Thursday, 28 February 2019

Story Of Life : भक्षक (भाग- 3)


अब तक आपने पढ़ा, प्रीति अपने पति सूरज व बच्चों के साथ train से Bombay घूमने जा रही है, जहाँ TTE उस पर कुदृष्टि रखता है.......

अब आगे..... 

भक्षक (भाग- 3) 

सूरज को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, आखिर प्रीति को एकदम से क्या हो गया, जो इतना भैया,भैया कर रही है।

उसने कह ही दिया, क्या भैया, भैया लगा रखा है……  तुम्हें मालूम भी है, इनकी कितनी उम्र है?

सूरज को अपनी तरफ बोलता हुआ देखकर, TTE अपनी पाँच साल उम्र घटाते हुआ बोला, हाँ जी सूरज जी, मैं अभी 30 साल का ही हूँ।

ये सुनते ही प्रीति खुश होते हुए बोली, अरे तब तो मैं आपकी दीदी हो गयी। बच्चों अपने छुटकू मामा के साथ खेल लो, अब तो तुम इनके कंधे पर भी बैठ सकते हो। बच्चे खुशी से चिल्ला रहे थे।
सूरज सोचने लगा, दीदी!...... कैसे प्रीति तो अभी 26 की ही है। 

उसने प्रीति की तरफ़ विस्मय भरी नज़रों से देखा। पर प्रीति के इशारे से अबकी बार वो चुप ही रहा।

उधर TTE पर तो गाज ही गिर गयी, पहले मामा, अब दीदी......
उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। आज तक किसी खूबसूरत लड़की ने अपने को बड़ा नहीं कहा था।

उधर बच्चे भी मामा, मामा कह कर चिपके जा रहे थे।

इन सब बातों में TTE इतना उलझ गया कि उसका ध्यान, प्रीति के मोह-पाश से हट गया। इसी सबमें बॉम्बे भी आ गया।

प्रीति ने चैन की सांस ली, और TTE ने भी।
Courtesy: Navbharat Times
स्टेशन से उतरते ही प्रीति सबसे पहले complaint office गयी। और वहाँ पहुँच कर उसने TTE की complaint कर दी की, कि उसे उसके behavior में अभद्रता(Indecency) लग रही थी।

वो लोग बोले, उस TTE से जुड़ी ऐसी बात, उन तक पहुँच तो रही थीं, पर आज तक किसी ने सामने से complain नहीं की थी। अतः कोई action नहीं ले सकते थे। पर अब वो जरूर से उसके खिलाफ़ action लेंगे। जिससे वो आगे किसी को परेशान ना कर सके।

प्रीति ने अपने पति के स्वभाव के विषय में भी उन्हें बताया, और साथ ही उसने कैसे TTE को बातों में उलझाए रखा, वो सब भी बता दिया।

अब सूरज को सब समझ आया, कि क्यों प्रीति ऐसा व्यवहार कर रही थी। वो बोला ट्रेन में ही बताना था, दो थप्पड़ रसीद के देता, वहीं उसकी सारी आशिकी धरी की धरी रह जाती।

हाँ मुझे पता था, आप ऐसा ही करते। तब वो वहाँ power में था, वो आपको किसी भी इल्जाम में फंसा कर बीच में ही उतार देता। तब मैं और बच्चे क्या करते? इसलिए मैंने उसे बातों में उलझाए रखा, जिससे उसका किसी भी तरह का खुराफ़ाती दिमाग नहीं चला, और हम safely उतार भी गए।

Action तो उसके खिलाफ़ होगा ही, और इस action के होने से वो किसी के साथ बदसलूकी नहीं कर पाएगा। हर एक के पास मेरे जैसा सूरज नहीं होता। जो उसकी रक्षा कर सके, उसे भक्षक से बचा सके।

