसलिए नहीं कि वो अच्छे से धड़के और हम जीवित रह सकें, बल्कि इसलिए भी दिया है कि हम दूसरों के दुःख दर्द और परेशानियों को भी समझ सकें।

और यह दिमाग सिर्फ अपनी चिंता करने के लिए ही नहीं दिया है बल्कि इसलिए भी दिया है कि हम दूसरों की परेशानियों को कैसे हल कर सकते हैं, यह भी समझ सकें। 

यही सोच हमें, पशु से इंसान बनातीं है। 

माँ, इससे क्या? 

बेटा ईश्वर ने हम सबको भेजा है और जो लोग अच्छे काम करते हैं, उसे कोई और समझे ना समझे, पर ईश्वर समझते हैं।

और जो लोग अच्छे काम करते हैं, ईश्वर सदैव उनके साथ रहते हैं और उनके सभी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होते हैं।

सच माँ?

हाँ बिल्कुल सच।

इसलिए अच्छे कार्य करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। चाहे कोई आप के काम आए या नहीं। चाहे आप को कोई अच्छा समझे या नहीं।

पर सतत् करते रहने से देर से ही सही पर वो समय आता जरुर है, जब सबको समझ आता है कि आप अच्छे हो। 

अब समझ आ गया कि अच्छे काम क्यों करना चाहिए?

बिल्कुल! बहुत अच्छे से, यह कहकर मेहुल खेलने चला गया...

Tuesday 14 September 2021

Article : हिन्दी क्यों सबसे बेहतर

 हिन्दी क्यों सबसे बेहतर 




हिन्दी दिवस के पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🙏🏻 

हिन्दी, पहचान, शान और मान है भारत की। यह भारत की राजभाषा, राष्ट्रभाषा व संपर्क भाषा है, तथापि कितने लोग हैं जो इसकी विशेषता को नहीं जानते हैं?

यूँ तो सभी को अपनी भाषा सबसे अधिक अच्छी लगती है, वैसे ही हमें भी अपनी हिंदी भाषा सबसे अधिक प्रिय है। 

पर आज आप को यह बात बताने जा रहे हैं कि सभी भाषाओं में हिंदी भाषा सबसे बेहतर क्यों है? सबसे विशिष्ट क्यों है?


वैज्ञानिक भाषा :

हिन्दी भाषा, एक वैज्ञानिक भाषा है। आप कहेंगे कि हम यह किस आधार पर कह कर हैं? तो चलिए, आप को सिद्ध करते हैं।

आप ने कभी सोचा हिन्दी भाषा में आने वाले व्यंजनों का जो क्रम है, वो वैसा ही क्यों है? व्यंजनों को 5 के समूह में ही क्यों बांटा गया है? 

ऐसा इसलिए है कि एक समूह में आने वाले सभी व्यंजनों को मुख के एक विशेष स्थान से ही बोला जाता है। जैसे की क वर्ग के सभी अक्षर कंठ से बोले जाते हैं अर्थात् क‌ ख ग घ डं सब कंठ से बोले जाते हैं।


क वर्ग – क , ख , ग , घ , डं

च वर्ग – च , छ , ज , झ , ञ

ट वर्ग – ट , ठ , ड , ढ , ण , ड़ , ढ़

त वर्ग – त , थ , द , ध , न

प वर्ग – प , फ , ब , भ , म

अंतः स्थल वर्ग – य , र , ल , व

उष्म वर्ग – श , ष , स , ह

संयुक्त वर्ग – क्ष , त्र , ज्ञ , श्र ,

गृहीत वर्ग – ज़ , फ़ ,ऑ

क च ट त प वर्ग को क्रमशः कंठ से होंठ तक बोला जाता है।

अब आप को समझ आ गया होगा कि हिन्दी के वर्णों का संयोजन भी वैज्ञानिक स्वरुप में किया गया है। 

जहांँ आरम्भ ही वैज्ञानिक रूप से किया गया है, तब आप समझ सकते हैं कि वह पूरी तरह से कितनी वैज्ञानिक भाषा है।


सटीकता :

हिन्दी में एक विशेषता यह भी है कि जो शब्द जैसे लिखा जाता है, वैसा ही बोला जाता है, या यूं कहें कि जैसा बोला जाता है, वैसा ही लिखा भी जाता है। जबकि अन्य भाषाओं में कभी उसी spelling को कुछ पढ़ेंगे कभी कुछ और, साथ ही कभी-कभी शुरुआत के कुछ letters को छोड़कर पढ़ेंगे, कभी शामिल कर के। जिसके कारण क्या सही है, क्या ग़लत, कभी स्पष्ट ही नहीं होता है।


सरलता :

हिन्दी में सटीकता होने की वजह से इसका सरलता से अध्ययन किया जा सकता है। साथ ही इसको सरलता से आत्मसात भी किया जा सकता है। 


विविधता :

हिंदी भाषा में विविध रूप पाए जाते हैं। इसमेंं संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, लिंग के साथ ही रस, छंद (दोहा, सोरठा, रोला, चौपाईयां), अलंकार, मुहावरे, पर्यायवाची, अनेकार्थी शब्द, सन्धि विच्छेद, इत्यादि होते हैं। 


अलंकरण :

