Sunday, 15 June 2025

Poem : पिता भी हैं ज़रूरी

आज father's day है। एक दिन उसको समर्पित है, जिसका अस्तित्व होने से, जिसका साथ होने से जिंदगी पूर्ण हो जाती है। नये आयाम नयी सफलता लाती है।

Love you Papa 💞

पिता भी हैं ज़रूरी


संसार में आने के लिए,

माँ हैं ज़रूरी।

पर जीवन के लिए,

क्यों पिता हैं ज़रूरी?


माँ जननी हैं, 

तो जनक पिता हैं।

माँ प्रकृति हैं,

तो संस्कृति पिता हैं।


माँ सृष्टि हैं,

तो वृष्टि पिता हैं।

माँ निर्माता हैं,

तो संचालक पिता हैं।


दोनों का,

ही सानिध्य।

एक दूजे को,

अस्तित्व दिलाता है।


साथ हो दोनों,

तभी तो।

यह संसार,

संपूर्ण कहलाता है,


बिन माँ के, 

दुनिया है अधूरी।

पर पूर्णता के लिए,

पिता भी हैं ज़रूरी।


❤️ Happy Father's Day  ❤️ 

Saturday, 14 June 2025

Article : Ahmedabad Plane Crash

अहमदाबाद में हुए plane crash से हर कोई दहल गया है। एक ऐसी दुर्घटना जिसने अपनी चपेट में 265 लोगों को ले लिया। इसमें 241 departed विमान में सवार passengers और cruise members थे। साथ ही 5 MBBS के students, एक PG resident doctor, super specialist doctor की wife भी, मृत्यु को प्राप्त हो गये, जो Bj medical hostel में थे, जहां plane crash हुआ था।

Air India की Boeing 787 Dreamliner flight AI-171 ने गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए takeoff किया था। इसमें 169 Indians, 53 Britishers, 7 Portugese और एक Canadian नागरिक समेत कुल 230 यात्री सवार थे। दो मिनट बाद ही flight crash हो गई।

Ahmedabad Plane Crash


इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात थे। बाकी 12 crew members थे। मृतकों में गुजरात के former CM विजय रूपाणी भी शामिल हैं, जबकि सिर्फ एक यात्री विश्वास कुमार रमेश की जान बच पाई है।

Flight Ahmedabad to Britain थी। एक ऐसी flight, जिससे जाने के लिए लोगों ने न जाने कितने सपने संजोए थे।

कोई अपनी पत्नी और बेटी से मिलने जा रहा था, तो कोई अपने साजन से, अपने विवाहित जीवन को साकार करने, तो कोई अकेले जीवन काट-काटकर थक चुका था तो अपने परिवार को साथ लेकर जा रहा था जीवन सार्थक करने, कोई अपने जीवन साथी के साथ एक सुकून की यात्रा में जा रहे थे, तो कुछ crew members अपनी पहली International flight मिलने के कारण excited थे। ऐसे ही न जाने कितने सपने जुड़े हुए थे, इस flight के साथ...

इस plan में बैठे हुए सपनों के यात्रियों के अलावा कुछ और लोग भी थे, जो इस से न जुड़े हुए होने के बावजूद भी इस दुर्घटना से जुड़ गए थे।

और वो लोग थे, B.J. medical boys hostel के students...

सपने उनके भी थे, सफल doctors बनने के। पर, उनका इस flight से कोई मतलब नहीं था।‌ 

दूर-दूर तक किसी ने सोचा नहीं था कि इनका आपस में कोई संबंध होगा।

पर होनी ऐसी प्रबल थी, जिसने दोनों को मिला दिया।  

Flight जब takeoff हुई तो सब perfect था। मौसम, समय और flight pilot सुमित... सुमित बहुत ही trained and confident pilot था। उन्हें 8200 घंटों का experience था।

उसने खुद भी नहीं सोचा था कि यह उसकी last flight है, और वो भी सिर्फ 35 seconds की...

आजकल अहमदाबाद लंदन flight crash की चर्चा हर ओर हो रही है। पर जिनके अपने चले गए, वो कभी लौट कर नहीं आएंगे। उनकी रह जाएंगी केवल यादें...

हालांकि भारत सरकार ने अपनी तरफ़ से हर संभव प्रयास आरंभ कर दिए हैं, कि इस घटना से जितने लोग को बचाया जा सके, बचा लें, जिसके चलते 45 medical students को बचाया गया है। 

प्रधानमंत्री मोदी जी और गृहमंत्री अमित शाह जी स्थिति का जायजा लेने पहुंचे, साथ ही घायलों और मृतकों के परिवार वालों से मिले।

Tata group, जिनकी Air India पर ownership है, उन्होंने अब साफ कर दिया है कि एक करोड़ रुपये की सहायता राशि हर उस व्यक्ति के परिजनों को दी जाएगी, जिसने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है। यानी सहायता राशि पाने के हकदार उन 24 लोगों के परिवार भी होंगे, जो विमान में सवार नहीं थे लेकिन इस हादसे में उनकी जान गई है। इनमें पांच MBBS के students, एक PG resident doctor और super-specialist doctor की wife भी शामिल हैं। हालांकि, ऐसे मृतकों के संबंध में अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है, जो विमान में सवार नहीं थे।

Tata group ने यह भी स्पष्ट किया है कि हादसे में घायल हुए सभी लोगों के इलाज का खर्च वहन करने के साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनको पूरा सहयोग और जरूरी देखभाल मिले। हम Bj medical college के hostel की building के reconstruction में भी सहायता करेंगे।

इस flight crash ने जीवन की उस सच्चाई को एक बार फिर से उजागर कर दिया, कि “कल क्या होगा, किस को पता, अभी ज़िंदगी का ले लो मज़ा।”

या

न जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए, न जाने कब जिंदगी तमाम हो जाए, सपने सजा लो जितने भी, होगा वही जो सोचा हो उसका ही...

तब किया क्या जाए?

इतना ही, कि अपने बड़ों की खूब सेवा करें, क्योंकि उनका आशीर्वाद ही हमें जिंदगी के सभी सुख प्रदान करते हुए पूर्णतः सुरक्षित रख सकता है।

हे ईश्वर, उन सभी मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करें, परिवार वालों को सहनशक्ति प्रदान करें और हम सब लोगों को सुरक्षित रखें ।

ईश्वर की कृपा सब पर बनी रहे 🙏🏻 🙏🏻 

Thursday, 12 June 2025

Article : Would be 3rd Position

बहुत से लोगों का कहना है कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से क्या? वो कर क्या रहे हैं।

तो वो कर क्या रहे हैं, यह तो उन्होंने खुद बताया है।

“विकसित भारत, अब उससे कुछ कम नहीं।”

उन्होंने कहा था कि भारत की economy 2025 तक 4 trillion dollars तक ले जाएंगे और उसे विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बनाएंगे।

इस बीच आतंकवादी हमला और पाकिस्तान से एक छोटे से युद्ध के बावजूद, भारत अर्थव्यवस्था में 4th position पर पहुंच ही गया।

जो देश प्रेमी हैं, वो तो बहुत खुश हुए होंगे, पर उससे अलग लोगों में से कुछ लोगों ने इसे कोई तवज्जो नहीं दी होगी, तो कुछ के तो सीने पर सांप लोट गया होगा। 

पर जो देश भक्त होंगे, उन्हें दिख रहा होगा कि वो दिन दूर नहीं जब भारत 3rd position पर भी जल्दी ही पहुंच जाएगा।

ऐसे कैसे?