Wednesday, 27 February 2019

Article : सीना 56 इंच का


सीना 56 इंच का


कल हमारा सीना 56 इंच चौड़ा हो गया, पर क्यों?
अरे आप कैसी बात कर रहे हैं, यहाँ "क्यों" का तो सवाल ही नहीं उठता।

जिस तरह से हमारे निर्दोष जवानों को मौत की नींद सुला दिया गया, उसके लिए तो उन आतंकवादियों को जो सज़ा दी गयी, वो तो उनके लिए बस सबक ही है। उनका तो जड़-मूल से नाश होना चाहिए।

जी हाँ, पर शायद उन आतंकवादियों को ये सबक तो जरूर मिला होगा, कि अब भारत के नेता “हम करेंगे, हमें करना चाहिए” वाले केवल भाषण नहीं देते हैं।

वो अगर कहते हैं, कि “हम करेंगे” तो वो कर ही देते हैं। और अगर कहते हैं, “करना चाहिए”, तो कर के दिखाते हैं, कि क्यों करना चाहिए, और कैसे करना चाहिए।

एयर–सर्जिकल स्ट्राइक से ये भी सिद्ध हुआ, कि भारत बहुत क्षमाशील है, इसलिए उसने पाकिस्तान के एक भी मासूम सैनिक को नहीं मारा, जबकि आतंकवादी खेमा उनकी ही सरहद में था

पर साथ ही ये भी सिद्ध कर दिया कि अगर भारत अपने पर आ जाता है, रातों रात आतंकवादी खेमे में भी खौफ़ जगा देता है।

आज वो डायलॉग कितना सटीक लग रहा है, जो राजकुमार जी ने अपनी एक फिल्म में बोला था

"हम तुम्हें मारेंगे और ज़रुर मारेंगे, लेकिन वो बन्दूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक़्त भी हमारा होगा, बस ज़मीन तुम्हारी होगी" 

आज वायु सेना ने ये सिद्ध कर दिया है, वो रियल-लाइफ हीरो हैं। क्योंकि जो डायलॉग हीरो को दिए जाते हैं, वो उसे कर के दिखाते हैं। सभी सैनिकों को शत शत नमन

आज पूरा जगत भारत के इस शौर्य पूर्ण कदम की प्रसंशा कर रहा है। जिसमें, उसने एक साथ कितने ही आतंकियों का सफाया कर दिया, पर एक भी मासूमों पर आंच नहीं आने दी।

पर अब समय आ गया है, कि सारी दुनिया को एकजुट हो कर आतंकवाद के खिलाफ़ बिगुल फूँक देना चाहिए। जिससे आतंकवाद का हमारी प्यारी धरती से समूल नाश हो जाए। और उसके बाद आतंकवादी भी आतंक फैलाने से पहले दो बार सोचे जरूर कि उसका हश्र बहुत बुरा होगा।

और जो जो देश ये सोचते हैं कि आतंकवाद खत्म हो जाना चाहिए, वे सब एक जुट हो जाएँ। जब शांति कायम करने वालों का खेमा बड़ा हो जाएगा, तब आतंकवाद तो अपने आप ही कम हो जाएगा।

आज पाकिस्तान के पास बहुत बड़ा मौका है, ये सिद्ध करने का, कि उनका आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है। इसके लिए उसे भी भारत की ही तरह एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए। और जो आतंकवादी भारतीय हमले से बच गए हैं, उनका नाश कर देना चाहिए।    
जय भारत -जय  भारती 

Tuesday, 26 February 2019

Story Of Life : भक्षक (भाग-2 )

अब तक आपने पढ़ा,.....  प्रीति अपने पति सूरज व बच्चों के साथ train से Bombay घूमने जा रही है, जहाँ TTE उस पर कुदृष्टि रखता है.......
अब आगे.....

