By Animika Sahai
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Tuesday, 30 June 2020
Short Stories : सागर
Monday, 29 June 2020
Article : Corona हारेगा। लेकिन किस से?
image courtesy: Zee news |
बाबा रामदेव ने कोरोना को ठीक करने के लिए आयुर्वेद शास्त्र से अध्धयन कर, अचूक दवा discover कर ली है।
- हम सब जो इतने दिनों से घरों में कैद हैं, उससे आजादी मिल जाएगी।
- जो इस तरह से डर डर कर जी रहे हैं, उससे मुक्ति मिल जाएगी।
- Economy जो down हो रही है, वो फिर से progress करने लगेगी।
- और सबसे बड़ी बात, हम चीन की मक्कारियों का मुंह तोड़ जवाब दे सकेंगे।
Image courtesy : pngtree.com |
Friday, 26 June 2020
Article : Sushant Singh Rajput - A Mystery
Image Courtesy: Wikipedia |
Thursday, 25 June 2020
Short Stories : इंसानियत
Wednesday, 24 June 2020
Kids Story : वीरा
वीरा
वीरा केवल नाम की वीरा थी, वरना तो कोई छोटा सा puppy भी देख लेती तो mumma mumma करने लग जाती थी। और एक छोटा सा कीड़ा भी उसे अपनी जगह से हिलाने की क्षमता रखता था। इस कदर डरपोक थी, कि अब तो वो शक्ल से भी दब्बू ही लगती थी।
वीरा के माँ-पापा बहुत ही साहसी थे।
पर वीरा के ऐसा होने से उसकी बुआ, उसकी माँ से हमेशा यही कहा करती थी, भाभी आपने क्या सोच कर इसका नाम वीरा रख दिया, इसका नाम तो भीरु रखना चाहिए। वो हमेशा उसे दब्बू ही कह कर बुलाती थी।
माँ को बहुत
बुरा लगता था। पर क्या करती, जब अपना ही सिक्का खोटा हो।
मेम साहब, हम जा रहे हैं, वीरा दीदी घर वापस आ गयी हैं। कह कर काम वाली चली गयी।
पर हमेशा की तरह, उस दिन भी जब वीरा स्कूल से घर आई, तो आते से ही उसने दरवाज़ा बंद नहीं किया था।
उस दिन माँ की तबीयत ठीक नहीं थी। वे
दवा खाकर लेटी थीं, उन्होंने लेटे लेटे ही वीरा से कहा,
बेटा तेरा खाना microwave में रखा है। गुड्डा, गरम करके आज खाना अपने आप ले
लेगी, या मैं उठूँ?
नहीं! माँ, मैं ले लूँगी अपने आप।
स्कूल जाते वक़्त वीरा के पापा ने उसे सख्त हिदायत दी थी,
कि “माँ को आराम करने देना। और आज खाना भी अपने आप ले लेना”।
सुन कर कि,
वीरा खाना ले लेगी, माँ सो गयी। वीरा भी कपड़े बदलने चली गयी।
तभी कुछ आवाज़ें सुनाई देने लगीं, वीरा कपड़े बदल कर बाहर आई।
तो उसने देखा दो अजनबी घर के अंदर घुस आए थे। वीरा की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था, उसने दरवाज़ा जो नहीं बंद किया था।
उसमें से एक के हाथ में बंदूक और दूसरे के हाथ में चाकू था। उनकी शक्ल से
ही साफ साफ समझ आ रहा था, कि वे चोर थे।
उन्हें देख कर वीरा बुरी तरह से घबरा गयी थी। माँ दवाई खा कर सो रहीं थीं, काम वाली जा चुकी थी। पापा के आने में अभी काफी समय था।
वीरा पर बंदूक तानते हुए एक चोर ने पूछा, घर में कौन कौन है?
कोई.... कोई भी नहीं।
वीरा माँ के बारे में नहीं बताना चाह रही थी, क्योंकि माँ बीमार थीं, और दवाई के असर से गहरी नींद में सो भी चुकी थीं।
अकेली हो.... कह कर चोर हँसने लगे।
अच्छा चल बता, तेरी माँ गहने कहाँ रखती हैं?