Would be 3rd Position


तो जरा देखिए :

अमेरिका approx 30 trillion dollars के साथ 1st position पर, चीन approx 19 trillion dollars के साथ 2nd position पर, जर्मनी 4.744 trillion dollars के साथ 3rd position पर, और भारत 4.187 trillion dollars के साथ 4th position पर है।

आपको पता है देश के इतनी तेजी से आगे बढ़ने का कारण क्या है?

इसका कारण है make in India, strong defence system and digital India...

यह तीनों ही कारण हैं, जिससे देश इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि अमेरिका और चीन जैसे बड़े-बड़े देश, सब हैरान हैं...

हालांकि बात चाहे make in India की रही हो, देश की सुरक्षा व्यवस्था की या digital India की, विपक्ष और देश विरोधियों ने हमेशा मजाक उड़ाया, इनका implementation नामुमकिन है, ऐसा कहकर हतोत्साहित भी किया गया।

पर डटी रही भारत सरकार, नामुमकिन को मुमकिन करने में।

और कर भी दिखाया, और इस राह पर आगे ही आगे बढ़ते जा रहे हैं।

अगर किसी भी देश ने यह संभव कर दिखाया, तो उसे number 1 बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

Make in India and strong defence तो समझ आता है, पर digital India क्यों जरूरी है??

जब जमाना AI का है, तो smart भी बनना पड़ेगा, उसके कारण ही digital... 

पर साथ ही एक कारण और है digital India का...

UPI का बढ़ता प्रयोग।

आजकल बड़े-बड़े लोगों से लेकर हर छोटे-बड़े दुकानदार, सब्जी वाले, दूध वाले, रिक्शा, ठेले-ढकेले वाले, सब के पास UPI है।

इस UPI ने भी 4th position लाने में बहुत योगदान दिया है।

साथ ही साथ UPI भारत में unity और integrity को दर्शाता है। किसी भी religion, place of birth या economic status का इंसान इसे use कर सकता है, वो भी बिल्कुल free, जो India को सशक्त बनाने में help कर रहा है।

Free of cost service के कारण बाकी देश भी इसकी ओर अपना interest दिखा रहे हैं। 

अगर किसी देश को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर रहना है, तो उसकी currency का worldwide usage भी देश-विदेश में होना चाहिए। USD ($) एक international currency है, इसलिए USA एक super power है।

UPI के कारण हमारे देश की currency INR (₹) भी international currency बनने जा रही है।

यही कारण है कि अमेरिका और चीन भारत के बढ़ते कद से डर भी रहे हैं और चिढ़ भी रहें हैं।

और जिस तरह से भारत ऊंची से ऊंची छलांग लगा रहा है, तो वो दिन भी दूर नहीं जब भारत तीसरे स्थान पर तो क्या प्रथम स्थान पर पहुंच जाएगा।

हर field में भारत बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, फिर चाहे defence system हो, technology हो, invention हो, intelligence हो, sports हो, economy हो, trade हो, infrastructure हो, agriculture हो...

जिस सरकार का vision इतना अच्छा है, वो सफलताओं के नित नए आयाम स्थापित करेगी ही...

तो जनाब, अपनी कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, क्योंकि भारत supersonic रफ़्तार से उड़ने की तैयारी में है।

और हम सब साक्षी होंगे, भारत के स्वर्ण काल में पहुंचने के...

उस खूबसूरत, सशक्त और सुदृढ़ देश के, जहां हर कोई आना चाहेगा।

शायद फिर प्रतिभा पलायन न हो, हमारे youths को भारत में ही अपना भविष्य नजर आने लगे।

शायद बच्चे और मां-पापा हमेशा साथ-साथ रहें, एक दूसरे से दूर-दूर नहीं...

पर यह शायद हकीकत तब बनेगा, जब देश सही हाथों में बरकरार रहे और हम सब देशवासी अपना‌ कर्तव्य सही से समझें। अपनी जिम्मेदारी और अपने काम को सुचारू रूप से करें।

यह न देखें कि हम पर काम कितना पड़ रहा है, यह न देखें कि हमारी छुट्टियां कितनी कट गई...

क्योंकि जब हमें उन्नत देश चाहिए, तब मेहनत तो सबको ही करनी पड़ेगी।

तो क्या कहते हैं? करेंगे न? वो भी खुशी-खुशी...

उज्जवल देश होगा, तो भविष्य सुरक्षित रहेगा और हमारे बच्चे खुश...

तो एक बार अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर देश को सुरक्षित और समृद्धशाली बनाएं, जिससे भारत तीसरे या दूसरे स्थान पर नहीं, बल्कि पहले स्थान पर पहुंच जाए।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Wednesday, 11 June 2025

Recipe : Healthier Cajun Potatoes

आज कल BBQ nation का craze, सिर चढ़कर बोल रहा है, और उसमें भी Cajun Potatoes लोगों की one of the favourite dish हो गई है। Teenagers और बच्चे तो जैसे इसके दीवाने हो गए हैं...

तो चलिए, आज उसकी ही recipe share कर देते हैं। पर Shades of Life पर यह recipe आपको देखने को मिल रही है, तो उसमें कुछ twist भी होना चाहिए।

और वो twist है, healthier version...

Healthier Cajun Potatoes


I) Ingredients :

  • Baby potatoes - 1 kg.
  • Oil-free mayonnaise - 4 tbsp.
  • Fresh curd - 2 tbsp.
  • Garlic - 7 to 8 cloves
  • Kashmiri Red Chilli Powder - 1 tsp. 
  • Salt - as per taste 
  • Ghee - for shallow fry 
  • Rice flour - 1½ tbsp.
  • Cornflour - 3 tbsp. 
  • Milk - ½ cup
  • Onion - 3 tbsp. (finely chopped)
  • Parsley leaves - 1 tbsp. (finely chopped)


II) Method :

  1. Baby potatoes को अच्छे से wash करके उसे boil करने के लिए pressure cooker में डाल दीजिए।
  2. Cooker में ½ tsp. salt और पानी डालकर, 2 whistles high flame पर, और 1 whistle slow flame पर दे दीजिए।
  3. Pressure down हो जाने पर आलू निकाल कर ठंडा होने रख दीजिए।
  4. आलू पूरी तरह से ठंडा हो जाए तो उसे दबाकर चपटा कर लीजिए।
  5. एक bowl में rice flour, cornflour, salt and water डालकर slurry prepare कर लीजिए।
  6. एक non-stick frying pan में थोड़ा-सा घी डालकर गर्म कीजिए।
  7. चपटे हुए आलू को slurry में dip करके pan में डालकर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक slow flame पर shallow fry कर लीजिए।
  8. Mean while, mixer grinder में oil-free mayonnaise, दही, नमक, garlic, दूध और Kashmiri Red Chilli Powder डालकर fine sauce prepare कर लीजिए।
  9. अब serving plate पर golden brown potatoes रखें। उन पर prepared sauce डालें, फिर इसे chopped onion और parsley leaves से garnish करें।

Healthier and tastier Cajun Potatoes are ready to serve.