हिन्दी में उपस्थित विविधता उसको अलंकृत करती है जो इसकी विशिष्टता को और अधिक बढ़ा देती है। हिन्दी में सभी विधाओं में उत्कृष्ट कवि व लेखक हैं, जिन्होंने भारत को साहित्य जगत में सर्वोच्च स्थान पर आसीन किया हुआ है।

अस्तित्व :

हिन्दी भाषा ने सभी रिश्तों को अलग अस्तित्व प्रदान किया हुआ है। यहाँ सभी को एक ही नाम से संबोधित नहीं किया जाता है, बल्कि सबके अलग-अलग नाम हैं, मान है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सबसे अलग तरह से वार्तालाप किया जाता है। यहांँ तक अलग लिंग होने पर, उनके द्वारा बताई गई बात भी अलग-अलग तरह से बताई जाती है, जिससे पढ़ने मात्र से ही समझ आ जाता है कि जिसके विषय में पढ़ा जा रहा है वो पुरुष है अथवा स्त्री।


अभिव्यक्ति :

हम यह भी कह सकते हैं कि हिन्दी, एक भाषा नहीं अभिव्यक्ति है। क्योंकि इसको पढ़ने और सुनने मात्र से यह स्पष्ट हो जाता है कि हम किसके विषय में बात कर रहे हैं, वो कौन है, उससे हमारा क्या रिश्ता है, हमारे मन में उसके लिए क्या भाव हैं। 

हमारे मन की अभिव्यक्ति है हिन्दी भाषा।


हिन्दी की विशेषता इतने भर से समाप्त नहीं हो जाती, वो तो अनंत है कि हम लिखते-लिखते सम्पूर्ण लिख नहीं पाएंगे और आप पढ़ते-पढ़ते थक जाएंगे। 

तो आज अभी इतना ही लिख रहे हैं, समय-समय पर आप को और भी जानकारी देते रहने का प्रयास करेंगे। 

आज का हमारा प्रयास था कि आप को सरल शब्दों में बताएं कि हिन्दी सर्वश्रेष्ठ क्यों है?

आशा है आप को भी अपनी हिंदी पर और अधिक गर्व हो गया होगा।

आप सभी से अनुरोध है कि हिन्दी की विशेषता को मान दीजिए साथ ही अपने बच्चों को भी इससे अवगत कराएं। जिससे वो भी अपनी राजभाषा हिंदी का सम्मान कर सकें, उस पर गर्व कर सकें, उससे प्रेम कर सकें।

जब हम सभी भारतवासी अपनी राजभाषा का मान भारत माता की तरह करेंगे, तभी हिन्दी भाषा का सम्पूर्ण विकास होगा।

जय हिन्द जय हिन्द 🇮🇳🙏🏻

Monday 13 September 2021

Short story : अनुभव

 अनुभव



अपना job period, खत्म होने के बाद एक retired teacher कुशाग्र जी अपने घर वापस लौट रहे थे। अपने नाम के अनुरूप ही वो बहुत ही बुद्धिमान थे।

Corona period के कारण train बहुत कम ही भरी थी। जिस compartment में वो कुशाग्र जी बैठे थे, वो तो पूरी ही खाली थी।

मौसम सुहावना था और train खाली तो, कुशाग्र जी एंकात पाकर एक धार्मिक पुस्तक का आनन्द लेने लगे।

अभी train मुश्किल से दो स्टेशन आगे ही पहुंची थी कि, कुछ उद्दंड लड़कों का group train में चढ़ गया।

Train अपनी रफ़्तार से चल दी।

लड़कों के हुड़दंग मचाने से कुशाग्र जी का एकांत भंग हो गया, वो उनसे शांति बनाए रखने की अपील करने लगे।

यह देखकर, उनमें से एक को शरारत सूझी।

बोला, चलो हम लोग train की chain खींचते हैं। 

यह सुनकर सब बोले, अबे क्यों ज़बरदस्ती पंगे ले रहा है। 

ख्वामखाह में 500 रुपए ठुक जाएंगे।

वो बोला हम इतने सारे हैं, सब मिलाकर पैसे एकठ्ठा कर लेते हैं। यह कहकर उसने पैसे लेने शुरू कर दिया।

जब उन लोगों ने गिना तो, 500 की जगह 1,200 एकठ्ठा हो गये। जिसमें 200 के 2 नोट, 500 का 1 नोट, 100 का 1 नोट और बाकी 50 के नोट थे।

उनमें से एक सबसे दुष्ट लड़के ने सारे रुपए अपनी जेब में रखे और बोला - तुम लोग भी मूर्ख हो, इन पैसों से मौज करेंगे। 

तो पहले वाला बोला और chain pulling का क्या?

वो भी करेंगे, दुष्ट लड़के ने कहा।

और पुलिस आएगी तो penalty मांगेगी, फिर क्या करेंगे? उनमें से एक बोला।

अरे यह बुड्ढा किस दिन काम आएगा, यह भरेगा penalty, दुष्ट लड़के ने कुटिलता से भर कर कहा।

कुशाग्र जी, यह सुनकर सकपका गये। वो बोले, यह ना करो। मेरे पास इतना पैसा नहीं है, कुछ महीनों से तनख्वाह भी नहीं मिली है। फिर अब तो retired भी हो गया हूँ। और अगर पुलिस पकड़ कर ले गयी, तो बड़ी बदनामी हो जाएगी। 

तुम लोगों को जितना हुड़दंग मचाना हो, मचा लो। पर यह ना करो। मुझ पर बड़ी कृपा होगी।

कुशाग्र जी को ऐसे गिड़गिड़ाते देखकर, उनके हौसले और बुलंद हो गये। उन्होंने कुशाग्र जी के लाख मना करने के बावजूद chain pulling कर ही दी।

फिर क्या, वही हुआ जो होना था, TT, पुलिस के साथ आ गया।

क्या हो रहा है यहाँ? किसने chain pulling की?