भक्षक (भाग-2) 


वो सीट में अंदर की तरफ बैठ गयी, जिससे TTE के आने पर वो उसकी पहुँच से दूर रहे। साथ ही वो अपना दिमाग बहुत तेज़ी से चला रही थी, कि ऐसी क्या युक्ति करे कि सारी परिस्थिति अनुकूल रहे।

सूरज ने जब, प्रीति को अंदर की तरफ बैठा देखा, तो पूछ बैठा, क्या हुआ तुम window सीट पर कैसे चली गयी? वहाँ तो चिनू-मीनू बैठते हैं ना?

हाँ, हाँ जानती हूँ, कुछ uneasy लग रहा था, प्रीति ने tension में ही भरे हुए बोला।
Courtesy: Shutterstock

क्या हुआ? सूरज परेशान होता हुआ बोला।

नहीं नहीं, कुछ नहीं, प्रीति अपने को सयंत करते हुए बोली, मुझे बस थोड़ा बाहर देखने का मन कर रहा था।

अच्छा ठीक है, मैं चिनू मीनू के साथ खेल लेता हूँ, तुम थोड़ी देर सुकून से बैठ लो। ये कहते हुए सूरज चिनू मीनू के साथ खेलने लगा।

उसी समय, वहाँ TTE आ गया। उसको देखते ही प्रीति बोली, भैया आप ने बड़ी मदद कर दी, चलो बच्चों मामा जी को thank you बोलो।

बच्चे समवेत स्वर में चिल्ला उठे, thaaaannnnk yoooou मामामामा जीजीजीजी ।

मामा जी! ..... ऐसा सम्बोधन सुनकर TTE सकपका गया। प्रीति फिर बोली, भैया आप के पास कुछ toffee, chocolate है क्या? अगर है, तो दे दीजिये, बच्चे अपने मामा से हिल जाएंगे। 

एक काम करो सूरज, कुछ देर तुम और बच्चे भैया के साथ टीम बना कर खेल लो, सफ़र भी कट जायेगा, और भैया का मन भी लग जायेगा।

सूरज को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, आखिर प्रीति को एकदम से क्या हो गया, जो इतना भैया,भैया कर रही है।

सूरज ने कह ही दिया, क्या भैया, भैया लगा रखा है……  

क्या सूरज सब समझ जायेगा? क्या प्रीति अपनी युक्ति में कामयाब रहेगी? .....
जानते हैं भक्षक (भाग-३) 

Monday, 25 February 2019

Story Of Life : भक्षक


भक्षक

प्रीति बहुत सुंदर थी। उसका पति सूरज उस पर जान छिड़कता था, पर साथ ही वो प्रीति के प्रति बहुत ज्यादा possessive था। कोई उसकी तरफ़ देखने लगे, तो वो उससे लड़ने लग जाता था। चिनू-मीनू उनके दो सुंदर बच्चे थे।

एक दिन सभी train से Bombay घूमने जा रहे थे। सभी मस्ती में थे, हँसते खाते सफ़र गुजर रहा था।

तभी वहाँ TTE आयाticket check करते समय उसकी नज़र प्रीति पर पड़ गयी। प्रीति उसे इस कदर भा गयी, कि वो उससे नज़र ही नहीं हटा पा रहा था।

जब train एक station पर रुकी, सूरज नीचे कुछ खाने के लिए, लेने उतर गया। station बड़ा था, अतः ट्रेन देर तक रुकनी थी, इसलिए वो चिनू और मीनू को भी साथ ले गया। और बच्चा लोग, कौन सी ice-cream खाओगे? सूरज बच्चों से पूछने लगा?