आप इसे starter, snacks, tea time dish or side dish की तरह से serve कर सकते हैं। यह आपकी party में चार चांद लगा देंगे।


III) Tips and Tricks :

  • Baby Potatoes ही लीजिए, तभी ज्यादा authentic और tasty flavour आएगा।
  • आलू छिलकों सहित ही उबाला और बनाया जाएगा, यही उसे proper taste देगा।
  • आलू slow flame पर ही shallow fry कीजिए, जिससे आलू अंदर तक juicy and crispy बने। यही इस dish का key point है।
  • Authentically, इसका sauce mayonnaise और schezwan sauce के mix से ready करते हैं। आप चाहें तो उस flavour में भी बना सकते हैं।
  • हमने healthier version बनाने के लिए oil-free mayonnaise use की है, जिसकी link कुछ इस प्रकार से है - https://shadesoflife18.blogspot.com/2025/01/recipe-oil-free-mayonnaise.html?m=1
  • आप curd की quantity अपने taste के according घटा या बढ़ा सकते हैं। Curd sauce को tangy flavour देता है।
  • बहुत से लोग schezwan sauce नहीं खा पाते हैं, इसके ही कारण हमने अपने बनाए sauce में schezwan sauce नहीं डाला है।
  • बल्कि उस जैसे similar taste के लिए, garlic, kashmiri Red Chilli Powder and curd use किया है। इससे sauce mild spicy flavour का बनता है।
  • आपको hot and spicy flavour चाहिए तो आप schezwan sauce डाल सकते हैं। 
  • आप garlic cloves भी अपने taste के according avoid करना चाहें तो कर सकते हैं। 
  • Slurry pouring consistency की prepare कीजिए, न पतली हो न बहुत गाढ़ी, क्योंकि पतली slurry आलू पर चढ़ेगी नहीं और गाढ़ी होने से वो इतना ज्यादा चढ़ जाएगी कि वो crispy potatoes की जगह आलू की पकौड़ी बन जाएगी।

तो बस आज ही इसे बनाएं, और इसे खाकर बच्चों को खुशी से झूमने दें, क्योंकि यह tasty भी है और healthy भी...


Tuesday, 10 June 2025

India's Heritage : बड़ा मंगल क्यों

आपको अपने article बड़ा मंगल में जानकारी share की थी, कि कहां-कहां बड़े मंगल की मान्यता है और क्यों है?

आज के India's Heritage segment में बड़े मंगल से जुड़ी हुई कहानी या किंवदंती share कर रहे हैं।

आखिर क्यों, लखनऊ शहर को गंगा-जमुना-तहजीब से भी पुकारा जाता है।

आखिर क्यों, लखनऊ जैसे मुसलमानी शहर में हनुमानजी की इतनी आस्था है, कि हिन्दू और मुस्लिम, दोनों समुदाय के लोग बहुत जोश के साथ बड़ा मंगल की पूजा-अर्चना और भंडारा आयोजित करते हैं।

आपको यह तो पता है, कि बड़े मंगल का आयोजन लखनऊ में ही सबसे उल्लास से मनाया जाता है। पूजा-अर्चना के साथ ही जगह-जगह भंडारे भी किए जाते हैं...

पर क्यों? चलिए जानते हैं, क्या है वजह...

बड़ा मंगल क्यों


अलीगंज हनुमान मंदिर निर्माण :

लखनऊ में बड़ा मंगल की शुरुआत अवध के नवाबों के समय हुई थी। एक मान्यता के अनुसार, अवध के नवाब शुजाउद्दौला की बेगम आलिया थी, उनकी कोई संतान नहीं थी।

बेगम इस बात से बहुत दुखी थीं। एक दिन उनको ख्वाब में बजरंगबली की मूर्ति दिखाई दी, जो उनसे कह रही थी कि वो एक टीले के नीचे दबी हुई है, अगर उसे वहां से निकल कर मंदिर बनवाया जाए, तो वह माँ बन सकती हैं।

सपने के अनुसार ही खुदाई की गई, वहां सचमुच में भगवान हनुमानजी की मूर्ति थी।

उस मूर्ति को हाथी पर रख कर लाया जाने लगा, लेकिन अलीगंज पहुंच कर हाथी एक कदम न आगे बढ़ा। तब यह निर्धारित किया गया कि वहीं मूर्ति स्थापित कर मंदिर बनवाया जाए।

मंदिर निर्माण के ठीक नौ माह बाद आलिया बेगम को पुत्र प्राप्ति हुई।


दूसरी कहानी के अनुसार :

अवध के नवाब वाजिद अली शाह की बेगम रूबिया थी। उनके बेटे की तबीयत अत्यधिक खराब हो गई थी। किसी हकीम लुकमान के पास कोई इलाज नहीं था। अंततः उन्होंने अलीगंज के हनुमान मंदिर में मंगलवार को प्रार्थना की और कहा बेटे के ठीक होने पर मंदिर का जीर्णोद्धार कराएंगे।

उनका पुत्र उसके बाद बहुत जल्दी पूर्ण रूप से ठीक हो गया, उसके बाद उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।


भंडारे का आयोजन :

यह माना जाता है कि इसके कुछ समय बाद फिर एक आपदा आई, पूरे राज्य में एक महामारी फैल‌ गई। एक बार पुनः रूबिया ने हनुमान जी की पूजा और अनुष्ठान किया, जिससे महामारी समाप्त हो गई।

इस घटना के बाद, बेगम ने अलीगंज के हनुमान मंदिर में भंडारा करवाया, उनके साथ ही प्रजा ने भी जगह-जगह अपनी सामर्थ्य के अनुसार भंडारा करवाया और तभी से हर साल ज्येष्ठ मास के हर मंगलवार को भंडारे का आयोजन किया जाने लगा। 

यह कहानियां दर्शाती हैं कि हनुमान जी केवल भक्ति और श्रद्धा देखते हैं, जो भी सच्चे मन से उन्हें पूजता है, उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं।

दूसरा भारत में गंगा-जमुना तहजीब थी, जिसमें यदि सब मिलकर रहें तो देश सुदृढ़ और सुरक्षित रहता है। इसका जीता-जागता उदाहरण है लखनऊ शहर, और वहां आयोजित होने वाला बड़ा मंगल का त्योहार, जिसमें हिन्दू-मुस्लिम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

ज्येष्ठ मास के आखिरी बड़े मंगल की हार्दिक शुभकामनाएँ, हनुमान जी की कृपा दृष्टि सब पर बनी रहे 🙏🏻

बजरंगबली की जय 🚩

Monday, 9 June 2025

Article : Chenab Railway Bridge - The High Rise India

कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बना, Chenab Railway Bridge, विश्व का सबसे ऊंचा bridge है।