उस दुष्ट लड़के ने तुरंत कहा, इस बुढ़ऊ ने।

पुलिस वाले बोले क्या चचा, बुढ़ापे में कौन सा शौक चढ़ गया?

कुशाग्र जी बोले माफ़ कीजियेगा, पर मैं बहुत मजबूर था।

क्या हुआ चचा?

Sir जी, इन दुष्ट लड़कों ने मुझसे 1,200 रुपए छीन लिए हैं। जो इस लड़के ने अपनी जेब में रख लिए हैं। 

उन रुपयों में 200 के 2, 500 का 1, 100 का 1 और बाकी 50 के नोट हैं।

पुलिस ने तलाशी ली तो सारे नोट वैसे ही थे।

पुलिस ने 1,200 रुपए कुशाग्र जी को दे दिए और लड़कों को अगले station पर अपने साथ ले गयी और जेल में बंद कर दिया।

कुशाग्र जी उनको जाते देखकर मुस्कुरा रहे थे, और सोच रहे थे कि आज उनका अनुभव व संयम काम आ गया।

एकांत में वो फिर से अपनी पुस्तक का आनन्द लेने लगे।

Friday 10 September 2021

Bhajan (Devotional Song): जय गणेश देवा

गणेश, गणपति, गजानन, लम्बोदर, देवा, गणनायक, सिद्धीविनायक..., हर रुप को नमस्कार, बारम्बार नमस्कार...

आज गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर प्रभू की आरती को उनके आगमन की आरती का स्वरुप देने का प्रयास किया है...

हे प्रभू, इस आरती पर भी अपनी स्वीकृति प्रदान करें...

आपकी विशेष कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे 🙏🏻🙏🏻

गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया 🙏🏻🙏🏻


जय गणेश देवा 




जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा 

जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा 

दर्शन प्रभू उसे दें

जो भक्त करें सेवा -2


जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा 

दर्शन प्रभू उसे दें

जो भक्त करें सेवा 


नाचते गाते भक्त

उन्हें घर लाएं-2

चौकी सजे प्रभू की

मन हरषाएं -2

सुबह शाम पूजा करें

भक्त करें सेवा -2

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा-2


जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा-2

दर्शन प्रभू उसे दें

जो भक्त करें सेवा-2


धूप दीप आरती से

थाल सजाएं-2

फूलों से प्रभू का

मंडप बनाएं-2

सुबह शाम पूजा करें

भक्त करें सेवा-2

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा-2


जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा-2

दर्शन प्रभू उसे दें

जो भक्त करें सेवा-2


भक्तों के सारे दुःख

प्रभु जी टारें-2

उनकी जो सेवा करें

सुख पाएं सारेे-2

सुबह शाम शरण आएं

दया करो देवा -2

माता जाकी पार्वती

पिता महादेवा-2


जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा -2

दर्शन प्रभू उसे दें

जो भक्त करें सेवा -2


दीनन की लाज रखो,

शंभु सुतवारी-2

कामना को पूर्ण करो

जग बलिहारी-2

पान चढ़े, पुष्प चढ़े

और चढ़े मेवा-2

मोदक का भोग लगे 

भक्त करें सेवा-2


जय गणेश जय गणेश

जय गणेश देवा-2

दर्शन प्रभू उसे दें

जो भक्त करें सेवा -2


आप सभी को गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🙏🏻

Thursday 9 September 2021

Tips : सूखे हुए तुलसी के पौधे को हरा-भरा बनाना

आज तीज के पावन पर्व पर, आप के साथ एक ऐसी tip share करने जा रहे हैं कि जिसे जानकर हर हिन्दू प्रसन्नता से परिपूर्ण हो जाएगा। 

तुलसी के पौधे को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है। हालांकि, आयुर्वेद में भी तुलसी को एक औषधीय पौधा बताया गया है इसलिए तुलसी को कोई धर्म और आस्था से जोड़ कर देखता है, तो कोई सेहत के लाभ उठाने के लिए तुलसी का प्रयोग करता है। यही वजह है कि तुलसी का पौधा हर घर में होता है, मगर तुलसी के पौधे को लेकर अमूमन लोगों की शिकायत होती है कि वह बहुत जल्दी सूख जाता है। 

जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे रखें तुलसा जी को हरदम हरी।

क्या हुआ यह जानकर, बांछे खिल गईं? 