Ice-Cream..... Ice-Cream का नाम सुनकर प्रीति के मुँह में भी पानी आ गया। वो भी उठ कर चल दी। सबने आइसक्रीम ले ली। ट्रेन के चलने का signal हो गया।

TTE वहाँ आ गया, प्रीति को देखकर बोला, आइये मेरा हाथ थाम लीजिये, वरना आपकी train छूट जाएगी। प्रीति मीनू का हाथ थामे TTE की मदद से train में चढ़ गयी।  सूरज चिनू को गोद में ले कर आ रहा था, तब तक ट्रेन रेंगने लगी थी। पर उस समय TTE  ने अपना हाथ अंदर कर लिया। अरे आप सूरज को तो अंदर ले लेते, TTE की ऐसी हरकत देखकर प्रीति के मुँह से स्वतः ही निकल गया।

आप भी ना Madam, सूरज जी हट्टे-कट्टे हैं, आराम से चढ़ जाएंगे, टीटी ने कुटिलता पूर्वक बोला। सूरज फुर्तीला था, वो speed तेज़ होने के पहले ही लपक कर चढ़ चुका था। प्रीति ये समझ चुकी थी, कि TTE की उस पर कुदृष्टि है। पर अब उसे समझ नहीं आ रहा था, कि वो क्या करे? क्योंकि अगर सूरज को समझ आ गया, तो वो अभी लड़ने लग जाएगा। जो कि उनकी यात्रा के लिए अनुचित रहेगा। फिर क्या पता, TTE उन्हें कैसे तंग करे?....... 
आगे क्या हुआ, जानने के लिए पढ़ते हैं........ भक्षक-(भाग-2)

Friday, 22 February 2019

Tip : Hair Removal tip


Hey ladies! In today’s world almost neither of the ladies wants hairs on their limbs.
Courtesy: AliExpress.com
So, here’s a tip to minimize the inflammation caused due to hair removal and to make the skin smoother:

Hair Removal tip

While removing hairs by using a razor, first apply some shampoo on the skin. Then, go ahead as your regular way.

This would reduce the inflammation (especially irritation) and make the skin smoother.

Thursday, 21 February 2019

Kids Story : हड़बड़ी में गड़बड़ी


समस्याजब बच्चे को आता सब हो, पर वो हड़बड़ी में काम गलत करता हो।

कहानी  : हड़बड़ी में गड़बड़ी


ध्रुव class 1st में पढ़ने वाला बहुत ही अच्छा लड़का था। हर चीज़ में सबसे आगे, चाहे बात पढ़ाई की हो या खेलकूद की, drawing की या किसी की help की। ध्रुव सबसे आगे रहा करता था। पर उसमे एक आदत बड़ी खराब थी। वो हमेशा यही सोचता था, कि सारे काम वो सबसे पहले कर ले, या सब काम उसे ही मिले। उसका नतीजा कभी कभी ये भी होने लगा, कि उसे सब सही आते हुए भी हड़बड़ी में गड़बड़ी हो जाती थी। और अपनी हड़बड़ी में वो, किसी की नहीं सुनता था, वो हमेशा यही मानता था कि उसे सब आता है। जिसके कारण उसे कभी कभी first position नहीं मिल पाती थी। और जब वो first नहीं आ पाता था, तब दुखी होता था।

उसकी teacher सिन्हा Ma’am, उसे बहुत ही पसंद करती थी।
123RF.com
क्योंकि वो उनकी class का सबसे होनहार बच्चा था। साथ ही वो बहुत मासूम और आज्ञाकारी भी था। पर उसकी हड़बड़ी की आदत से वो भी परेशान थीं।

एक दिन सिन्हा Ma’am ने उसकी Mumma को स्कूल बुलाया, और उन्हें सारी बात भी बताई। तो ध्रुव की Mumma बोलीं, मैं भी इसकी इस आदत से बहुत परेशान हूँ। कई बार इसे समझा भी चुकी हूँ, पर ये समझता ही नहीं है। पर ये आपको बहुत पसंद करता है, इसलिए इस पर आपकी बात का ज्यादा असर होगा।

ध्रुव की Mumma के जाने के बाद सिन्हा Ma’am सोचने लगी, कि अब उन्हें ही कुछ करना होगा।