इस bridge के बनने से कश्मीर पूरे देश से जुड़ गया।

कश्मीर को पूरे भारत से जोड़ने का सपना, अंग्रेजों के समय से देखा जा रहा था।

ऐसा नहीं है कि इसे बनाने की कोशिश नहीं की गई, पर सपना, सपना ही बना रहा, क्योंकि इसे पूरा कैसे किया जाए, यह सोच पाना भी मुश्किल था।

Chenab Railway Bridge - The High Rise India


2003 में कांग्रेस सरकार ने चिनाब रेलवे पुल बनवाने का कार्य शुरू कराया, जो 2009 तक पूरा हो जाना था, मगर तेज़ हवाओं के चलते ऐसा हो न सका। उसके बाद यह project लगभग ठप पड़ गया।

2014 में मोदी जी ने इसका परीक्षण किया और आवश्यक fund release कराया। Chenab railway bridge का कार्य शुरू हुआ। इस पुल को बनाने में 1486 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

काम बहुत ही कठिन और लगभग असम्भव था।

मगर अगर इरादे हों बुलंद और मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो, तो तेज़ हवाएं भी पथ नहीं रोकती हैं।

काम शुरू हुआ और बेहद उम्दा प्रदर्शन के साथ हमारे engineers अपने काम पर लग गए और पुल निर्माण संभव हो गया।

आपको अगर उस पूरे process को देखना है, तो आपको उसके video internet पर मिल जाएंगे।

जब आप उसे देखेंगे, तो आप पाएंगे कि भारत technology में बहुत आगे निकल गया है। उसी का परिणाम है chenab railway bridge, जो अपनी विशेषताओं से भरा हुआ है।


I) Strength :

इसमें 30000 metric tons (3 crore kgs) steel लगा, जिसमें SAIL (Steel Authority of India Limited) ने 16000 (1.6 crore kgs) metric tons steel supply किया है। SAIL की ओर से तैयार TMT and steel plate को दुनिया भर में excellent quality वाला माना जाता है। इससे यह बहुत ही strong and durable बना है।


II) Resistance to :

• Earthquakes -

इसमें इस तरह के shockers लगाए गए हैं कि यह richter scale पर magnitude 8 तक का भूकंप आने पर भी सुरक्षित रहेगा।


• Contact blast (explosion) -

40 metric tons के बम धमाके होने पर भी यह सुरक्षित रहेगा।


• Wind -

266 km/h की wind-speed होने पर भी यह सुरक्षित रहेगा।


• Temperature -

-20°C जैसे freezing तापमान पर भी यह सुरक्षित रहेगा। 


III) Height :

इसकी height समुद्र तल से 359 metres है। यह Eiffel Tower (300 metres) और Statue of Unity (182 metres) से भी बहुत लंबा है।

इसे विश्व का सबसे ऊंचा bridge कहा जा रहा है, क्योंकि यह चीन और अमेरिका में मौजूद tallest bridges से भी ऊंचा है।


IV) Arch :

इसका arch 467 metres का है, जो कि विश्व में अब तक के किसी भी bridge के arches में सबसे बड़ा है।


V) Length :

इस rail bridge की length 1315 metres है।


VI) Durability :

Experts and researchers का मानना है कि जिस मजबूती के साथ यह बनाया गया है, 120 साल तक यह मजबूती से टिका रहेगा।


भारत में Chenab railway bridge का निर्माण, विश्व में हमारे देश को नये आयाम, नयी ऊंचाई पर ले गया है, या यूं कहें कि Chenab railway bridge India का high rise है।

इस project को IISc. Bengaluru की professor माधवी लता and team ने पूरा किया है।

भारत को एक और विश्वव्यापी सफलता के लिए बहुत सारी बधाइयां। हमारा देश यूं ही ‘दिन दूनी रात चौगुनी’ तरक्की करें और विश्व विजेता कहलाए।

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Sunday, 8 June 2025

Article : D Gukesh की गुरु दक्षिणा

Norway Chess (Open) में भारतीय खिलाड़ी, D Gukesh ने world no.1 player Magnus Carlsen को उनके ही देश Norway में classical chess tournament के 6th round में हराकर, अपने गुरु विश्वनाथन आनंद को गुरु दक्षिणा में अपनी जीत प्रदान की।

किसी भी गुरु के लिए इससे बड़ी गुरु दक्षिणा कुछ नहीं हो सकती है, कि जिस के कारण उसका अधिपत्य समाप्त हुआ हो, उसका शिष्य उसे ही हराकर आए।

क्या मतलब? 

D Gukesh की गुरु दक्षिणा


दरअसल 2007 से 2012 तक भारत के विश्वनाथन आनंद शतरंज के विश्व विजेता रहे। 2013 की world championship में उनका match Carlsen से हुआ, और उसने उस tournament में जीत हासिल कर विश्व विजेता के खिताब पर अपना नाम लिख दिया।

Norway Chess (Open) में विश्वनाथ आनंद के शिष्य गुकेश‌‌ ने Carlsen को उसके ही देश में हराकर, उसके निर्विवाद जीत को पूर्ण नहीं होने दिया।

मानो कह दिया, जैसे आपने मेरे गुरु से खिताब जीता था, आज मैंने आपको हराकर उन्हें गुरु दक्षिणा दे दी।

इससे Carlsen का यह घमंड चूर-चूर हो गया कि उसे कोई हरा नहीं सकता है। वो इस हार से इतना बैचेन हो उठा कि उसने यह तक कह दिया कि classical chess वो छोड़ देगा।

एक और घटना ऐसी हुई, जो भविष्य की ओर संकेत कर रही थी।

दरअसल Carlsen 6th round में जब गुकेश से हार गया तो उससे हार बर्दाश्त नहीं हुई और उसने गुस्से में जोर से एक मुक्का playing board की table पर मारा।

उसके मुक्का मारने से उस समय chess board पर Carlsen के जितने pieces थे, सब गिर गये। खड़े रहे तो गुकेश के king, knight and pawn...

और वो king piece मानो कह रहा हो, अब बहुत जल्द बादशाहत बदलने वाली है, और एक बार साम्राज्य फिर से भारतीयों का होने वाला है।

हम सब भारतवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारा 19 वर्षीय लाडला खिलाड़ी गुकेश जीत पर जीत हासिल करता जा रहा है।

गुकेश को उसकी जीत पर बधाइयाँ...

गुकेश की जीत का श्रेय, उसके खेल के प्रति उसका रवैया है, जिसकी तारीफ खुद Carlsen ने भी की है :

“गुकेश लड़ता है, और लड़ता है,और लड़ता है, चाहे स्थिति कितनी भी खराब क्यों न हो।”

 

डी. गुकेश से मिली करारी हार के एक दिन बाद Carlsen ने कहा कि मौजूदा विश्व champion की “ऊर्जा” (energy) और “लड़ाकू गुणों” (fighting quality) ने उन्हें जीत दिलाई़...