हमारा भी यही हाल हुआ था।

Tips: सूखे हुए तुलसी के पौधे को हरा-भरा बनाना




घर पर लगा तुलसी का पौधा ऐसा हो गया कि उसमें, एक भी पत्ता नहीं बचा है और वो सूखने की कगार पर है, तो उसे दोबारा हरा-भरा बनाने के लिए आप इन tips को आजमा कर देखें। 

आपको बता दें कि तुलसी का पौधा सूखने के कई कारण हो सकते हैं। 

'बहुत से लोग यह अनुमान लगाते हैं कि तुलसी का पौधा गर्मी में लू लगने के कारण सूख जाता है, तो कोई सोचता है कि सर्दियों में ओस का शिकार होने पर तुलसी का पौधा खराब हो जाता है मगर, जब बारिश के मौसम में भी कुछ लोगों का तुलसी का पौधा survive नहीं कर पाता है, तो उनके सभी अनुमान गलत पड़ जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तुलसी के पौधे को बहुत अधिक पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती है। एक तरह से यह कहा जा सकता है कि तुलसी के पौधे को बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक tropical plant है और इसलिए तुलसी का पौधा कम पानी, कम धूप और कम हवा में भी survive कर सकता है। लेकिन यदि यह सूख सा रहा है, तो कुछ उपाय करके उसे दोबारा हरा-भरा बनाया जा सकता है।'

सूखे हुए तुलसी के पौधे को बचाती है नीम :

अगर आपके घर पर लगा तुलसी का पौधा लगभग सूख चुका है और आप चाहते हैं कि वह दोबारा हरा-भरा नजर आने लगे, तो इसका एक अचूक उपाय कि 'हर महीने केवल 2 चम्मच नीम की पत्‍ती को सुखा कर उसका पाउडर अगर तुलसी के पौधे में डाला जाए, तो पौधे में नई पत्तियां भी आने लगेंगी और पौधा सूखता भी नहीं।' इसका तरीका यह है कि आपको नीम की पत्‍ती के पाउडर को पौधे की मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाना होगा। ऐसा करने पर तुलसी के पौधे को बहुत फायदा पहुंचेगा।

ऑक्सीजन है बहुत जरूरी :

'बारिश के मौसम में जब तुलसी के पौधे में अधिक पानी इकट्ठा हो जाता है, तो पत्ते झड़ना शुरू हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पौधे को जरूरत से ज़्यादा moisture मिल रहा होता है। ऐसे में पौधे की जड़ें सांस नहीं ले पाती हैं और स्थिति यह आ जाती है कि धीरे-धीरे तुलसी का पौधा सूखने लगता है। इस स्थिति के लिए भी एक आसान remedy है। पौधे की मिट्टी को 15 से 20 सेंटीमीटर गहराई तक खोदें, आप पाएंगे कि मिट्टी में moisture है। यदि ऐसा हो तो इसमें सूखी मिट्टी और बालू को भरें, इससे पौधे की जड़ें दोबारा सांस लेने लगेंगी।'

साथ ही गमले के नीचे का छेद बड़ा रखें, जिससे excess water easily निकल जाए।

अधिक moisture के कारण अगर तुलसी के पौधे में  fungal infection हो गया है, तो इस समस्या को दूर करना भी जरूरी है। नीम की खली का पाउडर आपको बाजार में आसानी से मिल जाएगा। इसे नीम seed powder के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप 15 ग्राम पाउडर को soil में मिला दें, तो fungal infection दूर हो जाता है। अगर आपके पास powder नहीं है, तो आप घर पर ही नीम की पत्तियों को पानी में उबाल लें। जब पानी में हरापन आ जाए, तो उसे ठंडा करके bottle में भर लें। अब आप हर 15 दिन में एक बार खुरपी से मिट्टी को खोदें और उसमें 2 चम्मच इस पानी को डाल दें।'

तुलसी का पौधा और धर्म-आस्था : 

तुलसी के पौधे से लोगों की आस्था जुड़ी है, इसलिए अगर आप इस पौधे की पूजा करते हैं तो जरूर करें। मगर कोशिश करें कि रोज तुलसी की पत्ती न तोड़ें, दिया या अगरबत्ती जलाते हैं तो पौधे के बहुत पास ना रखकर, इन चीजों को थोड़ा सा दूर रखें। दरअसल, धुएं और तेल से भी तुलसी को नुकसान पहुंचता है।'

Revive होने में लगता है कितना समय?

अगर आप ऊपर बताई गई tips follow करते हैं, तो महीने भर में ही आपको सूखे हुए तुलसी के पौधे में नई पत्तियां आती हुई नजर आ जाएंगी।

आप सभी को हरितालिका तीज के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🙏🏻

महादेव व पार्वती माँ हम सब पर कृपा करें... 🙏🏻🙏🏻

Tuesday 7 September 2021

Article : मिसाल, कामयाबी की

 मिसाल, कामयाबी की



इस बार के Tokyo Paralympic 2020  में एक ऐसे player भी थे जो कि यहाँ तो Silver Medal लाये हैं, साथ ही वो गौतमबुद्ध नगर (Noida) के DM भी हैं।

तो चलिए थोड़ी सी बात उनके विषय में कर लेते हैं, क्योंकि वो Academic and sports दोनों ही field में excellent हैं...

