Monday 31 July 2023

Recipe: Dahi Fry

 आजकल सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में क्या बनाया जाए, कुछ नहीं सूझता है। तब आपको कुछ ऐसा पता चले, जो healthy तो हो, पर tasty भी हो। Easily भी prepare हो और instantly भी... 

अब आप कहेंगे कि ऐसा हो, वैसा हो... कहने से कहां सब अच्छा हो जाता है। कोई जादू की छड़ी है, जो मन चाहा हो सकता है।

तो हम कहेंगे कि, बिल्कुल ऐसा हो सकता है, क्योंकि आज हम जादू का कारनामा ही करने जा रहे हैं।

 Veggies नहीं होगी पर healthy सब्जी होगी और tasty तो ऐसी कि बड़ों से लेकर बच्चों तक सब उंगली चाटते रहेंगे। झटपट बन  जाएगी, तो गर्मी में पसीना भी नहीं बहाना...

तो चलिए झटपट से इसकी recipe देख लेते हैं।

दही तड़का  



Ingredients

Cream Curd - 250 gm.

Finely chopped Onion - 1 

Finely chopped Ginger - ½ Inch

Finely chopped Garlic - ½ inch 

Finely chopped green chillies -2 to 3

Curry leaves - 5 to 6 

Dry red chilli - 2 or as per taste

Coriander powder - ½ tsp 

Kashmiri lal mirch - ½ tsp.

Salt - as per taste

Garam masala - ½ tsp.

Cumin seeds - ½ tsp.

Asafoetida - ¼ tsp.

Kasuri methi - ½tsp.

Mustard oil - 1 tbsp. 


Method 

  1. दही में नमक डालकर अच्छे से फेंट लें।
  2. एक wok लीजिए। 
  3. उसमें oil डालकर गर्म कर लीजिए। अब slow flame कर दीजिए।
  4. गर्म Oil में जीरा, हींग, लहसुन, हरी मिर्च, प्याज़, अदरक, सूखी लाल मिर्च डालकर भून लें।
  5. जब प्याज़ हल्की गुलाबी हो जाए तो इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, गर्म मसाला डालकर अच्छे से चला लें, फिर उसमें कश्मीरी लाल मिर्च डालकर अच्छे से mix करें। वो gas off कर दीजिए।
  6. मसाला हल्का ठंडा हो जाए तो इसमें फेंटा हुआ दही mix कर दीजिए।
  7. अब फिर से slow flame पर दही fry की wok रख दें। उसमें crush कर के कसूरी मेथी डालकर mix कर दें।
  8. एक से दो मिनट के लिए दही को slow flame पर रहने दीजिए। जिससे दही में। सारा मसाला अच्छे से incorporate हो जाए।
  9. अगर आप के पास fresh coriander leaves हैं तो महीन काटकर उससे दही fry को garnish कर दीजिए।  

Now healthy, yummy and tasty Dahi fry is ready to serve. You can serve it with Paratha, Puri and roti etc...

Tips and tricks के बिना तो कोई recipe, complete ही नहीं हो सकती है। तो चलिए झटपट tips and tricks भी देख लेते हैं। 

 Tips and Tricks 

1. दही creamy होने से dish ज्यादा अच्छी लगती है। अगर दही गाढ़ी ना हो तो थोड़ी देर कपड़े में बांध कर लटका लीजिए।

2. दही fresh या sour अपने taste के according लीजिए।

3. अगर आप प्याज, लहसुन नहीं खाते हैं तो उसे discard कर सकते हैं। वैसे authentic taste में onion and garlic डाला जाता है।

4. आप तीखापन, अपने taste के according कम या ज्यादा कर सकते हैं।

5.  मसाले में दही डालते समय gas off कर दीजिए, जिससे दही फटे नहीं या वह पानी ना छोड़े।

6. आप इसे ठंडा या गर्म कैसे भी serve कर सकते हैं। दोनों ही तरह से यह बहुत tasty लगता है। 

7. अगर आप के पास और सब्जियां हैं तो आप इसे as a side dish, use कर सकते हैं। और अगर यह बच जाए तो आप कोई सी भी gravy वाली सब्जी में इसे डाल देंगे तो, वो सब्जी बहुत tasty बन जाएगी।

तो सोचना क्या है, झटपट तैयार करें और अपने lunch or dinner पर चार चांद लगाएं।

Saturday 29 July 2023

Story of Life: माँ का साथ (भाग - 4)

माँ का साथ (भाग -1), 

माँ का साथ (भाग -2) और

माँ का साथ (भाग-3) के आगे...

माँ का साथ (भाग -4) 


सच! रंजना दी..., आशना खुशी से झूम उठी, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन है, और आप मेरे लिए फरिश्ता... आप बताइए ना मुझे, मैं आपकी ताउम्र शुक्रगुजार रहूंगी।

ठीक है तो सुनो...

पर उसके पहले यह सुन लो, जिसे मैं गलती कह रही थी...

हाँ, वो क्या था, आशना ने सोचते हुए पूछा

मेरे सास-ससुर दोनों ही अपने बेटे को बहुत प्यार करते हैं और मुझे भी... इसलिए उन लोगों की जिंदगी का मकसद हम दोनों थे। अतः उनकी सोच का दायरा हम तक सीमित था।

वो कुछ भी हम लोगों से परे सोचते ही नहीं थे। क्या खाना है, क्या पहनना है, कहां घूमने चले, सब कुछ... मेरे ससुर बहुत शौकीन व्यक्ति हैं, तो खाना, पहनना, ओढ़ना, घूमना-फिरना, मौज मस्ती बहुत होती थी। 

वो सब तो प्रेम में करते थे, पर मुझे बंधन लगता था। और बस यही कारण था, मेरा उनसे अलग होने का...

मैंने राज से अलग होने की बात कही, वो समझ नहीं पाए कि आखिर वजह क्या है। जब उन्होंने अपने मम्मी पापा से कहा तो उनका दिल टूट गया।

सबने मुझसे साथ रहने को कहा, पर मुझ पर अलग होने की सनक सवार थी। रोज़-रोज़ के मेरे तुनकने से पापा जी ने हमें अपना यह घर रहने को दे दिया। 

पर जब मैं यहां आयी तो, कुछ दिन तो सुनहरे निकल गये, जब तक राज की छुट्टी थी। उसके बाद मैं घर में बिल्कुल अकेली रह गई, दीवारों से बातें करने के लिए, क्योंकि राज सुबह 8 बजे निकलते, तो रात 9- 10 बजे से पहले आते नहीं थे। फिर थके इतने होते थे कि खा पीकर तुरंत सो जाते थे।

मेरे पास अपना घर था, नौकर-चाकर थे, गाड़ी थी, आजादी थी। फिर भी मैं खुश नहीं थी।

क्योंकि मेरे सुख-दुख को सुनने-बांटने वाला कोई था ही नहीं, मेरा कुछ खाने का मन हो तो खुद बनाओ, लाड़-लड़ाने वाला कोई नहीं था। 

मुझे दुःख हो तो आंसू पोंछने वाला कोई नहीं था। कभी घर से बाहर जाते थे, तो इंतज़ार करने वाला कोई नहीं था, हमारे घर लौटने पर दरवाजा खोलने वाला कोई नहीं था, खुद ही दरवाज़ा खोलना होता था।

हमने अपने सारे programs, अपने नौकर-चाकर के आने के समय से बनाने पड़ते थे। उनके आने जाने से हमारा हर program बंधा रहता। 

जब से बच्चे हुए, तब से तो रही सही आजादी, पूरी तरह से खत्म हो गई।

In short, मुझे समझ आने लगा था कि पहले प्रेम था और अब बन्धन...

तो आप वापस अपने ससुराल क्यों नहीं लौट गयी?

बहुत दिनों तक तो हिम्मत ही नहीं जुटा पाई कि किस मुंह से कहूं? मैंने ही तो अलग होने का हंगामा काटा था। बच्चों के होने के बाद अलग रहना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

तो नहीं रहा गया तो राज से कहा तो, पापा जी ने कहा कि बहुत मुश्किल से प्रेम और मोह के बंधन से मुक्त होकर जीना शुरू किया है।

इस बार तो जी गये, पर दुबारा साथ रहने के बाद, अगर फिर किसी भी कारण से अलग हुए तो नहीं जी पाएंगे, क्योंकि इस बार बंधन पोता पोती का भी होगा।

अब ऐसे ही रहो आजादी से, जब बहुत याद आए तो मिल लिया करेंगे। 

इसलिए घर की यह एक दीवार मेरे अस्तित्व और पहचान की है, जिसमें मेरे सास-ससुर व मम्मी पापा की फोटो लगी है। और मेरी गलती यह है कि जो जगह मैंने दीवार को दी, वो दिल को नहीं दे पाई।‌‌‌‌‌ वरना मेरा घर प्यार और आशीर्वाद से भरा होता।

हम लोगों को मां-पापा का प्यार बंधन नहीं लगता है, उनसे अलग होने की कल्पना नहीं करते हैं तो सास-ससुर का प्यार बंधन क्यों लगता है? उनसे अलग होने की जद्दोजहद क्यों?

तभी कार्तिक का phone आ गया कि मैं 5 minute में पहुंच रहा हूं, तुम कोई चूड़ी या कड़ा पहन कर आई हो? 

हां, पर क्यों?

Jeweler की shop पर तुम्हारे हाथ का size छोड़ देंगे, जिससे तुम्हारे लिए सोने के कंगन बन जाए... माँ ने बताया तो था, तुम भूल गयी?

Ok, तुम रंजना दी के घर ही आ जाना, मैं वहीं हूं...