जिस भी किसी इंसान में अपने काम के प्रति यह रवैया रहेगा, उस को सफलता शत-प्रतिशत मिलेगी ही मिलेगी।

Norway Chess (Open) कल समाप्त हो गई, Carlsen का last match भारत के Arjun Erigaisi से था, और Carlsen के इस match में भी तोते उड़ गए। काफ़ी जद्दोजहद के बाद match draw ही हो पाया, जबकि armageddon match में win point Arjun को ही मिला।

Open category में last match में अगर गुकेश जीत जाता, तो tournament अपने नाम कर सकता था। काश‌! ऐसा होता, तो वो Norway Chess (Open) अपने नाम कर लेता, पर‌ ऐसा हो नहीं सका। कोई बात नहीं, better luck next time...

इस बार की एक जीत से Carlsen का घमंड टूट गया है और उसका confidence हिल गया है, अगली बार पूरी tournament ही Indians जीत लेंगे।

Norway Chess की open category और women's category, दोनों formats में total 4 Indian players थे।

Open category में गुकेश 3rd position और अर्जुन 5th position पर आया, वहीं women's category में Koneru Humpy 3rd position पर और Vaishali Rameshbabu 5th position पर आई...

यह एक बड़ी tournament थी और इसमें दोनों formats में Indian players का झंडा गाड़ देना, अपने आप में बड़ा achievement है।

सभी खिलाड़ियों को उनकी सफलताओं के लिए अनेकानेक बधाइयां...

जीत ऐसे ही भारत के हिस्से में आती रहे, और भारत का परचम हमेशा सर्वोपरि स्थान के लिए लहराता रहे 🙏🏻 

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Friday, 6 June 2025

Article : राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा

कल एक बार पुनः अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया।

बहुत से लोगों के मन में यह विचार आ रहा था कि प्राण प्रतिष्ठा तो हो चुकी थी, तो एक बार पुनः क्यों?

बार-बार प्राण प्रतिष्ठा... यह क्या लगा रखा है?

राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा


पहले प्राण प्रतिष्ठा प्रभु श्री राम के बाल रूप रामलला की हुई थी और अब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया‌ है। 

अर्थात प्रभु श्री राम के पहले बालरूप की और अभी उनके राजा रामचंद्र के स्वरूप की स्थापना की गई है।

एक ही मंदिर में एक ही मूर्ति की बार-बार प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है, पर अलग-अलग मूर्ति होने से एक से अधिक बार एक ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है।

वैसे हम अपने जीवन से जुड़े कितने ही आयोजन को बहुत बार करते हुए भी हर्षित होते हैं, फिर ईश्वरीय आयोजन तो जितनी बार भी हों, उतना ही अच्छा, उतना ही हर्ष और उतनी ही उनकी कृपा वर्षा...

फिर मन‌ में किसी भी तरह की शंका का विचार क्यों?

चलिए, इस भव्य आयोजन से प्रेमपूर्वक जुड़ जाएं...

मंदिरों में आए दिन भव्य आयोजन का कार्यक्रम होते रहना चाहिए।

कल गंगा दशहरा था, अतः बहुत ही शुभ मुहूर्त था या एक अभिजीत मुहूर्त था, जिसमें उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्राण प्रतिष्ठा का पुन्य कार्य सम्पन्न किया। 

यह कार्यक्रम 3 से 5 जून के बीच संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य कार्यक्रम 5 जून को किया गया, जब सभी देवी-देवता अपने-अपने भवन में विराजमान किए गए।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में माहौल भक्तिमय हो चुका था। राम मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के साथ अन्य 7 देवालयों में देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया गया था। इन 7 देवालयों को फूलों से सजाया गया और बाहरी हिस्से बिजली की सजावट से जगमग हो रहे थे। स्वर्ण जड़ित शिखर कलश चमक रहे थे।

पूरा अयोध्या ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो पुनः रामराज्य स्थापित हो गया हो, जो एक स्वार्गिक सुख प्रदान कर रहा था।

मंगलवार सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो गए थे। यह पूजा-पाठ अगले 12 घंटे तक जारी रही। 101 पुजारियों ने इस दौरान 1975 मंत्रों का पाठ किया। अग्नि देवता को आहूति दी, साथ ही, मूर्तियों के शुद्धिकरण की विधि को भी पूरा कराया गया, इस प्रकार से पूजन विधि को संपन्न कराया गया।

मंदिर के पहले तल पर स्थित भव्य रामदरबार और गर्भगृह के चारों कोनों में बने परकोटे के सात अन्य मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई।


प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में जिन देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई :

  • राम दरबार
  • शिवलिंग
  • गणपति जी 
  • हनुमान जी
  • सूर्य देव
  • देवी भगवती
  • माँ अन्नपूर्णा 


राम दरबार (प्रभु श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, भक्त शिरोमणि हनुमानजी) के अलावा, प्रथम पूज्य गणेश जी, श्री राम जी के आराध्य भगवान महादेव (शिवलिंग, जिसे नर्मदा नदी से लाया गया है), प्रभु श्री राम सूर्यवंशी थे, अतः सूर्य देव, शक्ति स्वरूपा माँ भगवती और माँ अन्नपूर्णा  उपस्थित हैं।

आपकी जिसमें श्रद्धा है, उन सबकी पूजा कर राम मंदिर से संतुष्ट होकर लौट सकते हैं।

अयोध्या, जो अभी तक रामजन्म भूमि के रूप में स्थापित था, अपनी पूर्णता को प्राप्त कर सम्पूर्ण रामराज्य में परिवर्तित हो गया। 

राम मंदिर, जो पूर्व में ही अपनी दिव्यता और भव्यता से परिपूर्ण था, उसमें गंगा दशहरा के विशेष पर्व के दिन हुई राम दरबार व अन्य 7 देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा उसे पावनता के उत्कृष्ट आयाम पर ले गयी है।

अगर आप अभी तक राममंदिर के दर्शन करने नहीं पहुंच पाए हैं, तो शीघ्र वहां जाने की तैयारी करें, अयोध्या में राममंदिर के दर्शन मानो साक्षात ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति...

जय श्री राम 🚩 

Thursday, 5 June 2025

Short Story : कल हो ना हो

कल हो ना हो



रजत अभी सोच में डूबा ही था कि मां से vibes मिलने लगी।

ओह माँ, आप कैसे समझ जाती हैं कि मैं low feel कर रहा था?

बेटा, तुम अमेरिका चले गए हो, पर vibes से तो हम जुड़े हुए हैं ही।

भला हो, इन vibes को जोड़ने की technique बनाने वाले का, वरना तुम्हारी पर नानी के समय में तो mobile ही थे, जिसमें भी आए दिन network की problem होती थी…

अच्छा यह बता, मौसम कैसा है?

धूप निकली क्या?

नहीं मां, अभी कहाँ… पूरे दो महीने गुजर गए और अभी एक और महीना ऐसे ही गुजरने की संभावना बता रहा है weather department… अंधेरा-सा ही छाया रहता है। 

वहां के क्या हाल हैं?