इन का जीवन बहुत ही प्रेरणा-दायक है, और इनका जीवन के प्रति जो नजरिया है, उसने हमें बहुत प्रेरित किया। तो सोचा इनके विषय में जरुर से कलमबद्ध करना चाहिए जिससे हमारे blog पढ़ने वाले सभी लोग, उनसे प्रेरणा लें और जीवन के हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और सफलता प्राप्त करें।

Suhas LY एक Indian paralympics badminton player और वर्तमान में U.P. के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के DM भी हैं, सुहास अपने खेल men singles में विश्व के दूसरे सबसे बेहतरीन पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। सुहास का पूरा नाम 'सुहास लालिनाकेरे यतिराज' है।

जन्म से ही उनके दाहिने पैर में पोलियो होने के बाद उनका पैर खराब हो गया था। पैर से विकलांग सुहास को अपने पिता और परिवार का भरपूर साथ मिला। पैर पूरी तरह fit नहीं था तो समाज के ताने उन्हें सुनने को मिलते रहे, लेकिन पिता और परिवार चट्टान की तरह उन तानों के सामने खड़े रहे और कभी भी सुहास का हौसला नहीं टूटने दिया। 

सुहास के पिता उन्हें normal बच्चों की तरह देखते थे और उनसे हमेशा जीत की उम्मीद भी करते थे। अतः सुहास पर यह कमजोरी कभी हावी नहीं हुई और उन्होंने इसे अपनी ताकत बनाकर, DM की post सम्हाली, साथ ही badminton court में उतर गए। 

Discipline, concentration, smart work & self-confidence, ये चार चीजें उनकी जिंदगी और सफलता में काफी अहम role अदा करती हैं। उन्होंने कहा कि ये चार चीजें ऐसी हैं जो सफलता से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि काम निर्धारित समय में पूरा हो जाए, इसके लिये discipline बहुत जरूरी है। किसी तरह की गलती की गुंजाइश न हो जिसका बाद पछतावा हो, इसलिये अपने काम पर एकाग्रता यानि concentration होना चाहिये। प्रयास ऐसा करें कि कम समय में अधिक परिणाम मिले, तो यही smart work है और यह सब करने के लिये जिस चीज की जरूरत है वह है self-confidence। सफलता के इन मूलमन्त्रों का पालन यकीनन बुलंदी के सपने को साकार करता है।

2004 में सुरथकल के National Institute of Technology से सुहास एलवाई ने computer science की पढ़ाई की। इतना ही नहीं, सुहास ने engineering branch से first division से bachelor पास किया। 

इन्होंने engineering के बाद job join कर ली। कुछ समय बाद इन्हें लगा कि इन्हें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे वह समाज की सेवा कर सकें।

तब इन्होंने IAS officer बनने का मन बनाया।

सुहास एलवाई U.P. cadre IAS के 2007 batch के IAS officer हैं। साल 2006 की UPSC exam में सुहास ने AIR 382 Rank (Suhas LY IAS Rank) हासिल किया था और साल 2007 में भारत के पहले विशेष रूप से दिव्यांग IAS officer बने। IAS officer बनने के बाद उन्होंने आगरा से अपने career की शुरुआत की।

Tokyo paralympics 2020 से पहले, सुहास 2017 ने Tokyo में हुए Japan open para-badminton tournament में runner-up रह चुके हैं। यही नहीं, 2016 में चीन में आयोजित Asian championship में mens singles का खिताब जीत चुके हैं। 2018 में asian para-games में भी bronze medal हासिल कर चुके हैं। 

कर्नाटक के सिमोगा जिले के रहने वाले सुहास एलवाई गौतमबुद्धनगर (नोएडा) से पहले प्रयागराज, आजमगढ़, सोनभद्र, महाराजगंज, हाथरस में DM की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इनका नाम बहुत ही सफल DM में शुमार है।

Suhas LY ने proof कर दिया कि कोई भी कमी, कोई भी कठिनाई, आप को सफल बनने से नहीं रोक सकती। उन्होंने दो विपरीत क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर के यह भी सिद्ध कर दिया है कि आप एक नहीं बल्कि एक साथ दो fields में भी महारथ हासिल कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वो कामयाबी की मिसाल हैं।

 जिसने ठान लिया हो 

आगे बढ़ते जाने को 

उसको कोई कमी 

कोई कठिनाई

क्या रोकेगी 

चलेगी साथ वो 

हिम्मत बनकर

उसको दुनिया

सलाम ठोकेगी 


अगर इस article को पढ़कर किसी का जीवन संवर जाए, तो मेरा लिखना सार्थक हो जाए।

हमारे सभी viewers आप सभी का जीवन सफलताओं और सुख से परिपूर्ण रहे।

Monday 6 September 2021

Article : हम किसी से कम नहीं

हम किसी से कम नहीं




Tokyo Paralympic games 2020, August 24 से 5 September तक चला है, जिसमें भारत के शेरों ने अपनी गर्जना द्वारा Tokyo Paralympic में अपनी शानदार जीत दर्ज की है। 

इसमें 17 players ने 19 Medals के लिए भारत का तिरंगा शान से लहराया है । जिसमें 5 gold medal, 8 silver medal और 6 bronze medal शामिल हैं।

Gold Medal Winners :

Avani Lakhera ने  women's air rifle shooting SH1 मेंSumit Antil ने men's javelin throw T64 में, Krishna Nagar ने badminton men's singles SH6 में, Pramod Bhagat ने badminton men’s singles SL3 मेंManish Narwal ने men's 50m pistol SH1 में Gold Medal जीता है।

Silver Medal Winners :