जी, उस कमरे के अंदर एक कमरा है, वहीं माँ गहने और पैसे रखती हैं।
बड़ी समझदार लड़की है, सब बता दे रही है, दूसरे चोर ने कहा।
अंकल मैं खाना खाने जाऊँ?
मैं अभी स्कूल से आयीं हूँ ना, मुझे बड़ी भूख लगी है।
वीरा के सब बता देने,
और उसके दब्बू चेहरे के कारण, चोर उसकी तरफ से आश्वस्त थे। वे कमरे की तरफ मुड़ गए,
और वीरा kitchen की तरफ।
जब वे उस कमरे में पहुंचे, वहाँ बड़ा अंधेरा था, जब वो पलट कर वापस आने लगे तो, उन्होंने पाया कि दरवाज़ा बंद था।
वो ज़ोर ज़ोर से दरवाज़ा पीटने लगे,
पर वीरा ने दरवाज़ा नहीं खोला। उन्होंने अंदर का समान भी तोड़ना- फोड़ना शुरू कर दिया
था। पर उसका भी वीरा पर असर नहीं हुआ।
कुछ ही देर में, पुलिस, और वीरा के पापा, घर आ गए थे। चोर पकड़े गए।
थोड़ी देर में माँ भी उठ
गयीं, तो उन्होंने भी अपने कमरे का दरवाज़ा बंद पाया। वे जब दरवाज़ा knock करने लगीं, तो पापा ने दरवाज़ा खोला।
माँ ने पूछा, दरवाज़ा क्यों बंद किया था?
तब वीरा ने बताया, कि चोर घुस आए थे, आप सो रहीं थीं, आपके पास आवाज़ें न जाएँ, इसलिए आपका दरवाज़ा भी बंद कर दिया था।
चोरों को store room का गलत पता बता कर, kitchen में जाने का झूठा नाटक करके उन्हें भी बंद कर दिया था।
फिर पापा को फोन कर दिया था। पापा, पुलिस अंकल को ले आए, और चोर पकड़े गए।
माँ ने पूछा,
तुम्हें डर नहीं लगा?
लगा था,
माँ! पर आपको कुछ नुकसान ना हो, जब ये सोचा, तो ना जाने कहाँ से हिम्मत आ गयी।
माँ और पापा ने उसे बहुत सारा प्यार किया।
जब बुआ ने सुना, तो वो देखने चलीं आयीं।
तब वीरा की माँ ने बड़े गर्व से कहा, दीदी ये आपके भैया और मेरी बेटी है, इसलिए इसका नाम वीरा है।
उसके बाद से वीरा की बुआ ने उसे दब्बू कहना बंद कर दिया, और
वीरा ही कहने लगीं।
Tuesday, 23 June 2020
Short Stories : बनिया
Image Courtesy: YouTube |
Monday, 22 June 2020
Tip: Coriander leaves preservation in summer
- सबसे पहले आप धनिया पत्ती को जड़ों से पकड़ कर खूब सारे पानी में अन्दर बाहर डालते हुए अच्छे से धो लें, जैसे cloth धोते हैं।
- ध्यान रखिए,धोने से उसमें मौजूद सारी मिट्टी और गन्दगी निकल जाए।
- अब सारी धनिया की जड़ों को बांध कर bundle बना लीजिए।
- अब इसे उल्टा लटका दीजिए, जिससे सारा पानी झड़ जाए। जड़ वाला सिरा ऊपर रहेगा व पत्तियों वाला सिरा नीचे रहेगा।
- जब धनिया पूरी तरह से सूख जाए, तब इसे छांट लीजिए, जो भी, घास पतवार या बेकार की चीज़ें उसके साथ मिली हों, उन्हें व धनिया की जड़ों को हटा दें।
- अब इसे polythene bags में रखकर polythene bag ढीला-सा बांध दें, जिससे थोड़ी-थोड़ी हवा जाती रहे।
- दो से तीन दिन बाद, फिर से धनिया छांट लें।
- ध्यान रखिएगा, धनिया पत्ती को सिर्फ उतना सुखाना है कि उसका पानी झड़ जाए, वो कुम्हलानी या सूखनी नहीं चाहिए।
- सुखाने के लिए धूप में नहीं रखना, बल्कि छांव वाली जगह होनी चाहिए।
- इसी Tip को follow करके आप कोई भी leafy vegetable preserve कर सकते हैं।
- Corona period में साबुन के घोल को भी use कर सकते हैं। उसके बाद धनिया पत्ती को खूब अच्छे से पानी से धो लें। उस समय यह ध्यान रखना होगा कि मिट्टी और साबुन दोनों ही पूरी तरह से निकल जाएँ।
Sunday, 21 June 2020
Poem : पापा आप कहाँ हैं ?