यहां के भी कुछ अच्छे नहीं हैं बेटा, temperature 75 पहुंच रहा है, बिना AC के चैन नहीं है।

सरकार से appeal की जा रही है कि, घरों और ऑफिसों के अलावा अब सड़कों को भी central AC करने की तरफ ध्यान दिया जाए, वरना घरों से बाहर निकलना दुश्वार हो रहा है…

Ultraviolet rays भी बहुत तेजी से गिर रही है। कल ही पड़ोस वाले शर्मा अंकल के skin पिघलने लगी थी, ICU में admit हैं।

आह! क्यों उन्होंने ozone layer नहीं लगवाई है?

लगवाई है बेटा, पर उनकी कार में ozone layer expire हो गई थी, बदलवाने में जरा सी लापरवाही कर गए, अब भुगत रहे हैं।

ओह… अपने घर की तो ठीक है ना?

हां बेटा, तुम तो जानते हो, पापा इन सब बातों को लेकर कितने alert रहते हैं…

अच्छा यह बताओ, तुम अपने खाने-पीने और oxygen की pillqs बराबर से ले रहे हो ना? 

लापरवाही तो नहीं कर रहे हो? तुम्हें मेरी कसम तो याद है ना?

हां-हां मां, सब याद है, अच्छे से याद है। सब time से नहीं लूंगा तो तुम वापस बुला लोगी…

वैसे मेरा यहां ज्यादा मन नहीं लग रहा है, एक बार project complete हो जाए, लौट आऊंगा…

नहीं बेटा, मुझे कोई जल्दी नहीं है, यहां वैसे भी polution बहुत ज़्यादा है। बहुत जल्दी-जल्दी lungs, kidney, heart change करवाना पड़ रहा है।

Medical bills बहुत ज़्यादा आ रहे हैं।

कोई नहीं मां, यहां भी हालात बद से बद्तर ही हैं, कुछ ज्यादा अच्छा यहां भी नहीं है, बस showoff ज्यादा है कि अमेरिका है तो ज्यादा अच्छा है…

अब मन नहीं लग रहा है, तुम सबके बिना।

कुछ महीने में ही आने का plan है।

अच्छा बेटा सुनो, तो तुम वहां से आते समय, कुछ lungs, kidney heart etc लेते आना, यहां से तो ज़्यादा advance होंगे वहां पर, और हां expiry date देखकर लाना।

मां एक बात बताइए, आप ने पेड़ पौधे देखें हैं? कैसे लगते हैं?

बेटा, कुछ cactus के और कुछ ऐसे ही कम पानी वाले पौधे देखें हैं, जब छोटे थे और अपनी नानी के घर जाते थे।

तुम्हारी नानी बताती हैं कि पहले हरियाली वाले पेड़-पौधे थे। बड़े अच्छे थे, हवा, खाना, छांव, oxygen सब देते थे।

हम ने तो जो देखे, उन्हें देख कर कुछ ऐसा बहुत तो नहीं लगा…

आप सच कह रही हैं, इतना सब कुछ देते थे पेड़-पौधे… तो उन्हें सुरक्षित क्यों नहीं रखा? 

क्या पता? मां कहती थीं कि सुख-सुविधाएं और आधुनिकीकरण के कारण…

पर तुम क्यों पूछ रहे हो?

कुछ नहीं मां, यहां पर कुछ scientists ने कोई पौधा ढूंढ निकाला है…

सुनने में आ रहा है कि India के ही किसी जंगल से लाए हैं, कहीं कोई बचा रह गया था।

————— THE END —————


हम यही भविष्य तो नहीं दे रहे हैं, अपने बच्चों को... इस गर्मी में बढ़ता हुआ temperature चीख-चीखकर यही कह रहा है…

सोचिएगा ज़रूर…

बस एक पौधा ही सुन्दर भविष्य को बना सकता है, आज ही एक पौधा लगाएं और अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाएं।

वरना जो आज है, 'कल हो ना हो'…

Happy environment day 🌲 🌴 


Wednesday, 4 June 2025

Article : एक ‘विराट’ जीत

कल IPL finale में RCB और PBKS का match था। यह बहुत ही निर्णायक और interesting match था, क्योंकि दोनों ही teams अपने 18 साल के most awaited trophy जीतने के सपने को साकार करने के लिए खेल रही थीं।

2008 से IPL matches शुरू हुए, इसमें सारी teams India की होती हैं और हर‌ team में four players, किसी और country के हो सकते हैं।

18 साल से RCB IPL matches में champion बनने का सपना देख रही थी, जो कल के interesting match में most awaited जीत के साथ पूरा हुआ।

एक ‘विराट’ जीत


विराट कोहली का जर्सी नंबर 18 है और 18 साल के लंबे इंतजार के बाद, RCB को वो जीत मिल गई, जिसके वो हकदार थे।

इससे पहले RCB तीन बार final में पहुंचने वाली team बन चुकी थी, लेकिन luck ने उनका इतना साथ नहीं दिया कि वो champion बन पाते।

RCB का यह चौथा final match था। इससे पहले टीम 2009, 2011, 2016 में भी final में पहुंची थी। 2016 में RCB Qualifier-1 जीतकर final में पहुंची थी, लेकिन final में SRH (Sunrisers Hyderabad) ने उन्हें हराया था। 

इस जीत के साथ, RCB का नाम भी IPL winners की list में दर्ज हो गया है। RCB team को मिलाकर अभी तक 8 teams IPL जीत चुकी हैं।

अब 2008 से IPL matches में जुड़ी हुई सिर्फ दो teams ऐसी हैं, जिन्हें अभी तक trophy नहीं मिली है, वो है दिल्ली और  पंजाब। साथ ही recently जुड़ी teams में केवल लखनऊ की team अभी तक trophy नहीं जीत पाई है।

IPL matches में कुछ teams ऐसी हैं, जिनकी पहचान बड़े player हैं और ऐसे ही विराट कोहली, RCB team का face हैं, जो कि भारत के एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं और youth की पहली पसंद भी।

इसलिए कल जब PBKS and RCB का final match हो रहा था, तो दर्शकों का रुझान RCB को जिताने की तरफ ज्यादा था, ऐसे में RCB team का जीतना, लोगों में खुशी की लहर ले आया।

इस जीत के साथ रजत पाटीदार, वो चौथे debut captain हो गये, जिन्होंने captain बनते ही अपना पहला season जिता दिया। इससे पहले शेन वॉर्न ने 2008 में RR के लिए पहला season जीता, रोहित शर्मा ने 2013 में mid-season में कप्तानी संभालने के बाद MI को trophy दिलाई, और हार्दिक पंड्या ने 2022 में GT को उनके debut season में champion बनाया। 

कल के match का सारा श्रेय, रजत पाटीदार, विराट कोहली और क्रुणाल पांड्या को जाता है।

रजत पाटीदार की captaincy, कोहली की धुआंधार batting और क्रुणाल पांड्या की धारदार bowling skill, जिसने 4.0 over में मात्र 17 run देकर 2 विकेट झटक लिए। इसके साथ ही क्रुणाल पांड्या Player of the Match भी बने।

किसी भी match में number of celebrities भी match का main attraction होते हैं। अब विराट कोहली था तो अनुष्का शर्मा तो होनी ही थी।

लेकिन कल celebrities में Rishi Sunak और RCB के former players - AB de Villiers और Chris Gayle main attraction थे। उन्होंने न केवल match देखा, बल्कि अपनी उत्साहपूर्वक उपस्थिति भी दर्ज कराई। वो सब विराट कोहली के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। 

जीत के बाद का जश्न तो देखने लायक होता ही है, लेकिन, विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, और डी विलियर्स की प्रसन्नता अलग ही नजर आ रही थी।

इसके साथ ही अपनी पहली IPL champion trophy जीतने के लिए RCB की पूरी team को हार्दिक बधाई...

