आज कल जो news सबसे ज्यादा चल रही है, क्या वो आपको कुछ सोचने को मजबूर नहीं कर रही है?
कौन-सी news?
भारत पर USA द्वारा लगाए गए trade tariffs की news...
वाह रे भारत!
आप सोचिए, कभी वो दौर था कि भारत पाकिस्तान और आतंकवाद के डर के साए में रहता था।
आए दिन पाकिस्तानी हमलों का डर बना ही रहता था। भारत में blackout कर दिया जाता था।
साथ ही आतंकवादी हमलों के कारण कभी यहां bomb blast, कभी वहां bomb blast...
बुरा मत मानिएगा, पर यही सच्चाई है कि जब से BJP सरकार ने भारत पर अपने सशक्त कदम रखें हैं, तब से भारत के सुर कुछ बदले-बदले से हैं।
मतलब?
अब भारत में न तो आतंकवादी हमले उतने हो रहे हैं, न ही पाकिस्तानी हमले...
क्या कह रहे हैं हम?
उरी, पुलवामा, पहलगाम... यह सब attacks हम भूल गए हैं क्या?
नहीं जी, बिल्कुल नहीं भूले...
पहले तो आप इस बात पर ध्यान दें कि पिछले ग्यारह सालों में number of attacks कितने कम हो गये हैं, जबकि उससे पहले, हर साल दो से तीन attack हो ही जाते थे।
और साथ ही आप यह भी देखिए, कि किस तरह से पाकिस्तान के सभी नापाक इरादों को हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया है।
हर जवाबी कार्रवाई एक से बढ़कर एक...
Operation Sindoor तो आप सबको खूब अच्छे से ही याद होगा।
इस operation के द्वारा आतंकवादी, पाकिस्तान, चीन सहित संपूर्ण विश्व ने भारत का सशक्त सैन्य बल व अचूक attack देख लिया।
जिसके बाद संपूर्ण विश्व यह समझ चुका है कि अब भारत सशक्त है, अखंड है।
इसके साथ ही पहले कभी जो भारत, आतंकवाद, पाकिस्तान और चीन से डर कर रहता है, आज वही भारत पाकिस्तान को धूल चटाकर, आतंकवाद को पछाड़ कर, चीन को झुकाकर, “so called” सबसे शक्तिशाली कहे जाने वाले देश अमेरिका से सीधी टक्कर ले रहा है।
अमेरिका ने अपने कुछ फैसले भारत पर थोपने चाहे, जिन्हें भारत ने एक सिरे से इंकार कर दिया। जवाब में अमेरिका ने भारत पर tariff का दबाव डाला, लेकिन भारत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, बल्कि उसने अपने आप को और सशक्त बनाने के लिए अन्य देशों के साथ business deal शुरू कर दी।
और बात यहां पर ही खत्म नहीं हुई, भारत ने हर international deal में USD (United States Dollar - $) का होना compulsory है, इस को भी खत्म करना शुरू कर दिया है।
आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि इस तरह का नियम था, कि दो देश किसी भी तरह की international business deal करेंगे तो उनका सारा लेन-देन USD में होगा, deal कर रहे उन देशों की currency में नहीं। इसके कारण ही USD और अमेरिका का दबदबा पूरे विश्व में छाया हुआ है।
पर मोदी जी ने यह नयी परिपाटी शुरू कर दी है। वो अभी जिस भी देश के साथ international business deal कर रहे हैं, सबसे उनकी और अपनी currency में ही deal final कर रहे हैं।
इससे होगा यह कि अपना देश सशक्त होगा, साथ ही अमेरिका भी बेमतलब की दादागिरी नहीं दिखा पाएगा।
भारत के इस तरह से सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ और सशक्त होते हुए देख कर एक ही बात समझ आती है कि वो दिन दूर नहीं, जब भारत सर्वोच्च स्थान पर होगा, एक बार फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा, और हर कोई यह कहेगा, वाह रे भारत, क्या बात है!
जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳
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