कार्तिक से बात कर के आशना को अपनी भूल का एहसास हुआ कि माँ उस पर प्यार लुटा रही है और वो उनके एकलौते बेटे, उनकी जीवन भर की जमा पूंजी को छीन ले रही थी।

आशना ने कहा, रंजना दी आपकी सारी बातें ने मेरा मन बदल दिया। सच में सास-ससुर के प्यार को हम कभी देख ही नहीं पाते हैं।

मैंने मन बना लिया है कि अब मैं अपनी मां से कभी अलग नहीं होंगी। माँ का साथ ही सुखद जीवन है...

सच है, जो गलती मैंने की, वो तुम मत करना, माँ का साथ रहेगा तो तुम्हारा घर प्यार और आशीर्वाद से सदैव भरा रहेगा... 

तभी कार्तिक आ गया, उसके आने के बाद आशना ने कहा, तुम सीधे घर चलो, माँ इंतजार कर रही होंगी।

फिर कंगन?... 

मुझे नहीं चाहिए, मुझे उससे बड़ा खजाना मिल गया है, माँ के साथ का...

कार्तिक, आशना के बदले रुप से बहुत खुश था कि अब जिंदगी भर माँ का साथ रहेगा, उसने बहुत कृतार्थ भरी नजरों से रंजना से विदाई ली, वो समझ रहा था कि इस सोच के पीछे रंजना दी ही है। 

रंजना भी खुश थी कि आज उसकी वो गलती कुछ हद तक तो माफ़ हो गई, उस कारण से एक घर तो टूटने से बच जाएगा, एक माँ का साथ तो उसके लाडलो को जिंदगी भर मिलेगा...

Friday 28 July 2023

Story of Life : मां का साथ (भाग -3)

मां का साथ (भाग -1)

मां का साथ (भाग -2) के आगे...

 मां का साथ (भाग -3) 


तुमने ठीक कहा आशना, यह मेरी गलती ही है!... 

गलती... कैसी गलती? कौन हैं यह लोग...

यह लोग मेरा अस्तित्व हैं, मेरी पहचान हैं...

क्या? यह आपके मम्मी-पापा हैं? पर सारी तस्वीरें तो एक से जैसे लोगों की नहीं लग रही है, तस्वीरों को फिर से देखते हुए आशना बोली...

हां यह मेरे मम्मी पापा की ही तस्वीरें हैं। कुछ तस्वीरें उनकी हैं, जिन्होंने मुझे जन्म दिया है, साथ ही कुछ ऐसी हैं, जिन्होंने मुझे जिंदगी दी...

जिंदगी!.. मतलब? क्या आपके मम्मी-पापा, आपके बचपन में ही इस दुनिया से चले गए थे?

समझो तो वैसा ही है...

क्या कहना चाहती हैं रंजना दी? खुलकर बताइए, झुंझलाती हुई आशना बोली...

आशना, तुम्हें पता है, लड़कियां जब तक मायके में होती हैं, बच्ची ही होती हैं। 

कोई जिम्मेदारी नहीं, कोई अपेक्षा नहीं, बस बच्चों की तरह हर बात पर मां-पापा की ओर देखना, फिर वो जैसे कहें, वैसा ही करना और वैसा ही सोचना...

बड़े तो हम तब हो जाते हैं, जब हमारी शादी हो जाती है, क्योंकि तब ही हमारी सोच पनप जाती है। क्या सही है क्या ग़लत, हमारा अस्तित्व, हमारी पहचान आदि...

तभी हम पर जिम्मेदारियां आती है, हमसे अपेक्षा रखी जाती है।

और हम में से बहुत उसे निभाना नहीं चाहते हैं, और मैं भी तुम्हारी तरह वैसी ही थी। 

क्या मतलब?... आशना ने भृकुटी तानते हुए कहा..

मतलब मुझे भी आजादी चाहिए थी। मैं भी सिर्फ अपने पति के साथ ही रहना चाहती थी। हर काम अपनी मर्जी का, हर बात अपनी पसंद की। 

अपने घर की, अपनी जिंदगी की खुद मालकिन, सास-ससुर की बात से ही सब हो, यह गवारा नहीं था मुझे।

फिर क्या हुआ? आशना ने उत्सुकता से पूछा...

होना क्या था, मेरे ऊधम मचाने से, और घर की शांति को कायम रखने के कारण, मेरे सास-ससुर व पति ने निश्चय किया कि, हम एक ही शहर में रहते हुए अलग रहें।

ऐसा होने से मुझे विजयी होने का एहसास हुआ और मैं अति प्रसन्न रहने लगी।

दिन भर सहेलियों से, रिश्तेदारों से बातें, shopping, kitty party, घूमना फिरना, बस मस्ती ही मस्ती...

जिंदगी जैसे सपनों सी थी, दिन ऐसे बीत रहे थे, जैसे फिल्मों और serials में दिखाते हैं, बस रोमांस ही रोमांस।

ऐसा लगता था कि हम दोनों, Hero and heroine हैं।

Wow! What a life... कहकर आशना की आंखें चमक गई। ऐसी ही जिंदगी की तो कल्पना कर रही थी वो... 

रंजना दी, आपने सही पहचाना था, मुझे नहीं रहना अपनी सास के साथ... हर चीज़ उनके हिसाब से करो, यह मुझे नहीं जमता।

शादी करने से फायदा ही क्या? जब अभी भी दूसरों के हिसाब से ही जीना पड़े... मुझे मेरा अपना घर चाहिए, अपनी मर्ज़ी, अपनी जिंदगी...

आप की बातों में मुझे अपने सपनों की तामीर होती हुई दिखाई दे रही है। 

आप मुझे बताइए ना कि आप ने ऐसा क्या कहा? क्या किया? कि आप ने एक शहर में रहते हुए भी अपनी इतनी सुन्दर दुनिया बना ली...

रंजना ने कहा, यह कौन कठिन काम है। मैं तुम्हें वो सब बता सकती हूं कि आज से कल तक में ही तुम अपनी दुनिया बसा सकती हो..

सच! रंजना दी..., आशना खुशी से झूम उठी, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन है, और आप मेरे लिए फरिश्ता... आप बताइए ना मुझे, मैं आपकी ताउम्र शुक्रगुजार रहूंगी।

ठीक है तो सुनो...

आगे पढ़े, माँ का साथ (भाग -4) अंतिम अंक में 

Thursday 27 July 2023

Story of life: माँ का साथ (भाग -2)

 मां का साथ (भाग - 1) के आगे... 

माँ का साथ (भाग- 2)


एक दिन वो kitty party में गयी थी, वहां उसकी ज्यादातर सहेली, अपने ससुराल से अलग रहती थीं। उन्हीं में से एक रंजना भी थी, जिसके घर आज की kitty party थी...

आशना सबके बीच में बहुत खुश थी। सारी ladies बहुत मस्ती के mood में थीं। खूब variety के नाश्ते-खाने की चीजें, music, नाच-गाना, ठहाके...  

एक अलग ही माहौल था। सब बेपरवाह, एक अलग ही दुनिया में..

सभी अपने अलग रहने के फैसले से बहुत खुश थीं और अपनी आजादी के जश्न को मना रही थीं।

उन सबकी बातें और मौज मस्ती सुन और देखकर आशना ने भी अपना मन पुख्ता कर लिया था कि आज घर जाकर कार्तिक से फैसला करवा के ही मानेगी कि या तो वो साथ रहेगी या माँ...

अब वो किसी भी कीमत पर अपनी आजादी, अपनी मौज मस्ती को बर्बाद नहीं होने देगी। 

जब kitty party over हो गई, सब एक एक करके अपने अपने घर को रवाना होने लगीं...

अब वहां केवल रंजना और आशना रह गये थे। 

आशना ने रंजना से कहा कि उसे लेने कार्तिक आएगा और आज एक important meeting है, इसलिए आते-आते थोड़ा time लग जाएगा। 

रंजना बोली, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें  तुम्हारे घर drop करवा दूं? मैं अपने driver से बोल दूंगी, वो अभी अपने घर नहीं गया है...

आशना ने कहा कि, रंजना दीदी अगर आपको problem ना हो तो मैं यहीं रुकूंगी, actually मुझे कार्तिक के साथ, jewelers के पास भी जाना है। मेरी सास ने आज सोने के कंगन लाने को कहें हैं।

It's ok, मुझे कोई problem नहीं है, तुम्हारे यहां रहने से मुझे अच्छा ही लगेगा।

पर तुम थोड़ी देर अकेले बैठोगी? मैं तब तक सब समेट दूं। बच्चे और husband आ जाएंगे तो फैला घर अच्छा नहीं लगेगा। 

ओह हां, आप कर लीजिए अपना काम, मैं यहां बैठी हूं।

रंजना सब समेटने चली गई, उसकी maid उसका हाथ बंटा रही थी।

आशना वहीं बैठी, पूरा घर देख रही थी। 

घर करीने से सजा हुआ था। एक-एक चीज modern सोच की दिख रही थी।

तभी उसका ध्यान दीवार पर लगी photo पर गया, वहां जो photo लगी थीं, उसमें रंजना, उसके पति, बच्चों की बहुत सारी photos लगी थीं। और उस दीवार के बगल में भी कुछ photos थीं, जिसमें सभी बूढ़े लोगों की photo थी। कुछ ऐसी भी photo थीं, जिसमें जवान लोग भी थे पर वो सारी black and white थीं। 

जिन्हें देखकर लग रहा था कि जिन बूढ़े लोगों की photo हैं, black and white, उन्हीं की जवानी की photo थीं। 

आशना को वो कोना ज्यादा पसंद नहीं आया। उसने रंजना के आते से ही बोला, आपका घर बहुत सुंदर है रंजना दी, सब modern चीजें हैं। सिवाए इस दीवार के... लगता है जैसे यह तस्वीरें, गलती से यहां लगा दी गई हो... 

तुमने ठीक कहा आशना, यह मेरी गलती ही है!... 

गलती... कैसी गलती? कौन हैं यह लोग..