Bhavina Patel ने women's singles table tennis class 4 category में, Nishad Kumar ने men high jump T47 में, Yogesh Kathuniya ने men's discus throw F56 में, men's Devendra Jhajharia ने javelin throw T46 में, Singhraj Adana ने mixed 50m pistol SH1 shooting में, Mariyappan Thangavelu ने men's high jump T63 में Suhas Lalinakere Yathiraj (Suhas LY) ने badminton men’s singles SL-4 category में, Praveen Kumar ने men's high jump T64 में Silver Medal जीता है।

Bronze Medal Winners: 

Avani lakhera 50m rifle 3 position SH1 event में,  Sharad Kumar ने men's high jump T63 में, Sundar Singh Gurjar ने Men's javelin throw F46 में, Singhraj Adana ने 10m air pistol SH1 में, Harvinder Singh ने archery में, Manoj Sarkar ने adminton men's singles SL3 में Bronze Medal जीता है। 

पैरालंपिक में भारत के इतिहास पर नजर डाली जाए तो भारत ने 1968 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था, उसके बाद से 2016 तक भारत की झोली में कुल मिलाकर 12 ही पदक थे।

पर इस साल तो जैसे कुछ चमत्कार हो गया हो, 17 players ने 19 Medals जीतकर इतिहास रच दिया।

जिसमें Avani Lakhera ने Gold Medal and Bronze Medal व Singhraj Adana ने Silver Medal and Bronze Medal जीता है।

इन दोनों ने एक ही Paralympic games में दो Medals जीतकर नया record बनाया है, साथ ही और लोगों को प्रेरणा प्रदान की।

सभी Paralympic players सभी को जीतने के लिए प्रेरित करते हैं।

उन्होंने prove किया है, कि अगर, आप में जोश है, लगन है और कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो, किसी भी तरह की कमी या कोई भी कठिनाई आप को सफल होने से नहीं रोक सकती है।

तो यह सोच, कि कमी है, कठिनाई है, प्रतिकूल परिस्थितियाँ हैं, इन सभी से ऊपर उठकर देखिए... 

जमाना भी आप का है 

सफलता भी आपकी 

गर जोश, जूनून और

कुछ कर गुजरने का

 जज्बा हो आपका। 

हमारे Paralympic players ने यह बात prove कर दी है, कि हम किसी से कम नहीं है....

उन सभी players के लिए, जिन्होंने Tokyo Paralympic games में participate किया, उन सब को बहुत-बहुत बधाई और उन सभी खिलाड़ियों का विशेष आभार, जिन्होंने medal जीतकर हमारे तिरंगे को सम्मान प्रदान किया है।

क्या आप को नहीं लगता कि कुछ तो बात है कि भारत हर क्षेत्र में कमाल दिखा रहा है...

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳🙏🏻

Sunday 5 September 2021

Poem : Teacher, Teacher, you are great

Today, I am glad to present a poem composed & recited by my son - Advay Sahai - with you all.

It's a poem full of respect and feelings & that compelled me to share this poem.

So let's enjoy & be full of gratitude towards what our teachers have moulded us into...

Teacher, Teacher, You are great


Teacher, Teacher,

You are great;

You know everything,

Curved or straight.


In my life,

What all I do;

Is possible, only

Because of you.


Teacher, Teacher,

You are great;

You know everything,

Curved or straight.


We should take

God's blessings first;

But he says, teacher can 

Better quench your thirst.


Teacher, Teacher,

You are great;

You know everything,

Curved or straight.


I promise, such a

Person I'll be;

So that you can,

Be proud of me.


Teacher, Teacher,

You are great;

You know everything,

Curved or straight.



 

🙏🙏 My Heartiest Gratitude to all the Teachers 🙏🏻🙏🏻


💐✒️📒Happy Teacher's Day 📙🖋️💐




Saturday 4 September 2021

India's Heritage : सहजो बाई


हमारे भारत वर्ष के हर क्षेत्र में आपको रत्नों का भंडार मिलेगा। आज आप को विरासत के अंतर्गत एक ऐसी महान विभूति के विषय में बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ और सिर्फ भारत में होना संभव है।

एक ऐसी स्त्री के विषय में जिनकी सहजता की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। 

आज हम अध्यात्म और गुरु-शिष्य के सम्बन्ध को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं।

सहजो बाई



सहजो बाई, एक ऐसा नाम जो मिसाल है, शिष्य की। अगर आप के अंदर भी सहजो बाई जैसी आस्था और विश्वास भर गया तो ईश्वर तो स्वयं आप के द्वार पहुंँच जाएंगे। 

सहजो बाई, चरणदास जी की अनन्य शिष्य थीं। उनकी अपने गुरु जी पर अटूट आस्था थी। वो मानती थीं, कि गुरु बिना जगत के कोई कार्य नहीं हो सकते हैैं, और ईश्वर प्राप्ति तो उनके बिना संभव ही नहीं है।

वह अपने गुरु जी से हमेशा कहती थीं कि एक बार उसके घर में पधारें, जिससे उसका घर पावन हो जाए, मंदिर बन जाए। 

सहजो की इतनी अनुनय विनय को सुनकर, गुरु ने कहा कि, मैं आज तुम्हारे घर आ रहा हूंँ, तुम अपने घर जाओ और मेरे आने की व्यवस्था करो।