Tuesday, 3 June 2025

Recipe : Domino's-style Stuffed Garlic Bread (oven mode)

आज आप के साथ हम ऐसी recipe, share करने जा रहे हैं, जो आज कल बच्चों से लेकर बड़ों तक सब को बहुत पसंद है।

हम बात कर रहे हैं, Domino's style classic Stuffed Garlic Bread की।

आज हम आपको ऐसी Tips and Tricks बता रहे हैं, जिससे आप without yeast, without egg इसे घर पर बहुत easily बना सकते हैं। 

आप कहेंगे कि इस recipe को तो हम पहले भी share कर चुके हैं... 

जी हां, बिल्कुल कर चुके हैं, पर वो without oven थी।

पर कुछ viewers की demand थी, कि इस recipe को oven method से भी बता दें, तो इस बार आपको microwave के convection mode पर कैसे बनाएंगे यह method share कर रहे हैं।

 Domino's style Stuffed Garlic Bread‌ (oven mode)


I) Ingredients :

For base -

  • All purpose flour - 3 cup
  • Olive oil - 3 tbsp.
  • Salt - ½ tsp.
  • Sugar - ½ tsp.
  • Fresh Curd - 1 cup
  • Baking powder - 1 tsp.
  • Meetha soda - 1 tsp.


For topping -

  • Mozzarella & Cheddar cheese mixed - 250 gm.
  • Garlic - 5 to 6 cloves
  • Butter - 50 gm.
  • Capsicum - 50 gm.
  • Sweet corn - 50 gm.
  • Jalapeño - 50 gm. 
  • Mixed Herbs - 50 gm.
  • Chilli flakes - 10 gm.


II) Method :

  1. Capsicum and jalapeño के small blocks काट लीजिए।
  2. Sweet corn को 10 min. boil कर लीजिए।
  3. Garlic cloves को mince or finely chop कर लीजिए।


For base -

  1. दही में olive oil, salt, sugar डालकर whip कर लीजिए।
  2. मैदे में, मीठा सोडा और baking powder डालकर mix कर लीजिए।
  3. दही के solution में मैदा डालकर हल्के हाथों से dough बना लीजिए। थोड़ा गीला-सा dough prepare होगा।
  4. अगर गीला-सा dough prepare ना हो तो थोड़ा दही और add कर लीजिएगा।
  5. इस dough को 20 to 25 minutes के लिए rest करने के लिए छोड़ दीजिए। 
  6. Dough फूल कर दुगना हो जायेगा।
  7. अब इस dough को एक बार फिर अच्छे से knead (सान) कर लीजिए।
  8. Kneading तब तक करनी है, जब तक मैदे में gluten develop ना हो जाए, मतलब dough बहुत soft ना हो जाए।
  9. Dough के 4 टुकड़े करके गोलियाँ बना लीजिए।
  10. इसे एक बार फिर 10 minutes के लिए rest करने रख दीजिए।
  11. इन गोलियों को flat करके सूखा मैदा लगाकर, rolling pin से हल्के हाथों से ½ inch मोटी रोटी बेल लें।
  12. Butter melt कर लीजिए, उसमें minced garlic cloves, herbs, chilli flakes add कर दीजिए।
  13. इस butter solution को brush से रोटी में अच्छे से लगा दीजिए।
  14. पूरी रोटी के side-side में butter garlic solution नहीं लगाना है।
  15. रोटी के half portion पर cheese, capsicum and jalapeño रख दीजिए।
  16. आप चाहें तो jalapeño की जगह flashy red chilli or green chillies भी लगा सकते हैं और avoid भी कर सकते हैं।
  17. ½ tsp. मैदे को 2 tsp. पानी में घोलकर slurry बना लीजिए।
  18. ‌उंगली slurry में dip करके side-by-side पूरी रोटी में लगा दीजिए।
  19. अब रोटी के दूसरे half portion को पहले वाले पर रखकर अच्छे से चिपका दें। जैसे गुझिया बनाते हैं।
  20. दबे हुए भाग को fork से एक बार फिर से दबा दें, जिससे रोटी अच्छे से seal होकर lock हो जाए।
  21. अब इसमें ऊपर की layer में 1 inch की दूरी पर cuts लगा दीजिए।
  22. इस पर Butter solution की  brushing कर दीजिए।
  23. नीचे वाले portion पर भी हल्का butter solution लगा दीजिए।
  24. अब एक microwave safe tawa, glass plate or metal tray की lining or dusting कर लीजिए।
  25. इस lining utensil पर stuffed garlic bread prepare होने के लिए रख दीजिए।


For baking -

  1. आप microwave oven को fast preheat कर लीजिए।
  2. Convention mode पर 220°C पर microwave set कीजिए।
  3. अब high rack पर जिस भी tray, tawa or plate पर stuffed garlic bread बनने के लिए रखी है, उसे रख दीजिए।
  4. 220° पर 3 minutes, 180° पर 10 minutes and 250° पर 2 minutes के लिए microwave oven को convection mode पर चला दें।
  5. Bread में दोनों तरफ browning आ जाएगी।
  6. Brush से bread में अच्छे से garlic butter solution की brushing कर दीजिए।

Your classical stuffed garlic bread is ready to serve. Enjoy it with cheese dip or tomato ketchup.


III) Tips and Tricks :

  • Base में दही में sugar ज़रूर से डालिएगा, उससे ही proper yeast replacement होगा।
  • अगर आप के पास olive oil नहीं है तो आप vegetable oil भी use कर सकते हैं।
  • Amul का grated Mozzarella & cheddar cheese (mixed) आता है। उसे use करने से सबसे अच्छा result आता है, पर अगर आप के पास only mozzarella cheese हो, तो आप उसे भी grate करके use कर सकते हैं।
  • Bread बनाते समय ध्यान रखिएगा कि filling overload मत कीजिएगा, वरना cheese निकल जाएगा।
  • Bread को seal-lock अच्छे से करना है, वरना filling बनते-बनते ही निकल जाएगी।
  • Cheese को frozen condition में ही fill कीजिए, इससे cheese जल्दी melt नहीं होता है और bread proper बनती है।
  • Bread के ऊपर में cut लगाते समय ध्यान रखिएगा कि वो cut सिर्फ ऊपरी layer तक ही रहे। Cut नीचे तक पहुंचने से cheese leak हो जाएगा।
  • Cut लगाने से दो काम होते हैं - पहला, filling बाहर नहीं निकलती है, क्योंकि heat lock नहीं होती है। दूसरा, bread prepare हो जाने पर cutting easily हो जाती है।
  • Bread बनाते समय garlic butter solution की brushing करने से bread में बहुत अच्छी browning आती है और taste भी enhance हो जाता है।
  • आप convection mode पर stuffed garlic bread बना रहे हैं, तो microwave safe tawa, glass की plate or metal tray ले सकते हैं।
  • Microwave safe tawa, glass की plate or metal tray पर घी लगाकर सूखा मैदा डालकर हिला दें और फिर extra मैदा हटा दें। इस process को ही utensils की lining or dusting कहते हैं। ऐसा कर लेने से आप bread, cake, biscuit जो भी बनाएंगे, वो बनने के बाद easily निकल जाता है, utensils में चिपकता नहीं है।
  • अगर आप glass plate ले रहे हैं तो branded plate ही  लीजिएगा, local होने से उसके बीच में ही टूटने का डर रहता है।
  • Plastic के utensils को convection mode and grill mode पर बिल्कुल मत चलाएं, वो ज़रूर से पिघल जाएंगे।
  • पहली garlic bread बनाते हुए 250°C पर 2 minutes चलाना है, उसके बाद की bread के लिए 250°C पर 1 minute के लिए ही चलाना है, otherwise over-browning हो जाएगी।
  • अगर आप diet conscious हैं तो मैदे की जगह आटा भी use कर सकते हैं।