अब आगे, माँ का साथ (भाग -3) में

Wednesday 26 July 2023

Story of Life: माँ का साथ

 माँ का साथ




कार्तिक अपनी माँ, सिया का एकलौता व लाडला बेटा था। बचपन में ही उसके पिता का साया उसके सिर से उठ गया था।

मां ने पिता की जगह, बैंक में नौकरी कर ली थी। साथ ही रात में छोटे बच्चों को tuition भी पढ़ाती थी, जिससे कार्तिक को किसी तरह की कोई कमी नहीं रहे।

कार्तिक भी अपनी माँ के कहे बिना कुछ नहीं करता था। हर बात, वो मां से ही पूछता था। 

जब कार्तिक छोटा था, तब तो सिया भी यही चाहती थी कि, कार्तिक सिर्फ उसी से जुड़ा रहे, पर जब वो बड़ा हो गया तो, सिया उससे हमेशा यही कहती कि, कार्तिक अब तुम बड़े हो गए हो, अब तुम खुद समझा करो कि तुम्हें क्या करना है...

पर कार्तिक, हमेशा यही कहता, आप से बड़ा तो कभी नहीं होऊंगा, तो कैसे बड़ा हो गया? और मां को गले लग जाता... मां-बेटे के प्यार को पूरा मोहल्ला जानता था। 

कार्तिक पढ़ने में बहुत होशियार था, हमेशा अव्वल आता था, पहली ही बार में उसने entrance exam clear कर लिया और बड़ी government company में officer बन गया। 

कार्तिक गोरा, ऊंचे-लम्बे डील-डौल वाला बहुत ही smart लड़का था, फिर government officer... उसके लिए रिश्तों की लाइन लग गई।

सिया ने बड़ी धूमधाम से अपने बेटे की शादी आशना से कर दी।

आशना, जितनी खूबसूरत थी, उतनी ही नकचढ़ी और आलसी भी। 

कुछ ही दिनों में उसे, सिया और कार्तिक का रिश्ता खटकने लगा। उसनेे अलग रहने का मन बनाना शुरू कर दिया। 

वो आए दिन, कार्तिक से अलग घर लेने को कहा करती, पर कार्तिक, एक कान से सुनता और दूसरे से निकाल देता.. 

आशना ने घर में रहना कम और social parties में रहना ज़्यादा शुरू कर दिया...

एक दिन वो किटी पार्टी में गयी थी, वहां उसकी ज्यादातर सहेली, अपने ससुराल से अलग रहती थीं। उन्हीं में से एक रंजना भी थी, जिसके घर आज की kitty party थी...

आगे पढ़े, माँ का साथ (भाग -2) में...

Monday 24 July 2023

India's Heritage : महर्षि दधीचि- अस्थियों के दानी

हमारा भारत, हमारा सनातन, हमारा हिन्दुत्व, भरा पड़ा है कौतूहल से, अविश्वसनीय सत्य से... ऐसी कई कहानियों से, जिनमें से कुछ हमने सुनी हैं, तो कुछ कभी सुनी ही नहीं होगी।

आज अपने विरासत के इस अंक में आपको एक ऐसी ही कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो जितनी अविश्वसनीय है, उतनी ही रोचक भी,  कुछ ने सुनी होगी पर कुछ लोगों ने नहीं भी सुनी होगी... 

महर्षि दधीचि-  अस्थियों के दानी 



कहानी है महर्षि दधीचि की, महर्षि दधीचि  बहुत ही उच्च कोटि के ऋषि थे। जो सदैव जप-तप व साधना में लीन रहते थे।

एक बार देव व असुर में भयंकर युद्ध छिड़ गया। वृत्रासुर ने स्वर्ग पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया। किसी भी तरह से युद्ध जीतने के कोई आसार नहीं दिख रहे थे। 

सभी देवता अपनी व्यथा लेकर ब्रह्मा, विष्णु व महेश के पास गए, लेकिन कोई भी उनकी समस्या का निदान न कर सका। 

बाद में ब्रह्मा जी ने देवताओं को एक उपाय बताया कि पृथ्वी लोक में 'दधीचि' नाम के एक महर्षि रहते हैं। यदि वे अपनी अस्थियों का दान कर दें और उन अस्थियों से एक वज्र बनाया जाए तो उसकी सहायता से युद्ध जीता जा सकता है। 

कैसी विचित्र बात है कि, हम मनुष्य अपनी हर मुश्किलों के हल के लिए देवताओं के शरण में जाते हैं और उन्हीं देवताओं को अपनी मुश्किलों के हल के लिए एक मनुष्य की शरण में आना था। 

पर सोचने वाली बात यह है कि अगर ऐसा था तो वो मनुष्य, साधारण मनुष्य तो हो ही नहीं सकता, वो कोई विशेष विभूति ही होंगे.... 


कभी-कभी भगवान को भी,

भक्तों से काम पड़े।

जीतना था युद्ध तो,

देवता दधीचि के द्वार खड़े।


तो ऐसे विशेष विभूति, महर्षि दधीचि के पास देवता पहुंचे और उन्होंने बहुत सकुचाते हुए, महर्षि को अपनी व्यथा बताई और कहा कि युद्ध जीतने के लिए उन्हें उनकी अस्थियों का दान चाहिए... 

आप समझ रहे हैं, उनसे एक ऐसे दान की कामना की गई थी, जिसे देने के लिए महर्षि दधीचि जी को अपने शरीर का त्याग करना पड़ता...

और यह दान मांगने वो इंद्र देव आए थे, जो यह सोचते थे कि महर्षि दधीचि, इसलिए जप-तप करते हैं, क्योंकि उन्हें स्वर्ग की कामना है।

 यहां तक कि उनके वध के लिए एक बार इंद्र देव ने अपनी सेना भी भेजी थी, वो अलग बात है कि इंद्र देव की सेना महर्षि दधीचि के तप व परोपकार की दीवार तक भी नहीं भेद पाई थी, तो उनके निकट क्या ही पहुंच पाती, और वध वो तो बहुत दूर की बात है...

महर्षि दधीचि, वेद शास्त्रों आदि के पूर्ण ज्ञाता थे। वो जितने बड़े तपस्वी थे, उतने ही दयावान और सरल व्यक्ति भी थे।

वो इतने महान थे कि, उन्होंने इंद्र देव की करनी पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। वो देवताओं का दुःख दूर करने के लिए शरीर भी त्यागने को तत्पर हो गये..

जहां सभी, धन-दौलत तक दान करने से पहले भी कई बार सोचते हैं। अपने घर परिवार के लिए पहले सोचते हैं, बाद में अन्य किसी के बारे में, वहीं महर्षि दधीचि जी ने किसी के बारे में कुछ नहीं सोचा। यहां तक कि उनकी पत्नी गर्भवती थीं, पर महर्षि दधीचि ने अपनी पत्नी की भी चिंता नहीं की व तप में लीन होकर शरीर त्याग दिया और अपनी अस्थियां देवताओं को दान कर दी।

कुछ किंवदंतियों के अनुसार, यह एक कठिन प्रश्न था कि, महर्षि दधीचि जी के शरीर से देह हटाकर अस्थियां निकालने का कार्य कौन करेगा। 

क्योंकि जितना कठिन था महर्षि दधीचि जी से अस्थियों का दान मांगना, उससे भी ज्यादा कठिन था, ऐसे तपस्वी, दयालु परोपकारी और ज्ञानी ऋषि के शरीर से देह और अस्थियों को अलग करना...

तब इस समस्या का समाधान करते हुए महर्षि दधीचि जी ने अपने शरीर पर मिष्ठान्न का लेपन किया और समाधिस्थ हो गए। 

कामधेनु गाय ने उनके शरीर को चाटना आरंभ कर दिया। कुछ देर में महर्षि के शरीर की त्वचा, मांस और मज्जा उनके शरीर से विलग हो गए। मानव देह के स्थान पर सिर्फ उनकी अस्थियां ही शेष रह गईं। 

जिन्हें देवता अपने साथ ले गए...

जैसे महर्षि दधीचि महान थे, वैसी ही पतिव्रता उनकी पत्नी गभस्तिनी भी थीं।

अतः जब उनकी पत्नी गभस्तिनी को पता चला कि महर्षि दधीचि ने देह त्याग दी है तो उन्होंने अपने गर्भ को पीपल के कोटर में रख दिया और महर्षि दधीचि के साथ सती हो गई। 

देवताओं के राजा इन्द्र के लिए विश्वकर्मा जी ने महर्षि दधीचि की रीढ़ की हड्डियों से वज्र बनाया। जिसकी सहायता से, देवताओं ने युद्ध में विजय प्राप्त की। 

पर देवताओं के इस विजय अभियान में, महर्षि दधीचि व गभस्तिनी का पुत्र पैदा होने से पहले ही अनाथ हो गया। क्या हुआ उनके पुत्र का? कैसे उसका जीवन व्यतीत हुआ? जानते हैं विरासत के अगले अंक में...

महर्षि दधीचि के पुत्र की कहानी तो अपने पिता से भी अधिक अविश्वसनीय और रोचक है.. आप सबसे अनुरोध है, उसे भी अवश्य पढ़िएगा, वह कहानी, बहुतों की अनसुनी कहानी होगी...

तब तक के लिए...

जय हिन्दुत्व जय भारत 🕉️ 🇮🇳

Friday 21 July 2023

Article : जिंदगी में मज़े कीजिए

आजकल, जिसको देखो, वही depressed है, परेशान है, दुखी है, उलझा और थका हुआ है। तो आज एक ऐसा article डाल रहे हैं, जिसे दिल से पढ़िएगा, यह आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाएगा, जहां सुकून है, सफलता है, नाम है, यश है और संतुष्टि भी है...

कुछ दिन पहले एक article डाला था, Have Fun( मज़े कीजिए) उसे आप सबने बहुत सराहा है, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद!  इसलिए आज यह article लिख रहे हैं, जो आपको जिंदगी के और करीब ले जाएगा...