यह सुनकर सहजो अत्याधिक आनन्दातिरेक से भर गई। वो शीघ्र अतिशीघ्र अपने घर राजस्थान पहुंच गई और अपने गुरु के लिए व्यवस्था करने लगी। उसने गुरु के लिए आसन बुना, भोजन आदि की व्यवस्था की।

अब वो बहुत बेसब्री से अपने गुरु की प्रतीक्षा करने लगी।

चंद घंटे बीतने के बाद उसे दूर से गुरु जी आते दिखाई दिए।

उन्हें देखकर वो इतनी प्रसन्न हो गईं कि वो अश्रुपूरित हो गईं।

अभी गुरु नजदीक भी नहीं पहुंचे थे कि पूरा वातावरण तेजोमय हो गया।

सहजो ने देखा उस तेज़ में अति कान्तिमय स्वरुप प्रकट हो गया। 

सहजो जब तक समझती कि वो कौन हैं? तब तक गुरु एकदम नजदीक आ गये थे और उस स्वरुप के आगे नतमस्तक हो गये।

हे प्रभु! आप यहांँ? मैं धन्य हो गया आपके दर्शन कर के।

प्रभु बोले, मुझे तो आना ही था।

सहजो घर के भीतर गई और लोटे में पानी भरकर लाई। उसने पहले गुरु के फिर प्रभू के पांँव पखारे।

अब आसन प्रदान का समय था, उसके पास एक ही आसन था। उसने गुरु को आसन प्रदान किया और ईश्वर को पंखा पकड़ा दिया और कहा हे प्रभु! आप मेरे गुरु को पंखा से हवा कीजिए, मैं शीघ्र अतिशीघ्र आप दोनों की जलपान व्यवस्था करती हूँ।

यह कहकर वो रसोई में चली गईं। गुरु बोले, हे प्रभु! यह मुझे पाप का भागी बनाएगी... आप आसन ग्रहण करें, मैं आपको पंखे से हवा करता हूंँ।

प्रभु बोले, मैं तुम्हारे लिए नहीं आया हूँ, बल्कि उसके गुरु के प्रति अटूट आस्था और विश्वास को देखकर, प्रसन्न होकर आया हूंँ।

मैं तो सहज ही उसको मिल जाता हूँ, जिसमें अटूट आस्था, विश्वास और प्रेम होता है।

और जिसका यह भाव अपने गुरु के लिए हो, उसे मुझे पाना निश्चित है। 

गुरु तो वैसे भी ईश्वर से उच्च स्थान रखता है।

प्रभु ने अपनी बात समाप्त की और सहजो बाई जलपान के साथ आ गई। 

उसने प्रभू से कहा, अब आप दोनों जलपान ग्रहण करें, मैं आप लोगों को हवा देने का कार्य करती हूँ...

चरणदास जी और ईश्वर ने जलपान ग्रहण किया। और अपने-अपने मार्ग पर चले गए।

सहजो अत्याधिक प्रसन्न थी, आज गुरु जी ने घर में पधार कर उसका घर पावन कर दिया, उसके घर को मंदिर बना दिया।

चरणदास जी प्रसन्न थे कि आज सहजो के कारण हरि दर्शन हो गए।

ईश्वर प्रसन्न थे सहजोबाई की भक्ति आस्था, श्रृद्धा और विश्वास देखकर।

सहजोबाई की बानी में उपलब्ध चंद रूढ़ियाँ...


सहजो कारज जगत के गुरु बिन पूरे नाहिं। 

हरि तो गुरु बिन क्यों मिलैं समुझि देख मन माहिं।।


 गुरु है चार प्रकार के, अपने अपने अंग। 

गुरु पारस दीपक गुरु, मलयागिरि गुरु भृंग।। 


सहजो गुरु ऐसा मिलै, मेटै मन संदेह। 

नीच ऊँच देखै नहीं, सब पर बरसै मेह।। 

Thursday 2 September 2021

Recipe : Cheese Kachori

हम परिवार के साथ balcony या बरामदे में बैठे हुए हों और रिमझिम फुहारें पड़ रही हों, ऐसे में कुछ बढ़िया सा खाने को मिल जाए तो आनन्द का कहना ही क्या... 

पर ऐसा भी नहीं होना चाहिए कि खाने वालों को तो आनन्द आ जाए और बनाने वाले के band बज जाए।

पर जब आप Shades of Life से जुड़े हैं तो ऐसा कैसे हो सकता है। हम आज एक ऐसी dish share कर रहे हैं, जो बहुत tasty dish है साथ ही easily prepare भी हो जाती है। इसको खाने के बाद बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब आपकी तारीफ़ करते-करते थक जायेंगे...

Cheese Kachori 



Ingredients :


For Kachori dough :

Wheat flour - 2 cup

Semolina(suji) - ½ cup 

Salt - as per taste 

Clarified butter (ghee) - 2 tbsp. 

