Friday, 6 June 2025

Article : राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा

कल एक बार पुनः अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया।

बहुत से लोगों के मन में यह विचार आ रहा था कि प्राण प्रतिष्ठा तो हो चुकी थी, तो एक बार पुनः क्यों?

बार-बार प्राण प्रतिष्ठा... यह क्या लगा रखा है?

राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा


पहले प्राण प्रतिष्ठा प्रभु श्री राम के बाल रूप रामलला की हुई थी और अब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन किया गया‌ है। 

अर्थात प्रभु श्री राम के पहले बालरूप की और अभी उनके राजा रामचंद्र के स्वरूप की स्थापना की गई है।

एक ही मंदिर में एक ही मूर्ति की बार-बार प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती है, पर अलग-अलग मूर्ति होने से एक से अधिक बार एक ही मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है।

वैसे हम अपने जीवन से जुड़े कितने ही आयोजन को बहुत बार करते हुए भी हर्षित होते हैं, फिर ईश्वरीय आयोजन तो जितनी बार भी हों, उतना ही अच्छा, उतना ही हर्ष और उतनी ही उनकी कृपा वर्षा...

फिर मन‌ में किसी भी तरह की शंका का विचार क्यों?

चलिए, इस भव्य आयोजन से प्रेमपूर्वक जुड़ जाएं...

मंदिरों में आए दिन भव्य आयोजन का कार्यक्रम होते रहना चाहिए।

कल गंगा दशहरा था, अतः बहुत ही शुभ मुहूर्त था या एक अभिजीत मुहूर्त था, जिसमें उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्राण प्रतिष्ठा का पुन्य कार्य सम्पन्न किया। 

यह कार्यक्रम 3 से 5 जून के बीच संपन्न हुआ, जिसमें मुख्य कार्यक्रम 5 जून को किया गया, जब सभी देवी-देवता अपने-अपने भवन में विराजमान किए गए।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में माहौल भक्तिमय हो चुका था। राम मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के साथ अन्य 7 देवालयों में देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया गया था। इन 7 देवालयों को फूलों से सजाया गया और बाहरी हिस्से बिजली की सजावट से जगमग हो रहे थे। स्वर्ण जड़ित शिखर कलश चमक रहे थे।

पूरा अयोध्या ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानो पुनः रामराज्य स्थापित हो गया हो, जो एक स्वार्गिक सुख प्रदान कर रहा था।

मंगलवार सुबह 6:30 बजे से प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो गए थे। यह पूजा-पाठ अगले 12 घंटे तक जारी रही। 101 पुजारियों ने इस दौरान 1975 मंत्रों का पाठ किया। अग्नि देवता को आहूति दी, साथ ही, मूर्तियों के शुद्धिकरण की विधि को भी पूरा कराया गया, इस प्रकार से पूजन विधि को संपन्न कराया गया।

मंदिर के पहले तल पर स्थित भव्य रामदरबार और गर्भगृह के चारों कोनों में बने परकोटे के सात अन्य मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई।


प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में जिन देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई :

  • राम दरबार
  • शिवलिंग
  • गणपति जी 
  • हनुमान जी
  • सूर्य देव
  • देवी भगवती
  • माँ अन्नपूर्णा 


राम दरबार (प्रभु श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, भक्त शिरोमणि हनुमानजी) के अलावा, प्रथम पूज्य गणेश जी, श्री राम जी के आराध्य भगवान महादेव (शिवलिंग, जिसे नर्मदा नदी से लाया गया है), प्रभु श्री राम सूर्यवंशी थे, अतः सूर्य देव, शक्ति स्वरूपा माँ भगवती और माँ अन्नपूर्णा  उपस्थित हैं।

आपकी जिसमें श्रद्धा है, उन सबकी पूजा कर राम मंदिर से संतुष्ट होकर लौट सकते हैं।

अयोध्या, जो अभी तक रामजन्म भूमि के रूप में स्थापित था, अपनी पूर्णता को प्राप्त कर सम्पूर्ण रामराज्य में परिवर्तित हो गया। 

राम मंदिर, जो पूर्व में ही अपनी दिव्यता और भव्यता से परिपूर्ण था, उसमें गंगा दशहरा के विशेष पर्व के दिन हुई राम दरबार व अन्य 7 देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा उसे पावनता के उत्कृष्ट आयाम पर ले गयी है।

अगर आप अभी तक राममंदिर के दर्शन करने नहीं पहुंच पाए हैं, तो शीघ्र वहां जाने की तैयारी करें, अयोध्या में राममंदिर के दर्शन मानो साक्षात ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति...

जय श्री राम 🚩 

No comments:

Post a Comment

Thanks for reading!

Take a minute to share your point of view.
Your reflections and opinions matter. I would love to hear about your outlook :)

Be sure to check back again, as I make every possible effort to try and reply to your comments here.