जिंदगी में मज़े कीजिए  

   

हमारे पतिदेव और बेटा दोनों ही workaholic हैं, साथ ही साथ जिन्न भी हैं...

आप बोलेंगे कि workaholic तो समझ आया, पर जिन्न?...

जिन्न, मतलब जो भी काम दो, वो perfection के साथ बहुत जल्दी खत्म कर लेते हैं कि अब दूसरा काम बताओ... 

हमने आपको उनकी यह विशेषता क्यों बताई, आप आगे correlate कर लेंगे...

हम अपने पति, बेटी, बेटा, जो भी अपने work place पर जाते हैं, उनको जाते वक्त कहते हैं, जाइए मज़े कीजिए... 

बच्चे अभी छोटे हैं, job नहीं कर रहे हैं, college and school जाते हैं, पर बच्चों का work place तो वहीं है ना...

रोज़-रोज़ यह सुनकर, एक दिन पतिदेव बोले, तुम्हें क्या लगता है हम लोग मज़े करने जाते हैं? 

इतना काम रहता है कि सिर उठाने की फुर्सत नहीं है, सुबह से शाम तक में हालत ख़राब हो जाती है। बच्चे भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हैं तो मज़े काहे बात के? ऐसा वो तब बोल रहे थे, जबकि वो सब workaholic और जिन्न हैं..

हमने कहा, ठीक है नाराज़ ना होइए, पहले आप के मज़े कैसे होते हैं, वो बताते हैं.. 

आप जब office जाकर अपना काम perfection के साथ करते हैं तो आप की तारीफ होती है, सभी आपको सम्मान देते हैं, आपका एक अस्तित्व है, एक पहचान है। आपको आपके work performance के लिए handsome salary मिलती है। कितने लोगों से मिलने का मौका मिलता है, उनके विचार जानने को मिलते हैं और कितने ही लोग आपके विचारों को समझते हैं, उन्हें साझा करते हैं। मतलब आपको name, fame, wealth सब मिल रहा है, वो मज़े ही तो हैं..

यह सब तब मिलते हैं, जब दुनिया भर का काम करो और stress लो, ऐसे ही नहीं मिल जाते हैं...वो अभी भी नहीं मान रहे थे..

बिल्कुल बिना काम के कौन पूछता है, पर इससे यह सिद्ध होता है कि आप अपने काम में perfect हैं, आप deserve करते हैं कि वो सब आपको मिले जो आपको मिल रहा है, वो आप को कामचोरी, बेइमानी या किसी source के कारण नहीं मिल रहा है। आपकी मेहनत, लगन और ईमानदारी के कारण मिल रहा है।

आपको ईश्वर ने इस लायक बनाया है कि सफलता को प्राप्त करें, जीवन में मज़े करें, क्योंकि जब किसी भी व्यक्ति को अपने कर्म का मूल्य मिलता है वो मज़े का ही पर्याय होता है। 

अच्छा चलो, बच्चों का बताओ...

बच्चे अगर पढ़ने जा रहे हैं तो यही, यह सिद्ध करता है कि वो मज़े करने जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें वो करने को मिल रहा है, जो उन्हें इस उम्र में मिलना चाहिए...

उसके साथ ही ज्ञान, अच्छे teacher, friends, एक अच्छा atmosphere, playground etc भी उन्हें मिलता है... उन्हें ईमानदारी से अपनी पढ़ाई करनी है और stress free life गुजारनी है, तो हुए ना मज़े...

अच्छा तो मतलब, बाहर जाने वाले सबके मज़े होते हैं... और मज़े नहीं होते हैं, तो केवल house wife के ना? 

नहीं... हमने कब कहा? काम तो उनके पास बेइंतहा होता है, फिर भी उनके भी मज़े हैं, वो सबको भेजकर, खुद घर में रह जाती हैं। इस त्याग से उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है कि घर के हर एक सदस्य की जिंदगी में शामिल हैं, उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने में...

साथ ही उनका कोई Boss नहीं होता है, वो किसी दूसरे के लिए काम नहीं करती हैं वो अपनी मालकिन खुद होती हैं। वो दिन भर के तमाम कामों को अपने हिसाब से कब करना है, decide कर सकती हैं। जब चाहे काम करें, जब चाहे तब आराम... बस इतना ध्यान रखना रहता है कि सब काम हो जाए, तो हुए ना मज़े... 

पर उनके मज़े तब ज्यादा हैं, जब उन्हें house wife नहीं Home maker समझा जाए, और इतना तो वो deserve भी करती हैं, क्योंकि वो हैं तभी सब अपनी जिंदगी में सफलता पाते हैं, मज़े करते हैं।

वाह! क्या बात है, मतलब सब मज़े कर रहे हैं?..

बिल्कुल सब अगर इस दृष्टिकोण से सोचें तो सब मज़े ही कर रहे हैं और वही करना भी चाहिए, क्योंकि आप को अपने सभी कार्य और कर्तव्यों का पालन तो करना ही है। फिर दुखी होकर क्यों करना, मज़े लेकर ही करें... 

दूसरों को कोसकर या उनसे जलकर करने से क्या होगा, सिवाय अपने दुःख बढ़ने के...

इसलिए आप अपने सभी काम को खुश होकर मज़े लेकर कीजिए, देखिएगा जिंदगी खुबसूरत लगने लगेगी... कभी परेशानी भी आए, और वो तो आएगी ही, क्योंकि जिंदगी सुख दुःख का नाम है... तो उसका भी डटकर मुकाबला कीजिए, तो परेशानी भी आपको छोड़ कर जल्दी चली जाएगी...

तो बस जिंदगी में मज़े कीजिए, चाहें आप जिस भी किरदार को निभा रहे हों, वो सफल ही होगा। 

एक बार इस नजरिए से जी कर तो देखें, जिंदगी ज्यादा खुबसूरत और खुशनुमा लगेगी

 

जिंदगी छोटी सी है

ना जाने कब 

शाम हो जाए

काम तमाम हो जाए 

पर वो वक्त आए 

उससे पहले

जिंदगी में मज़े कीजिए...  

क्योंकि अपनों का साथ

बार बार नहीं मिलता

सुख का यह संसार

बार बार नहीं मिलता...

तो बस मज़े कीजिए...

हम जब job करते थे, जब Home maker थे और अब जबकि एक blogger हैं, हम सब ही रूप में मजे के साथ ही जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। सुख दुःख सभी के साथ, क्योंकि वो तो जिंदगी का हिस्सा है, सबकी ही कहानी का किस्सा है... 

पर जब से आप सबका साथ मिला है, उसने हमारी जिंदगी सुख से भर दी है, अनेकानेक आभार के साथ

सुखी रहें, स्वस्थ रहें, सफल‌ रहें, प्रसन्न रहें 😊

Thursday 20 July 2023

Article: International Chess Day

आज का article, उन सभी बच्चों के लिए है, जो life में कुछ बड़ा पाना चाहते हैं।

यह हम किस आधार पर बोल रहे हैं, यही सोच रहे हैं ना आप?

तो हमारा यह कहना इसलिए है क्योंकि हमेशा से यह thumb rule रहा है कि, जिसको कुछ बनना है, उसे बहुत ज्यादा पढ़ना चाहिए। अच्छी पढ़ाई ही आपको अपने सपने सार्थक कराने में कारगर सिद्ध होती है।

होती है, बिल्कुल होती है। लेकिन सिर्फ पढ़ते रहने से आप अपने goal को तो achieve कर सकते हैं पर जल्दी नहीं कर सकते हैं।

अगर आप को अपना जल्दी goal achieve करना है तो उसको हासिल करने के लिए आप को कोई दो खेल को भी चुनना होगा। 

एक indoor और एक outdoor...

आप कहेंगे कि ऐसा क्यों?

तो हम बताते हैं कि इसके पीछे scientific reason है...

हमारा दिमाग एक ही सी चीजें करते-करते जल्दी थक जाता है। उसका एक कारण, एक ही चीज़ करते हुए बोरियत होना भी है।

जबकि खेल खेलने से आपका mind fresh हो जाता है। तो वो पढ़ाई में अधिक concentrate कर पाता है।

अब आपको बताते हैं, indoor and outdoor games क्यों...

सबसे पहली बात तो यह है कि कोई भी games हो, उसे जीतने के लिए, different strategies and skills लगती है। जो कि हमें difficulties से निकलना सिखाती है।‌‌ हमें जीतना सिखाती है...

अब outdoor games and indoor games  कैसे helpful है, वो देख लीजिए।

Outdoor games से हमारी bones and muscles strong होती है, जिससे हमारा stamina strong होता है। हम पढ़ने में अधिक मेहनत कर सकते हैं।

जबकि indoor games से हमारे mind की sharpness बढ़ती है। हमारी thinking power बढ़ती है। mentally हम strong होते हैं।

यहां indoor games का मतलब online games, video games, etc. से बिलकुल नहीं है।

हां तो आप अपने बच्चे की पसंद के अनुसार कोई भी games उन्हें ज़रूर से खेलने को प्रेरित कीजिए। जैसे

Outdoor में cricket, football, hockey, badminton, tennis, swimming etc..

Indoor में Chess, carom board, battle ship, jenga, बहुत छोटे बच्चे हैं तो Ludo, snake and ladder, etc...

हमारे घर में indoor games में mostly mind game खेलें जाते हैं, जिसमें से एक chess भी है। Chess, indoor games में खेले जाने वाले brain games में सबसे ज्यादा well known and popular game है।

हमारे पापा जी बहुत अच्छा chess खेलते थे तो उन्होंने हम सब भाई-बहनों को इसे सिखाया...