Poem : ध्यान
Friday, 19 June 2020
Poem : वीरों का वतन- A salute
Thursday, 18 June 2020
Poem : बहिष्कार
Wednesday, 17 June 2020
Recipe : Paneer 65
- पनीर के about 1 inch के block काट लीजिए।
- एक Bowl लीजिए, उसमें chopped garlic, Red chili Powder, Ginger Garlic Paste, Corn flour, Lemon Juice, salt, मैदा व कटे हुए पनीर के block डालकर toss कर लीजिए। पनीर की proper coating के लिए थोड़ा पानी छिड़क लीजिए।
- इन coated पनीर को 10 to 15 minutes के लिए छोड़ दीजिए।
- अब इन्हें deep fry कर लीजिए।
- Whole red chili को छोटा-छोटा काट लें।
- Wok में सारी process high flame में करनी है।
- एक wok (कढ़ाही) लें, उसमें whole red chili के टुकड़े, Curry Leaves, slit Green Chilli, black pepper व salt डालकर भून लें।
- इसमें diced Onion and capsicum डालकर crispy sautè कर लीजिये।
- इसमें red chilli sauce डालकर mix कर लीजिये।
- दही में cornflour डालकर अच्छे से mix कर लीजिये।
- दही के इस mixture को wok में डालकर अच्छे से चला लीजिये।
- अब पनीर के fried blocks डालकर अच्छे से mix कर लीजिये।
- Now your Paneer 65 is ready to serve. you can garnish it with fresh chopped spring onion or coriander.
- Spicy and garlic flavour अपने according कर लीजिएगा।
- आप अगर garlic नहीं खाते हैं तो उसे avoid भी कर सकते हैं।
- हमने colour use नहीं किया है, क्योंकि वो healthy option नहीं है, आप अपनी पसंद से colour use या avoid कर सकते हैं।
- दही में cornflour मिलाने से जब उसे wok में डालकर पकाते हैं तो उसमें curdling नहीं होती है, और proper consistency बनी रहती है।
- आप अगर पनीर crispy रखना चाहते हैं तो उसे wok में डालते ही Gas off कर दीजिए। अगर soft अच्छा लगता है तो, Paneer में flavour अच्छे से mix कर के Gas off करें।
- आप अपने according इसे dry या gravy वाला बना सकते हैं।
- हमने dry version बनाया है।
Tuesday, 16 June 2020
Satire: करोना वारिस
Monday, 15 June 2020
Invitation : आप और हम - रंग बिखेरें संग संग
Friday, 12 June 2020
Stories of Life : भय (भाग - 3)
भय (भाग - 3)
जब वे सब घायल थे, रंजना ने वहाँ पड़ी रोड से उन चारों की बेतहासा धुनाई की। उस समय उसे देखकर कोई नहीं कह सकता था, कि यह वही रंजना है, जो बेहद सौम्य है, वो पूर्णत: चंडी का स्वरूप धारण कर चुकी थी।
वो डॉक्टर थी, इसलिए उसे पता था, कहाँ मरने से ये फिर कभी किसी मासूम को सता नहीं पाएंगे, साथ ही ज़िन्दगी भर अपने कुकर्म को भुगतेंगे भी, पर ठीक नहीं हो पाएंगे। आखिर में उसने उन दोनों के पैर से गोली भी निकाल दी।
जब वो उन दरिंदों को सज़ा देकर हटी, तो उसकी वही दोस्त भी आ गयी। अरे रंजना मेरे इंतज़ार तो कर लेती, मैं भी तो आ ही रही थी ना।
रंजना ने उसे gun वापस करते हुए कहा, तुम्हारी service gun और training मेरे साथ थी। बस और मुझे कुछ नहीं चाहिए था।
रंजना आज तुम्हें भय नहीं लगा?
