Saturday, 21 June 2025

India's Heritage : योग साधना

आज योग दिवस पर भारतीय विरासत के अंतर्गत योग के विषय में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां share कर रहे हैं। 

सबसे पहले तो यह बताते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि योग भारत की देन है...

योग की उत्पत्ति प्राचीन भारत में हुई थी। इसे सिंधु-सरस्वती घाटी सभ्यता (2700 ईसा पूर्व) से भी जोड़ा जाता है, जहां कुछ लोग योग के अभ्यास के साक्ष्य मानते हैं।

योग साधना


कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि योग, पूर्व-वैदिक युग में पूर्वी भारत में उत्पन्न हुआ था, जबकि अन्य वैदिक युग में या श्रमण परंपराओं में इसकी उत्पत्ति मानते हैं।

योग के इतिहास को चार अवधियों में विभाजित किया जा सकता है: वैदिक काल, पूर्व-शास्त्रीय काल, शास्त्रीय काल और उत्तर-शास्त्रीय काल। 


योग का उल्लेख क्या किसी धर्म ग्रंथ में भी किया गया है?

योग के सबसे पहले उल्लेख ऋग्वेद में मिलते हैं, जो हिंदू धर्म के चार पवित्र ग्रंथों में से सबसे प्राचीन है। ऋग्वेद में योग को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के साधन के रूप में वर्णित किया गया है।


पर इसे योग ही क्यों कहते हैं?

योग शब्द संस्कृत से आया है जिसका अर्थ है "जोड़ना" या "एकजुट होना"।

योग विज्ञान का अभ्यास हम अपने मन, शरीर और आत्मा को एक साथ लाने के लिए करते हैं।

योग एक ऐसी साधना मानी जाती है, जिसे सर्वोच्च स्थान दिया गया है, जिसे सम्पूर्ण और सर्वश्रेष्ठ होने का मान दिया गया है।


पर इसका कारण क्या है?

कारण यह है कि योग साधना के द्वारा मनुष्य अपने शरीर के हर अंग की exercise एक जगह बैठ कर सकता है। इससे शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ और और सशक्त बनाया जा सकता है। इसके लिए मीलों दौड़ना या दुनिया भर के व्यायाम नहीं करना पड़ते है। इस कारण से इसे सम्पूर्ण और सर्वश्रेष्ठ कहते हैं।

पर इसे सर्वोच्च कहने का तात्पर्य, शारीरिक संपन्नता और सशक्त होने के कारण नहीं है।

बल्कि इसे सर्वोच्च स्थान देने का एक ही कारण है, और वो यह है कि ईश्वर से जुड़ने के लिए, उनमें समा जाने के लिए योग साधना सबसे सरल मार्ग है।

योग साधना के द्वारा भक्त ईश्वर से जुड़ जाता है, उनमें समा जाता है। योग साधना ही ऐसा उपाय है, जिससे जीवन की यात्रा पूर्ण हो जाती है। अर्थात् मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

मतलब ईश्वर से विलग होकर पुनः ईश्वर में संलग्न होना, योग साधना से ही संभव है।


पर आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कैसे?

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 

हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी अल्पाहारी और योग के पुजारी हैं। इस कारण इस उम्र में भी वो पूर्णतः स्वस्थ और सशक्त हैं।

साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA - United Nations General Assembly) में अपने भाषण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने का प्रस्ताव दिया था जिसके बाद 21 जून 2015 के दिन पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था।

11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) में पारित करने के लिए सबसे कम समय है।


आइए, आज के दिन को योग साधना को समर्पित करें और इसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं।

स्वस्थ रहें, सशक्त रहें।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

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