Husband के दादा जी भी बहुत अच्छा chess खेलते थे तो उनसे पति जी भी अच्छा chess खेलना सीख गये।

जब chess हम दोनों का ही favourite game है तो फिर बच्चों को तो इस खेल में रुचि होनी ही थी...  

International Chess Day

आज‌ international chess day है, और हम लोगों का favourite game भी, तो आज उस पर लिखना तो बनता ही है। 

पर आज यह article लिखने का बड़ा कारण यह है कि यह एक भारतीय खेल है, जो बहुत कम लोग जानते हैं। 

बहुत से लोग इसे अरब का, तो वहीं कुछ इसे यूरोप का खेल समझते हैं।

उन सबको बताना है कि शतरंज, भारतीय खेल है। यह हमारे राजा-महाराजाओं के समय से खेला जा रहा है। वैसे भी जहां बल, बुद्धि, विद्या, ज्ञान, विज्ञान से जुड़ा कुछ भी है, उसका आरंभ हमारे भारत से ही होता है, भले ही कालान्तर में उसकी प्रसिद्धि के बाद उसे किसी अन्य देश से जोड़ दिया जाए...

शतरंज दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक खेल है। खेल की शुरुआत 7वी शताब्दी के आसपास चतुरंग नाम से भारत में हुई थी, जो बाद में अरबी लोगो ने यूरोप में फैला दी। शतरंज का आधुनिक रूप यूरोप में 15वी शताब्दी के आखिर में बना। 

आज, chess world का most popular game है, जिसे पूरे विश्व में लाखों लोग खेल रहे हैं।

शतरंज एक रणनीति खेल है जिसमें कोई छिपी हुई जानकारी शामिल नहीं है और इसमें dice or card का भी कोई इस्तेमाल नहीं है। इस्तेमाल है तो बस चंद मोहरे और आप के दिमाग का...

Chess, दो players के द्वारा खेले जाने वाला एक board game है। जिसमें White and Black रंग के मोहरे (chess pieces) होते हैं। 

इसमें हर players के एक राजा, एक रानी, ​​दो हाथी, दो ऊंट, दो घोड़े, और आठ सिपाही। एक तरह से देखा जाए तो युद्ध के लिए पूरी army...

इसमें खेल रहे players में से जिसके white chess pieces होते हैं वो पहले चलते है, उसके बाद black। 

इसमें players को एक colour की choose की गई  army chess pieces को control करते हुए, ऐसे move करना होता है कि opponent के king को checkmate (ऐसी मात, जिसमें राजा के बचने के लिए कोई move ना बची हो) कर दें व जीत हासिल करें।

19th century से organized तरीके से chess खेला जाने लगा। आजकल chess competitions को internationally FIDE (the International Chess Federation) द्वारा govern किया जाता है। 

1886 में Wilhelm Steinitz को विश्व का पहला World Chess Champion कहा जाता है। Ding Liren को current World Champion कहा जाता है। 

Chess का connection दूसरी fields के साथ भी माना जाता है, जैसे mathematics, computer science, and psychology.... Means जो chess खेलता है, उसके maths, computer science and psychology में भी अच्छी पकड़ होगी। उसके यह subjects strong होंगे...

आप से यही कहेंगे कि अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा intelligent and sharp हो तो उसे chess game ज़रूर सिखाएं और अगर वो chess का world champion बन जाए तो बात ही क्या..

तब उसे chess से wealth, name, fame, सब मिल जाएगा। 

विश्वनाथन आनंद ने भारत से शतरंज में पहला विश्व चैंपियन बनने का इतिहास रचा। विश्वनाथन आनंद 2007 से 2013 तक खेल पर हावी रहे और उन्होंने 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में पांच बार world championship जीती और 2007 से निर्विवाद विश्व चैंपियन रहे। 

हमें अपने बच्चों को उनकी तरह ही आगे ले जाना है और chess में world champion बनाना है, क्योंकि जब खेल हमारा है तो world champion भी हमारा ही होना चाहिए...

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Tuesday 18 July 2023

Recipe: Sweet corn Nuggets

आप के लिए कल Paneer Popcorn की recipe share की थी, साथ ही वादा किया था कि back to back recipe share करेंगे तो चलिए आज उसी वादे को निभाते हुए यह recipe share कर रहे हैं।

यह snacks item भी बहुत tasty and yummy है, साथ ही same ingredients होने के बावजूद, इसका taste उससे entirely different है। तो चलिए और बातें नहीं करते हैं व recipe share कर देते हैं। 

Sweet corn Nuggets




Ingredients :

  • American sweet corn - ½ cup
  • Capsicum - ½ cup (small diced)
  • All purpose flour - 4 tbsp.
  • Cornflour - 4 tbsp.
  • Rice flour - 2 tbsp.
  • Salt - to taste
  • Oregano powder/mix herb - ½ tsp.
  • Onion powder - ½ tsp.
  • Garlic powder - ½ tsp.
  • Red chilli powder - ½ tsp. 
  • Kashmiri lal mirch - 1 tsp.
  • Olive oil for deep frying


For coating :

  • Panko bread crumbs


For sprinkle powder :

  • Chaat masala - ½ tsp.
  • Onion powder - ½ tsp.
  • Garlic powder - ½ tsp.
  • Kashmiri lal mirch - ½ tsp.


Method :

इसमें ingredients उन लोगों के लिए है जो सिर्फ यही snacks item बनाएंगे। 

बाकी जिन्होंने Paneer Popcorn बनाया है, उन्हें सिर्फ American sweet corn and capsicum ही लेना है।
  1. सारे ही ingredients को एक साथ मिला लेना है।
  2. फिर nuggets को मनचाहा shape दे दें। 
  3. अब इसे 15 minutes के लिए refrigerator में रख दें।
  4. After 15 minutes, आप nuggets को golden brown होने तक deep fry कर लीजिए। 
  5. अब इन पर भी sprinkle powder छिड़क दीजिए।
Now crispy, crunchy & yummy Sweet corn Nuggets is ready to serve. You can serve it with tomato ketchup, schezwan sauce or cheese dip.


Tips and Tricks :
  • अगर आप Paneer Popcorn and Sweet corn nuggets एक ही दिन में बना रहे हैं तो दोनों में sprinkle powder different flavours के डालिएगा 
  • जिससे दोनों का taste different रहे।
  • Sweet corn nuggets में अगर आप केवल चाट मसाला भी डालेंगे तो भी यह बहुत tasty लगता है।
  • Paneer Popcorn बनाने के बाद, उससे बचे ingredients कम लगें, तो उनकी quantity बढ़ा लीजिएगा।
  • इस recipe में हमें एक shape mention करना है, इसलिए इसमें bread crumbs की quantity, इतनी रखनी है कि shape बन सके। 
  • तो अगर सब ingredients मिलाने से गीला रह रहा है तो bread crumbs बढ़ा लें। 
  • अगर bread crumbs and cornflakes का चूरा डाल रहे हैं, तो उनको उसी same ratio में डालें, जैसा Paneer Popcorn में बताया था।
  • American sweet corn को 15 minutes के लिए भीगाकर ही use करें। 
  • इससे sweet corn, ज्यादा juicy and tasty हो जाता है।
  • आप shape uneven भी रख सकते हैं।
  • Uneven होने से nuggets ज्यादा crunchy‌ and crispy बनते हैं।
  • Olive oil की जगह आपके घर में जो भी refined oil या pure ghee हो, आप fry करने में उसे भी use कर सकते हैं।

तो चलिए इस Sunday को यादगार बनाइए, घर पर दो tasty snacks items बनाइए।

Monday 17 July 2023

Recipe : Paneer Popcorn

बरसात का महीना, रिमझिम बारिश, ठंडी हवा के झोंके, अपने हों पास और मस्त चटपटा, crispy, crunchy and juicy snacks items हो साथ में...बस और क्या चाहिए, life set है... 

तो चलिए आप के इस हसीन ख्वाब को पूरा करने में हम भी आप की मदद कर देते हैं।

आज और कल दो back to back ऐसी ही recipe share कर देते हैं और हां दोनों ही बहुत easily prepare हो जाएगी और taste ऐसा कि लोग restaurant जाना बंद कर देंगे। और आपके बनाए हुए snacks की सब तारीफ करेंगे...

Paneer Popcorn  



Ingredients :

  • Paneer - 200 gm.
  • All purpose flour - 4 tbsp.
  • Cornflour - 4 tbsp.
  • Rice flour - 2 tbsp.
  • Salt - to taste
  • Oregano powder/mix herb - ½ tsp.
  • Onion powder - ½ tsp.
  • Garlic powder - ½ tsp.
  • Red chilli powder - ½ tsp. 
  • Kashmiri lal mirch - 1 tsp.
  • Olive oil for deep frying


For coating :

  • Panko bread crumbs


For sprinkle powder :

  • Chaat masala - ½ tsp.
  • Onion powder - ½ tsp.
  • Garlic powder - ½ tsp.
  • Kashmiri lal mirch - ½ tsp. 


Method :

  1. Paneer के छोटे-छोटे cubes cut कर लीजिए।
  2. एक mixing bowl में cornflour, rice flour and all purpose flour डालकर उसमें सभी मसाले डालकर अच्छे से‌ mix कर लीजिए।
  3. अब इसकी pouring consistency की slurry बना लीजिए। 
  4. इसमें पनीर cubes डालकर हल्के हाथों से coat कर लीजिए।
  5. अब इसे 15 to 20 minutes के लिए marinate होने के लिए रख दीजिए।
  6. एक tray में panko bread crumbs ले लीजिए।
  7. उसमें marinated paneer cubes डालकर, हल्के हाथों से, bread crumbs का coat कर लीजिए।
  8. अब इसे 15 minutes के लिए refrigerator में रख दीजिए।
  9. अब इन paneer cubes को golden brown होने तक deep fry कर लें।
  10. एक छोटे mixing bowl में onion powder, garlic powder, chaat masala & kashmiri lal mirch powder mix कर के sprinkle powder ready कर लीजिए।
  11. इस sprinkle powder को crispy paneer popcorn पर छिड़क दीजिए।
Now your crispy, crunchy, juicy & mouthwatering Paneer Popcorn is ready to serve.
You can serve it with tomato ketchup, schezwan sauce or cheese dip.

