Thursday, 16 September 2021

Kid's Story : क्यों करना

क्यों करना 




नीरा बहुत ही दयालु प्रवृत्ति की स्त्री थी। जो कोई भी उसके पास आता, वो उसके सारे दुःख कष्ट को दूर करने की कोशिश करती थी।

लोगों की हर संभव मदद करने की कोशिश करती थी। इस वजह से बहुत बार वो अपने बेटे मेहुल पर कम ध्यान दें पाती थी।

मेहुल को अपनी मांँ की यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती थी। वो अक्सर माँ से कहता- माँ सब के लिए, क्यों करना।

कोई भी तो आप के लिए नहीं करता है। ना समझता है कि आप कितनी अच्छी हैं।‌‌‌‌‌फिर आपको ही क्यों करना?

माँ उसकी बात पर हंस देती....

एक दिन मेहुल माँ के पीछे पड़ गया कि आप बताइए क्यों करती हैं, आप सब के लिए इतना? 

नीरा ने बड़े प्यार से मेहुल के सिर पर हाथ फिराया और कहा, बेटा ईश्वर ने हमें सिर्फ अपने लिए नहीं भेजा है। उन्होंने हमें जो दिल दिया है, वो सिर्फ इसलिए नहीं कि वो अच्छे से धड़के और हम जीवित रह सकें, बल्कि इसलिए भी दिया है कि हम दूसरों के दुःख दर्द और परेशानियों को भी समझ सकें।

और यह दिमाग सिर्फ अपनी चिंता करने के लिए ही नहीं दिया है बल्कि इसलिए भी दिया है कि हम दूसरों की परेशानियों को कैसे हल कर सकते हैं, यह भी समझ सकें। 

यही सोच हमें, पशु से इंसान बनातीं है। 

माँ, इससे क्या? 

बेटा ईश्वर ने हम सबको भेजा है और जो लोग अच्छे काम करते हैं, उसे कोई और समझे ना समझे, पर ईश्वर समझते हैं।

और जो लोग अच्छे काम करते हैं, ईश्वर सदैव उनके साथ रहते हैं और उनके सभी कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण होते हैं।

सच माँ?

हाँ बिल्कुल सच।

इसलिए अच्छे कार्य करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। चाहे कोई आप के काम आए या नहीं। चाहे आप को कोई अच्छा समझे या नहीं।

पर सतत् करते रहने से देर से ही सही पर वो समय आता जरुर है, जब सबको समझ आता है कि आप अच्छे हो। 

अब समझ आ गया कि अच्छे काम क्यों करना चाहिए?

बिल्कुल! बहुत अच्छे से, यह कहकर मेहुल खेलने चला गया...

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