तो बस अब क्या सोच रहे हैं, बच्चों की छुट्टियां हो गई हैं कि आज ही try कीजिए, और उन्हें vacation का suprise दीजिए।

अगर आपको without oven method देखना है तो आप इस पर click कर लीजिए - https://shadesoflife18.blogspot.com/2020/12/recipe-dominos-style-classic-stuffed.html?m=1



Monday, 2 June 2025

Article : दो जून की रोटी

आज जून माह की दो तारीख है।‌ इस दिन के साथ ही यह कहावत जुड़ी हुई है, “दो जून की रोटी” और बहुत से लोग आज के दिन इस कहावत को ज़रूर बोलते हैं, विशेषकर बड़े-बुजुर्ग लोग... साथ ही इस पर बहुत-सी memes भी बनती हैं।

एक समय था जब दो जून की रोटी बस फिल्मों में ही सुनने को मिलती थी, लेकिन जून की दूसरी तारीख को यह कहावत जोर पकड़ लेती है। ऐसे में इसका क्या मतलब है और क्यों यह कहावत इस महीने में इतनी famous हो जाती है, आइए जानते हैं।

दो जून की रोटी


हम बचपन से ही कई तरह की कहावतें सुनते आए हैं, जैसे नौ दो ग्यारह होना, आंखों का तारा, भैंस के आगे बीन बजाना, खोदा पहाड़ निकली चुहिया, जिसकी लाठी उसकी भैंस, वगैरह वगैरह। ऐसा ही एक बहुत प्रचलित मुहावरा है, “दो जून की रोटी” जिसे आजकल 2 जून की रोटी, कहकर भी बुलाया जाता है।

पुरानी फिल्मों में आपने villain को जरूर कहते सुना होगा कि "दो जून की रोटी कमाने में तुम्हारी उम्र निकल जाएगी" या फिर किसी गरीब माँ का dialogue होगा, "दो जून की रोटी के लिए बेटा मालिक की डांट भी सुननी पड़ती है"।

पर इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ क्या है, वो देखते हैं... 

बहुत से लोग सोचते हैं कि “दो जून की रोटी” का मतलब है,  जून माह की दूसरे दिन में मिलने वाला खाना, लेकिन इसका सीधा मतलब ये नहीं होता है।

दरअसल, “दो जून की रोटी”, ये एक बहुत पुरानी कहावत है जिसका संबंध अवधी भाषा से होता है, जो उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र और आस-पास में बोली जाती है।

मुहावरे का अर्थ समझें तो दो जून की रोटी का मतलब है दो वक्त की रोटी जुटाना।

जून शब्द अवधी भाषा से लिया गया है, अवधी भाषा में बात करें तो, 'जून' का मतलब 'वक्त' अर्थात, समय से होता है। इस कहावत का इस्तेमाल पुराने समय में बड़े-बुजुर्ग करते थे, जिसे वे दो वक्त यानी सुबह-शाम के खाने को लेकर कहते थे।

इस कहावत द्वारा यह कहा जाता था कि, इस महंगाई और गरीबी के दौर में 2 वक्त का खाना भी हर किसी को नसीब नहीं है। 

भारत में कहीं-कहीं भूखमरी का आलम ऐसा है जहां पर मौजूदा समय में महंगाई और गरीबी के दौर में हर एक लोग को एक रोटी भी नसीब नहीं होती है।

Actually, society में कुछ बहुत गरीब लोग ऐसे भी होते हैं, जिसे अगर सुबह की रोटी मिल जाती है तो जरूरी नहीं कि शाम की भी मिल ही जाएगी, इन्हीं लोगों द्वारा दो जून की रोटी का मुहावरा बनाया गया है।

इसके आकंड़ों की बात करें तो, भारत का एक बड़ा part BPL से नीचे है, जिनकी जिंदगी में पेट भरने की जद्दोजहद साफ देखी जा सकती है। आज के समय में इंसान रोटी के लिए ही बस दिन-रात मेहनत करता है जिसमें कई लोग पेट भरकर भी खाना नहीं खा पाते हैं।

लेकिन लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए सरकार कई योजनाएं चलाती हैं, जिसमें अंत्योदय अन्न योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना, पीएम स्वनिधि योजना, पीएम उज्जवल योजना व मनरेगा योजना जैसी कुछ प्रमुख योजनाएं हैं इनके जरिए लोगों को खाना मिल जाता है।

जून की रोटी को लेकर यह भी कहते है कि, जून का महीना सबसे गर्म होता है, ऐसे में किसान अधिक मेहनत कर घर लौटता है और तब जाकर उसे रोटी मिलती है। 

यह तारीख बताती है कि रोटी की value क्या है...

अब आप समझ गए होंगे, “2 जून की रोटी” सिर्फ एक तारीख या एक मज़ेदार कहावत नहीं है, बल्कि यह हमारी भाषा, हमारी संस्कृति और हमारे समाज के इतिहास का एक अहम हिस्सा भी है। 

तो अगली बार जब आप “दो जून की रोटी” खाएं, तो इसके गहरे अर्थ को भी ज़रूर याद कीजिए, और मान दीजिए अन्न को, उस अन्न को उपजाने वाले किसानों को, आपके घर के उस सदस्य को, जो पूरे परिवार के लिए मेहनत करके पैसे कमा रहा है, जिससे उसका पूरा परिवार भरपेट भोजन कर सके, सुख और सुकून से रह सके।

आपके द्वारा फेंका गया मुट्ठी भर भोजन भी किसी को भरपेट भोजन का सुख दे सकता है।

अतः उतना ही अन्न लें थाली में, कि बर्बाद न जाए नाली में...

ईश्वर से प्रार्थना है कि हर व्यक्ति को इतना धन-धान्य दें कि सभी लोगों के पूरे परिवार को दो जून की रोटी नसीब हो, सभी को सुख व सुकून मिले।