Perfect Paneer Popcorn बनाने के लिए, इन सभी tips and tricks का ज़रूर से ध्यान रखिएगा- 

Tips and Tricks : 

  • Paneer cubes छोटे-छोटे रखिएगा, क्योंकि हम paneer popcorn बना रहे हैं, बड़े cubes अच्छे crispy नहीं होंगे और preparation में टूट भी जल्दी जाएंगे। 
  • Marination करते समय अगर आप के पास, onion powder & garlic powder ना हो तो आप onion-garlic paste भी ले सकते हैं। पर onion-garlic paste, कम पानी से ready कीजिएगा, और slurry बनाते समय पानी की quantity, paste के according कम कर लीजिएगा।
  • घोल ऐसा बनाइएगा कि ना तो वो इतना गाढ़ा हो कि घोल की layer, पनीर पर एक मोटी परत सी चढ़ जाए और ना ही इतना पतला हो कि कुछ भी ना चढ़े। इसकी सही consistency है कि वो easily pouring रहे। 
  • अगर आप onion, garlic नहीं खाते हैं तो आप इसे avoid भी कर सकते हैं।
  • Marination के लिए 15 to 20 minutes & refrigerator में रखने के लिए 15 minutes से कम का समय मत रखियेगा, क्योंकि दोनों की timing बहुत important है, perfect paneer popcorn के लिए। 
  • Paneer cubes पर हल्के हाथों से coat कीजिएगा।
  • अगर आप के पास panko bread crumbs नहीं है तो आप bread और cornflakes के coarsely powdered mixture से भी coating prepare कर सकते हैं। दोनों ही चीज़े एक cup लेनी हैं। लेकिन ध्यान रखिएगा कि cornflakes का चूरा हाथ से बनाएं, mixer grinder में चला कर नहीं।
  • Bread crumbs coat करते समय ध्यान रखिएगा कि सारे cubes एक साथ bread crumbs में ना डालें, पूरा bread crumbs गीला हो जाएगा, फिर वो ठीक से coat नहीं होगा।
  • आप sprinkle powder की जगह maggi masala या जो भी चटपटा मसाला आप snacks items में छिड़कने के लिए use करते हैं, वो भी use कर सकते हैं।
  • आप paneer popcorn को freezer में रखकर store भी कर सकते हैं। Guest के आने पर 5 minute पहले निकाल कर रख लीजिए, फिर deep fry कर लीजिए। 

आप इसे ज़रूर से try कीजिए, बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इसके दीवाने हो जाएंगे।

जब paneer popcorn बनाते हैं तो उसका घोल और थोड़े गीला-सूखा सा bread crumbs बच जाता है। पर आप चिंता मत करिए, आप Shades of Life से जुड़े हुए हैं, जहां कुछ भी waste नहीं होता है।

हम आपको कल इन्हीं बचे हुए घोल और bread crumbs से दूसरा delicious snacks item बताएंगे। जिसका एकदम different flavour होगा और tasty भी बहुत ज़्यादा... आप चाहें तो दोनों snacks items एक साथ बना सकते हैं।

So stay tuned for even more finger-licking recipes...

Friday 14 July 2023

Article : Chandrayan -3 : मुट्ठी में चांद

चंद्रयान -3:मुट्ठी में चांद 




आज हम भारतीयों के लिए बहुत बड़ा दिन है, चंद्रयान -3 के launching का दिन... आज हमने चांद को अपनी मुट्ठी में करने का एक सफल प्रयास किया है।

बहुत से लोग यह भी कहेंगे कि सब के लिए क्यों? यह दिन तो बड़ा है पर बस इसरो के  उन वैज्ञानिकों के लिए जो इससे जुड़े हुए हैं। बाकी हमें तो यह व्यर्थ में धन बर्बाद करना ही समझ आता है।

तो सबसे पहले ऐसे लोगों से यही कहेंगे कि कभी अपने स्वार्थ से ऊपर भी उठकर सोचें। 

कभी देश की सफलता को भी प्राथमिकता दें, कभी दूसरों की मेहनत को भी सम्मान प्रदान करें।

अभी तक अमेरिका, रशिया और चीन, सिर्फ यह तीन देश ही ऐसे हैं, जिन्होंने सफलता पूर्वक अपने चंद्रयान चांद पर भेजे हैं। भारत इसमें पूर्ण सफल हो गया तो वह भी सर्वशक्तिमान देशों में शामिल हो जाएगा। हमारे देश का मान-सम्मान व ताकत, सब बढ़ेगा। 

चंद्रयान-3 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से launch हुआ। 

ये भारत का तीसरा moon mission है. चंद्रयान-3 को चंद्रयान-2 का follow up mission बताया जा रहा है।

 Chandrayaan-3 के 3 मकसद हैं -

1- चांद के south pole पर soft landing करना है।

2- Rover operation का demonstration करना।

3- In-situ scientific research करना जिससे हम वहां मौजूद नए chemicals and minerals, water ice इत्यादि की खोज और परिक्षण कर सकें।

इस surface और permanently shadowed region (PSR) की observation से हम आने वाले space stations के लिए अनुकूल परिस्थितियों की जांच कर सकते हैं और fuel and construction में आवश्यक minerals का  development कर सकते हैं। 

ऐसा करने से न केवल भारत को space & inter-celestial research में बहुत ज़्यादा फ़ायदा होगा। साथ ही international rankings में भी भारत ऊपर आ जाएगा and अपनी पहचान को और मज़बूत बना पाएगा। 

पृथ्वी से चांद की दूरी लगभग 3 लाख 84 हजार 403 किमी है। चंद्रयान 3 का कुल बजट 615 करोड़ रुपये है। इस हिसाब से देखें तो इस मिशन की लागत प्रति किलोमीटर 6000 रुपये ही हैं। आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि यह रकम रूस, अमेरिका और चीन के lander mission से काफी कम है। 

चंद्रयान-3 के lander rover 45 से 50 दिन के अंदर soft landing करेंगे। अतः इसकी soft landing 23 या 24 अगस्त तक हो सकती है। 

सोचने वाली एक बात यह भी है कि launching की date, July ही क्यों रखी जाती है?

चंद्रयान-2 की तरह ही launch window जुलाई इसलिए तय की गई थी, क्योंकि इस दौरान पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे के करीब होते हैं। 

एक-एक छोटी-बड़ी, हर बात को ध्यान में रखकर, चंद्रयान- 3 की launching की गई है, जिससे इस बार भारत पूर्णतः सफल हो...

वैज्ञानिकों ने भारत के सम्मान के लिए अपना काम पूर्ण निष्ठा, ईमानदारी व लगन से कर दिया है। चंद्रयान - 3 भी तिरंगे के साथ सफलता पूर्वक अपने मिशन पर निकल चुका है। अभी तक के तय सफर में चंद्रयान -3 ने सभी मापदंड वैज्ञानिकों की सोच अनुसार ही पूरे किए हैं। 

अब बारी है, हम देशवासियों की, हमारी देशभक्ति की, हम सभी को ईश्वर से प्रार्थना करनी है कि हमारे वैज्ञानिक सफल हो व‌ चंद्रयान-3 की सफलता पूर्वक soft landing हो सके।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Wednesday 12 July 2023

Article: शिव क्यों महाकाल!

शिव क्यों महाकाल!


सावन का महीना चल रहा है, महादेव जी की पूजा आराधना का पावन महीना... 

पर आज यूं ही विचार आया कि हिन्दू धर्म में अनेकानेक देवी व देवता हैं। पर शिव ही महादेव या महाकाल क्यों?

और जब वो महाकाल हैं तो वो भोले भंडारी कैसे?

अगर आप समस्त वेद-पुराण, धर्म व ग्रंथ का अध्ययन करेंगे तो आपको एहसास होगा कि शिव शंभू, सम्पूर्ण हैं, सनातन हैं, आदि हैं, अनन्त हैं, जहां उन्होंने समस्त ब्रह्माण्ड के हितार्थ हलाहल धारण कर लिया था, वहीं वह क्रोध में तांडव नृत्य कर समस्त सृष्टि का विध्वंस भी कर देते हैं। वो जितने सौम्य और सरल हैं, उतने ही प्रचंड और प्रबल भी।इसलिए ही उन्हें देवों में देव महादेव कहा गया है।

जो कोई उनकी शरण में हो, उसका काल बाल भी बांका नहीं कर सकता है, इसलिए उन्हें महाकाल कहा गया है...

और इसका ही जीता जागता उदाहरण है, आज से दस साल पहले, साल 2013 में रुद्र प्रयाग ज़िले में केदारनाथ मंदिर के आस-पास बाढ़ की विभीषिका और कल मंडी में स्थित महादेव जी के पंचवक्त्र मंदिर पर आयी प्रचंड बाढ़....

16, 17 जून 2013 में बादलों के फटने से सम्पूर्ण केदारनाथ धाम, उसके आस-पास के शहर व गांव जल निमग्न हो गये थे।

भीषण आंधी तूफान बनकर आए काल ने त्राहि-त्राहि मचा दी, पर वो केदारनाथ मंदिर का बाल भी बांका ना कर सका। 

उस आंधी तूफान के कारण आयी बाढ़ की ऊंची-ऊंची लहरें केदारनाथ मंदिर के चरणों को धोती रही, पर मंदिर को कुछ भी क्षति ना पहुंचा सकी। 

जब आंधी तूफान व बाढ़ का प्रचंड तंडाव समाप्त हुआ तो सबने देखा कि केदारनाथ मंदिर, अपनी भव्यता और दिव्यता के साथ यथावत खड़ा अपनी विजय को प्रदर्शित कर रहा था।

जहां महाकाल स्वयं विराजे हों, उसका काल कब कुछ बिगाड़ सकता है, इसका ही जीता जागता उदाहरण था वो तूफ़ान...