नहीं! आज मुझे एक ही जुनून था, इनसे बदला लेने का।
रंजना तुम्हारी जैसी सारी लड़कियाँ हो जाएँ, तो हम पुलिस वालों की जरूरत ही ना हो।
काश मुझे, उस दिन भी भय ना लगता, तो इन दरिंदों को उस दिन ही सबक सीखा देती।
रंजना, अपनी दोस्त के साथ वापस आ गयी। अगले दिन news थी, एक लड़की ने अपनी अस्मत लूटने वालों को सज़ा दी। अब सज़ा देने के लिए कानून नहीं खुद लड़कियाँ हो रही हैं बुलंद।
उन दरिंदों की हालत देखकर बहुत दिन तक उस इलाके में कोई वारदात नहीं हुई। क्योकि वो जीवित तो थे, पर बस एक जीवित लाश से। आज उन्हें समझ आ रहा था, कि जिन लड़कियों के साथ वो ऐसा करते थे, उन्हें कैसा दर्द होता था, और उन्हें कैसी अपनी ज़िदगी लगती थी।
साथ ही वहाँ की लड़कियों के अंदर भी जोश भर चुका था, कि अगर भय नहीं करेंगी, तो वो चंडी का स्वरूप बन सकती हैं। और अगर लड़की को चंडी का रूप धरना आता है, तो भय दरिंदों को लगेगा।
Thursday, 11 June 2020
Story of Life: भय (भाग-2)
भय (भाग-2)
पर रंजना की माँ का भय सही निकला, एक दिन रात के समय लौटते समय रंजना को चार वहशी दरिंदों ने घेर लिया, और उसकी अस्मत तार- तार कर दी।
रंजना घर तो आ गयी, पर उस दिन
से वो इतनी भय ग्रस्त रहने लगी, कि वो कमरे से भी बाहर नहीं
निकलती थी।
ऐसे ही 1 महिना निकल गया, एक दिन वो TV. देख रही थी, तो
उसमें news आ रही थी, उन्हीं चार
दरिंदों ने एक और मासूम को बर्बाद कर दिया। इस बात से रंजना डरी नहीं, उसमें एक अलग ही हौसला जाग गया।
उसने उस रात अपने को मजबूत करने और अपने भय को
हराने की बहुत सारी योजना बनाई।
अगले दिन वो अपनी एक दोस्त से मिली, और उसके साथ 1 हफ्ता गुजर दिया।
एक हफ्ते बाद वो उस जगह बहुत style से ready होकर एक bag लेकर अकेले पहुँच गयी।
उसको अकेला देखकर वो दरिन्दे
अपनी क्रूर हँसी के साथ उसको घेर कर खड़े हो गए। पर आज वो डर नहीं रही थी, क्योंकि उसे कुछ खोने का भय भी नहीं था।
उनमें से एक जैसे ही उस पर झपटा, उसने उस पर pepper spray, कर दिया। pepper spray से उसकी आंखे कसकर जलने लगी, वो अपनी आँख मलते
हुए पीछे खिसक गया।
जैसे ही दूसरा आगे बढ़ा, उसने उस पर acid फेंक दिया,
दूसरा भी दर्द से करहा गया।
अब बाकी दोनों एक साथ उस पर टूट पड़े। पर उसने बढ़ी
फुर्ती के साथ अपनी gun निकली और दोनों के पैरों पर गोली
चला दी। अब चारों बुरी तरह करहा रहे थे, वो सपने में भी नहीं
सोच पाये थे, कि कोई लड़की इस तरह से उन पर वार कर सकती है।
जब वे सब घायल थे, रंजना ने.....
आगे जानने के लिए पढ़ें, भय के अंतिम भाग,