For filling :

  • Amul Diced Cheese Blend  
  • Capsicum (Red, green, yellow)
  • Sweet corn
  • Coriander leaves
  • Clarified butter (ghee)


Method
  1. गेहूं के आटे में, नमक और सूजी अच्छे से मिला लीजिए।
  2. इसमें घी डालकर अच्छे से rub कर लीजिए।
  3. इसमें पानी डालकर soft dough (पूड़ी के लिए जैसा dough prepare करते हैं उससे soft और जैसा रोटी के लिए dough prepare करते हैं उससे tight), prepare कर लीजिए। 10 minutes के लिए rest करने के लिए छोड़ दें।
  4. इस dough की छोटी-छोटी गोलियाँ बना लीजिए। 
  5. Cheese की filling में आप को जो भी डालना है, उसे डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  6. अब इसमें filling भरकर बाटी ready कर लीजिए। 
  7. अप्पम maker में थोड़ा-थोड़ा घी डालकर उस में बाटी रख दीजिए। 
  8. Slow flame पर थोड़ा-थोड़ा घी डालकर सब तरफ से सुनहरा होने तक सेक लें।

बहुत कम घी में खस्ता करारी गर्मा-गर्म cheese कचौड़ी तैयार है। आप इसे tomato sauce, धनिया की चटनी या पुदीने की चटनी के साथ serve कर सकते हैं।

चलिए कुछ tips and tricks भी बता दें, जिससे आप बहुत tasty कचौड़ी तैयार कर सकें।


Tips and Tricks :



  • आप के पास अगर यह cheese 🧀 नहीं हो तो आप कोई भी cheese लें सकते हैं।
  • Cheese को frozen condition का लीजिए। क्योंकि cheese अगर ठंडा होगा तो वो कचौड़ी बनाते समय ooze होकर बाहर नहीं निकालता है, जिससे कचौड़ी ज्यादा अच्छी बनती है।
  • वैसे तो automatically cheese कचौड़ी mild ही होती है, पर आप इस कचौड़ी को अपने taste के accordingly spicy भी कर सकते हैं।
  • आप कचौड़ी को fry भी कर सकते हैं, पर अप्पम maker में बहुत कम घी में ही खस्ती करारी कचौड़ी ready हो जाती है। तो अगर आप diet concious हैं तो अप्पम maker ही use कीजिएगा।
  • अगर आप के पास कच्चा आम ना हो तो आप पुदीने की चटनी बनाने के लिए, अमचूर पाउडर भी use कर सकते हैं।
  • तो इंतज़ार किसका है, आज ही बनाएँँ Cheese Kachori और सबको अपना दीवाना बना दीजिए 😊

Wednesday 1 September 2021

Tips : Home remedies to get rid of Ants🐜

बरसात के मौसम में हमारी मुसीबत का सबसे बड़ा कारण चीटियों की तादाद काफी ज्यादा हो जाना है और ये कई बार बहुत अधिक खतरनाक भी हो सकती हैं। दरअसल, चीटियां अपने साथ bacteria लेकर चलती हैं, जो खुले में रखे खाने को pollute करती हैं। इसके अलावा अगर लाल चींटियां काट लें तो allergy या pain भी हो सकता है। इनसे छुटकारा पाने के लिए लोग अक्सर बाजार से कई तरह के pesticides भी लाते हैं लेकिन इससे फायदा होने के बजाए नुकसान भी हो सकता है। बच्चों वाले घरों में chemical वाले pesticide, dangerous होते हैं। आइए आज हम आपको चीटियों से छुटकारा पाने के लिए घरेलू नुस्खों के बारे में बताते हैं, इनका इस्तमाल करना बेहद आसान होता है और बच्चों को भी इनसे कोई खतरा नहीं होता।

Home remedies to get rid of Ants🐜



Salt : चीटियों से छुटकारा पाने के लिए नमक काफी effective और easy method है। इसके लिए आपको सिर्फ पोछे के पानी में नमक डालकर सफाई करने की जरूरत है।

Red chilli powder : जिन जगहों पर चीटियों की संख्या ज्यादा दिखाई दे, वहां थोड़ा सा red chilli powder डाल दें।

Clove : चीटियों को घर में आने से रोकने के लिए लौंग काफी effective method है। इसके लिए चीटियों को ढूंढने की भी जरूरत नहीं है। आप घर के कोनों, खिड़कियों और दरवाजे के पास कुछ लौंग रख दें।

Bay leaf : चीटियों को घर से निकालने के लिए सूखे तेज पत्ते का पाउडर बनाकर इसे अलमारी, कोनों और जहां से चीटियां आ सकती हैं, वहां छिड़क दें।

Camphor : दरवाजों और खिड़कियों के आसपास कपूर रखने से भी चीटियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

Garlic : चीटियां लहसून की गंध से दूर भागती हैं, इसलिए लहसून को पीसकर रस निकाल लें और जगह-जगह छिड़क दें।

Turmeric and Alum : चीटियों को घर में आने से रोकने के लिए हल्दी और फिटकरी पाउडर भी काफी effective होता है। इन दोनों के पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर घर के उन कोनों में छिड़क दें जहां से चीटियां आ सकती हैं।

Lemon : घर के पेड़-पौधों और कोनों में नींबू के रस को छिड़कने से चीटियां दूर भागती हैं, उन्हें नींबू के रस की गंध परेशान कर देती है।

Orange : चीटियों को घर से दूर रखने के लिए संतरा काफी कारगर उपाय है। इसके लिए संतरे के रस में थोड़ा गर्म पानी मिला लें और कोनों में छिड़क दें।

तो बस करिए यह घरेलू उपाय और चींटियों से छुटकारा पाएं 😊