केदारनाथ मंदिर के साथ घटित हुई प्राचीन घटना भी, दिखाती है कि जहां महाकाल स्वयं विराजे हों उसका काल कब कुछ बिगाड़ सकता है और वो घटना है कि केदारनाथ मंदिर 400 साल तक बर्फ में दबा रहा था पर जब बर्फ हटी तो केदारनाथ मंदिर अपनी सम्पूर्णता के साथ प्रकट हुआ था।

अभी दो दिन से व्यास नदी ने अपने प्रचंड स्वरूप को धारण कर लिया है, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में भीषण बाढ़ आ गई है। 

मंडी में स्थित महादेव जी का पंचवक्त्र मंदिर भी 10 और 11 जुलाई में 20 फीट तक जल में डूब गया था। पर बाद में जब जल उतरा तो देखा गया कि काल जो व्यास नदी का प्रचंड रूप धारण करके आया था, इस बार भी वो महाकाल के चरणों को धोकर ही आगे बढ़ गया। मंदिर अपनी सम्पूर्णता के साथ यथावत खड़ा था, उसमें नाममात्र को भी क्षति नहीं थी।

यह घटनाएं सिद्ध करती हैं, जिसके चरणों को धोकर, काल हार स्वीकार करता हो, वो शिव ही महादेव या महाकाल हो सकते हैं।

महेश, शंभू, भोलेनाथ, भोलेभंडारी, महादेव, महाकाल, आदि, सब भगवान शिव जी के ही स्वरूप हैं, जो इनकी शरण में हो, उसका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। 

यह घटनाएं यह भी सिद्ध कर रही हैं कि ईश्वर की शरण में रहने से क्या होता है, मंदिर निर्माण से क्या होता है, ईश्वर में विश्वास और आस्था से क्या होता है। 

जिनको ईश्वरीय ताकत में, उनके अस्तित्व में विश्वास नहीं है, उन्हें भी अपने जवाब मिल गए होंगे... 

शिव में अपनी आस्था, श्रृद्धा और विश्वास बनाए रखें। उनकी भक्ति में लीन रहें, सच्चे भक्तों के साथ महादेव सदा रहते हैं...

हर हर महादेव 🚩 

Tuesday 11 July 2023

Recipes : Nutrition without veggies

आज कल बारिश का मौसम है और कहीं-कहीं तो बहुत ज्यादा बारिश हो रही है कि बाढ़ की स्थिति बन रही है। 

जिसके कारण, सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। बहुत लोगों सब्जी खरीदने भी नहीं जा पा रहें हैं।

सब्जियों के दाम चढ़ने पर किसी को दोष भी नहीं दे सकते हैं, क्योंकि बरसात में बहुत सारी फ़सल बर्बाद हो जाती है, तो जो सब्जी बेच रहे हैं, उनको भी मंहगी सब्जी मिलती है। फिर बरसात होने के कारण सब्जियों का रख-रखाव करना भी कठिन होता है, सब्जियां जल्दी ख़राब भी हो जाती है। 

ऐसे में क्या बनाया जाए कि tasty भी हो और nutritious भी।

हमने इसी प्रकार की परेशानी को दूर करने के लिए ऐसी recipes डाली थी। आज उसके ही links share कर रहे हैं, जिससे आप की सारी problems solve हो जाएं। ना महंगी सब्जी खरीदने की tension, ना सब्जियों के रख-रखाव का झंझट, ना सब्जियों के ख़राब होने की problem, ना nutritious होगी कि नहीं उसकी उहापोह, और tasty होने की पूरी गारंटी... 

यह सभी recipes, healthy and tasty हैं। यह आपके लिए सब्जियों को replace करने का alternative option है। 

Nutrition without veggies



Soya Badi Makhana-e-Khas

Buttery Nimona

Masoor -é-Aloo

Soya Chunks ke kabab

Posto Boro

Gatte ki sabji

Methi dana ki sabji 

Potato and Baby onion ki sabji 

Dal ke kabab 


इन सभी links को click करने से आपको अपनी problem का solution मिल जाएगा।

So enjoy Rainy season☔🌦️🌧️

And stay tuned 😊

Monday 10 July 2023

Bhajan (Devotional Song) :सावन का त्यौहार

 सावन का त्यौहार 




कांवडियां, कांवड़ियां, 

हो जा, हो जा तैयार, 

सुन कांवड़ियां, 

आया सावन का त्यौहार

सुन कांवड़ियां - 2


सावन आया तो 

जल है भरना -2

चल चल 

बाबाधाम है चलना 

आया आया सावन का त्यौहार 


कांवडियां, कांवड़ियां, 

हो जा, हो जा तैयार 

सुन कांवड़ियां 

आया सावन का त्यौहार

सुन कांवड़ियां 


भोले हमारे हैं भंडारी 

भोले हमारे हैं भंडारी

हर लेंगे तेरी 

विपदा सारी 

आया आया सावन का त्यौहार 


कांवडियां, कांवड़ियां, 

हो जा, हो जा तैयार 

सुन कांवड़ियां 

आया सावन का त्यौहार

सुन कांवड़ियां  


जो भी भोले के

दर्शन कर लें-2

उसकी हो जाए 

दुनिया सारी 


आया आया सावन का त्यौहार

कांवडियां, कांवड़ियां, 

हो जा, हो जा तैयार 

सुन कांवड़ियां 

आया सावन का त्यौहार

सुन कांवड़ियां  


आप सभी को सावन के पहले सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻 💐🚩🕉️

Friday 7 July 2023

Article : Have Fun

 मजे कीजिए


जब हम बच्चे थे तो लगता था कि हमारी जिंदगी बहुत कठिन है, पर मम्मी पापा जी की जिंदगी कितनी आसान है। सब इनके मन का करो...

जबकि हमारी हर परेशानी का हल, उनके पास था, वो पल भर में हमारी सारी परेशानियों को दूर कर देते थे और हम जिंदगी में मजे करने लगते थे। 

पर आज जब हम मां-पापा हैं तो समझ आता है कि क्या है जिंदगी की असली परेशानियां और दुनिया भर के झमेले...

जब सारी जिम्मेदारी आप पर होती है, सारे decision आप को लेने होते हैं, तब जिंदगी कितनी कठिन होती है।

जब decision, अपनी life के लिए लेने होते हैं तो फिर भी आसान होते हैं, पर जब decision, अपनों के लिए लेने होते हैं तो जिंदगी में उससे कठिन कुछ भी नहीं...

क्योंकि आपके द्वारा लिया गया decision, आपके अपने का जीवन निर्धारित करता है। सब अच्छा हुआ तो सुकून... और कहीं गलती से भी कुछ ग़लत हो गया तो, उससे ज्यादा, वो निर्णय आपके लिए कष्टकारी हो जाता है।

इन सब के बावजूद, मां-पापा को decision भी लेने पड़ते हैं और जिम्मेदारियों को भी निभाना होता है।

और उससे भी कठिन कि बच्चों के सामने अपने आप को मजबूत भी दिखाना पड़ता है। अपनी परेशानियों को छिपाना होता है।


ना जाने मां-पापा, 

अपने ग़म को 

कहां छिपाते हैं, 

कोशिश कर लें कितना

ताउम्र हम कभी

जान ही नहीं पाते हैं 

जब उम्र के एक 

पड़ाव पर, हम 

वही किरदार निभाते हैं 

तब हम भी वही

रुख़ अपनाते हैं 

पर फिर भी उनकी

वो जगह, 

जान नहीं पाते हैं

या शायद

जानना ही नहीं चाहते हैं

क्योंकि तब तक हम 

यह जान चुके होते हैं 

कि जब तक

जिम्मेदारी और निर्णय

मां-पापा के हैं

जिंदगी भी 

तब तक ही है


बहुत खूबसूरत है जिदंगी, मजे कीजिए, तब तक तो बिल्कुल ही, जब तक मां-पापा साथ हैं।

और अगर नहीं हैं तो, आप को दृढ़ता से decision लेने होंगे, और अपनी जिम्मेदारियों का सहर्ष पालन भी करना है। वैसे ही जैसे आपके मां-पापा ने आपके लिए किया था, आप को भी अपने बच्चों को मजे कराने हैं।

अब तो आप यह भी जान चुके हैं कि, तभी तक भरपूर मजे मिलते हैं, जब तक मां-पापा हमारी जिंदगी में शामिल रहते हैं।

अतः हमें सहर्ष ही अपने इस किरदार को निभाना होगा, इस विश्वास के साथ कि ईश्वर हमें सही निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेंगे। 

अपना भी ध्यान रखना होगा उनके लिए, जिससे हम उनसे कह सकें, मजे करो जिंदगी में, 

जिंदगी में सुख-दुख सब आते हैं। पर ईश्वर ने हमें मनुष्य बनाकर, सबसे सशक्त जीवन दिया है..


सुख हो या पल दुःख के 

कट ही जाते हैं

जब गुजरते हैं तो

महसूस होते हैं 

बीत जाने पर

बहुत याद भी नहीं आते हैं 


इसलिए मज़े कीजिए जीवन में, दुःख के कारणों को भूलकर, सुख के कारणों को ढूंढ के। क्योंकि यकीन मानिए, दुःख का कारण ढूंढेंगे तो, वो तो बेइंतहा मिलेगा, उसका कोई अंत नही...पर अगर आप सुख के कारण ढूंढेंगे तो सुख ही मिलेगा...

और दुनिया में ऐसा कोई नहीं है कि जिसको कोई सुख नहीं, और जिसके पास परिवार हो, उसके पास तो सुख के बहुत से कारण होते हैं, इसलिए उस सुख को ढूंढिए और बस मज़े कीजिए...