कुछ दिन बाद school में teachers का लड्डू making competition था, उसमे सिन्हा Ma’am सबसे expert थीं। सारा स्कूल जानता था, कि वो हीं first आएँगी।

ध्रुव बहुत खुश था, कि उसकी Ma’am को ही trophy मिलेगी, इसलिए वो उनके लिए chocolates और flowers ले कर आया था। उसने सोचा था, जब Ma’am first आएँगी, तब वो उन्हें congratulation बोलेगा, और chocolates और flowers देगा, तो Ma’am खुश हो जाएंगी।

Competition शुरू हुआ, सभी teachers लड्डू बनाने लगे, वही हुआ जैसा सबको लगता था, सिन्हा Ma’am ने सबसे पहले लड्डू बना लिए। थोड़ी ही देर में result declare होना था। सब जगह सिन्हा Ma’am, सिन्हा Ma’am.... की आवाज़ गूंज रही थी। और उसमे सबसे तेज़ आवाज़ ध्रुव की थी।

पर ये क्या श्रेया Ma’am first आई थीं, और सिन्हा Ma'am second थीं। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था, कि आखिर ऐसा हुआ क्यों? ना ही जज विश्वास कर पा रहे थे, और ना ही खुद श्रेया Ma’am

पर जो सबसे ज्यादा दुखी था, वो था ध्रुव। वो जज के पास stage पर चला गया। और उनसे बोला, मेरी Ma’am ने सबसे पहले लड्डू बनाए थे, तब आपने उन्हें first क्यों नहीं किया? जज ध्रुव की मासूमियत व सिन्हा Ma’am के प्रति उसका प्यार देखकर खुश हो गए। फिर वे बोले, बेटा उन्होंने ही सबसे पहले बनाए थे, पर हड़बड़ी में उनके कुछ लड्डू टेढ़ेमेढ़े थे। इसलिए हम चाह कर भी उन्हें first नहीं कर पाये।

ये सुन कर ध्रुव को बहुत ही ज्यादा दुख हुआ, वो नीचे आ गया। उसने chocolates और flowers stage पर छोड़ दिये।

Principal ने वो उठा लिए, उन्हें समझ नहीं आ रहा था, आखिर क्या वजह थी, जो सिन्हा Ma’am second आयीं। उन्होंने सिन्हा Ma’am को अपने office में बुलाया, और उसकी वजह पूछी। तब सिन्हा Ma’am ने बताया, कि उन्हें competition हारने का कोई दुख नहीं है। ऐसा उन्होंने ध्रुव को समझाने के लिए किया था, कि कोई कितना ही expert क्यों ना हो। हड़बड़ी में किया गया काम गड़बड़ी का ही होता है।

Principal ने कहा, सिन्हा Ma’am आप बहुत अच्छी हैं, हर student आपकी जैसी teacher चाहता है। इसके बाद principal ने उन्हें chocolates और flowers दे दिये। और कहा आप इसे deserve करती हैं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि आप का प्रयास सफल रहा हो।

अगले दिन से ध्रुव ने हड़बड़ी करनी छोड़ दी, अब वो हमेशा first आने लगा था।  जब ध्रुव class 10th में भी first आया, तब principal ने उसे अपने office में बुलाया, और उसे उस दिन के competition के पीछे का राज बताया।

ध्रुव अगले दिन बहुत बड़ा bouquet और बहुत सारी chocolates ले कर सिन्हा Ma’am के पास गया। उसकी आँखों से लगातार  आँसू बह रहे थे। Ma’am अगर आप उस दिन नहीं हारी होतीं, तो मैं कभी जीत नहीं पाता। आपकी एक हार ने मुझे जीतना सिखा दिया। आप ने मुझे सीखा दिया, कि कोई कितना भी expert क्यों ना हो पर, हड़बड़ी करने से बस गड़बड़ी ही होती है। उसे देखकर सिन्हा Ma’am ने उसे गले लगा लिया।