इसी topic पर एक और article है, जो कुछ दिन बाद प्रस्तुत करेंगे...

तब तक के लिए, सुखी रहें, स्वस्थ रहें, सफल‌ रहें 🙏🏻😊

जिंदगी से जुड़ा हुआ article, इसे भी अवश्य पढ़ें...👇🏻

जिंदगी में मज़े कीजिए

Thursday 6 July 2023

Article : सावन में 8 नहीं बल्कि 4 सोमवार व्रत

सावन का पावन महीना चल रहा है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। फिर चाहे प्रकृति हो, पेड़-पौधे हों, पशु-पक्षी हों या मनुष्य... सभी जानते हैं कि यह महीना, जीवन से भरपूर होता है। 

क्यों भला?

क्योंकि जल ही जीवन है और सावन के महीने में ही जल का प्रचुर भंडार सब ओर वितरित होता है।

लेकिन यह महीना जितना जीवन से भरपूर है, उतना ही भोले बाबा जी के आशीर्वाद से भी भरपूर होता है। इसलिए शिव भक्त तो इस महीने के ही इंतज़ार में जीवन व्यतीत करते हैं, उनके लिए यह माह अपने इष्ट देव की आराधना का महीना है।

इस सावन में अधिकमास होने के कारण इस बार सावन के महीने की अवधि बढ़ गई है। तो क्या इस सावन में 8 सोमवार के व्रत होंगे?

चलिए आज का article, इसी बात को उजागर करता हुआ है, पूरा अवश्य पढ़ें..

सावन में 8 नहीं बल्कि 4 सोमवार व्रत

इस सावन में 8 नहीं बल्कि 4 सोमवार व्रत ही मान्य होंगे। पर इसका कारण क्या है? साथ ही अगर ऐसा है तो, कौन-कौन सी तिथि में होंगे, वो चार सोमवार, जिनमें व्रत मान्य होंगे? 

आइए आपके सारे संशय दूर कर देते हैं... 

इस साल अधिकमास लगने के कारण सावन 2 महीने अर्थात 59 दिनों का होगा अतः सावन में कुल 8 सोमवार तो पड़ेंगे, लेकिन इसमें केवल 4 सावन सोमवार के व्रत ही मान्य होंगे।


कारण

सावन के महीने की शुरुआत मंगलवार 4 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को होगा। 

इस बार सावन में अधिकमास लगा है, जिस कारण सावन दो महीने का होगा, जिसमें अधिकमास की अवधि 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगी।

सावन महीने में शिवजी की पूजा, जलाभिषेक के साथ ही की जाती है, जिसका सावन के सोमवार वाले व्रत में विशेष महत्व होता है। इसलिए ही कांवड़ियां, दूर-दूर से नदियों का जल लाकर महादेव जी का जलाभिषेक करते हैं।

सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने का विधान है। आमतौर पर सावन में सोमवारी व्रत की संख्या 4-5 होती है। लेकिन इस बार अधिकमास लगने के कारण सावन में कुल 8 सोमवार पड़ेंगे, जिसमें 4 सावन और 4 अधिकमास के हैं। 

अधिकमास लगने के कारण इस साल सावन दो महीने का होगा और सावन के सोमवारी व्रत भी दो चरणों में संपन्न होंगे। 

हिन्दी पंचांग के अनुसार सभी माह 30 दिन के होते हैं, जो दो पक्षों में विभाजित होता है। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष... 

उसी अनुरूप सावन माह भी विभाजित होगा, जो इस साल इस प्रकार है- 

सावन माह में पहला चरण 04 जुलाई से 17 जुलाई तक होगा। इन 15 दिनों की अवधि में पंचांग के अनुसार, सावन माह की कृष्ण पक्ष रहेगी। इसके बाद अगले 15 दिन यानी सावन माह का शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा। इन्हीं दोनों चरणों की तिथियों में पड़ने वाले सोमवार के दिन में सावन सोमवारी का व्रत रखना मान्य होगा।

पंचांग के अनुसार 4 सोमवार व्रत की तिथियां इस प्रकार हैं-


व्रत की तिथियां :

सावन का पहला सोमवार व्रत- 10 जुलाई 2023

सावन का दूसरा सोमवार व्रत- 17 जुलाई 2023

सावन का तीसरा सोमवार व्रत- 21 अगस्त 2023

सावन का चौथा सोमवार व्रत- 28 अगस्त 2023

इसके अलावा अन्य 4 सावन सोमवार अधिकमास या मलमास में पड़ेंगे, जो कि सोमवार व्रत में मान्य नहीं होगा। इसकी तिथियां हैं- 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त

अब आप जानना चाहेंगे कि यह अधिकमास या मलमास क्या होता है और इसमें पड़ने वाले सोमवार के व्रत मान्य क्यों नहीं है?


अधिकमास :

अधिकमास हिंदू पंचांग के अनुसार, हर तीसरे साल के बाद लगता है। इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। जिस चंद्र मास में सूर्य संक्रांति नहीं होती, उसे अधिकमास कहते हैं। 

मलमास में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित होते है। इस साल सावन महीने में अधिकमास लगा है। इससे पहले 2004 में सावन में अधिकमास लगा था। ऐसे में इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास लगा है। 

अधिकमास लगने के कारण सावन के 2 महीने में सोमवार के व्रत तो चार ही होंगे, लेकिन शिवजी की आराधना पूरे 2 माह की जाएगी।

ईश्वर व्रत से अधिक, आपकी आस्था, श्रृद्धा, विश्वास और भाव से प्रसन्न होते हैं। तो सोचना क्या है, पूरे दो माह मिलें हैं, भोले भंडारी की सेवा करने के लिए, उनकी भक्ति में लीन रहने के लिए, उन्हें प्रसन्न करने के लिए, तो बस लग जाइए उनकी आराधना में, पूर्ण भक्ति भाव, आस्था श्रृद्धा और विश्वास से...

बम बम भोले🚩

हर महादेव 🚩 

बोलो भोलेनाथ की जय‌ 🙏🏻🙏🏻

Wednesday 5 July 2023

Article : Jeeto India Jeeto

 जीतो इंडिया जीतो 


इस साल खेल जगत में India ने झंडे गाड़ दिए हैं। हर रोज़ एक नई सुबह के साथ एक नई जीत सुनने को मिल रही है। हर देश में India के जीत के परचम लहरा रहे हैं।

हर field के खिलाड़ी नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। जिससे हम भारतीयों का सीना गर्व से ओत-प्रोत हो जाता है।

आज India, सिर्फ cricket तक सीमित नहीं रह रहा है, बल्कि चौतरफा अपनी पहचान बना रहा है।

अभी कल ही SAFF CHAMPIONSHIP (FOOTBALL) 2023 में India ने final में Kuwait को हराकर कर जीत हासिल कर trophy अपने नाम कर ली।

India में football को पश्चिम बंगाल के नागेंद्र प्रसाद सर्वाधिकारी ने 1877 में पहचान दिलाई थी, जिसे  Baichung Bhutia ने आगे बढ़ाया और सुनील छेत्री, इसे एक नये आयाम पर ले गए हैं। Intercontinental championship football matches and saff championship football matches की back to back trophies हासिल की। 



India, FIFA की ranking में 100वें स्थान पर पहुंच गया है। साथ ही football में सक्रिय खिलाड़ियों में सुनील छेत्री, विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। 

पिछले Olympic games में, Star athlete, javelin throw के gold medal winner नीरज चोपड़ा ने इस पूरे साल ही हर देश में भारत के लिए जीत का परचम लहराया है। 



Fencing में भवानी देवी ने gold medal जीतकर, world ranking में top 30 की position हासिल कर ली है।  



कबड्डी में India ने final में ईरान को हराकर, Asian Kabaddi championship 2023 की trophy हासिल की।



ऐसे ही और भी बहुत से खिलाड़ी, अन्य देशों में भारत के लिए जीत का परचम लहरा रहे हैं।  

अभी कुछ सालों से ही ऐसा हो रहा है कि भारत के खिलाड़ियों का सशक्त प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। हमारे भारत के खिलाड़ियों के ऐसे प्रदर्शन देखकर, ऐसा प्रतीत होने लगा है मानों हम भारतीय, जिस भी मैदान में कदम रख देंगे, वो मैदान भी हमारा और उस खेल की जीत भी हमारी...

पर यह संभव कैसे हुआ, कभी सोचा है आपने?

तो सोचिए जरा...

हम बोलेंगे तो आप कहेंगे कि हम BJP सरकार का support कर रहे हैं, पर सांच को आंच क्या... 

पहले की सरकारों ने कभी इस ओर इतना ध्यान ही नहीं दिया, पर अब दिया जा रहा है। उन्होंने अपनी नीति, खेलो इंडिया प्रोग्राम को खाली एक slogan नहीं बनाया है, बल्कि वो सुचारू रूप से चल सके, उसके लिए प्रयास भी किए हैं।



जब Olympic games चल रहे थे, तब मोदी जी एक एक खिलाड़ी से बात करते थे, उनका हौसला बढ़ाते, जीत हासिल होने पर बधाई और हार जाने पर सांत्वना देते थे। 

आगे भी समय समय पर खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व अवसर प्रदान किए हैं, साथ ही उनके आगे बढ़ने के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध कराई हैं। 

जब सोच चौतरफ़ा होती है तो विकास भी चौतरफा होता है।

जिसका जीता जागता उदाहरण दिख रहा है कि आज भारत ना केवल हर field में आगे बढ़ रहा है बल्कि जीत का परचम भी लहरा रहा है। 

अब तो नए भारत को हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए देखकर, बस यही कहने का मन करता है

जीतो इंडिया जीतो 🏆🥇👌🏻👏🏻👏🏻


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